कान में आवाज होना या टिनिटस रोग क्या है ? (Tinnitus aureum in Hindi)
कानों में कभी-कभी अजीब सी आवाजें सुनाई देती हैं जैसे कि कोई कान में सीटी बजा रहा हो, बांसुरी बजा रहा हो और ऐसी बहुत सी आवाजें जो कि असल में होती नहीं है। ये अक्सर रात को ज्यादा सुनाई देती हैं। इस रोग का सही समय पर उपचार न कराने से व्यक्ति बहरा भी हो सकता है।
टिनिटस रोग का विभिन्न भाषाओं में नाम :
- हिन्दी – कान में सीटी बजना।
- अंग्रेजी – टिनिटस।
- मराठी – कर्णनाद।
- पंजाबी – कन सांय
- कन्नड़ – किवियाली शब्द।
- मलयालम – चैवि उटि्टयादाप्पु।
- उड़िया – काना सुहेबा।
- तमिल – काड्डुइरसइचाल।
- तेलगू – डिब्बाड़ी।
कान में आवाज होना (टिनिटस) का विभिन्न औषधियों से घरेलू उपचार (Kaan me Awaz ana ka Ilaj)
1. अदरक : लगभग 6 मिलीलीटर अदरक का रस, 3 ग्राम शहद, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सेंधानमक और 3 मिलीलीटर तिल के तेल को एक साथ मिलाकर मिश्रण बना लें और इस मिश्रण में से रोजाना 2-3 बूंदें कान में डालने से कान का दर्द, कानों में अजीब सी आवाजें सुनाई देना और कानों से सुनाई न देना (बहरापन) आदि रोग दूर हो जाते हैं।
2. सरसो : सर्दी के कारण कान में अजीब सी आवाज होने पर सरसों के तेल को गुनगुना करके कान में डालने से आराम मिलता है।
3. प्याज : प्याज के रस को गुनगुना करके कानों में 3-4 बूंदें डालने से कानों में अजीब सी आवाज सुनाई देना, कान का दर्द और कान में से मवाद बहना आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
4. आक : आक (मदार) के पीले पत्ते, अजवायन, लहसुन और अपामार्ग (चिरचिटा) के पंचाग (जड़, पत्ती, तना, फल और फूल) को पकाकर बने हुऐ तेल को कान में डालने से कान में अजीब सी आवाजें सुनाई देना, कान में दर्द होना और कान से बिल्कुल न सुनाई देना आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
5. गुड़ : गुड़ और घी को 1 चम्मच सोंठ में मिलाकर गर्म कर लें। इसे रोजाना 2 बार खाने से कान में अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई देना बन्द हो जाती हैं।
6. लहसुन : लहसुन की 2 कलियां छिलका हटाई हुई, आक (मदार) का 1 पीला पत्ता और 10 ग्राम अजवायन को एक साथ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें और लगभग 60 मिलीलीटर सरसों के तेल में पकाने के लिए रख दें। पकने के बाद जब सब जल जाये तो इसे आग पर से उतारकर बचे हुये तेल को छानकर शीशी में भर लें। इस तेल की 2-3 बूंदों को रोजाना 3-4 बार कान में डालने से कान का दर्द, कानों में आवाज होना और बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।
7. पीपल : ‘पीपल, हींग, बच और लहसुन’ इन चारों को सरसों के तेल में पकाकर ठंडा कर (हल्का शुष्म) छान कर कान में डालने से कान में अजीब सी आवाजें सुनाई देना का कष्ट मिट जाता है।
8. सारिवादि वटी : सारिवादि वटी एक गोली कच्चे दूध से प्रातः लें। इससे कान बहना कान के सांय सांय की आवाज होना ऊंचा सुनना आदि रोग ठीक हो जाते हैं ।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)