हिचकी दूर करने के अचूक आयुर्वेदिक नुस्खे

Last Updated on May 22, 2023 by admin

हिचकी को कैसे ठीक करे आसानी से :

कई बार बहुत जल्दी जल्द खाने जे कारण या अधिक मिर्च मसालेदार व्यंजन खाने के बाद अथवा खाने के बाद बहुत अधिक पानी पी लेने से या बात करते खाना खाने के बाद अचानक ही हिचकी आने लगती है । हिचकी को आयुर्वेद में हिक्का और अंग्रेजी में hiccoughs कहते है।

अधिक पेय पढ़ार्थों का सेवन, ज्यादा खाना, किसी प्रकार की उत्साह या स्ट्रैस, स्मोकिंग करना, रूम के तापमान में अचानक बदलाव होना, इन कारणो से भी हिचकी आ सकते है । लगातार हिचकी आने से सांस लेने मे बहुत कठिनाई होती है तथा गले और सीने में दर्द भी होने लगता है ।

हिचकी आने की ठोस वजह को लेकर मेडिकल साइंस के पास जवाब नहीं है। इनके मुताबिक डायफ्रॉम के अनियमित रूप से सिकुड़ने पर हिचकी आती है।लेकिन आयुर्वेद में इसके होने का विस्तार से वर्णन मिलता है। 

आयुर्वेद में पांच प्रकार की ‘हिचकी’ बताई गई है –

  1. अन्नजा : यह हिचकी अधिक या गलत तरीके से खाना खाने और पानी पीने से होती है । इस प्रकार की हिचकी कुछ देर में ठीक हो जाती है।
  2. यमला : यह हिचकी थोड़ी तीव्र होती है और गर्दन तथा सिर को कंपाती हुई 2-2 बार निकलती है ।
  3. क्षुद्रा : यह धीरे उठती है । इसका प्रभाव केवल कंठ तक ही रहता है ।
  4. गम्भीरा :  यह हिचकी नाभि के पास से उठती है तथा गम्भीर शब्द करती है । यह रोगों के अन्त में उपद्रव के रूप में होती है।
  5. महती : इस प्रकार की हिचकी पेडू, हृदय, मस्तिष्क आदि कोमल स्थानों में पीड़ा करती हुई, सब अंगों को कंपाती हुई लगातार चलती है। इसका क्रम नहीं टूटता है । यह प्राय: जीवन के अन्तिम समय में मनुष्य के मर जाने पर ही पीछा छोड़ती है । 

क्या कारण है हिचकी का : 

आयुर्वेद मतानुसार यह रोग मुख्य रूप से वात और कफ के कारण उत्पन्न होता है | मुंह में जब वायु ऊपर की ओर बढ़ती है तो हिक -हिक की आवाज होती है। इस तरह वायु रुक-रुककर बाहर निकलती है। इसके अलावा निम्न कारण होते है –

  • अत्यधिक जल्दीबाजी में खाने से । 
  • अधिक मिर्च मसालेयुक्त भोजन लेने से। 
  • भोजन के बाद बहुत अधिक पानी पीने से । 
  • बहुत अधिक गले तक भरकर खाना खाने से । 
  • खाना खाकर तुरत लेटने से। 
  • अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण। 
  • बिना चबाए तेज खाने से हिचकी आती है। इसलिए खाना धीरे- धीरे चबा कर खाएं । 

क्या है हिचकी का इलाज : 

  1. सहजन के पते को उबालकर उसका पानी निकल लेते है और उसे धीरे धीरे पीने से राहत मिलती है।
  2. सुखी मूली के उबालकर उसका पानी पीने से आराम मिलता है।
  3.  हिचकी रोकने के लिए एक चम्मच नींबू का रस और शहद मिलाएं और फिर उसे पी जाएं इससे हिचकी बंद हो जाएगी।
  4. मोर के पंख की भस्म को पिप्पली और शहद के ( मयूरपिच्च भस्म ) साथ सेवन करने से हिचकी और कास रोग नष्ट होते हैं।
  5. प्याज के रस में 10 ग्राम शहद को मिलाकर उसे चाटकर खाने से हिचकी जल्द बन्द हो जाती है ।
  6. तुलसी के पत्तों का रस दो चम्मच और शहद एक चम्मच मिलाकर पीने से हिचकी नष्ट हो जाती है ।
  7. कालीमिर्च का चूर्ण, शहद से चाटने से हिचकी मिट जाती है । 
  8. अकरकरा का चूर्ण एक चम्मच शहद के साथ चटाने से हिचकी शांत हो जाती है।
  9. गर्म दूध को घूंट-घूंट कर पीने से हिचकी सही हो जाती है ।
  10. सोंठ का चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करने से या बकरी के दुग्ध के साथ लेने से हिचकी बन्द हो जाती है ।

अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।

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