वर्षा ऋतु मे होने वाले रोग और उनसे बचने के उपाय
वर्षा ऋतु मे होने वाली बिमारियों से बचने के उपाय : वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि …
वर्षा ऋतु मे होने वाली बिमारियों से बचने के उपाय : वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि …
वसंत ऋतु की महिमा के विषय में कवियों ने खूब लिखा है। गुजराती कवि दलपतराम ने कहा हैः रूडो जुओ आ ऋतुराज आव्यो। मुकाम तेणे वनमां जमाव्यो।। अर्थात् देखो, सुंदर यह ऋतुराज आया। आवास उसने …
लाभ : यह सरल योग ग्रीष्म ऋतू (२० अप्रैल से २० जून’ २०१४ तक) में स्वास्थ्य-रक्षा हेतु परम लाभदायी हैं | यह त्रिदोश्शामक व शरीर को शुद्ध करनेवाला उत्तम रसायन योग है | इसके सेवन …
शीतकाल बलसंवर्धन का काल है | इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है | शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है …
इस ऋतू में वात का शमन करनेवाले तथा शरीर में जलीय अंश का संतुलन रखनेवाले मधुर, तरल, सुपाच्य, हलके, ताजे, स्निग्ध, रसयुक्त, शीतगुणयुक्त पौष्टिक पदार्थों का सेवन करना चाहिए । आहार : पुराने साठी के …
स्वास्थ्य की रक्षा की कुछ बाते जान ले और शरीर स्वस्थ रहे :- 1) गाजर का हलवा :- गाजर का पीला हिस्सा निकाल दिया, उसमें लोहतत्व और विटामिन्स ‘ए’ भरपूर मात्रा में है | गाजर …