Last Updated on November 4, 2022 by admin
1. बिदारीकन्द : शरीर से खून अधिक निकलने पर बिदारीकन्द के चूर्ण में घी और चीनी मिलाकर दिन में 2 से 3 बार चाटने से रोग में लाभ होता है।
2. पारिजात : पारिजात की 3-4 कोमल पत्ती को 7 कालीमिर्च के साथ पीसकर पानी में मिलाकर पीने से खून का निकलना बंद हो जाता है।
3. झड़बेरी : खून अधिक मात्रा में निकल रहा हो तो झड़बेरी के पंचांग (फल, फूल, जड़ तना, पत्ती) का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।
4. मूली : मासिक-धर्म में अधिक खून आने पर मूली के बीजों का चूर्ण उपयोग में लाना चाहिए।
5. नागकेसर : नागकेसर के चूर्ण को घाव पर लगाने से खून का बहना बंद हो जाता है।
6. मालती : 6 ग्राम मालती के सूखे फूलों के चूर्ण में चीनी मिलाकर खाने से अधिक खून आना बंद हो जाता है।
7. कपूर : खून के बहाव को रोकने के लिए लाल चन्दन और कपूर मिलाकर कई दिनों तक खाने से लाभ होता है।
8. अश्वगंधा : अश्वगंधा का चूर्ण और चीनी बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से खून निकलना बंद हो जाता है और रोग में लाभ होता है।
9. धनिया : 250 ग्राम सूखा धनिया पानी में उबालें। आधा पानी बच जाने पर उतारकर उस काढ़े को घाव पर लगाने से खून बहना बंद हो जाता है।
10. मुलहठी :
- मुलहठी की जड़ का चूर्ण और शर्करा को समान मात्रा में बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 3 से 6 ग्राम तक लेकर चावल के धोवन के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ होता है।
- 60 ग्राम मुलहठी और 20 ग्राम सोनागेरू को अलग-अलग पीसकर मिला लें। चावलों का धुला हुआ (माण्ड) पानी में 4 ग्राम मिश्रण मिलाकर पीने से खून का बहना बंद हो जाता है।
11. समुद्रशोष : 10 ग्राम समुद्रशोष का चूर्ण बनाकर ठंडे पानी के साथ लेने से खून का निकलना बंद हो जाता है।
12. दही : 100 ग्राम मीठी दही 6 ग्राम राल में डालकर खाने से अधिक खून का निकलना बंद हो जाता है।
13. राई : 2 ग्राम राई के चूर्ण को बकरी के दूध के साथ रोजाना सुबह-शाम खाने से खून आना बंद हो जाता है।
14. हल्दी : जोंक के काटे स्थान से अगर खून बहे तो सूखी पिसी हल्दी भर दें इससे खून जल्द ही रुक जाता है और कुछ दिनों में काटा हुआ स्थान भर जाता है।
15. आम : आम की गुठली की गिरी का एक चम्मच चूर्ण बवासीर और रक्तस्राव (खून के बहाव) होने पर दिन में 3 बार सेवन करने से रोगी को आराम मिलता है।
16. मिट्टी का तेल : शरीर के किसी भी भाग के कट जाने पर खून बहना शुरू हो गया हो, तो मिट्टी के तेल में कपड़ा भिगोकर कटे हुए अंग पर लगाकर कसकर पट्टी बांधें। इस प्रयोग से खून का बहना बंद हो जाएगा तथा दर्द भी नहीं होगा। बांधे हुए कपड़े (पट्टी) पर रोजाना मिट्टी का तेल डालते रहने से कटा हुआ स्थान ठीक हो जाता है।
17. फिटकरी :
- ताजा घाव हो, चोट, खरोंच, लगाकर घाव हो गया हो, उससे खून बह रहा हो। ऐसे घाव को फिटकरी के पानी से धोएं और घाव पर फिटकरी को पीसकर इसका पाउडर छिड़कने या बुरकने से रक्तस्राव यानी खून का बहना बंद हो जाता है।
