Last Updated on February 24, 2022 by admin
सिर दर्द क्या है ? : Headache in Hindi
सिर दर्द में कपाल (ललाट) के दोनों ओर की कनपटियों में तेज दर्द होता है जिसे सिर दर्द (sir dard)कहते हैं।
सिर दर्द के प्रकार : sir dard ke prakar
सिर दर्द 11 तरह के होते हैं- वातज, शंखक, अर्द्धविभेदक, सन्निपातज, रक्तज, क्षयज, पित्तज, कफज, कृमिज, सूर्यावर्त और अनन्तवात। सिर दर्द अपने आप में कोई रोग नहीं है और यदि सिर दर्द बिना किसी कारण के उत्पन्न होता है तो यह 2 या 3 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है।आइये जाने की आखिर सिर दर्द क्यों होता है|
सिर में दर्द होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं : Sar Dard ke Karan in Hindi
- सिर में दर्द होने का सबसे प्रमुख कारण पाचनक्रिया का खराब होना और मल का सही तरह से शरीर के बाहर न निकलना हो सकता है।
- शरीर में जहरीले पदार्थ उत्पन्न हो जाने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- अधिक मानसिक या शारीरिक कार्य करने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- अधिक दर्द निवारक औषधियों का सेवन करने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- कब्ज बनने के कारण सिर में दर्द हो जाता है।
- भोजन के ठीक तरह से न पचने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- पेट में अन्य प्रकार की खराबियों के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- अधिक उत्तेजक वस्तुएं जैसे- चाय, कॉफी, तम्बाकू आदि के सेवन से सिर में दर्द शुरू हो जाता है।
- आंतों में किसी तरह की खराबी हो जाने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है।
- कई प्रकार के रोगों के हो जाने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है जैसे- भूख न लगना, जुकाम, हृदय के रोग, नाड़ी में कमजोरी आ जाने, कानों के रोग, शरीर में ऊर्जा की कमी, शरीर में खून की कमी हो जाना, मस्तिष्क सम्बन्धित रोग, यकृत की शिथिलता तथा नींद न आना आदि।
- अत्यधिक परेशानी, शोक तथा भय के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- सिर पर ज्यादा कसके पट्टी बांधने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- स्त्रियों को मासिकधर्म के शुरू होने पर अधिक स्राव होने के कारण भी सिर में दर्द होता है।
- मासिकधर्म बंद हो जाने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है।
- किसी वस्तु को ज्यादा गौर से देखने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है।
- कम रोशनी में पढ़ने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है।
- आंखों के रोग हो जाने के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- हाई ब्लडप्रेशर या लो ब्लडप्रेशर के कारण भी सिर में दर्द हो सकता है।
- अधिक छींकने, खांसने या शरीर को एकाएक मोड़ देने से भी सिर में दर्द हो सकता है।
- मस्तिष्क में खून की अधिकता हो जाने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है क्योंकि इस कारण से खून की गति में विभिन्नता हो जाती है तथा तनाव उत्पन्न हो जाता है और सिर के अंदर की खून की नलिकाएं फूल जाती हैं।
- सर्दी तथा जुकाम हो जाने के कारण सिर के ललाट (माथा) और कनपटियों में दर्द होने लगता है जो सिर में तेज दर्द होने का कारण बनता है।
- गर्दन के पिछले भाग में दर्द हो रहा हो तो नाड़ी कमजोर हो जाती है और नाक, आंख तथा मस्तिष्क में कई प्रकार के रोग हो जाते हैं जिसके कारण भी सिर में भी दर्द होने लगता है।
- जिगर में किसी तरह का रोग उत्पन्न हो जाने के कारण पित्त का स्राव कम हो जाता है और आंतों के कार्य करने की गति में कमी आ जाती है जिसके कारण सिर में दर्द होने लगता है।
