Last Updated on February 24, 2020 by admin
ब्रह्ममुद्रा योग क्या है ? : Brahma Mudra in hindi
ब्रह्ममुद्रा योग की लुप्त हुई क्रियाओं में से एक महत्त्वपूर्ण मुद्रा है । ब्रह्म के तीन मुख और दत्तात्रेय के स्वरूप को स्मरण करते हुये व्यक्ति तीन दिशा में सिर घुमाये ऐसी यह क्रिया है अतः इस क्रिया को ब्रह्ममुद्रा कहते हैं ।
ब्रह्ममुद्रा के लाभ : Brahma Mudra ke Labh / Fayde
- सिरदर्द, सर्दी-जुकाम आदि में लाभ होता है ।
- ध्यान-साधना-सत्संग के समय नींद नहीं आयेगी ।
- आँखों की कमजोरी दूर होती है ।
- चक्कर बंद होते हैं ।
- उल्टी-चक्कर, अनिद्रा और अतिनिद्रा आदि पर ब्रह्ममुद्रा का अचल प्रभाव पडता है ।
- जिन लोगों को नींद में अधिक सपने आते हैं वे इस मुद्रा का अभ्यास करें तो सपने कम हो जाते हैं ।
- ध्वनि-संवेदनशीलता कम होती है ।
- मानसिक अवसाद कम होता है । एकाग्रता बढती है ।
- गर्दन सीधी रखने में सहाय मिलती है ।
- वृद्धों के लिए विशेष शक्तिदायक प्रयोग
इसे भी पढ़े :
देव ज्योतिमुद्रा : आखों की रौशनी बढ़ाने वाली लाभकारी मुद्रा | Dev jyoti mudra
शांत मुद्रा : क्रोध को तुरंत शांत कर मन को प्रसन्न करने वाली चमत्कारिक मुद्रा
ब्रह्ममुद्रा की विधि : Brahma Mudra Technique / Steps in Hindi
- वज्रासन या पद्यासन में कमर सीधी रखते हुये बैठें ।
- हाथों को घुटनों पर रखें । कन्धों को ढीला रखें ।
- अब गर्दन को सिर के साथ ऊपर-नीचे दस बार धीरे-धीरे करें । सिर को अधिक पीछे जाने देवें । गर्दन ऊपर-नीचे चलाते वक्त आँखें खुली रखें । श्वास चलने देवें । गर्दन को ऊपर-नीचे करते वक्त झटका न देवें ।
- फिर गर्दन को चलाते वक्त ठौडी और कन्धा एक ही दिशा में लाने तक गर्दन को घुमायें । इस प्रकार गर्दन को १० बार चलाना चाहिए । गर्दन को चलाते वक्त ठौडी और कन्धा एक ही दिशा में लाने तक गर्दन को घुमायें ।
- इस प्रकार गर्दन को १० बार दाँयें-बायें चलायें
- अन्त में गर्दन को गोल घुमाना है । गर्दन को ढीला छोडकर एक तरफ से धीरे-धीरे गोल घुमाते हुये १० चक्कर लगायें । आँखें खुली रखें । फिर दूसरे तरफ से गोल घुमायें । गर्दन से चक्कर धीरे-धीरे लगायें । कान को हो सके तो कन्धों से लगायें । इस प्रकार ब्रह्ममुद्रा का अभ्यास करें ।
विशेष : सुबह खाली पेट २५० ग्राम आम का रस (आम खट्टा न हो ), ५० ग्राम शहद और १० ग्राम अदरक का रस मिलाकर लें । उसके ऊपर एक गिलास दूध पियें । यह प्रयोग वृद्धों के लिए खूब बलप्रद और जीवनशक्ति बढाने वाला तथा बुढापे को दूर धकेलने वाला है ।
पुराने साधक जो इस प्रयोग से परिचित हैं और लाभान्वित हुये हैं उन्हें इस प्रयोग से दूसरों को भी लाभान्वित करना चाहिए ।
An English book is being emailed to you. ~ 🙏Hariom
Namasté,
I’m very interested in all these things but I am German and can’t translate the text. In some years I am 70 and I can’t learn Hindi to read the text.
what can I do ? Is there a english version. The right click is disabled so I can’t copy the text in Hindi and translate with DeepL….
Thank you and God an the masters bless you all
🙏 NAMASKAR 🙏