Last Updated on November 8, 2019 by admin
गोमूत्र अर्क के फायदे : Go Jharan Ark benefits in hindi
★ हिन्दू धर्म में गाय का माता का स्थान दिया गया है। इसीलिए इसके गोबर और मूत्र दोनों को भी पवित्रता की नजरों से देखा गया है। आयुर्वेद में भी गौमूत्र के प्रयोग से कई तरह की दवाइयां भी तैयार की जाती है।
★ ऐसे तो कई लोग गौमूत्र (Gomutra)का नाम सुनकर नाक-भौं सिकुड़ जाती है। क्योंकि वे ये नहीं जानते की गौमूत्र के नियमित सेवन से बड़े से बड़े रोग भी दूर हो जाते है। गाय के मूत्र का स्वाद गर्म, कसैला और कड़क लगता है। जो विषनाशक, जीवाणु नाशक, शक्ति से भरपूर और जल्द पचने वाला होता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, यूरिक एसिड, क्लोराइड और सोडियम पाया जाता है।
★ माना जात अहै गौमूत्र से लगभग 108 रोगों को ठीक किया जा सकता है। दावा किया गया है की गर्भवती गाय का मूत्र सबसे अच्छा होता है क्योंकि उसमें कई विशेष हॉर्मोन और खनिज पाए जाते है। गौमूत्र दर्दनिवारक, पेट के रोग, चर्म रोग, श्वास रोग, आंत्रशोथ, पीलिया, मुख रोग, नेत्र रोग, अतिसार, मुत्रघात आदि के उपचार के लिए प्रयोग में लाये जाता है।
★ इतना ही नही आज के समय की बड़ी-बड़ी बीमारियाँ जैसे हार्ट संबंधी समस्याएं, डायबिटीज, कैंसर, टीबी, माइग्रेनऔर एड्स आदि की समस्या में भी गौमूत्र काफी लाभकारी होता है।
★ गाय के दूध से मिलने वाले दही, मट्ठा, घी आदि के फ़ायदे तो सभी जानते है। लेकिन गौमूत्र के फ़ायदों से बहुत कम लोग परिचित है। पहले के समय के सभी लोग इसके बारे में जानते है लेकिन आजकल की पीढ़ी इस चमत्कारिक देन को भूलती ही जा रही है। जबकि ये हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए भी काफी लाभकारी है।
★ आज हम आपको गौमूत्र के फायदें बताने जा रहे है जिन्हें जानकर आप भी इस देन का प्रयोग करने के बारे में अवश्य सोचेंगे! तो देर किस बात की आईये जानते है गौ माता के मूत्र यानी गौमूत्र के चमत्कारिक फायदें!
किस गाय का गौमूत्र (Gomutra)नहीं पीना चाहिए ?
★ बूढी, अस्वस्थ और गाभिन गाय का मूत्र नहीं लेना चाहिए। गौमूत्र को कांच या मिट्टी के बर्तन में लेकर साफ़ सूती कपडें की आठ तहों से छानकर चौथाई कप खाली पेट सेवन करना चाहिए।
गौमूत्र के क्या-क्या फ़ायदे है?
