दीर्घायु होने के 23 सरल उपाय | Lambi Aayu ke Upay in Hindi

Last Updated on July 22, 2019 by admin

बीमारी एक अस्वाभाविक क्रिया है जो आहार-विहार में गड़बड़ी से, प्रकृति की व्यवस्था के उल्लंघन से उत्पन्न होती है। आरोग्य, आहार-विहार के संयम से आता है, बहुमूल्य आहार एवं औषधियों से नहीं।आइये जाने लम्बी आयु के रहस्य

100 साल जीने के उपाय : Dirghayu Hone ke Upay

1-रात में सोने से पूर्व व प्रातः काल उठकर शौच करने के बाद ब्रश, दातुन अवश्य करें। कुछ भी खाने के बाद कुल्ला (नमक के पानी से) अवश्य करें।

2-भोजन हमेशा तभी करें जब बहुत तेज भूख लगी हो। भूख से थोड़ा कम ही खाएं। भोजन सात्विक, शुद्ध पदार्थों से ही निर्मित करें। ( और पढ़ेअच्छी सेहत के लिये खान पान के महत्वपूर्ण 50 नियम )

3- अधिक तीखा, खट्टा, मसालेदार, चिकनाई युक्त भोजन स्वास्थ्य का शत्रु है।

4- भोजन में सलाद, कच्ची व हरी सब्जियां, दूध-दही, फल सभी वस्तुओं को थोड़ा-थोड़ा शामिल करें।

5-आहार को अधिक पीसने, तलने, भूनने से उसके स्वाभाविक गुण नष्ट हो जाते हैं। दाल, शाक, फल छिलके सहित खाएं।

6-अंकुरित दालें, चना, गेहूं में थोड़ा सा नीबू, टमाटर, हरी मिर्च व बहुत हल्का नमक मिलाकर खाएं तो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता है। इससे मांसपेशियां पुष्ट होती हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। ( और पढ़ेअंकुरित अनाज खाने के फायदे और नुकसान)

7-सब्जियों को काटने से पहले ही अच्छी प्रकार धो लें। फिर काटने के बाद भी दो बार धोएं। दालों को ठीक से बीनकर बनाएं।

8- सप्ताह में एक दिन उपवास रखें। उपवास वाले दिन नीबू, छाछ, दूध, फल, सलाद आदि ही लें। गरिष्ठ भोजन न करें। पानी खूब पीएं।( और पढ़ेउपवास रखने के 5 बड़े फायदे)

9-प्रातःकाल चार-पांच बजे के मध्य उठ जाएं। रात में दस बजे तक सो जाएं।

10-लम्बी आयु का रहस्य- प्रातःकाल रात का तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल अथवा ताजा जल गुनगुना करके, दो गिलास अवश्य पिया करें। उसके बाद ही शौच जाने की आदत डालें।प्रातः काल चाय न पीएं। प्रातःकाल इस प्रकार जल सेवन अनेक रोगों से बचाता है और शरीर से विषैले तत्वों को धो डालता है।

11-भोजन करते समय व भोजन से आधा घंटा पूर्व तथा एक घंटे बाद तक जल न पीएं। पीना भी पड़े तो एक-दो घूट ही पीएं।

12- भोजन के साथ जल के स्थान पर दही, मट्ठा, छाछ, जूस, फल अथवा सब्जी कोई ले सकते हैं।

13- शरीर के कल-पुर्जा को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है।

14-प्रातःकाल, शौचादि से निवृत्त होकर टहलना व्यायाम माना गया है।

15-प्रातःकाल टहलते समय नाक से गहरी-गहरी सांस लिया करें | हृदय रोगी चिकित्सक से सलाह करके ही टहलने जाएं।

16- टहलने के बाद, घर के आस-पास शाक, क्यारी, फुलवारी आदि लगाकर उनमें थोड़ा कार्य करें।

17- जवान लोग प्रातःकाल धीरे-धीरे दो-तीन कि.मी. की दौड़ लगाया करें।

18-सूर्य नमस्कार एक अच्छा व्यायाम है।

19-प्रातःकाल भारी नाश्ता वे ही लें जिन्हें दिन भर कठोर शारीरिक श्रम करना है।

20- प्रातःकाल नाश्ते में अंकुरित अनाज, दूध, छाछ लिया जा सकता है। साथ में कोई फल भी ले सकते हैं।

21-चार बादाम, चार मुनक्के, दो काली मिर्च रात में भिगोकर, प्रातःकाल सिलबट्टे पर पीसकर नियमित गुनगुने दूध से लें। दिमाग, दृष्टि में दम-खम के लिए सर्वश्रेष्ठ नुस्खा है।

22- चॉकलेट, टॉफी, आइसक्रीम, च्यूंगम, बबलगम जैसी वस्तुएं दातों को गला देती हैं। इनका सेवन न स्वयं करें, न बच्चों को करने दें।

23-लम्बी उम्र के उपाय – सप्ताह में कम से कम एक दिन, स्नान से एक घंटा पूर्व, सारे शरीर की मालिश करें |

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