बच्चों का बुखार दूर करेंगे यह 22 सबसे कामयाब घरेलु उपचार | Bachon ke bukhar ka ilaj in hindi

Last Updated on January 15, 2020 by admin

बच्चों के बुखार का कारण :navjat shishu ka bukhar

★ बच्चों को पूरे दिन खेलने-कूदने से थकावट हो जाती है जिसकी वजह से उन्हें बुखार चढ़ जाता है,
★ दूसरे कारणों में ज्यादा ठंड लग जाने की वजह से, ठंडे पानी से नहाने से, जुकाम होने के कारण और छोटे बच्चों के दांत निकलते समय भी बच्चों को बुखार (Children fever)हो जाता है।

बुखार के लक्षण : bukhar ke lakshan in hindi

★ बुखार के रोग में कभी तो बहुत ज्यादा ठंड लगती है या कभी गर्मी की वजह से शरीर में बैचेनी होने लगती है।
★ इस रोग में पूरा शरीर जैसे टूटा हुआ सा लगता है, सिर में दर्द होता है, सांस तेज हो जाती है, भूख नहीं लगती है और आंखें लाल हो जाती हैं।
★ बुखार का बढ़ना, कब्ज, जी मिचलाना, डकार आना, प्यास, बेहोशी, सुस्ती, थकावट, चक्कर आना और भावुकता इत्यादि बाल ज्वर के लक्षण हैं।
आइये जाने bachon ke bukhar ka ilaj in hindi,

इसे भी पढ़े : बुखार का सरल घरेलु उपाय |

बच्चों के बुखार का घरेलू इलाज : Bachchon ke Bukhar ka Ilaj in Hindi

1. कालीमिर्च : लगभग 2 कालीमिर्च और 2 तुलसी के पत्तों को पीसकर शहद के साथ दिन में 3 बार बच्चे को चटाने से बुखार का रोग दूर हो जाता है।

2. पीपल : काकड़ासिंगी और पीपल का चूर्ण शहद के साथ 2 चुटकी बच्चे को खिलाने से बुखार दूर हो जाता है।

3. कुटकी : लगभग 2 चुटकी कुटकी का चूर्ण शहद के साथ बच्चे को सुबह-शाम चटाने से बुखार में आराम आता है।

4. हरड़ : 1 छोटी हरड़, 2 चुटकी आंवले का चूर्ण, 2 चुटकी हल्दी और नीम की 1 कली को एक साथ मिलाकर काढ़ा बना लें और बच्चे को पिलाएं। इससे बुखार नष्ट हो जाता है।

5. जायफल : जायफल को पीसकर माथे, छाती और नाक पर लेप करने से बुखार के रोग में आराम आता है।

6. पीपल : पीपल के फल के चूर्ण को बारीक पीसकर शहद के साथ मिलाकर बच्चे को चटाने से बुखार में लाभ होता है।

7. गुडूची : आधे से एक चम्मच गुडूची का रस बच्चे को पिलाने से लाभ होता है।

8. मुलेठी : 5-5 ग्राम दारूहल्दी, मुलेठी, कटेरी, हल्दी, कटेरी और इन्द्रजौ को एक साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को बच्चे को पिलाने से बुखार में आराम आता है।

9. अभ्रक भस्म : यदि 1 से 2 साल के बच्चे को गर्मी का पित्ती ज्वर (बुखार) हो तो लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग प्रवाल भस्म को दूध से देने से ज्वर (बुखार) उतर जाता है। अभ्रक भस्म एक से दो साल के बच्चे को उड़द के बराबर दूध से दें तो वादी शीत कफ का बुखार दूर हो जायेगा।

10. जायफल : लगभग 6-6 ग्राम की मात्रा में जायफल, शीतलचीनी, तज, जयपत्री, लौंग, इलायची, वंशलोचन और पीपर को पीसकर चूर्ण बना लें फिर 3 ग्राम केसर, 1 ग्राम कस्तूरी को पीसकर पानी में डालकर उड़द के दाने के बराबर गोली बना लें। यह बच्चों के ज्वर, कफ (बलगम), खांसी, दूध का न पचना, दूध निकालना, हरे दस्तों का होना और सर्दी-जुकाम में लाभकारी है।

11. हींग : 6-6 ग्राम शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक की कज्जली (काजल) बना लें। फिर 3-3 ग्राम भुनी हुई हींग, पीपर, सोंठ, तज, जायफल, भुना हुआ केसर, सोहागा, लालनमक, भुनी हुई लौंग, अजवाइन, वायविडंग, अतीस, काकड़ासिंगी को लेकर चूर्ण बनाकर छान लें और कज्जली में मिला दें। फिर पानी के साथ इसकी उड़द के बराबर की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह गोली सुबह-शाम मां के दूध से देने से बच्चों की सर्दी, जुकाम, खांसी, दूध डालना, हरे दस्तो का होना, पेट की बीमारी नहीं होती है। यह गोली बच्चों के लिये बनाकर हमेशा सेवन कराएं। इससे बच्चे को किसी बीमारी होने का डर नहीं रहता। यह बच्चों को ज्वर (बुखार) में भी दी जाए तो शीतवाई का ज्वर (बुखार), कफ (बुखार) दूर होते हैं।