( और पढ़े – आखिर क्या है गौमूत्र ? Health Benefits of Gomutra Ark )
स्वास्थ्य के लिए गौमूत्र के फायदे : Gomutra Benefits in Hindi
1. कफ में गौमूत्र का उपयोग फायदेमंद
गौमूत्र में वात और कफ से जुड़े सभी रोगों को खत्म करने की शक्ति होती है। पित्त के रोग को भी इसकी मदद से दूर किया जा सकता है यदि इसका सेवन अन्य औषधियों के साथ किया जाए तो।
2. त्रिदोष संतुलित करने मे गौमूत्र के लाभ
वात, कफ और पित्त के कुल 148 रोग है। और उन सभी रोगों को खत्म करने के लिए गौमूत्र का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। ये वात, पित्त, कफ तीनों को सम अवस्था में लाने के लिए सबसे ज्यादा मदद करता है।
3. कैंसर ठीक करे गौमूत्र का प्रयोग
सुबह खाना खाने के 1 घंटे पहले आधा कप गौमूत्र पीने से बवासीर/बादी और खूनी, फिस्टुला, भगन्दर, अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, उक्त रक्त दबाव, हृदयघात, कैंसर आदि रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।
4. बिमारियों को मिटाए गौमूत्र का उपयोग
वैज्ञानिक परीक्षणों का मानना है की गौमूत्र में मिट्टी में पाए जाने वाले 18 गुण पाए जाते है। शरीर की बिमारियों को ठीक करने के लिए जितने घटकों की आवश्यकता होती है वे सभी गौमूत्र में पाए जाते है।
5. हड्डी के रोगों में गौमूत्र के इस्तेमाल से फायदा
गौमूत्र से कई हड्डी रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। खांसी, सर्दी, जुखाम, दमा, टी बी और अस्थमा जैसी बिमारियों में गौमूत्र रामबाण का काम करता है। गौमूत्र के प्रयोग से ठीक हुई टी बी वापस नहीं आती। ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है जिससे बीमारियाँ हमसे कोसो दूर रहती है।
6. टी बी रोग में गौमूत्र से फायदा
टी बी की समस्या में डॉट्स की दवाओं के साथ गौमूत्र का सेवन करने से 2 से 3 महीने में अच्छे परिणाम सामने आने लगते है। जबकि केवल डॉट्स की गोलियों के साथ टी बी ठीक होने में 9 महीने का समय लगता है।
7. आहार नली के कैंसर में गौमूत्र के प्रयोग से लाभ
गले के कैंसर, आहार नली के कैंसर और पेट के कैंसर सभी में गौमूत्र काफी असरदार होता है।
8. करक्यूमिन की कमी को गौमूत्र करे पूरा
शरीर में करक्यूमिन नामक तत्व की कमी होने पर कैंसर का रोग बढ़ता है। और गौमूत्र में इस तत्व की अच्छी मात्रा पाई जाती है और पीने के बाद यह तुरंत पच भी जाता है।
9. गौमूत्र के साथ हरड़ के गुणों मे होती है वृद्धि
हरड़, पानी में घिसकर देने से कम लाभ करती है और यदि इसे गौमूत्र में घिसा जाए तो क्या कहने ? ये अत्यंत लाभकारी होती है।
10. सुबह करें गौमूत्र का सेवन होगा ज्यादा लाभ – gomutra kaise piye in hindi
गौमूत्र का सेवन हमेशा सुबह ही करना चाहिए। अधिक बीमार व्यक्ति 100 ग्राम तक पी सकता है। आ चाहे तो आधा आधा कप करके भी पी सकते है। स्वास्थ्य लोगों को 50 ग्राम अच्छा रहता है। बंधी हुई गाय का मूत्र इतना उपयोगी नहीं होता। जर्सी गाय के मूत्र में सिर्फ तीन पोषक तत्व ही पाए जाते है।
11. आँखों का चश्मा भी उतर जाएगा गौमूत्र के इस उपाय से
