Last Updated on July 8, 2020 by admin
कब्ज क्या है ? : Constipation
कब्ज (Kabj / Constipation) से अभिप्राय है, कि मल-त्याग न होना, मल-त्याग कम होना, मल में गांठें निकलना, लगातार पेट साफ न होना, रोजाना मल-त्याग के लिये नहीं जाना, भोजन पचने के बाद पैदा मल पूर्ण रूप से साफ न होना, मल-त्याग के बाद पेट हल्का और साफ न होना आदि को कब्ज कहते हैं।
कब्ज का कारण : Kabj Ke Karan
- खानपान सम्बंधी गलत आदतें जैसे- समय पर भोजन न करना ।
- बासी और अधिक चिकनाई वाला भोजन, मैदा आदि से बनाया गया मांसाहारी भोजन।
- भोजन में फाइबर की कमी ।
- अधिक भारी भोजन अधिक खाना।
- शौच को रोकने की आदत।
- शारीरिक श्रम न करना।
- विश्राम की कमी।
- मानसिक तनाव (टेंशन)।
- आंतों का कमजोर होना।
- पानी की कमी।
- गंदगी में रहना।
- मादक द्रव्यों का सेवन।
- एलोपैथी दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण।
- भोजन के साथ अधिक पानी पीने।
- मिर्च-मसालेदार तथा तले हुए पदार्थ जैसे-पूरी-कचौड़ी, नमकीन, चाट-पकौड़े खाने।
- अधिक गुस्सा, दु:ख आलस्य आदि कारणों से कब्ज हो जाती है।
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कब्ज का घरेलु उपचार : Kabj ka gharelu upchar
१-घी: घी में कालीमिर्च मिलाकर गर्म दूध में घी के साथ पीने से आंतों में रुका मल नरम और ढीला हो करके बाहर निकल जाता है।
२-गुलकंद : 2 चम्मच गुलकंद को गर्म दूध में डालकर सोने से पहले पीने से सुबह शौच खुलकर आती है।
३- नीम: नीम के सूखे फल को रात में गर्म पानी के साथ खाने से शौच खुलकर आती है।
४- ईसबगोल : कोष्ठबद्धता (कब्ज) होने पर ईसबगोल को जल में घोलकर उसका लुबाव बनाकर उसमें बादाम का तेल मिलाकर पीने से बहुत लाभ मिलता है। कोष्ठबद्धता (कब्ज) दूर होने से पेट का दर्द भी नष्ट हो जाता है।
५- करेला : करेला का रस 1 चम्मच, जीरा आधा चम्मच, सेंधानमक 2 चुटकी को पीसकर चटनी बनाकर कब्ज की शिकायत में खा सकते हैं।
६- पालक: कच्चे पालक का रस रोज सुबह पीते रहने से कब्ज दूर होती है। पालक और बथुआ की सब्जी खाने से भी पेट की गैस कम हो जाती है।
७- शलगम : कच्चे शलगम को खाने से पेट साफ हो जाता है।
८-सौंफ : सौंफ, सनाय, हरड़ का छिलका, सोंठ और सेंधानमक बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। 3 ग्राम की मात्रा में 14 से 18 साल तक के बच्चों को होने वाली कब्ज में पानी के साथ पिलाने से कब्ज से छुटकारा मिलता है।
९-बहेड़ा: गुलकंद, आंवला, हरड़ का मुरब्बा, बहेड़ा का मुरब्बा आदि में से बीजों को बाहर निकालकर पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोजाना 3 बार (सुबह, दोपहर और शाम) 1-1 गोली गर्म दूध या पानी के साथ कुछ दिनों तक सेवन करने से कब्ज मिटती है।
१०-अमरूद : अमरूद का कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से 3-4 दिनों में ही मलशुद्धि होने लग जाती है। कोष्ठबद्धता मिटती है एवं कब्जियत के कारण होने वाला आंखों की जलन और सिर दर्द भी दूर होता है। 250 ग्राम अमरूद खाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होती है।
११-पानी: पानी को पीने से पेट में कब्ज नहीं बनती है, क्योंकि पानी पीने से मल ढीला रहता है और आसानी से शौच के दौरान आ जाता है। यदि कब्ज की शिकायत हो तो सुबह पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से कब्ज ठीक हो जाती है।
ध्यान देने योग्य बातें : सर्दी के दिनों में रोजाना डेढ़ से 2 लीटर और गर्मी में लगभग 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। भोजन के 1 घंटे पहले और लगभग 2 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।
१२- एरण्डी : एरण्डी का तेल 20 मिलीलीटर और अदरक का रस 20 मिलीलीटर मिलाकर पी लें, फिर ऊपर से थोड़ा-सा गर्म पानी पीने से वायु गोला में तुरंत लाभ होता है।
१३- हरड़: 10 ग्राम हरड़, 20 ग्राम बहेड़ा और 40 भाग आंवला आदि को मिलाकर चूर्ण बना लें। रात को सोते 1 चम्मच चूर्ण दूध या पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
१४-छाछ : छाछ पीने से कब्ज, दस्त, पेचिश, खुजली, चौथे दिन आने वाला मलेरिया बुखार, तिल्ली, जलोदर, रक्तचाप की कमी या अधिकता, दमा, गठिया, अर्धांगवात, गर्भाशय के रोग, मलेरियाजनित यकृत के रोग और मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है।
१५- पपीता : पका पपीता खाने से कब्ज की शिकायत मिट जाती है।
१६- अंजीर : 2 अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर पानी पीने से पेट साफ हो जाता है।
१७- त्रिफला चूर्ण : रात्रि में पानी के साथ 2 से 5 ग्राम “त्रिफला चूर्ण” का सेवन करने से कब्जियत मिटती है।
१८-शोधन कल्प चूर्ण : कितना भी पुराना कब्ज हो “अच्युताय हरिओम शोधन कल्प चूर्ण ” रामबाण इलाज है ।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)