Last Updated on July 22, 2019 by admin
वास्तु शास्त्र के अनुसार दाम्पत्य सुख में कमी, पति-पत्नी में मनमुटाव, कलह, विवाद, पति-पत्नी के झगड़े समेत दाम्पत्य संबंधों में बिखराव का मूल कारण घर में विद्यमान ऋणात्मक ऊर्जा रहती है, जो वास्तु के मूलभूत नियमों व सिद्धातों की अनदेखी से उत्पन्न होती है। उसकी शुरूआत गृहस्थ जीवन में एक छोटी सी घटना से होती है जो धीरे-धीरे इस कगार पर पहुंच जाती है कि दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे बन जाते हैं।
इन सबसे निपटने व मधुर संबंधों को नयी शक्ति व ऊर्जा देने के लिए सबसे पहले आपको अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा की शक्तियों में वृद्धि करनी होगी। वास्तु में ऐसे कई सूत्र बताए गए हैं, जिनका ख्याल करके आप अभीष्ट की प्राप्ति कर सकते हैं।
आइये जाने Pati Patni ke Jhagde Dur karne ke Upay
पति पत्नी में प्रेम बढ़ाने के वास्तु उपाय : pati patni me prem badhane ke upay
1-घर के ईशान कोण में पति-पत्नी साथ बैठकर पूजा करें। इससे उनके संबंधों में मधुरता आएगी।
2-पत्नी संध्या के समय तुलसी के पौधे के समक्ष दीपक जलाए। इससे घर की नकारात्मक शक्तियां कम होंगी।
3-मकान के प्रत्येक कमरे में ईशान कोण को हमेशा साफ, स्वच्छ रखें। खासकर शयन कक्ष में यह सफाई व पवित्रता बहुत जरूरी है।
4-मकान के आग्नेय भाग में पानी का स्रोत हो, तो उसे हटा दें।
5-दाम्पत्य जीवन में कटुता व ह्रास का एक बड़ा कारण आग्नेय कोण में पानी की टंकी या कुंआ हो सकता है। मकान के दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए।
6-मकान में शयन कक्ष में वास्तुदोष उत्पन्न होने पर पति-पत्नी में आपस में वैमनस्यता बढ़ जाती है, छोटी-छोटी बात पर उनमें लड़ाईयां होने लगती हैं, अहंकार व ईगो हावी हो जाता है। इसलिए सही दिशा में शयन कक्ष का चुनाव बहुत जरूरी है।
दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में स्थित कोने में बने कमरों का शयन कक्ष के रूप में इस्तेमाल करें। इससे दंपति के बीच प्रेम व सौहार्द्र बढ़ता है। घर में आराम से सोने के लिए दक्षिण एवं नैर्ऋत्य कोण अधिक उपयुक्त है।
7-बेडरूम में पलंग को इस तरह बिछाएं, ताकि इस पर दोनों ओर से पहुंचा जा सके।
8-शयनकक्ष की दीवारों पर गुलाबी रंग करने से दम्पति में प्रेम बढ़ता है।
9- बेडरूम में पलंग के नीचे रखी चीजों से वायु के सही संचार में बाधा आती है। इन वस्तुओं से संबंधित दु:स्वप्न आते हैं। वैवाहिक संबंधों में कटुता आती है।
10-यदि मकान के अंदर उत्तर-पूर्व दिशाओं के काने के कक्ष में शौचालय है, तो उसे वहां से हटा दें। क्योंकि इससे दम्पत्ति का जीवन नारकीय बन सकता है। यहां शौचालय होने पर परिवारों के मुखिया को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, तनाव व अव्यवस्था रहती है, संतान सुख में कमी। अगर शौचालय हटाने के पक्ष में नहीं हैं, तो एक बर्तन में समुद्री नमक रख दें अथवा मिट्टी के बर्तन में सेंधा नमक रखने से भी इसका दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
11-यदि पति-पत्नी में काफी मनमुटाव है, तो बेडरूम के पलंग को बदल दें। नया पलंग शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्य अस्त होने से पहले कमरे में लगा दें। बिस्तर भी बदल दें। कुछ ही दिनों में संबंधों में कटुता छटती नजर आएगी।
12-आपके बेडरूम में दरवाजे के सामने कोई खंभा नहीं होना चाहिए, नहीं तो साथ साथ शयन करने वाले दंपत्ति के बीच तकरार बढ़ेगी। वास्तुदोष से बचने के लिए कमरे के दरवाजे पर या द्वार के ऊपर दर्पण लगा देना उत्तम रहता है।
13- मकान का अग्निकोण दूषित होने पर इसका बुरा प्रभाव घर की स्त्री पर पड़ता है। स्त्री तनावग्रस्त, बीमार या मतिभ्रम रह सकती है। अग्निकोण में दोष किस प्रकार के हो सकते हैं. आइए इस पर एक नजर डालते हैं।
• क्या किचन अग्निकोण में स्थित नहीं है? यदि अग्नि कोण में नहीं है, तो गृहणी मानसिक रूप से परेशान रहेगी। नवदंपत्ति का शयनकक्ष अग्निकोण में नहीं होना चाहिए।
• आग्नेय कोण में जल व्यवस्था या जल स्रोत होने से पत्नी पति से दूर रहेगी।
14- घर का प्रवेश द्वार दक्षिण-पश्चिम में होने पर पत्नी तनाव ग्रस्त रहती है। द्वार शीघ्र बदलें। । ध्यान रखें कि मकान या भवन का दक्षिण-पश्चिम कोण कटा हुआ न हो।
15-वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण पश्चिम कोने में वास्तु दोष होने पर दाम्पत्य संबंधों में कटुता आती है। पत्नी या पति दोनों ही व्याधियों से घिरे हो सकते हैं। यह गंभीर वास्तु दोष है, पति पत्नी में तलाक की नौबत भी ला सकता है।
16-जिन विवाहित व्यक्तियों के कमरे के फर्श में दरारे होती हैं, या फर्श बराबर नहीं हो अथवा जहां-तहां से उखड़ा हो, फर्श की ढलान एक-सी न हो, ऐसी स्थिति में पति-पत्नी के बीच बात-बेबात लड़ाई झगड़े हो सकते हैं।