सिर दर्द के लक्षण : Sir Dard (sar dard) ke Lakshan in Hindi
सिर दर्द से पीड़ित रोगी में अनेक प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं जिनकी वजह से सिर दर्द के रोगी को पहचाना जा सकता है। सिर दर्द के रोगी में विभिन्न प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं-
- सिर के दूसरी तरफ दर्द होना और आंखों में भारीपन महसूस होना।
- कफ के कारण उत्पन्न सिर दर्द में जब दिमाग कफ से जकड़ जाता है तो रोगी को सिर भारी व छूने से ठंड़ा महसूस होता है।
- वात सिर दर्द में अचानक दर्द उठता है जो रात को और अधिक बढ़ जाता है।
- पित्तज सिर दर्द में रोगी का सिर दिन में आग की तरह गर्म और रात में बहुत ठंड़ा हो जाता है।
- सन्निपातज सिर दर्द में वातज, पित्तज और कफज के लक्षण ही पाए जाते हैं।
- क्षयज सिर दर्द में सुईं के चुभने की तरह दर्द होता है। इसमें बेहोशी उत्पन्न होना और आंखों की पुतलियां का फिरना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं।
- कीड़ों के कारण उत्पन्न (कृमिज) सिर दर्द में नाक से पानी गिरता है, कफ के साथ खून आता है और सिर के अन्दर जकड़न महसूस होती है।
- सूर्यावर्त सिर दर्द में सूरज निकलने के साथ सिर दर्द शुरू होता है और दोपहर तक बढ़कर सूरज डूबने के साथ धीरे-धीरे शाम तक दर्द समाप्त हो जाता है।
- अनन्तवात के सिर रोग में आंखों, गर्दन और सिर की नसों में दर्द होता है।
- शंखक सिर दर्द में कनपटी में तेज दर्द होता है और सिर में जलन के अलावा लाल रंग की सूजन आ जाती है।
- अर्धविभेदक सिर दर्द में एक ओर की कनपटी, आंख, भौंह, कान और माथे में बहुत तेज दर्द होता है।
- रक्तज सिर दर्द में पित्तज सिर दर्द के समान लक्षण उत्पन्न होते हैं।
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भोजन और परहेज :
- सिर दर्द से पीड़ित रोगियों के लिए दाल, पुराना घी, करेला, आंवला, बथुआ, अनार, बिजौरा नींबू, आम, नारियल, तेल, मट्ठा, कांजी, शालि चावल, सांठी के चावल सेवन करना लाभकारी होता है।
- मल-मूत्र को रोकना, दिन में सोना और विरुद्ध अन्न का सेवन करना आदि सिर दर्द के रोगियों के लिए हानिकारक होता है। धूप में घूमना, रात को देर से सोना और अधिक संसार-व्यवहार करने से बचना चाहिए।
सिर दर्द दूर करने के घरेलू उपाय : Sar dard ka Desi Gharelu Upchar in Hindi
1. हींग :
- थोड़ी-सी हींग को पानी में घोलकर माथे पर लगाने से सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द कुछ ही मिनटों में खत्म हो जाता है।
- पानी में हींग को घोलकर इसकी कुछ बूंदें नाक में डालने से आधासीसी के कारण होने वाला दर्द दूर हो जाता है।
2. कालीमिर्च :
- लगभग 4 कालीमिर्च, 3 ग्राम अदरक और 7-8 तुलसी के पत्तों को हल्का सा कूटकर पानी में उबालकर चाय बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च और धनिये को पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द तुरन्त ही खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च, लौंग और तुलसी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च और चूल्हे की जली हुई मिट्टी को बारीक पीसकर सूंघने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
- कालीमिर्च के चूर्ण को भांगरे के रस के साथ पीसकर सूंघने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च को पीसकर सूंघने या सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- नमक और कालीमिर्च को पीसकर प्याज के रस में घोलकर लेप की तरह सिर पर लगाने से सिर का दर्द जल्दी ठीक हो जाता है।
