Last Updated on May 3, 2021 by admin
आज के युग में भाग-दौड़ मची हई है। कोई रात में जाग कर डयूटी कर रहा है और दिन में सो रहा है, तो कोई टी. वी. चैनलों पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों को देखने के चक्कर में देर रात को सोने लगता है। दूसरी और कुछ छात्र तो रात के एक-दो बजे तक पढ़ते हैं और सुबह नौ-दस बजे उठकर अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं। ये दोनों ही स्थितियां अप्राकृतिक होने के कारण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। नियत समय पर शीघ्र सोना और सूर्योदय के पूर्व जागना ही प्राकृतिक नियम है।
निद्रा का महत्व (Importance of Sleep in Hindi)
मस्तिष्क, शरीर और मन को स्वस्थ, गतिशील और कार्य में सक्षम बनाए रखने के लिए नींद लेना जरूरी है। निद्रा का प्रभाव शरीर व इसके समस्त अंगों पर तो पड़ता ही है, साथ ही आंखों को भी यह बहत प्रभावित करती है। यदि नियमित रूप से नींद ली जाए तो वह मनुष्य को स्वभावत: स्फूर्ति प्रदान करती है। शरीर तथा मस्तिष्क की थकान दूर करके मनुष्य को सक्रिय कार्य में लगने की प्रेरणा नींद ही देती है। कहा गया हैं-अर्द्ध रोग हारी निद्रा’ अर्थात् रोग दूर करने में नींद आधा काम करती है। अच्छी और गहरी नींद शरीर की आरोग्य प्रदान करती है। निद्रावस्था में रक्त प्रवाह और श्वसन प्रणाली कम कार्य करती है। प्रत्येक अंग और उसके कार्य की कमी की वजह से शरीर को बहुत आराम मिलता हैं।
एक अनुमान के अनुसार एक व्यक्ति अपनी आयु का एक तिहाई भाग सोने में व्यतीत कर देता हैं। इसका एक चौथाई भाग सुंदर, सुहाने सपने देखने में गुजार देता हैं। मतलब यह है कि एक 75 वर्षीय व्यक्ति अपने जीवन के 25 वर्ष सोकर गुजारता है। जिससे ज्ञात होता है कि हमारे जीवन में नींद का कितना महत्त्व है।
रात में देर से सोने से नुकसान (Der Raat Tak Jagne ke Nuksan in Hindi)
पूरी नींद न लेने से स्नाय संस्थान पर बहुत बुरा असर पड़ता है। मस्तिष्क भी प्रभावित हए बिना नहीं रहता।
- नर्वस सिस्टम के ठीक से काम न करने के कारण हाथ-पैर लड़खड़ाना,
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन,
- क्रोध,
- बैचेनी,
- झगड़ालू स्वभाव,
- आंखों में भारीपन,
- पूरे शरीर में आलस्य शरीर टूटने की अनुभूति,
- भ्रम उत्पन्न होना,
- तंद्रावस्था,
- अजीर्ण,
- मंदाग्नि,
- वमन, श्वास, अतिसार, ज्वर, तृष्णा, हृदय रोग जैसी तकलीफें हो सकती हैं।
जहां शरीर और मस्तिष्क को कम सोने से हानि होती है, वहीं आवश्यकता से अधिक सोने से भी स्वास्थ्य को हानि पहंचती है। अत: जो लोग देर से उठते है और जल्दी सोते हैं उन्हें –
- सुस्ती, प्रमेह, खांसी, अरुचि, बुद्धि का कम होना, जीवन क्षय आदि दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
- इसके अलावा दिनभर शरीर थकाहारा-सा महसूस होता है।
- मन उदास व खिन्न रहता है।
- किसी कार्य में मन नहीं लगता है।
- बार-बार जम्हाई आती है और पूरी दिनचर्या ही अव्यवस्थित हो जाती है।
( और पढ़े – सूर्योदय से पहले सुबह जल्दी उठने के फायदे )
सुबह जल्दी उठने के लाभ (Subah Jaldi Uthne ke Fayde in Hindi)
1). शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक – अंग्रेजी की एक बहुत पुरानी कहावत मशहर है – ‘अर्ली टू बेड अर्ली टू राइज, मेक्स ए मैन हैल्थी, वैल्थी एंड वाइज़’ योनी जल्दी सोना और जल्दी उठना व्यक्ति को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाता है, फिर भी अधिकांश बच्चे और युवा देर तक सोना पसंद करते हैं।
2). दीर्घायु प्रदान करें – ऋग्वेद में लिखा है कि प्रात: काल सुर्योदय से पूर्व उठने वालों को उत्तम स्वास्थ्य रत्न की प्राप्ति हाती हैं इसलिए बुद्धिमान उस समय को व्यर्थ नहीं खोते। प्रात: जल्दी उठने वाला व्यक्ति पुष्ट स्वस्थ, बलवान सुखी, दीर्घायु और वीर होता है।
3). स्फूर्ति और उमंग बढ़ाये – इसमें काई संदेह नहीं कि जल्दी उठना स्वारथ्य के लिए लाभदायक होता है, क्योंकि देर से उठने वालों की दिनचर्या गड़बड़ा जाती है और दिनचर्या गड़बड़ा जाने से हम तनाव से घिर जाते है। जो लोग सूर्योदय के पहले उठते हैं, उनके मन में दिन भर उमंग और तन में स्फूर्ति बनी रहती है।
4). फेफड़ों को बलवान बनाये – सूर्योदय से पहले ब्रहम महर्त का समय लगभग एक से डेढ़ घंटे का होता है। इस समय की हवा में प्राणवाय भरपूर होती है। यह हमारे फेफड़ों को बलवान बनाती है। इसे पाने के लिए प्रात: काल की बेला में खुले मैदान में घूमना चाहिए। सूर्योदय के समय जो सुंदर दृश्यों की छटा देखने को मिलती है, वातावरण की खुशबू सूंघने में आती है, वह हमारे मस्तिष्क को अपूर्व उल्लास देती है। प्रात: काल की शुद्ध वायु में किए गए व्यायाम, हमारे पेंट, स्नाय मंडल, मस्तिष्क और नेत्रों को बड़ा लाभ मिलता है। ( और पढ़े – सुबह की सैर करने के चमत्कारी फायदे जान आप भी रह जायेंगे हैरान )
5). अनिद्रा रोग से रक्षा – जो सुबह जल्दी उठते हैं, उन्हें रात से समय से नींद आ जाती है, अनिद्रा का रोग उन्हें नहीं सताता। नींद भी गहरी आती है।