असामयिक यौवन (प्रीकोशियस प्यूबर्टी) – Precocious Puberty in Hindi

Last Updated on October 6, 2020 by admin

असामयिक यौवन अर्थात क्या ? (What is Precocious Puberty in Hindi)

प्रीकोशियस प्यूबर्टी क्या है ?

लड़के-लड़कियों दोनों में किशोरावस्था में अनेक शारीरिक, व्यावहारिक बदलाव होते हैं। साथ ही प्रजनन यौनांग विकसित और परिपक्व होकर प्रजनन के लिए सक्षम हो जाते हैं। लड़कियों में किशोरावस्था का प्रथम स्पष्ट परिवर्तन स्तनों का विकास होता है फिर जननांगों तथा बगल के बाल निकलते हैं, लंबाई तेजी से बढ़ती है, कंधे संकरे और कूल्हे चौड़े हो जाते है, त्वचा के नीचे वसा जमा होने के कारण वह कोमल होती है। इसके अलावा बाह्य और आंतरिक प्रजनन अंग विकसित और परिपक्व होते हैं, योनि स्राव शुरू होता है, मेनसेज शुरू होता है। प्रथम मेनसेज मिनारकी (Menarche) कहलाता है। शुरू में यह अनियमित तथा कुछ समय पश्चात नियमित होने लगता है।

सामान्यतः लड़कियों में कौमार्य की शुरुआत 11 से 13 वर्ष की आयु में होती है। समय पूर्व या देर से मेनसेज शरू होना. दोनों ही एक समस्या है। आधुनिक युवाओं में बेहतर पोषण, वातावरण इत्यादि कारणों से किशोरावस्था शुरू होने की आयु कम हो रही है। किशोरावस्था में होने वाले बदलाव मस्तिष्क के हाइपोथैलेसम से प्रसारित संदेशों और हार्मोन के पिट्यूटरी ग्रंथि से एफ.एस.एच. और एल.एच. हार्मोन स्रावित होकर इनके प्रभाव से अंडाशय से एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रान हार्मोन स्राव के कारण होते हैं। यदि 8 वर्ष आयु से पहले स्तनों का विकास या 9 वर्ष आयु पूर्व मेनसेज शुरू होता है, तो यह समय पूर्व कौमार्यावस्था (Precocious Puberty) या असामयिक यौवन कहलाती है। जल्दी कौमार्यावस्था होने पर अबोध लड़कियां परेशान, चिन्तित हो सकती हैं, हमउम्र सहेलियां मजाक बना सकती हैं और माता-पिता का चिन्तित होना भी स्वाभाविक है।

असामयिक यौवन के लक्षण (Precocious Puberty Symptoms in Hindi)

प्रीकोशियस प्यूबर्टी के क्या लक्षण होते हैं ?

  • तेजी से शारीरिक विकास का होना
  • पीरियड्स (माहवारी) का जल्दी होना
  • बगल के बालों का जल्दी निकलना
  • समय से पूर्व स्तनों का विकास
  • यौन इच्छा का उत्पन्न होना
  • चेहरे पर मुंहासे निकलना

असामयिक यौवन के मुख्य कारण (Precocious Puberty Causes in Hindi)

प्रीकोशियस प्यूबर्टी क्यों होता है ?

किशोरावस्था की शुरुआत हाइपोथैलमस के सक्रिय होकर गोनेडोट्राफिन रिलीजिंग हार्मोन से स्राव शुरू होने के कारण होती है।

यदि यह स्थिति कम आयु में शुरू हो जाती है, तो लड़कियां कम उम्र में ही परिपक्व होने लगी हैं। इनमें कम आयु में ही सभी बदलाव होने लगते हैं और गर्भ ठहरने की संभावना रहती है। जल्दी किशोरावस्था होने के कारण इनमें भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं। जल्दी लम्बाई बढ़नी शुरू होने पर इनकी लम्बाई बढ़ना भी जल्दी बंद होने के कारण अक्सर इनका कद कम रह जाता है। इस समस्या के उपचार के लिए यदि गोनेडोट्रफिन रिलीजिंग हार्मोन के समकक्ष तत्व दिए जाते हैं, तो इसके प्रभाव से एस्ट्रोजन हार्मोन स्राव कम होने से प्रजनन अंगों का विकास रुक जाता है। उपचार बंद करने पर पुनः सामान्य रूप से होने लगता है।

