Last Updated on August 27, 2020 by admin
सोरायसिस :Psoriasis Symptoms and Treatment in Hind
सोरायसिस क्या है ? : Psoriasis in Hindi
सोरायसिस(अपरस/ Psoriasis) एक प्रकार का चर्मरोग है जो संक्रामक होता है। यह रोग सर्दियों के मौसम मे होता है। यह रोग उन व्यक्तियों को होता है जो अधिक परेशानियों से घिरे रहते हैं। इस रोग का प्रभाव व्यक्तियों की कलाइयों, कोहनियों, कमर, हथेलियों तथा कंधों पर होता है।
सोरायसिस के लक्षण : Psoriasis Symptoms in Hind
जब यह रोग किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग पर होता है तो उस भाग की त्वचा का रंग गुलाबी हो जाता है और फिर उस पर सफेद खुरंट जम जाते हैं। जब ये खुरंट छूटते हैं तो त्वचा से रक्त निकलने लगता हैं। आइये जाने psoriasis ka ilaj kya hai आयुर्वेद में |
विभिन्न औषधियों से उपचार : Psoriasis ka ayurvedic ilaj
सोरायसिस का घरेलूउपचार
1. फिटकरी : भुनी फिटकरी, आमलासार गंधक, भुना हुआ सुहागा और शक्कर को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सफेद वैसलीन में मिलाकर रोजाना 2-3 बार त्वचा पर लगाने से सोरायसिस के रोग में लाभ होता है।
2. आंवला : 4 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण और 2 ग्राम हल्दी का चूर्ण थोड़े दिनों तक पानी या दूध के साथ रोजाना 2 बार पीने से खून साफ हो जाता है और त्वचा के दूसरे रोग खाज-खुजली आदि दूर हो जाते हैं।
3. शिलारस : शिलारस को 4 गुना तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से सोरायसिस, खाज-खुजली आदि त्वचा के रोग दूर हो जाते हैं।
4. गंधक : असली गंधक को सरसों के तेल में मिलाकर धूप में रख दें। तेल के गर्म हो जाने के बाद उस तेल से जहां पर सोरायसिस रोग (चमड़ी का फट जाना) हो वहां पर लगाने से लाभ होता है।
5. तिल : काले तिल और बावची को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 10 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम खाने से खून साफ हो जाता है और अपरस (psoriasis )का रोग दूर हो जाता है।
6. काकड़ासिंगी : पुराने से पुराने त्वचा के रोग में काकड़सिंगी का लेप करने से लाभ होता है।
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सोरायसिस का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार :
• सोरायसिस(अपरस) रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को कम से कम 7 से 15 दिनों तक फलों का सेवन करना चाहिए और उसके बाद फल-दूध पर रहना चाहिए।
• सोरायसिस(अपरस) रोग से पीड़ित व्यक्ति को यदि कब्ज की शिकायत हो तो उसे गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए । जिसके फलस्वरूप रोगी का यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
• सोरायसिस / Psoriasis रोग से पीड़ित रोगी को उपचार करने के लिए सबसे पहले उसके शरीर के दाद वाले भाग पर थोड़ी देर गर्म तथा थोड़ी देर ठण्डी सिंकाई करके गीली मिट्टी का लेप करना चाहिए। इसके फलस्वरूप सोरायसिस(अपरस)रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
• रोगी व्यक्ति के सोरायसिस(अपरस)वाले भाग को आधे घण्टे तक गर्म पानी में डुबोकर रखना चाहिए तथा इसके बाद उस पर गर्म गीली मिट्टी की पट्टी लगाने से लाभ होता है।
• रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक प्रतिदिन गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए और फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए। इसके फलस्वरूप अपरस (psoriasis )रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
• सोरायसिस(अपरस)रोग से पीड़ित रोगी को नींबू का रस पानी में मिलाकर प्रतिदिन कम से कम 5 बार पीना चाहिए और सादा भोजन करना चाहिए।
• सोरायसिस(अपरस) रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को दाद वाले भाग पर रोजाना कम से कम 2 घण्टे तक नीला प्रकाश डालना चाहिए।
• आसमानी रंग की बोतल के सूर्यतप्त जल को 25 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन दिन में 4 बार पीने से अपरस(psoriasis ) रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
• सोरायसिस/ Psoriasis रोग से पीड़ित रोगी को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
• रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह के समय में स्नान करना चाहिए और उसके बाद घर्षण स्नान करना चाहिए और सप्ताह में 2 बार पानी में नमक मिलाकर स्नान करना चाहिए।
• रोगी को अपने शरीर के सोरायसिस(अपरस) वाले भाग को प्रतिदिन नमक मिले गर्म पानी से धोना चाहिए और उस पर जैतून का तेल या हरे रंग की बोतल व नीली बोतल का सूर्यतप्त तेल लगाना चाहिए। इसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है।
• रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन अपने शरीर के रोगग्रस्त भाग पर नीला प्रकाश डालना चाहिए। इसके अलावा रोगी को रोजाना हल्का व्यायाम तथा गहरी सांस लेनी चाहिए। जिसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है।
सोरायसिस की आयुर्वेदिक दवा : Psoriasis ki ayurvedic dawa
सोरायसिस में गोझरण अर्क ( Gaujaran Ark) व अच्युताय हरिओम लिवर टोनिक सिरप का सेवन विशेष लाभ प्रदान करता है|
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)