- शरीर में कहीं से भी खून बह रहा हो तो एक ग्राम फिटकरी पीसकर 125 ग्राम दही और 250 मिलीलीटर पानी मिलाकर लस्सी बनाकर सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है।
18. गाजर : गाजर किसी भी अंग से बहने वाले खून को रोकता है।
19. गूलर :
- नाक से, मुंह से, योनि से, गुदा से होने वाले रक्तस्राव (खून के बहने) में गूलर के दूध की 15 बूंदे 1 चम्मच पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से लाभ मिलता है।
- शरीर में कहीं से भी किसी कारण से रक्तस्राव (खून बहना) हो रहा हो, गूलर के पत्तों का रस निकालकर वहां पर लगाने से तुरंत खून का आना बंद हो जाता है।
- मुंह में छाले हो अथवा खून आता हो या खूनी बवासीर हो तो 1 चम्मच गूलर के दूध में इतनी ही पिसी हुई मिश्री मिलाकर रोजाना खाने से रक्तस्राव (खून बहना) बंद हो जाता है तथा मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
20. प्याज : सफेद प्याज के 20 से 30 मिलीलीटर रस को दिन में 2-3 बार पीने से खून का बहना बंद हो जाता है। सफेद प्याज को छाछ के साथ देना भी लाभदायक होता है।
21. निर्गुण्डी : निर्गुण्डी के तेल को घाव या कटे हुए भाग पर लगा सकते हैं। यदि घाव बन जाये तो पिसी हुई हल्दी बुरककर पट्टी बांध देनी चाहिए।
22. नींबू :
- 1 कप गर्म दूध में आधा नींबू को निचोड़-कर दूध फटने से तुरंत पहले पीने से खून का बहना बंद हो जाता है। नोट : इस प्रयोग को 1 या 2 बार से अधिक न करें।
- फेफड़े, आमाशय, गुर्दा, गर्भाशय और मूत्राशय (पेशाब एकत्रित होने का स्थान) से खून के आने पर नींबू का रस ठंडे पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खून का बहना बंद हो जाता है।
23. कुंदरू : कुंदरू के पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) का रस चीनी मिलाकर पीने से होने वाला रक्तस्राव रुकता है।
24. नीम : नीम के वृक्ष के रस में जीरा डालकर 7 दिन तक सेवन करने से खून के बहने और स्त्री का प्रदर रोग दूर हो जाता है।
25. बबूल : बबूल की फलियां, आम के बौर, मोचरस के वृक्ष की छाल और लसोढ़े के बीज को पीस लें, इस मिश्रण को दूध के साथ मिलाकर पीने से रक्त का बहना बंद हो जाता है।
26. अंकोल : अंकोल के फलों के 5 ग्राम चूर्ण को मिश्री 10 ग्राम के साथ पीसकर पानी के साथ पिलाने से मुंह से रुधिर का बहना बंद हो जाता है।
27. अदरक :
- अदरक रक्तस्राव और ‘वसन गड़बड़ी को ठीक करता है। पाचन सम्बन्धी विकारों में लाभकारी होता है। यह आन्त्र रोगों और सर्दी-जुकाम में भी लाभकारी है।
- अदरक का लगभग डेढ़ इंच का टुकड़ा (छिला हुआ और बारीक कटा हुआ), थोड़ा मसाला। सभी सामग्री को ज्यूसर में डालकर रस निकालें और कालानमक डालकर पीयें।
28. सफेद गुड़हल : सफेद गुड़हल की पांच कलियों को घी में तलकर शक्कर डालकर उसका शीरा बनायें और जिन स्त्रियों को गर्भस्राव होता हो, उन्हें दूसरे महीने से लेकर पूरे दो महीने तक लगातार दिन में यह शीरा खिलाना चाहिए। इससे गर्भ स्थिर होता है तथा गर्भ गिरता नहीं है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)