हवन से पाएँ स्वास्थ्य व सौंदर्य | Hawan se Paye Swasthya aur Saundarya
✦ कल तक यज्ञ – हवन को आध्यात्मिक बताकर तमाम नास्तिकों द्वारा सिरे से खारिज कर देने वालों को अब स्वस्थ जीवन और प्रदूषणमुक्त वातावरण के लिए यज्ञ और हवन की शरण में जाना ही …
✦ कल तक यज्ञ – हवन को आध्यात्मिक बताकर तमाम नास्तिकों द्वारा सिरे से खारिज कर देने वालों को अब स्वस्थ जीवन और प्रदूषणमुक्त वातावरण के लिए यज्ञ और हवन की शरण में जाना ही …
राम भक्त हनुमान जी : शास्त्रोंक्त मत के अनुसार हनुमान जी भगवान श्री राम की आज्ञा से कलयुग में धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर निवास करते हैं। हनुमान जी को श्रीराम जी से …
धार्मिक कर्मकांडों में आसन पर बैठना आवश्यक क्यों माना गया है ? हमारे धर्म शास्त्रों में पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन, साधना, तपस्या आदि समस्त कर्मकांडों में व्यक्ति को आसन पर बैठने की सलाह दी गई है …
क्या हैं बेल पत्र अथवा बिल्व-पत्र ? : bel patra kya hai बिल्व-पत्र बेल के पेड़ की पत्तियां हैं, जिसके हर पत्ते लगभग तीन-तीन के समूह में मिलते हैं। कुछ पत्तियां चार या पांच के …
★ प्राचीन मान्यताओं के अनुसार हर हिंदू घर के आंगन में कम-से-कम एक तुलसी का पौधा अवश्य होना चाहिए। कार्तिक मास में तुलसी का पौधा लगाने का बड़ा माहात्म्य माना गया है स्कंदपुराण में लिखा …
★ भारतवर्ष में योग का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। मनुष्य को आध्यात्मिक उन्नति का पूर्ण अधिकारी बनाने के लिये योग का साधन परम आवश्यक है क्योंकि उससे मन स्थिर व उन्नत तथा शरीर स्वस्थ होकर …
पूजा में दीपक क्यों जलाया जाता है ? 1) भारतीय संस्कृति में हर धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में दीपक जलाने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि अग्नि देव को साक्षी मानकर उसकी मौजूदगी …
धर्मशास्त्रों ने हर एक गृहस्थ को पंचमहायज्ञ करना आवश्यक कर्तव्य कहा है। इस संबंध में मनुस्मृति में मनु ने कहा है | अध्यापनं ब्रह्मयज्ञः पितृयज्ञस्तु तर्पणम्।। होमो दैवो बलिर्मोतो नृयज्ञोऽतिथि पूजनम् ॥ -मनुस्मृति 3/70 अर्थात् …
धारणा क्या है ? (श्री स्वामी शिवानन्द जी ) ★ देशबन्धश्चित्तस्य धारणा’-मन को किसी बाह्य विषय अथवा आन्तरिक बिन्दु पर एकाग्र करना धारणा है। एक बार एक संस्कृत के विद्वान् कबीर के पास गये और …
यज्ञ चिकित्सा : Yagya Chikitsa se Rog Nivaran ★ आदियुग से अब तक चिकित्सा प्रणाली खोजों के आधार पर कहीं से कहीं जा चुकी है। चिकित्सा प्रणालियों के क्रमिक विकास में वेद के अन्तर्गत ही …