शीतकाल में बलसंवर्धनार्थ : मालिश
शीतकाल बलसंवर्धन का काल है | इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है | शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है …
शीतकाल बलसंवर्धन का काल है | इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है | शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है …
ट्रेकोमा (पलकों में रोंहे) का होम्योपैथिक इलाज ( Trachoma ka Homeopathic Ilaj) पलकों में रोंहे होने पर इन तीन औषधियों में से कोई भी एक औषधि से उपचार कर सकते है जो इस प्रकार हैं …
इस ऋतू में वात का शमन करनेवाले तथा शरीर में जलीय अंश का संतुलन रखनेवाले मधुर, तरल, सुपाच्य, हलके, ताजे, स्निग्ध, रसयुक्त, शीतगुणयुक्त पौष्टिक पदार्थों का सेवन करना चाहिए । आहार : पुराने साठी के …
मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) रोग क्या है ? (Myopia In Hindi) इस रोग के हो जाने पर रोगी को पास की वस्तुएं तो साफ दिखाई देती हैं लेकिन दूर की वस्तुएं साफ नहीं दिखाई देती …
पलकों का लटकना (पीटोसिस) रोग क्या है ? (Ptosis in Hindi) रोगी के आंख की ऊपरी पलकें नीचे की ओर लटक जाती है जिसके कारण रोगी ऊपरी पलकों को उठा नहीं पाता। पलकें न …
हेमियानोपिया (अर्धदृष्टिता) का होम्योपैथिक इलाज ( Hemianopia ka Homeopathic Ilaj) किसी वस्तु का आधा भाग दिखाई देने पर विभिन्न औषधियों के द्वारा उपचार :- कैलकेरिया कार्ब : यदि किसी वस्तु का दायां भाग नज़र …
आँखों और पलकों के फड़कने का होम्योपैथिक इलाज ( Aankhon aur Palakon ke Fadakne ka Homeopathic Ilaj) इस रोग के कारण रोगी की आंखों की पलकें बार-बार फड़कती रहती हैं जिसके कारण बहुत अधिक …
स्वास्थ्य की रक्षा की कुछ बाते जान ले और शरीर स्वस्थ रहे :- 1) गाजर का हलवा :- गाजर का पीला हिस्सा निकाल दिया, उसमें लोहतत्व और विटामिन्स ‘ए’ भरपूर मात्रा में है | गाजर …
आजकल पाउडर का अथवा सार तत्त्व निकाला हुआ या गाढ़ा माना जानेवाला भैंस का दूध पीने का फैशन चल पड़ा है इसलिए लोगों की बुद्धि भी भैंसबुद्धि बनती जा रही है। शास्त्रों ने व वैज्ञानिकों …
जिस समय जो स्वर चलता है उस समय तुम्हारे शरीर में उसी स्वर का प्रभाव होता है। हमारे ऋषियों ने इस विषय बहुत सुंदर खोज की है। दायें नथुने से चलने वाला श्वास दायाँ स्वर …