समय पूर्व कौमार्य की यह स्थिति करीब 10 प्रतिशत में होती है। इसको बीमारी नहीं कहा जाता, बस शरीर की जैविक जड़ें तेज हो जाती है। करीब 10 प्रतिशत में यह अनियमितता मस्तिष्क के रोगों, संक्रमण, ट्यूमर में चोट लगने इत्यादि कारणों से हो सकती है। इनमें रोग की पुष्टि के लिए सी.टी स्कैन, एम.आर.आई. इत्यादि जांच करवाई जाती है। रोग उपचार कारण के अनुसार निर्धारित होता है।

कभी-कभी अधिवृक्क ग्रंथि की अतिसक्रियता होने से एन्जाइम की कमी के कारण शीघ्र कौमार्य (असामयिक यौवन) हो सकता है।

कुछ लड़कियों में एस्ट्रोजन हार्मोन के मात्रा ज्यादा होने से शारीरिक बदलाव तो होते हैं, पर मेनसेज नहीं होता तथा अंडाशय से अंडा निषेचित होता है। यह दशा नकली पूर्व कौमार्य (Precocious Pseudo Puberty) कहलाती है। यह विकार अंडाशय के विभिन्न रोगों के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन स्रावित होने के कारण एडरीनल ग्रंथि से एस्ट्रोजन हार्मोन स्रावित होता है या हाइपोथाइराडिज्म रोग के कारण हो सकता है।

यदि लड़कियां एस्ट्रोजनयुक्त दवाइयां, क्रीम या भोज्य पदार्थ गोश्त, अंडों इत्यादि का सेवन करती हैं, तो भी हो सकती है। इनमें किशोरावस्था के प्रातः सभी बदलाव क्रमबद्ध ढंग से नहीं होकर आधे अधूरे होते है।

असामयिक यौवन का परीक्षण (Diagnosis of Precocious Puberty in Hindi)

प्रीकोशियस प्यूबर्टी का परीक्षण कैसे किया जाता है ?

असामयिक यौवन निदान के तरीके निम्नलिखित हैं –

  • विशेषज्ञ सबसे पहले परिवार के इतिहास के बारें में जानेगा,
  • बच्चे की रोग हिस्ट्री की समीक्षा,
  • हार्मोन के स्तर की जाँच,
  • सी.टी स्कैन ,
  • एम.आर.आई ,
  • एक्स-रे ,
  • इत्यादि जांच करवाई जाती है।

असामयिक यौवन के जोखिम और जटिलताएं (Precocious Puberty Risks & Complications in Hindi)

यदि कौमार्य कम आयु में शुरू होता है तो यह मानसिक, शारीरिक रूप से इनके लिए तैयार नहीं होती इनमें विभिन्न मानसिक समस्याएं जैसे-

  • अवसाद ।
  • भोज्य संबंधी रोग हो सकता है।
  • इनके हीन भावना हो सकती है।
  • कुछ लड़कियों का स्वभाव उग्र हो जाता है।
  • अन्य शर्म के कारण अलग रहने लगती है।
  • यह अपनी हम उम्र सहेलियों व दूसरों से मिलने में हिचकती है।
  • यह अपनी हम उम्र सहेलियों से लंबी होने के कारण उनसे दोस्ती नहीं रख पाती है ज्यादा उम्र से भी नहीं।
  • यदि यह कम आयु की नादान युवती यौन संबंध बनाती है तो गर्भ ठहरने का खतरा रहता है।
  • अध्ययन से ज्ञात हुआ है, शीघ्र कौमार्य (असामयिक यौवन) होने वाली लड़कियों में धूम्रपान या निषेध नशीली दवाओं के आदि होने की समानता ज्यादा होती है।
  • इनमें भविष्य में स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

यदि लड़की कम उम्र में ही किशोवस्था प्राप्त कर रही है तो, चिकित्सक से सलाह ले व आवश्यक जांचे करवाएं यदि कोई रोग नहीं है, तो इनके कार्यों, आदतों पर निगाह रखनी चाहिए, जिससे यह गलत आदतों का शिकार न हो।

इनको पूरी तरह बताना चाहिए कि यह सामान्य प्रक्रिया है, बस उनमें जल्दी शुरू हो गयी है। इसके लिए शर्माना, डरना उचित नहीं है। आवश्यकता होने पर उपचार द्वारा इसको रोका जा सकता है, कुछ हद तक मृदु बदलाव से पुनः पूर्व स्थिति में आ सकते है। समुचित आयु पर उपचार करने से इनका विकास पुनः सामान्य रूप से होता है।

Leave a Comment

Share to...