आधुनिक विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में वास्तु

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हमारा सौर मंडल विद्युत-चुंबकीय तरंगों से भरा हुआ है। पृथ्वी इसी सौरमंडल का एक उपग्रह है। पृथ्वी भी एक बड़ा चुंबक ही है। अपनी धुरी पर घूमते हुए पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती …

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वास्तु में द्वार व अन्य वेध

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मुख्य द्वार से प्रकाश व वायु को रोकने वाली किसी भी प्रतिरोध को द्वारवेध कहा जाता है अर्थात् मुख्य द्वार के सामने बिजली, टेलिफोन का खम्भा, वृक्ष, पानी की टंकी, मंदिर, कुआँ आदि को द्वारवेध …

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गर्भपात महापाप

गर्भपात महापाप

ब्रह्महत्या से जो पाप लगता है उससे दुगना पाप गर्भपाप करने से लगता है। इस गर्भपातरूप  महापाप का कोई प्रायश्चित भी नहीं है, इसमें तो उस स्त्री का त्याग कर देने का ही विधान है। …

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विविध रंगों का विविध प्रभाव

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प्रत्येक रंग का अपना विशेष महत्त्व है एवं रंगों में परिवर्तन के माध्यम से अनेक मनोविकार तथा शारीरिक रोगों का शमन संभव है। विविध रंगों का विविध प्रभाव निम्नानुसार है। पीला रंगः पीले रंग में …

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किसके आभूषण कहाँ पहनें ?

किसके आभूषण कहाँ पहनें ?

सोने के आभूषणें की प्रकृति गर्म है तथा चाँदी के गहनों की प्रकृति शीतल है। यही कारण है कि सोने के गहने नाभि से ऊपर और चाँदी के गहने नाभि के नीचे पहनने चाहिए। सोने …

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धन-सम्पत्ति के लिए क्या करें ?

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घर के अंदर, लक्ष्मी जी बैठी हों ऐसा फोटो रखना चाहिए और दुकान के अंदर, लक्ष्मी जी खड़ी हों ऐसा फोटो रखना चाहिए। ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने से तथा पूजा के स्थान …

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जन्मदिवस पर क्या करें ?

जन्मदिवस पर क्या करें ?

जन्मदिवस के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए घी, दूध, शहद और दूर्वा घास के मिश्रण की आहुतियाँ डालते हुए हवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में कितने भी दुःख, कठिनाइयाँ, …

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बालक जन्मे तो क्या करें ?

new born baby

बच्चे के जन्मते ही नाभि-छेदन तुरंत नहीं बल्कि 4-5 मिनट के बाद करें। नाभिनाल में रक्त-प्रवाह बंद हो जाने पर नाल काटें। नाल को तुरंत काटने से बच्चे के प्राण भय से अक्रान्त हो जाते …

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गंगाजी का मूल मंत्र

ganga ji

वेद व्यासजी कहते थे कि गंगाजी का एक गोपनीय मंत्र है |और वो गंगाजी का मूल मंत्र एक बार भी जप करो तो तुम निष्पाप होने लगोगे | गंगाजी का मंत्र – ॐ नमो गंगायै …

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सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण मंत्र

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण मंत्र

जब भी सूर्य ग्रहण हो तो एक माला इस मंत्र की करें :- मंत्र – ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: |…. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:| ….  ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: और चंद्र ग्रहण …

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