- दो चुटकी पिसी हुई कालीमिर्च के चूर्ण में खांड़ डालकर खाने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
3. घी :
- सुबह नाक के नथुनों में गाय के घी 3-4 बूंद डालने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- घी और दूध को अधिक मात्रा में लेने से पित्तजन्य (गर्मी) के कारण होने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- सिर पर घी को मलने और सूंघने से सिर का दर्द मिट जाता है।
- पैरों के तलवों पर रात को सोते समय घी की मालिश करने से अकारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- नियमित रूप से भोजन के रूप में शुद्ध देशी घी खाने से सिर के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
- कालीमिर्च और मुर्गे की बीट बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सिर में यदि बायीं ओर दर्द हो तो दायीं और दायीं ओर दर्द हो तो बायीं ओर लगाने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
- गाय की लोनी (मक्खन) अथवा वैसलीन में कपूर व पिसा हुआ सेंधानमक मिलाकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- सुबह शुद्ध देशी घी में बनी हुर्ह गर्म-गर्म जलेबियों को खाने के बाद गर्म-गर्म दूध पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
4. भृंगराज (भांगरा) :
- भांगरे के तेल को ठंड़ा करके सिर पर लगाने और तेल की मालिश करके ठंड़े पानी की पटि्टयों को सिर पर रखने से गर्मी के दिनों में धूप में घूमने के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- भांगरे के रस और बकरी का दूध बराबर मात्रा में मिलाकर धूप में रखकर गर्म करें और सूंघने से सिर का दर्द और आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है।
- भांगरे का रस और गाय का दूध बराबर मात्रा में लेकर पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- दशमूल की जड़ों से निकाले तेल और भांगरे के तेल को मिलाकर लगाने से तेज सिर दर्द दूर हो जाता है।
- भांगरा का रस 1 मिलीलीटर, 2 ग्राम कांजी, 5 मिलीलीटर बेरी का रस, 3 ग्राम सहजना, 6 मिलीलीटर तुम्बी का रस और 4-4 ग्राम इमली, सोंठ, परवल, हल्दी, अडूसा, सेंधानमक, हरड़ व तुलसी के पत्ते। इन सभी को चौथाई सरसों के तेल में मिलाकर पकाएं और जब पानी जलकर केवल तेल बच जाए तो इसे एक ढक्कन वाली बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को सूंघने से सिर के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
5. पीपल :
- पीपल के पेड़ के 4 कोमल पत्ते को चबाकर रस चूसकर फेंक देने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- छोटी पीपल के 2 या 3 फलियों को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सिर दर्द से पीड़ित रोगी को चाटना चाहिए।
- पीपल, सोंठ, नागरमोथा, मुलहठी, सोया, कूट और नीलकमल को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सिर पर लेप के रूप में लगाने से कफ के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- छोटी पीपल और बच का रस अथवा काढ़े को सूंघने से सिर दर्द के साथ ही साथ आधासीसी का दर्द भी दूर हो जाता है।
- पीपल और सेंधानमक को एक साथ पीसकर सूंघने से त्रिदोषज के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- 1 ग्राम पीपल, 1 ग्राम कालीमिर्च, 1 ग्राम सोंठ और 1 ग्राम मुलेठी को बारीक पीसकर मक्खन में पकाकर धीरे-धीरे सूंघने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
6. बादाम :
- 10 ग्राम बादाम की गिरी, एक ग्राम कपूर, एक ग्राम केसर, मिश्री और गाय का घी मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं और केवल घी शेष रहने पर इसे छानकर शीशी में भरकर रख लें। यह थोड़ी मात्रा में सेवन करने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- बादाम रोगन की सिर पर मालिश करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
