क्या है लीवर ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण) और यह कैसे होता है ?

Last Updated on August 27, 2021 by admin

लीवर ट्रांसप्लांट या प्रत्यारोपण क्या है ? :

लीवर के ठीक तरीके से कार्य न किये जाने पर लीवर के प्रत्यारोपण पर विचार किया जाता है । लीवर ट्रांसप्लांट या प्रत्यारोपण एक शल्यक्रिया है जिसमें, अस्वस्थ लीवर को निकाल उसके नियत स्थान पर दूसरे स्वस्थ लीवर को प्रतिस्थापित कर दिया जाता है।

सिरोसिस रोग का होना वयस्कों में लीवर प्रत्यारोपण का सबसे आम कारण है तथा बच्चों में, यह पित्त की पथरी है। अन्य स्थितियों में वायरल हैपेटाइटिस, यकृत कैंसर और वंशानुगत रोग हैं।

क्या है लीवर ? :

लीवर शरीर का सबसे आंतरिक अंग है, जिसका वजन लगभग 1,500 ग्राम होता है। यह सीने के नीचे दाहिने भाग में अवस्थित होता है।

लीवर का काम :

  • लीवर पित्त बनाता है, जो भोजन पचाता है, विशेषकर वसायुक्त पदार्थों को।
  • शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन लीवर में ही बनते हैं।
  • यह शरीर में ग्लूकोज का भंडारण करता है और समय-समय पर आवश्यकतानुसार इसे निर्गत करता है।
  • रक्त की सप्लाई लीवर द्वारा हृदय में पहुंचाई जाती है।

लीवर में बीमारी क्यों होती है ? :

  • शराब पीने के कारण।
  • वायरल हैपेटाइटिस जैसे – ए, बी, सी एवं ई के कारण।
  • विभिन्न तरह के संक्रमण जैसे – टी०बी० और अन्य संक्रमण (इंफेक्शन) पित्त लीवर प्रभावित होता है।
  • लीवर कैंसर के कारण भी प्रभावित होता है।
  • बच्चों में अगर जन्मजात पित्त की नली नहीं बनती है तब लीवर खराब हो जाता है। यह लगभग सालभर के अंदर ही होता है।
  • कई तरह के एन्जाइम के कारण भी बच्चों में लीवर से संबंधित बीमारियाँ होती हैं।

लीवर के कारण उत्पन्न रोगों के लक्षण :

  • थकान व कमजोरी महसूस होना।
  • आखों में पीलापन ।
  • पेट दर्द होना।
  • टखनों में दर्द व सूजन होना ।
  • त्वचा में खुजली का होना।
  • उल्टी व मलती का आना।

लीवर के कारण उत्पन्न मुख्य रोग पीलिया होता है, जिसमें आँखें पीली हो जाती हैं, पेशाब पीला होने लगता है, शरीर का वर्ण भी पीलेपन में बदलने लगता है।

लीवर खराब क्यों होता है ?

लीवर की खासियत यह है कि यह जल्दी खराब नहीं होता। यह 20% तक खराब होने पर भी काम करता रहता है। लीवर खराब होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

  • बेतहाशा दवाइयों के उपयोग के कारण लीवर खराब होता है।
  • शराब का अत्यधिक सेवन के कारण मुख्य रूप से लीवर खराब होता है।
  • वायरल हैपेटाइटिस से भी लीवर खराब होता है। वायरल हैपेटाइटिस ए और ई दूषित भोजन और जल के उपयोग से होता है। वायरल हैपेटाइटिस बी और सी रक्त और दूसरों का दूषित रक्त चढ़ाने के कारण भी होता है।
  • संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर, संक्रमित गर्भवती माँ से पैदा हुए बच्चे का भी लीवर खराब होता है।

स्वच्छ पानी और भोजन के उपयोग से लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है।

लीवर ट्रांसप्लांट या प्रत्यारोपण कैसे किया जाता है ? :

लीवर ट्रांसप्लांट में मरीज के बीमार लीवर निकाल कर जिंदा या मृत डोनर का लीवर प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। मृत डोनर का मतलब है डोनर की मृत्यु के तुरंत बाद उसका लीवर निकाल कर 24 घंटे के भीतर प्रत्यारोपित कर दिया जाता हैं।

हालांकि शुरूआती दौर में लीवर प्रत्यारोपण के परिणाम (20%-36%) अच्छे नहीं रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे शल्य तकनीक बेहतर हो रही है और अब ठीक-ठाक परिणाम मिल रहे हैं।

प्रत्यारोपण की एक प्रमुख समस्या इम्युनासप्रेसिव दवाओं के साइड इफेक्ट की होती है। प्रत्यारोपण के बाद मरीज का इम्युन सिस्टम पराये लीवर को आसानी से नहीं अपनाता बल्कि उसे एक बाहरी आक्रमण मानकर उस पर हमले करता रहता है। यह एक बड़ी समस्या है, जिसके समाधान हेतु लंबे समय तक उसे इम्युनासप्रेसिव दवाएं खिलाई जाती हैं। ये इम्युन सिस्टम को दबाकर रखती हैं और नये लीवर की रक्षा करती हैं लेकिन इनके कई साइड-इफेक्ट भी होते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कॉलेस्टेरोल बढ़ना, किडनी संबंधी विकार, हड्डियां कमजोर होना (osteoporosis) और डायबिटीज।

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