Last Updated on July 22, 2019 by admin
जलने पर घरेलु उपचार : jalne par gharelu upchar in hindi
घर पर बनाये नीम मलहम
सामग्री :
1) नीम का तेल एक सेर(932 ग्राम),
2) राल( गोंद जैसा हाइड्रोकार्बन द्रव्य ) एक पाव (247 ग्राम लगभग)
3) गोंद (गंदा बिरोजा) एक छटाँक(54 ग्राम लगभग)।
नीम मलहम बनाने की विधि :
★ एक सेर नीम का तेल कड़ाही में आग पर पकायें । तेल जब खूब गरम हो जाय, उसमे एक पाव पिसी हुई राल और एक छटाँक गन्धाबिरोजा डाल दें।
★ तीनो चीजें जब एक दिल हो जाये, कडाही को संडसी से पकड़कर उसमें का तेल, एक मन पानी से भरी हुई मिट्टी की नाद ( पहले से तैयार रखें ) मे डाल दें। यदि कड़ाही में कुछ लगा रह जाय तो दूसरा आदमी खुरच कर उसी नाद में डाल दे।
★ चार-पाँच घण्टे उसी पानी मे मलहम को छोड़ दें। फिर पानी से मलहम को निकालकर एक मोटे कपडे मे निचोड़कर छान लें
★ अब एक पीतल की बड़ी परात मे उसे रखकर ऊपर से एक सेर पानी (932 ग्राम लगभग) डालकर सौ-पचास बार खुब फेटे ।
★ मलहम पानी से धुल जाय तब उसे मिट्टी के बर्तन में रख छोड़ें। यह सफेद रंग का बहुत ही ठंडा और चिकना मलहम
तैयार होगा। इस विधि से एक सेर नीम के तेल से चार-पाँच सेर मलहम बनकर तैयार होगा।
उपयोग विधि : इसे लेकर जले हुए घाव तथा दाह आदि पर अच्छी तरह लगा दें और ऊपर से एक साफ पतला कपडा बाँध दे ।
विशेष : अन्यान्य तेलों की तरह पानी में डालने से यह तेल ऊपर की ओर छटकता नहीं इसलिए इसके बनाने में किसी तरह का खतरा नहीं है। |
नीम मलहम के फायदे :
★ यह मलहम सभी तरह के साध्य अथवा असाध्य जले हुए रोगी के कष्ट को दूर करने वाला है। लगाते ही दाह और वेदना शान्त हो जाती है।
★ यह गर्मी के घाव तथा दाह के लिए लाभदायक तथा महान शीतल है। इसके मुकाबले मे शतधौत घृत भी कुछ नही है।
अनुभव : हमारे पोस्टमैन के भाई सिर से पैर तक जल गये थे । उसके जीने की बिलकुल आशा नही थी। उसके जले हुए अंगो पर बहुतसी चीजे लगायी गयी, परन्तु कुछ भी लाभ नहीं हुआ । उन्हें यह नीम का मलहम लगाने को दिया गया । वह पन्द्रह दिनो में ही इस मलहम से तंदरुस्त हो गये। इस मलहम से बहुत-से रोगी अच्छे हो चुके हैं।