- बादाम की एक गिरी को सरसों के तेल में पीसकर मलने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- 10 गिरी बादाम, 6 ग्राम ब्राह्मी बूटी और 7 कालीमिर्च को रात को सोते समय भिगो दें और सुबह इसका छिलका उतारकर पीसकर ठंडाई बनाकर मिश्री मिलाकर सेवन करें। इसके पीने से सभी प्रकार के सिर दर्द दूर हो जाता है।
- सिर में दर्द होने पर मगज बादाम का लेप बनाकर सिर पर लेप करना लाभकारी होता है।
- सिर में तेज दर्द होने पर माथे पर बादाम के तेल की मालिश करना चाहिए।
- बादाम के बीजों को सिरके के साथ पीसकर सिर में दर्द वाले स्थान पर लगाने से सिर का दर्द एवं साइटिका का दर्द ठीक होता है।
7. मुचकुन्द :
- मुचकुन्द के फूलों को कांजी के साथ पीसकर सिर या माथे पर लगाने से वायु के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है और नींद भी अच्छी आती है।
- मुचकुन्द के फूलों को मट्ठा के साथ पीसकर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द तुरन्त ही ठीक हो जाता है।
8. कूठ :
- कांजी के साथ कूठ और एरण्ड की जड़ को पीसकर माथे पर लेप करने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- सिर दर्द होने पर कूठ को गुलाबजल में पीसकर माथे पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
9. चंदन :
- लाल चंदन, मुलहठी, खस, खिरैंटी, नील-कमल और नखी को बराबर मात्रा में लेकर गाय के दूध के साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से पित्तज के कारण होने वाला सिर दर्द(sir dard) ठीक हो जाता है।
- लगभग 10-10 ग्राम सफेद चंदन का चूर्ण, छोटी इलायची, देशी कपूर व शर्करा और 5 ग्राम नीम की छाल और 50 ग्राम नौसादर को मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर सूंघने अथवा थोड़े से पानी के साथ सिर पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है। इसके अलावा बिच्छू के विष और बर्र का विष और चोट में भी यह लाभकारी होता है।
- लाल चंदन को जल में घिसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
- शुद्ध सन्दल (चंदन) के इत्र को माथे पर लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में चंदन का तेल, कपूर, दालचीनी का तेल लेकर 250 मिलीलीटर तिल के तेल में मिलाकर पकाएं। यह तेल सिर पर मलने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है। ये तेल 2-3 बूंद कान में डालने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
- लगभग 1 से 2 ग्राम छोटी चंदन (सर्पगन्धा) के चूर्ण को शाम को सोते समय लेने से पुराने से पुराने स्नायविक के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- लाल चंदन को घिसने के बाद इसमें में कपूर मिलाकर माथे या सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
10. जटामांसी :
- जटामांसी, देवदारु, तगर, कूठ और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर कांजी के साथ पीसकर घी या तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से आधासीसी के कारण होने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- जटामांसी और तिल को पानी में पीसकर नमक मिलाकर सिर पर लेप करने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
11. सोंठ :
- सोंठ के चूर्ण में 4 गुना दूध मिलाकर सूंघने से किसी भी प्रकार का सिर दर्द दूर हो जाता है।