आँखों से जुड़े सभी रोग कफ के कारण होते है। मोतियाबिंद (कैटरेक्टर), ग्लुकोमा, रैटिनल डिटैचमेन्ट जैसी बड़ी बिमारियों के अलावा आँखों का लाल होना, आँखों से पानी निकलना, आँखों में जलन होना जैसी छोटी बीमारियाँ गौमूत्र के प्रयोग से ठीक हो जाती है। इसके लिए सूती कपडे की आठ परत में छानकर 1-1 बूंद आँखों में डाल लें। 6 महीने में आँखों का चश्मा उतर जाएगा।
12. पसलियों के दर्द में लाभकारी गौमूत्र
रोजाना सुबह एक-एक बूंद इसका सेवन करें कोई भी बीमारी 3 से 4 दिन में ठीक हो जाएगी। जिन बच्चों की पसलियाँ कफ की वजह से दुखती है उन्हें एक चम्मच गौमूत्र पिलाने से तुरंत आराम मिलता है। ऐसा बड़े लोग भी कर सकते है लेकिन मात्र आधा कप बढ़ा दें।
13. गौमूत्र के प्रयोग से दूर करे किडनी के रोग
मूत्र पिंड से जुड़े सभी रोग जैसे किडनी फ़ैल होने और किडनी की दूसरी तकलीफों को ठीक करने के लिए रोज सुबह आधा कप गौमूत्र का सेवन करें।
14. पेशाब के रोग मिटाता है गौमूत्र
पेशाब से संबंधित हर समस्या के लिए रोज सुबह खाली पेट आधा कप गौमूत्र का सेवन करें।
15. कब्ज में फायदेमंद गौमूत्र का औषधीय गुण
कब्ज की समस्या में 3 से 4 दिन तक रोज सुबह आधा कप गौमूत्र का सेवन करें, समस्या ठीक हो जाएगी।
16. एसिडिटी कम करने में गौमूत्र करता है मदद
पित्त के रोग में गौमूत्र के साथ देसी गाय के घी का सेवन भी करें। पित्त के रोगी गौमूत्र और पानी की बराबर मात्रा का मिलाकर इस्तेमाल करने से एसिडिटी, हाईपर एसिडिटी, अल्सर, पेप्टिक अल्सर, पेट में घाव आदि को ठीक करने में मदद मिलती है।
17. गौमूत्र के कोई साइड इफ़ेक्ट नही
साफ़ सुथरे वातावरण में रहने वाली, अच्छा चारा खाने वाली और नियमित रूप से घुमने वाली गाय का मूत्र पीना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। अगर ऐसी गाय न मिलें तो किसी भी देसी गाय का गौमूत्र ले लें।
शोध बताते है देसी गाय के गौमूत्र के कोई साइड इफ़ेक्ट नही है। अधिक गौमूत्र का सेवन करने पर ये पेशाब के रस्ते बाहर निकल जाते है। तो इससे कोई नुकसान नहीं पहुँचता। एक बात का ध्यान रखें जिस गाय का मूत्र आप ले रहे है वो पूरी तरह देसी हो और वो बीमार या गर्भवती न हो।
18. कैंसर ठीक करे गौमूत्र का प्रयोग
गौमूत्र में गेंदे के फूल की चटनी बनाकर उबाल लें और उसमे थोड़ी हल्दी मिलाकर प्रयोग करें। ये कैंसर में बहुत आराम देता है।
19. पीलिया में लाभकारी है गौमूत्र का प्रयोग
हैपेटाइटिस परिवार (A, B, c, D, E, F) की बीमारियाँ जैसे पीलिया आदि बीमारियाँ को दूर करने के लिए गौमूत्र काफी लाभकारी होता है।
20. आयु के अनुसार करें गौमूत्र का सेवन
गौमूत्र का सेवन अपनी आयु के अनुसार ही करें। इसके लिए आप डॉक्टर या वैद्य की मदद ले सकते है।
21. इन रोगों मे भी फायदेमंद है गौमूत्र
सर्दी, खांसी, जुखाम, डायरिया आदि बिमारियों के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
22. जीवराशी रहित है गौमूत्र
गाय का मूत्र जीवराशी रहित होता है इसीलिए जैन लोग भी इसका सेवन कर सकते है। गौमूत्र यदि 2 से 3 दिन पुराना है तो उसमे पानी जरुर मिलाएं।
त्वचा रोगों में गौमूत्र के लाभ : Benefits of Gomutra for Skin in Hindi
23. गौमूत्र का सेवन करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे सोराइसिस, एक्जिमा, खुजली, खाज, दाद आदि रोग ठीक होते है।
