झाइयां (पिग्मेन्टशन) एक त्वचा रोग है, जो मुख्यतः चेहरे की त्वचा पर होता है । इसमें कोई संवेदना नहीं होती, केवल त्वचा के रंग में ही स्थानिक परिवर्तन आता है और इसका रंग गहरा कत्थई दिखायी पड़ता है । झाइयों के उपचार में विलम्ब करना खतरनाक होता है । अधिक पुराने होने से दाग अधिक गहरे व हठीले हो जाते हैं | घरेलू उपचार से इनके बढ़ने की गति को काफी हद तक रोका जा सकता है ।
चेहरे पर झाइयां होने के कारण (Pigmentation Causes in Hindi)
झाइयां क्यों होती है ?
झाइयां मुख्य रूप से रक्त की कमी के कारण होती हैं। त्वचा के भीतर रंग देने वाली कोशिकाओं का पोषण भी सूक्ष्म रक्त-नलिकाओं के द्वारा होता है। मधुमेह, हृदय रोग, गर्भपात, प्रसव जैसे रोग शरीर में रक्त की कमी उत्पन्न करते हैं, जिसका प्रभाव त्वचा पर आ जाता है।
अनेक ऐसे सौंदर्य प्रसाधन हैं, जो त्वचा पर झाइयां उत्पन्न करते हैं – हेयर डाय, ब्लीच, सस्ते रूज, फाउन्डेशन आदि। त्वचा पर लंबे समय तक इन प्रसाधनों का प्रयोग झाइयों को उत्पन्न कर देता है।
झाइयों के लक्षण (Pigmentation Symptoms in Hindi)
कुछ लक्षणों से झाइयों की पहचान की जा सकता है। जैसे –
- झाइयों से चेहरे, गालों व कनपटी के आसपास का हिस्सा अधिक प्रभावित होता है।
- इसके होने से त्वचा की सतह में कोई बदलाव नहीं होता।
- इससे कोई संवेदना भी नहीं होती।
- त्वचा छूने में चिकनी होती है। केवल इसके रंग में ही परिवर्तन आ जाता है और गहरा कत्थई दिखता है। अधिक पुरानी झाइयां होने पर त्वचा पर महीन सिलवटें उभरने लगती हैं।
- इन दागों का रंग हलका व गहरा होता रहता है।
- झाइयों के दागों का आकार भी सदा एक-सा नहीं रहता।
- इनकी तीव्रता का अनुमान केवल देखने पर ही होता है।
चेहरे की झाइयों का घरेलू उपचार (Pigmentation Home Remedies in Hindi)
झाइयों का इलाज कैसे करें ?
जिन स्थानों पर झाइयां उभरी हैं, वहां कोई सौन्दर्य प्रसाधन अगर नियमित रूप से लगाया जा रहा हो, तो उसे जांचना जरूरी है कि कहीं वह पुराना या सस्ती किस्म का तो नहीं है।
1. खून की जांच – खून की जांच करानी चाहिए। रक्त में हीमोग्लोबिन कम होने की दशा में भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ायें।
2. धूप से बचें – त्वचा को धूप, धूल और अधिक ठंड से बचाएं तथा किसी सन स्क्रीन का प्रयोग करें।
3. ब्लीचिंग का प्रयोग न करें।
4. दही का लेप – अगर हेयर डाय का प्रयोग किया जा रहा हो, तो डाय के प्रयोग करने के एक या दो दिन के बाद मेंहदी या दही का लेप लगाएं ताकि बालों से केमिकल का प्रभाव कम हो सके।
5. हल्दी – अगर आप चेहरे पर सच्चा और असली निखार चाहते हैं तो हल्दी का उबटन ही सर्वश्रेष्ठ है । क्रीमों से पैदा हुई झाइयों को दूर करने के लिए पाँच से दस ग्राम पिसी हुई हल्दी को बड़ या पीपल के दूध से तर कर दें। अगर आपके आस-पास पीपल या बरगद का पेड़ न हो तो गाय का दूध ही लें। सोने से पहले इस उबटन को झाइयों पर मलें। शाम को यह संभव न हो सके तो इसे सुबह तैयार कर नहाने से आधा घंटा पहले चेहरे पर मल लें। छह से सात दिनों के प्रयोग से झाइयां दूर हो जाएंगी।
6. एलोवेरा – रात को सोने के पूर्व त्वचा को एलोवेरा जेल लगाकर गीली रुई से पोंछकर साफ करें।
7. शहद – एक चम्मच सिरका, एक चम्मच शहद मिलाकर दागों पर 30 मिनट तक दिन में एक बार लगायें व धोयें।
8. नींबू – एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद, एक चम्मच हाइड्रोजन पैरॉक्साइड मिलाकर झाइयों पर लगायें। 30 मिनट बाद धो दें। दिन में एक बार करें।
9. बादाम – पत्थर पर एक बादाम घिसें। एक चम्मच नींबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर लगायें। 30 मिनट बाद धो दें।
10. ग्लिसरीन – 2 चम्मच बादाम का तेल, 2 चम्मच सिरका या नींबू का रस 1 चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर फेंट लें। रात को सोने के पूर्व 2-3 मिनट चेहरे की मालिश करें।
11. दूध पाउडर – 3 चम्मच दूध का पाउडर, आधा कप खीरे का पेस्ट, 1 नींबू का रस, 1 चम्मच सोयाबीन या जौ का आटा मिलाकर फेस पैक बनाकर फ्रिज में रखें। रोजाना मालिश के बाद चेहरे पर लगाकर सुखायें व मलकर धो दें।
12. रीठा – चेहरे से झाइयां और दाग-धब्बे दूर करने के लिए रीठे के छिलको को पानी में पीसकर झाइयों पर लगाए, कुछ देर के बाद चेहरा पानी से धो लें । कुछ ही दिनों के प्रयोग के बाद झाइयां दूर हो जाती हैं।
13. तुलसी – तुलसी के पाँच से सात पत्तों को पानी में पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की झाइयां दूर हो जाते हैं।
झाइयों के साथ मुंहासे व एक्ने की समस्या हो तो ऐसी दशा में शुष्क व तैलीय दोनों ही प्रकार की त्वचा पर उपरोक्त उपाय लाभकारी होंगे।