- गर्म पानी में सोंठ पीसकर कनपटी या माथे पर लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- सोंठ, हर्र, नीम की छाल, आंवला, बहेड़ा और कच्ची हल्दी का रस बराबर मात्रा लेकर इसे आठ गुना पानी में मिलाकर पकाएं और जब एक चौथाई पानी शेष रह जाए तो इसमें गुड़ मिलाकर नियमित सुबह-शाम सेवन करें। इससे कितना भी पुराना सिर दर्द क्यों न हो खत्म हो जाता है।
- थोड़ी मात्रा में सोंठ और दो लौंग को पीसकर सिर पर लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- सोंठ को पानी में पीसकर माथे पर लगाने से जुकाम के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- सोंठ, किरमाला, पीपल और मिर्च की जड़ तथा सहजना के बीजों को गाय के मूत्र के साथ पीसकर सूंघने से कीड़ों के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर हो जाता है।
12. सूरजमुखी : सूरजमुखी के चूर्ण को सूरजमुखी के रस में एक साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द के साथ उत्पन्न आधासीसी का दर्द ठीक होता है।
13. दशमूल : दशमूल के काढ़े में घी और सेंधानमक मिलाकर सूंघने से सिर दर्द के अलावा आधासीसी का दर्द भी खत्म हो जाता है।
14. चूना :
- चूना और नौसादर बारीक पीसकर शीशी में भरकर बन्द करके रख लें और सिर दर्द होने पर शीशी को खोलकर सूंघना चाहिए। ऐसा करने से सिर दर्द तुरन्त ही खत्म हो जाता है।
- शुद्ध घी में खाने का चूना मिलाकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
15. फिटकरी : कपूर और फिटकरी को बारीक पीसकर सिर दर्द के रोगी को सूंघना चाहिए। इससे रक्तचाप के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है। यह नकसीर के लिए भी लाभकारी होता है।
16. छाछ :
- छाछ में कूठ रेंडी की जड़ और सोंठ पीसकर हल्का गर्म करके माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
- छाछ के साथ आधा ग्राम जायफल मिलाकर लेने से सिर का दर्द खत्म होता है।
17. तेजपात :
- तेजपात की शाखा का छिलका निकालकर पीसकर कुछ गर्म करके माथे के आगे के भाग में लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
- लगभग 10 ग्राम तेजपते के पत्तों को पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से ठंड़ या गर्मी से शुरू होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।
18. महुआ : सिर का दर्द होने पर महुआ का तेल माथे पर लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
19. उड़द : उड़द की दाल को पानी में भिगोकर फुला लें और इसको पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाएं। इससे सिर का दर्द दूर होता है।
20. गेनहरी : सिर पर कांटेदार गेनहरी के साग को जड़ से उखाड़कर पीसकर कपाल पर मलने से सिर दर्द कुछ क्षणों में ठीक हो जाता है।
21. अरहर : अरहर के कच्चे पत्ते और हरी दूब का रस निकालकर सूंघने से आधे सिर का दर्द दूर होता है।
22. फालसा : फालसे का शर्बत सुबह-शाम पीने से पित्त (गर्मी) के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक होता है।
23. लाहौरी नमक : लगभग 1.5 ग्राम लाहौरी नमक को 10 मिलीलीटर पानी में मिलाकर नाक के नथुनों में डालने से सिर का दर्द और आधासीसी का दर्द दूर होता है।
24. बन्दायल : पानी में बन्दायल के फल को भिगोकर सूंघने से पेचिश, पीलिया और पित्त के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक होता है।
25. छरैटा : सिर दर्द होने पर छरैटा के पत्तों का रस और लाल सोंठ की जड़ को पीसकर रोगी को पीना चाहिए।
26. नीलोफर : लगभग 500 ग्राम नीलोफर के फूलों को लगभग 2 लीटर पानी में 12 घंटे तक भिगोकर पका लें और आधा पानी बाकी रहने पर छानकर इसमें लगभग एक किलो चीनी मिलाकर चाशनी बनाकर शीशी में भरकर रख लें और 9 से 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन लेने से दिमाग में ताजगी आने के साथ सिर का दर्द दूर होता है।
