Last Updated on February 5, 2020 by admin
क्रोध शांति के उपाय : Krodh Shanti ke Upay in Hindi
★ क्रोध ऐसा दुष्ट राक्षस है कि वह सारे पुण्य खत्म कर देता है । घर में चोरी हो जाय तो भी कुछ न कुछ बच जाता है, आँँधी-तूफान चले फिर भी कुछ बच जाता है लेकिन घर को आग लगे तो सब कुछ स्वाहा हो जाता है ।
★ ऐसे ही तुम्हारे दिल में मोह आ जाता है, तो भी कुछ पुण्यमयी सुखशान्ति बची रहती है । लोभ आ जाय तभी कुछ पुण्य बच जाते हैं, काम-विकार घुस जाय तभी भी कुछ न कुछ पुण्य बचा रहता है लेकिन जब क्रोध अन्तःकरण को घेर लेता है तब सब कुछ स्वाहा हो जाता है ।
★ दिल जलने लगता है, तन-बदन काँपने लगता है, हृदय का चैन-आराम गायब हो जाता है, बुद्धि के निर्णय में गडबडी होने लगती है । आदमी परेशान हो जाता है । खुद क्रोध की आग में जलता है, औरों को भी जलाता है । क्रोध से अनिद्रा, अजीर्ण, हार्ट-अटैक, ब्लड-प्रेशर आदि रोग भी होते हैं ।
★ क्रोध न करने की प्रतिज्ञा लेने से क्रोध नहीं जाता, शपथ लेने से क्रोध नहीं जाता, मनौतियाँ मानने से क्रोध नहीं जाता ।
कोई अगर वर्ष भर क्रोध न करे, सावधन रहे और आखिर में एक प्रहर के लिए भी क्रोध कर बैठे तो तपस्या का खाना-खराब हो जाता है । क्रोध का अनुभव तो सबको होता ही है ।
★ मैं तुम्हें ऐसी युक्ति बताने जा रहा हूँ कि तुम्हारी तपस्या का खजाना खाली न हो, क्रोध के आवेश से बच जाओ ।
★ जीवनदाता ईश्वर ने आपको भोजन चबाने की शक्ति दी है । आप अगर भोजन को ठीक से नहीं चबाते, शक्ति का उपयोग नहीं करते, जल्दी-जल्दी खा लेते हो तो वह शक्ति पडी रहती है । वह अचेतन मन में रहती है । आपके सामने कुछ प्रतिकूलता आती है तो अचेतन में पडी हुई वह शक्ति क्रोध के रूप में प्रकट होती है ।
★ जो आदमी चबा-चबाकर भोजन नहीं करता वह क्रोधी जरूर होगा । जो जल्दी-जल्दी खाता है वह जरूर क्रोध करता होगा ।
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★ भोजन के समय सामने घडी रख दो । भोजन आधे घण्टे तक चबा-चबाकर करो । भोजन को पियो । इतना चबाओ कि भोजन प्रवाही बन जाय । भोजन को पियो और प्रवाही को खाओ । बीस दिन यह प्रयोग करके देखो, आपका ९५ प्रतिशत क्रोध नियंत्रम में आ जायेगा । बाकी बचा हुआ ५ प्रतिशत क्रोध व्यवहार में फुफकारने के लिए बच जाय तो कोई चिन्ता की बात नहीं है ।
>>> जब क्रोध का आवेश आ जाय तब क्या करें ?
★ आपने देखा होगा कि बिजली विभाग वाले जब लाइन का कनेक्सन देते हैं तब एक वायर अर्थिंग का डाल देते हैं । करंट में कोई गडबड होती है तो विद्युतप्रवाह अर्थिंग के जरिये जमीन में उतर जाता है, बिजली से चलनेवाले साधनों को हानि नहीं पहुँचती । फ्यूज भी इसलिए डाला जाता है कि उपकरणों की सुरक्षा रहे । अन्यथा वे बार-बार जल जायँ ।
★ जीवनदाता ने भी आपके शरीर में क्रोध के मौके पर अर्थिंग दिया है । आपने देखा होगा कि जब क्रोध आता है तब मुट्ठियाँ भिंच जाती है । हम उस प्रक्रिया को ठीक से जानते नहीं, रहस्य का पता नहीं इसलिए इसका उपयोग करके अधिक लाभ नहीं ले पाते ।
★ विद्युत के झटके से विद्युत की मोटर जल जाती है तो २००-५०० का नुकसान होगा लेकिन क्रोध की आग में दिल जला तो जीवन जल जाता है । मोटर न जले इसलिए लोग अर्थिंग डालते हैं, फ्यूज डालते हैं लेकिन दिल रूपी मोटर का ख्याल नहीं रखते । कितने चतुर हैं लोग !
★ जब क्रोध आवे तब जोर से हाथ की दोनों मुट्ठियाँ इस प्रकार कस के बाँध लेनी चाहिए जिससे उंगलियों के नाखून हथेली की गद्दी को अच्छी तरह दबाएँ । हथेली में जो नसें जाती हैं उन पर दबाव पडने से अच्छा परिणाम आता है, क्रोध शांत होने लगता है ।