नाभि का पकना : लक्षण, कारण और उपचार – Belly Button Infection

Last Updated on April 26, 2022 by admin

नाभि का पकना रोग क्या है ? (Belly Button Infection in Hindi)

नाभि का पकना रोग अधिकतर छोटे बच्चे में होता है। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी नाभी को काटा जाता है लेकिन जब कभी बच्चे की नाभि काटने में गलती हो जाती है तो वहां संक्रामण होकर घाव बन जाता है। इस तरह नाभि काटने से उत्पन्न घाव को नाभि पकना कहते हैं।

नाभि का पकना रोग के लक्षण (Nabhi ka Pakna ke Lakshan in Hindi)

  • इस रोग में बच्चों को तेज दर्द होता है जिसके कारण बच्चा दूध भी नहीं पीता।
  • नाभि पकने पर तेज बुखार,
  • उल्टी,
  • नाभि में खून व मवाद बनना आदि लक्षण पैदा होता है।

नाभि पकने का विभिन्न औषधियों से उपचार (Nabhi Pakne ka ilaj)

1. नीम : नीम के पत्ते को पानी के साथ पीसकर नाभि को धोकर ऊपर से नीम की छाल को घिसकर लगाने से नाभि का पकना ठीक होता है और दर्द व खून निकना बंद होता है।

2. सुपारी : चिकनी सुपारी को पानी में घिसकर नाभि पर लगाने से नाभि से खून व पीव का निकलना ठीक होता है।

3. हल्दी : हल्दी को पीसकर देशी घी में मिलाकर नाभि पर लगाने से नाभि के रोग में आराम मिलता है तथा दर्द ठीक होता है।

4. लौंग : लौंग का तेल व तिल का तेल मिलाकर बच्चे के नाभि पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

5. इलायची : 5 ग्राम छोटी इलायची का दाना, 3 ग्राम दालचीनी, 10 ग्राम छोटी पीपल और 20 ग्राम वंशलोचन को 40 ग्राम चीनी के साथ कूटकर चूर्ण बना लें। यह 5-5 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम 10 ग्राम शहद और 20 ग्राम घी के साथ मिलाकर बच्चे को देने से नाभि का पकना व दर्द ठीक होता है।

6. पीली मिट्टी : पीली मिट्टी को तेज आग पर गर्म करके दूध में घिसकर बच्चे के नाभि पर लेप करने नाभि का दर्द ठीक होता है।

7. ईसबगोल : ईसबगोल को पानी में अच्छी तरह घिसकर बच्चे के नाभि पर लेप करने से नाभि में पीब बनना, खून निकलना व दर्द ठीक होता है।

8. सुपारी : यदि बच्चे की नाल काटते समय गड़बड़ी के कारण जख्म हो गया हो तो चिकनी सुपारी गर्म पानी में घिसकर सुबह-शाम नाभि पर लगाना चाहिए।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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