हायपोग्लायसीमिया एक घातक रोग – Low Blood Sugar in Hindi

Last Updated on March 13, 2021 by admin

हायपोग्लायसीमिया अर्थात खून में ग्लुकोज का प्रमाण घटना । खून में शक्कर की मात्रा कम होने से ‘हायपोग्लायसीमिया’ नामक विकार उत्पन्न होता है, जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। शरीर में ब्लडग्लुकोज की मात्रा 60 एम. डी. के स्तर से कम होने पर यह विकार होता है। हमें खून में शक्कर का प्रमाण बढ़ने से होनेवाले मधुमेह के रोग के विषय में ज्यादा चिंता रहती है, किंतु खून में शक्कर का प्रमाण कम होने से उत्पन्न होनेवाले खतरे के विषय में भी जानकारी रखना आवश्यक है।

हायपोग्लायसीमिया के कारण (Hypoglycaemia Causes in Hindi)

शरीर में ऊर्जा निर्माण करने के लिए आवश्यक ग्लुकोज बाद में शरीर के रक्तप्रवाह में एकरूप होने के बाद खून के कोशिकाओं द्वारा शोषित होता है। इसमें इन्शुलिन नामक हार्मोन की मदद होती है। इस इन्शुलिन द्वारा खून के अतिरिक्त ग्लुकोज का रूपांतर ग्लायकोजन में किया जाता है तथा यह ग्लायकोजन लिवर में जमा किया जाता है । जब शरीर के ग्लुकोज का स्तर कम होने लगता है तब शरीर द्वारा इस जमा किए हुए ग्लुकोज का इस्तेमाल किया जाता है। । परंतु जब शरीर के ग्लुकोज का स्तर पूर्ववत होने में असमर्थ होता है तब हायपोग्लायसीमिया की समस्या निर्माण होती है।

शरीर में ग्लुकोज का प्रमाण कम होने से संपूर्ण शरीर पर दुष्परिणाम होने लगता है। विशेषकर मस्तिष्क के कार्यक्षमता पर दुष्परिणाम होने से अनेक शारीरिक तथा मानसिक समस्या निर्माण होती है।

हायपोग्लायसीमिया के लक्षण (Hypoglycaemia Symptoms in Hindi)

  • थकान
  • मानसिक अस्थिरता
  • चिड़चिड़ापन
  • हाथ-पैरों में सुन्नता आना
  • नजर कमजोर होना
  • निराशा
  • स्मरणशक्ति कम होना
  • हृदयगति में वृद्धि
  • बहुत भूख लगना
  • विकार की तीव्रता बढ़ने पर शरीर को झटके आना,
  • बेहोशी

हायपोग्लायसीमिया के चपेट में कौन आ सकते है ? :

वैसे तो यह विकार किसी को भी हो सकता है । लेकिन मधुमेहियों को होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि मधुमेही खून के इन्शुलिन की बढ़ती मात्रा को नियंत्रित करने के लिए इन्शुलिन एवं अन्य दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी स्थिति में उचित सावधानियाँ ना बरतने से इस विकार के होने की संभावना बढ़ती है।

मधुमेहियों को यह रोग होने के कारण है :

  • इन्शुलिन का डोज ज्यादा या गलत समय पर लेना।
  • दवाइयों का सेवन करने के बाद भोजन न करना।
  • भोजन का समय निश्चित ना रखना एवं । आवश्यकतानुसार भोजन ग्रहण ना करना।
  • सर्वसामान्य व्यक्तियों को यह विकार होने के कारण ।
  • अधिक इन्शुलिन स्रावित होना।
  • शरीर में विशिष्ट हार्मोन की कमी।
  • उपवास करना।
  • अति मद्यपान।
  • खाली पेट भरपूर व्यायाम करना।

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