आंखों के लिए जब रोशनी सहना काफी मुश्किल हो जाता है अर्थात रोशनी में आते ही रोगी की आंखें चौंधिया जाती हैं तो इस रोग को रोशनी से डरना कहते हैं।
फोटोफोबिया के लक्षण (Photophobia ke Lakshan)
आमतौर पर फोटोफोबिया दोनों आंखों को समान रूप से प्रभावित करता है। लेकिन कभी-कभी इसके लक्षण केवल एक आंख में भी प्रगट हो सकते हैं।
फोटोफोबिया के लक्षणों में शामिल हैं –
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता,
- रोगी का प्रकाश से परहेज करना,
- सामान्य प्रकाश का अत्यधिक उज्ज्वल दिखाई पड़ना,
- चमकीले रंग के धब्बे दिखाई पड़ना,
- चित्र या लिखावट को पढ़ने या देखने में कठिनाई महसूस होना,
- प्रकाश को देखते समय दर्द या बेचैनी होना,
- माथे में दर्द,
- आंखों से आंसू,
- ऐसा अहसास कि आपकी आंखें अत्यधिक शुष्क हैं,
- रोगी अपनी आँखें बंद करना चाहता हैं,
अक्सर, फोटोफोबिया थकान, मतली और सिर दर्द सहित अन्य लक्षणों के साथ होता है।
फोटोफोबिया का ईलाज (Photophobia ka Ilaj)
फोटोफोबिया (प्रकाश संवेदनशीलता) का घरेलू उपचार –
1. ममीरा (Golden thread root) : ममीरा को प्रतिदिन आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के रोग में आराम मिलता है।
2. निर्गुन्डी (सिनुआर) : लगभग 10 से 20 मिलीलीटर सिनुआर के पत्तों का रस सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।
3. नागदन्ती : लगभग 3 से 6 मिलीलीटर नागदन्ती की जड़ का रस, सिनुआर के पत्तों का रस और करंज का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से रोशनी में आंखों का चौंधियाना बन्द होता है।
4. सत्यानाशी : सत्यानाशी के दूध में रूई को भिगोकर छाया में सुखा लें और फिर इस रूई को सत्यानाशी के दूध में भिगोकर सुखा लें। इस तरह रूई को 16 बार सत्यानाशी के दूध में भिगोकर सुखा लें। फिर इस रूई की बत्ती बनाकर एरण्ड (एरण्ड) के तेल में भिगोकर जलाकर उससे निकले वाले धुंए को किसी बर्तन में एकत्रित करके काजल बना लें। यह प्रतिदिन काजल की तरह आंखों में लगाने से आंख की रोशनी बढ़ जाती है और कभी भी चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती और रोशनी से डरने की शिकायत भी दूर होती है।
5. बारहसिंगा : बारहसिंगी की सींग को दूध के साथ घिसकर प्रतिदिन 2 से 3 बार आंखों पर लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है और रोशनी से डरने की शिकायत दूर होती है।
6. आंवला : 125 ग्राम सूखा आंवला, 125 ग्राम सौंफ और 125 ग्राम चीनी या मिश्री को एक साथ मिलाकर अच्छी तरह पीसकर रख लें। यह 1 से 2 चम्मच चूर्ण प्रतिदिन गाय के दूध के साथ पीने से आंखों के रोग दूर होते हैं और आंखों की रोशनी तेज होती है।
7. मिश्री : लगभग 6 से 10 ग्राम महात्रिफलादि घी को मिश्री मिले हुए ठंड़े दूध में मिलाकर सुबह-शाम पीने से रोशनी से डरना, आंखों की जलन, आंखों का लाल होना और आंखों में दर्द आदि रोग दूर हो जाते हैं। त्रिफला के पानी से प्रतिदिन आंखों को धोने से भी लाभ मिलता है।
8. त्रिफला :
- लगभग 6 ग्राम त्रिफला के चूर्ण को मिश्री के साथ मिलाकर खाने के बाद त्रिफला का काढ़ा पीने से रोशनी से डर लगने का रोग दूर हो जाता है।
- त्रिफला के काढ़े से आंखों को दिन में दो बार साफ करने से आंखों के रोग में लाभ होता है।
9. अगस्ता : अगस्ता के पत्तों के रस और फूलों के रस को मिलाकर नाक में डालने से रोशनी से डरना ठीक होता है।
10. दूध :
- यदि कोई बच्चा रोशनी से डरता हो तो उस बच्चे के आंखों में बूंद-बूंद करके मां का दूध डालना चाहिए। इससे आंखों की कई सारे रोग दूर हो जाते हैं।
- भैंस के कच्चे दूध बूंद-बूंद करके प्रतिदिन आंखों में डालने से रोशनी से डर लगना बन्द हो जाता है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)