बच्चों को दस्त लगने पर होम्योपैथिक दवा और इलाज – Bacchon ko Dast Lagne per Homeopathic Dawa aur Upchar

Last Updated on February 18, 2023 by admin

बच्चों के दस्त का होम्योपैथिक उपचार (Bacchon ke Dast ka Homeopathic Ilaj)

बच्चों का अतिसार और उसमें औषधियों का प्रयोग :-

1. ऐकोनाइट :- ऐसे पदार्थो का सेवन करना जो आसानी से हजम नहीं होते, दांत निकलने तथा पेट में कीड़े होने के कारण पतले दस्त आते हैं। यदि सर्दी लगने के कारण पतले दस्त आते हैं और दस्त के साथ बच्चे को बुखार भी रहता है तो बच्चे को ऐकोनाइट औषधि की 3X देनी चाहिए।

2. पल्सेटिला :- ऐसा भोजन जो आसानी से हजम नहीं होता और अधिक समय तक पेट में पड़ा रहता है। इस तरह का भोजन करने से पाचनतंत्र खराब हो जाता है जिससे बच्चे को दस्त बार-बार आने लगता है। अत: बच्चे का पेट खराब हो जाने पर पल्सेटिला औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देना हितकारी होता है।

3. कैमोमिला :-  छोटे बच्चे में नया-नया दांत निकलने के समय बच्चे को सर्दी लगने लगती है और साथ ही पेट खराब रहने लगता है। पतले दस्त आते हैं और बच्चा अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है। इस तरह दांत निकलते समय उत्पन्न दस्त रोग को ठीक करने के लिए कैमोमिला औषधि की 6 शक्ति की मात्रा सेवन कराना लाभकारी होता है।

4. इपिकाक :- बच्चे को पतले दस्त आने के साथ जी मिचलाना व उल्टी करने के लक्षणों में इपिकाक औषधि की 3x देनी चाहिए।

5. पल्सेटिला :- पेट फूल जाने के कारण पेट में दर्द होता है, नाभि के चारों ओर ऐंठन सा दर्द रहता है, चेहरा फीका पड़ जाता है और पूरे शरीर में कंपकंपी होती रहती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित बच्चे को पल्सेटिला औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराना हितकारी होता है।

6. कोलोसिंथ :- पेट में ऐंठन सा दर्द होने के कारण बच्चा सीधा खड़ा नहीं हो सकता है और उसे झुकना पड़ता है। ऐसे लक्षणों में बच्चे को कोलोसिंथ औषधि की 6 शक्ति का उपयोग करना लाभकारी होता है।

7. मैग्ने-फास :- यदि बच्चे के पेट में तेज दर्द हो और इसका कारण समझ में न आए तो बच्चे को मैग्ने-फास औषधि की 12x का चूर्ण देने से दर्द में आराम मिलता है।

8. रियुम :- बच्चे को दस्त रोग होने पर ऐसे लक्षण उत्पन्न होना जिसमें अधिक मात्रा में दस्त बार-बार आना, खट्टी बदूबदार दस्त आना, दस्त का गांठ या झागदार होना तथा दस्त के समय पेट में ऐंठन सा दर्द होना आदि लक्षणों में बच्चे को रियुम औषधि की 3 देनी चाहिए। इस औषधि का प्रयोग विशेष रूप से बच्चे के दांत निकलते समय देने से दस्त आदि रोग में लाभ होता है।

9. मर्क्यूरियस-डलसिस :- यदि बच्चे का मल गंदे रंग का आता हो और प्यास अधिक लगती हो तो बच्चे को मर्क्यूरियस-डलसिस औषधि की 6 शक्ति का सेवन कराना हितकारी होता है।

10. मर्क-कोर :- यदि दस्त के साथ आंव व खून आता हो तो बच्चे को मर्क-कोर औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।

11. विरेट्रम-ऐल्बम :-  यदि बच्चे को मांड की तरह सफेद दस्त आते हो तो बच्चे को विरेट्रम-ऐल्बम औषधि की 6 शक्ति का सेवन कराना लाभदायक होता है। इस रोग में कार्बो-वेज औषधि भी लाभकारी होती है।

12. आर्सेनिक :- पुराने दस्त रोग में बच्चे को आर्सेनिक- 30 या सल्फर- 30 शक्ति का सेवन कराना चाहिए।  गर्मी के दिनों में बच्चों को अक्सर दस्त रोग हो जाते हैं। यह दस्त रोग मुख्य रूप से मक्खियों के द्वारा फैलते हैं। इस रोग में बच्चे के आस-पास तथा बच्चे के शरीर पर मक्खियों को बैठने न दें और रोग का पूरा उपचार कराएं।

(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)

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