मारकर भी खिलाता है !
पूज्य बापू जी की प्रेरणादायी वाणी मलूकचंद नाम के एक सेठ थे। उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था। एक रात्रि को पुजारी जी के कीर्तन की ध्वनि के कारण उन्हें ठीक से नहीं …
पूज्य बापू जी की प्रेरणादायी वाणी मलूकचंद नाम के एक सेठ थे। उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था। एक रात्रि को पुजारी जी के कीर्तन की ध्वनि के कारण उन्हें ठीक से नहीं …
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के सत्संग में एक सज्जन आते थे। उनके विवाह को 17 साल हो गये थे पर प्रारब्धवश कोई संतान नहीं हुई। चिकित्सकों ने स्पष्ट कह दिया कि “आपकी पत्नी को गर्भ …
महामना मदनमोहन मालवीयजी के हृदय में अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति अपार प्रेम था। एक बार वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाषण दे रहे थे। अभी उन्होंने कुछ ही वाक्य बोले होंगे कि एक …
राजा भर्तृहरि ने राजपाट का त्याग किया और गोरखनाथजी के चरणों में जा पहुँचे। उनसे दीक्षित हुए और उनकी आज्ञानुसार कौपीन पहन के निकल पड़े। भर्तृहरि किसी गाँव से गुजर रहे थे। वहाँ किसी हलवाई …
अपने सदगुरु की प्रसन्नता के लिए अपने प्राणों तक का बलिदान करने का सामर्थ्य रखने वाले शिवाजी धन्य हैं। “भाई शिवाजी राजा हैं, छत्रपति हैं इसीलिए गुरुजी हम सबसे ज्यादा उन पर प्रेम बरसाते हैं।” …
राजस्थान में जयपुर के पास एक इलाका है – लदाणा। पहले वह एक छोटी सी रियासत थी। उसका राजा एक बार शाम के समय बैठा हुआ था। उसका एक मुसलमान नौकर किसी काम से वहाँ …
बंगाल के फरीदपुर जिले के बाजितपुर गाँव में विनोद नाम का एक पवित्रबुद्धि बालक रहता था। हर कार्य में उसकी दृष्टि हमेशा सत्यान्वेषी होती थी। वह देखता कि माँ रोज तुलसी के पौधे को प्रणाम …
एक भक्त था और वह बिहारी जी को बहुत मानता था,बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था. एक दिन वो भगवान से कहने लगा – हे प्रभु, में आपकी इतनी भक्ति करता …
बहुत पुरानी कथा है । किसी गांव में दो भाई रहते थे । बडे की शादी हो गई थी । उसके दो बच्चे भी थे । लेकिन छोटा भाई अभी कुंवारा था ।दोनों साझा खेती …
ʹगुरु की सेवा से शिष्य का मन किसी भी प्रकार के प्रयत्न बिना ही अपने-आप एकाग्र होने लगता है।” गुरुभक्तियोग ग्रंथ संत एकनाथ जी ने 10 वर्ष की छोटी उम्र में ही देवगढ़ राज्य के …