Last Updated on July 22, 2019 by admin
अदभुत है पूज्य बापू जी की लीला ! आध्यात्मिक अनुभव/Adhyatmik Anubhav
★ मेरी पत्नी मंजुला को पिछले दिसम्बर माह में पता चला कि उसे कैन्सर की बीमारी हो गयी है । पहले दवाइयाँ शुरू की । किंतु पन्द्रह दिन तक कुछ भी फर्क न पडने के कारण उसे सरसपुर में शारदाबहन अस्पताल में भर्ती किया । वहाँ दस दिन तक इस बीमारी की चिकित्सा की गयी और दस सेंक दिये गये । परंतु वहाँ भी कुछ फर्क न पडने के कारण अस्पताल के अधिकारियों ने इस केस को न्यू सिविल हॉस्पिटल में ट्रांसफर कर दिया ।
★ मेरी पत्नी का दर्द दिनोंदिन बढता जा रहा था । बीमारी पूरे शरीर में फैल गयी थी । डॉक्टरों के कहे अनुसार बीमारी तीन ग्रेड के ऊपर पहुँच गयी थी । पच्चीस जितने सेंक देने के बावजूद उसकी बीमारी में कोई फर्क न पडा । शरीर पूर्ण रूप से खत्म जैसा हो गया था ।
★ सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कह दिया कि मुश्किल से तीन दिन जी सकेगी । हम सब अत्यंत चिंतातुर हो गये । तभी अचानक हमारे एक निकट के संबंधी मिलने आये । उन्होंने हमें परम पूज्य बापू के विषय में जानकारी दी और कहा कि सच्चे हृदय से श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करने से आराम होगा । उन्होंने यह भी कहा कि : ‘‘मोटेरा में स्थित आश्रम में एक बडदादा है । वहाँ पाँच प्रदक्षिणा करके संकल्प करके बडदाता के पास पानी की बॉटल रखना और दो-तीन दिन बाद वह पानी लाकर, जब बीमार को पानी पीना हो तब ‘हरि ॐ’ कहकर पानी पिलाना ।’’
★ उनके कहे अनुसार ही मैंने आश्रम में जाकर किया । जिस दिन पानी पिलाया उसी दिन पू. बापू के बडदादा का मानो चमत्कार हुआ । जिस समय पानी पिलाया उसी समय, जो दो महीने से भी अधिक समय से बिल्कुल खाना नहीं खा सकती थी उसने तुरंत ही खाने की माँग की । फिर तो मुझे अटूट श्रद्धा हो गयी ।
★ हर तीन दिन मैं आश्रम में जाकर पानी की बॉटल रख आता और वहाँ रखी हुई बॉटल ले आता । फिर तो मेरी पत्नी को बहुत फायदा होने लगा । मानो अब शरीर में कैन्सर का नामोनिशान तक न रहा । जो पहले पलंग पर से बिल्कुल उठ नहीं सकती थी, बिल्कुल खा-पी नहीं सकती थी वह अब स्वयं चल-फिर सकती है, घर के काम कर सकती है । इतना ही नहीं, पिछले तीन महीनों से प्रत्येक रविवार को सुबह से पूरा दिन आश्रम में ही व्यतीत करती है । बडदादा की प्रदक्षिणा करके, कैसेट सुनकर शाम को घर आती है ।
★ अभी गुरुपूनम के समय, आश्रम में चार दिन, रात-दिन सेवा में ही रही थी । उसके बावजूद उसके शरीर पर थकान, रात्रिजागरण या अन्य कोई असर नहीं हुआ ।
★ परम पूज्य बापू का ऐसा चमत्कार देखकर डॉक्टर भी आश्चर्यचकित हो गये । मेरी पत्नी को तो एक नया जीवन मिला है । पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू के बडदादा के आशीर्वाद से अब वह काफी ठीक हो गयी है । मेरे प्यारे गुरुदेव को मैं, मेरी पत्नी और घर के सभी लोग कोटि-कोटि वंदन करते हैं । लोगों को ऐसे अद्भुत अनुभव सूरत के आश्रम में भी होते हैं और इन्दौर एवं राजकोट के आश्रम में भी होते हैं ।
★ पूज्य बापू(Sant Shri Asaram Bapu ji) के वैदिक विधि से शक्तिपात और योग सामथ्र्य का प्रसाद अद्भुत है, अनुपम है और अलौकिक है । मेरे जैसे तो अनेकानेक लोगों की डूबती नावें इस अलख के औलिया के स्मरण से, चिंतन से, आशीर्वाद से, प्रसाद से तर गयी हैं । धन्य हैं वे लोग, जिन्हें पूज्य बापू का सत्संग सुनने, अनुभव करने और बडदादा की प्रदक्षिणा करने का सौभाग्य मिला है ।
-सवजीभाई ए. गज्जर
२८५, बलिया की खिडकी, बडी सालवीवाड,
सरसपुर, अहमदाबाद-३८००१८.
श्रोत – ऋषि प्रसाद मासिक पत्रिका (Sant Shri Asaram Bapu ji Ashram)
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Hari om.
Aapki seva se me abhibhut hun.sadho-sadho.
You tube per bhi me aapke chenell per daily pujya bapuji ke satsang me raman karta hun.