12. शहद : 10 ग्राम कुटकी को पीसकर लगभग चौथाई ग्राम “अच्युताय हरिओम संजीवनी शहद” में मिलाकर सुबह-शाम बच्चे को चटाने से बच्चों का बुखार दूर हो जाता है।

13. गिलोय : गिलोय का रस 120 मिलीलीटर शहद में मिलाकर दिन में तीन बार बच्चे को चटाने से बच्चों का बुखार दूर हो जाता है।

14. नीम : भद्रमोथा, हरड़, नीम, कड़वे परवल और मुलेठी को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से सभी प्रकार के ज्वर (बुखार) समाप्त हो जाते हैं। परन्तु यह काढ़ा गुनगुना सा पिलाना चाहिए। नोट :- नीम की जगह आप अच्युताय हरिओम नीम अर्क का भी उपयोग किया जा सकता है |

15. पीपल : नागरमोथा, पीपल, अतीस और काकड़सिंगी को बारीक पीसकर और छानकर रख लें। इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चटाने से बच्चों का ज्वरातिसार, खांसी, वमन (उल्टी) और दमा जैसे रोगों में आराम आता है। वास्तव में यह प्रयोग ज्वरातिसार (बुखार और दस्त) को समाप्त करने वाला है। अगर ज्वारातिसार के साथ खांसी, दमा और उल्टी का रोग भी हो तो वे भी इससे समाप्त हो जाते हैं। इसका प्रयोग बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी है।

इसे भी पढ़े : मलेरिया में अचूक घरेलू उपचार | Top 13 Home Remedies For Malaria Fever

16. अतीस :

★ अतीस अकेला ही ज्वर (बुखार) में बहुत ही लाभकारी होता है। अतीस को तुलसी के रस के साथ देने से मलेरिया का बुखार भी समाप्त हो जाता है। बालकों को मलेरिया का बुखार हो तो यह जरूर देना चाहिए। तेज बुखार चले जाने पर जब हल्का बुखार या हरारत रह जाय तो अतीस, नीम की छाल और गिलोय का काढ़ा उचित मात्रा में पिलाने से बाकी बचा हुआ बुखार भी समाप्त हो जाता है। इससे शरीर में ताकत आ जाती है तथा भूख बढ़ती है। अतीस पुष्टिकारक भी है। गर्भवती स्त्रियों को जबकि ज्वरनाशक अन्य दवाएं शरीर में गर्मी करती हैं, उस दौरान यह उपयोग की जा सकती है। यह औषधि बुखार का नाश करती है तथा गर्भ के लिए किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं होती है।

★ 10 ग्राम पिसा हुआ अतीस और 10 ग्राम खांड में शहद मिलाकर आधा-आधा ग्राम बच्चे को सुबह और शाम चटाने से बुखार ठीक हो जाता है।

17. हल्दी : हल्दी, दारूहल्दी, मुलेठी, कटेरी और इन्द्रजौ को मिलाकर उसका काढ़ा बना लें। इस काढ़े को बच्चों को पिलाने से ज्वरातिसार (बुखार के साथ दस्त आना), दमा, खांसी और उल्टी आदि रोग समाप्त हो जाते हैं।

18. इन्द्रजौ : धाय के फूल, बेलगिरी, धनिया, लोध्र, इन्द्रजौ और सुगन्धवाला को बारीक पीसकर “अच्युताय हरिओम संजीवनी शहद” में मिलाकर चटनी की तरह बच्चों को चटाना चाहिए। इससे ज्वरातिसार (बुखार और दस्त) वात-विकार (गैस की बीमारी) आदि रोग समाप्त हो जाते हैं।

19. धनिया : लोध्र, इन्द्रजौ, धनिया, आमला, सुगन्धवाला और नागरमोथा आदि को बारीक पीसकर शहद में मिलाकर चटाने से बुखार समाप्त हो जाता है।

20. मिश्री : कुटकी का चूर्ण मिश्री या शहद के साथ चटाने से बच्चों का बुखार समाप्त हो जाता है।

21. कुटकी : कुटकी को पानी में पीसकर उसका लेप बना लें। इसे बच्चों के शरीर पर लेप करने से बच्चों का ज्वर (बुखार) समाप्त हो जाता है।

22. नागरमोथा : नागरमोथा, काकड़ासिंगी और अतीस को बारीक पीसकर और छानकर शहद में मिलाकर चटाने से दूध पीने वाले बच्चों के ज्वर (बुखार), खांसी और उल्टी में जरूर ही आराम हो जाता है।

(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)

keywords – बुखार का घरेलू उपचार ,शिशु के बुखार ,तेज बुखार के घरेलू उपचार , बुखार से छुटकारा , बुखार क्यों आता है ,बच्चों को बुखार होने पर, बुखार नापने का तरीका ,बुखार के प्रकार , bukhar ,bukhar ka desi ilaj in hindi ,navjat shishu ka bukhar ,bar bar bukhar aana ,dimagi bukhar ke lakshan ,paracetamol hindi me ,vairal bukhar ,bukhar kaise hota hai ,bache ko bukhar ki dua ,bachon ko bukhar
Share to...