24. गौमूत्र की मालिश करने से त्वचा के सफ़ेद धब्बे ठीक हो जाते है।
25. खुजली, खाज, दाद, आदि समस्या में रोज गौमूत्र से मालिश करने से वे ठीक हो जाते है।
26. आँखों के नीचे काले धब्बे होने पर रोज सुबह गौमूत्र लगायें, सभी धब्बे चले जायेंगे। अगर गौमूत्र न मिले तो उसके अर्क का इस्तेमाल कर सकते है। अर्क 1 चम्मच से अधिक नहीं लेना चाहिए, और हां अर्क का इस्तेमाल आंख में डालने के लिए बिलकुल न करें।
गौमूत्र सेवन में कुछ ध्यान रखने योग्य बातें :
• गौमूत्र हमेशा निश्चित तापमान पर ही रखा जाना चाहिए।
• गौमूत्र के सेवन की मात्रा ऋतू पर निर्भर करती है। क्योंकि इसकी प्रकृति गर्म होती है इसीलिए गर्मियों में इसकी कम मात्रा का ही सेवान करना चाहिए।
• 8 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गौमूत्र के अर्क का सेवन वैद्य की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
• गौमूत्र को मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तन में ही रखें।
गोमूत्र-सेवन के विषय में जानने योग्य बातें :
(1) (विदेशी/जर्सी), गाय का मूत्र नहीं लेना चाहिए क्योंकि वह वास्तव में गाय नहीं है, अपितु ‘गवय’ (गाय जैसा एक पशु ) है।
(2) गोमूत्र को तांबे या पीतल के पात्र में नहीं रखना चाहिए ।
(3) गो मूत्र को कपड़े से छान कर प्रातः खाली पेट लेना चाहिए।
(4) गो मूत्र लेने के बाद एक घण्टे तक कुछ नही खाना चाहिए।
(5) पीने के लिए ताज़ा और मालिश के लिए दो से सात दिन पुराना गो मूत्र लेना चाहिए।
(6) यथा सम्भव छोटी बछड़ी का गो मूत्र लेना चाहिए।
(7) सामान्यतः गो मूत्र की मात्रा गर्भवती स्त्री एवं बच्चे के लिए लगभग पांच ग्राम और बड़ों के लिए दस से तीस ग्राम दिन में दो बार देनी चाहिए।
विविध रोगों में गो मूत्र लेने की विधि :
कैन्सर, रक्तचाप, टी.बी., दमा, पीलिया, लकवा, मधुमेह, कुष्ठ, कोलेस्टेरोल की वृद्धि , दाद (एक्ज़िमा), हृदयरोग, गुर्दे के विकार , क़ब्ज़, जोड़ों का दर्द, जीर्ण ज्वर, खांसी,जुकाम आदि अनेक रोग गो मूत्र लेने से ठीक हो सकते हैं । यहां कुछ रोगों में गो मूत्र-सेवन की विशेष विधि लिखी गई है ।
दमा, जुकाम, रक्तचाप – फुलाई हुई फिटकरी का आधा चम्मच चूर्ण आधा कप गो मूत्र में मिला कर लें।
बवासीर – गो मूत्र में दो ग्राम कलमीशोरा मिला कर लें।
कब्ज – तीन ग्राम हरड़ के चूर्ण के साथ गो मूत्र मिला कर लें।
सफेद कुष्ठ – बावची के बीज को गो मूत्र में अच्छी तरह पीस कर लेप करें।
कान के रोग – गो मूत्र को थोड़ा गरम (गुनगुना) करके कान में डालें।
खुजली – गो मूत्र की मालिश करके फिर स्नान करें । गो मूत्र में नीम के पत्ते पीस कर लगाएं।
लीवर के रोग – गो मूत्र को गरम करके कपड़े से लीवर पर सेक करें ।
बच्चों का सूखा रोग – गोमूत्र में केशर मिला कर पिलाएं।
पेट फूलना – गो मूत्र में आधा ग्राम सेन्धा नमक मिला कर लें।
नासूर – गो मूत्र पिएं तथा उसकी पट्टी रखें।
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मुँह के छालों में त्रिफला की राख शहद में मिलाकर लगायें। थूक से मुँह भर जाने पर उससे ही कुल्ला करने से छालों से राहत मिलती है।
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~ हरिओम
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