27. नारियल :
- नारियल की सूखी गिरी 25 ग्राम और मिश्री 25 ग्राम को मिलाकर प्रतिदिन सुबह सेवन करने से सिर का दर्द बन्द होता है।
- एक नारियल लेकर इसमें छेद करके 25 ग्राम जायफल का पॉउडर भरकर 5 लीटर गाय के दूध में उबालें। इस दूध को तब तक उबालें जब तक की इसका खोया न बन जाए और फिर इस खोए को गाय के घी में भूनकर इसमें 25 ग्राम बादाम की गिरी, 1 ग्राम केसर, 300 ग्राम चीनी डालकर चाशनी बनाकर बर्फी बनाकर रख लें। यह सिर दर्द के रोगी को 10-10 ग्राम की मात्रा में खिलाने से सिर दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
28. अभयालवन : लगभग 1-1 ग्राम अभयालवन को गर्म पानी के साथ भोजन करने के बाद दोनों समय लेने से सिर का रोग दूर होता है।
29. कहरवा : लगभग आधा-आधा ग्राम कहरवा (तृणाकान्त मणि) भस्म सुबह-शाम शहद के साथ लेने से कीड़ों के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
30. अजमोद : लगभग 20-20 ग्राम की मात्रा में अजमोद, बच, कूट, पीपल, सोंठ, हल्दी, जीरा और मुलहठी लेकर पीसकर 5 ग्राम घी में मिलाकर हल्का गर्म दूध या पानी से लेने से बुद्धि बढ़ती है और सिर दर्द दूर होता है।
31. अफीम : आधा ग्राम अफीम और एक ग्राम जायफल को दूध में मिलाकर कपाल पर लगाने से सर्दी और बादी से उत्पन्न सिर दर्द दूर होता है।
32. बकायन : अगर वात के कारण उत्पन्न सिर दर्द हो तो बकायन के पत्ते व फूलों को गर्म-गर्म लेप करने से लाभ मिलता है।
33. अपामार्ग : अपामार्ग की जड़ को पानी में घिसकर मस्तक पर लेप करने से सिर दर्द दूर होता है।
34. चमेली : चमेली के फूलों का लेप या चमेली का तेल कपाल (मस्तक) पर लगाने और थोड़ी मालिश करने से सिर दर्द नष्ट होता है।
35. ढाक : ढाक के बीजों को पानी में पीसकर बने लेप को सिर पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
36. मालकांगनी : मालकांगनी का तेल और बादाम का तेल समान मात्रा में मिलाकर 2-2 बूंद सुबह खाली पेट एक बताशे में डालकर खाने और ऊपर से एक कप दूध पीने से पुराने सिर दर्द और आघे सिर का दर्द ठीक होता है।
37. चंगेरी : चांगेरी का रस और प्याज का रस बराबर मिलाकर सिर पर लेप करने से पित्त के कारण उत्पन्न सिर का दर्द समाप्त होता है।
38. मूली :
- मूली और सिरस के बीजों के रस को सूंघने से सिर का दर्द एवं आधे सिर का दर्द समाप्त हो जाता है।
- मूली के टुकड़ों को बारीक पीसकर दिन में कई बार सूंघने से सिर के कीड़ों की वजह से होने वाला सिर का दर्द (sir dard)ठीक हो जाता है।
39. लहसुन :
- कनपटी पर लहसुन को पीसकर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- लहसुन को पीसकर शहद की 10 से 30 बूंद के साथ प्रतिदिन सेवन करने सिर दर्द ठीक हो जाता है।
40. दूध :
- प्रतिदिन सुबह 250 मिलीलीटर गर्म दूध में 20 ग्राम देसी घी मिलाकर पीने या मक्खन में 25 ग्राम मिश्री मिलाकर खाने या 250 मिलीलीटर दूध में 4 छुहारे डालकर उबालकर छुहारे खाने व दूध पीने से दिमाग की कमजोरी से होने वाला सिर दर्द ठीक होता है।
- दूध और जलेबी एक साथ खाने से कुछ दिनों में सिर दर्द समाप्त हो जाता है।
- दूध में चीनी मिलाकर नाक द्वारा लेने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
- ठंड़े दूध और ठंड़े पानी को सिर पर डालने से शंखक नाम का सिर दर्द नष्ट होता है।
- दूध, चीनी और पानी को मिलाकर उबालकर भाप लेने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- बकरी के दूध के मक्खन से कमर पर मालिश करने से गर्मी के कारण उत्पन्न सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- मिश्री मिला हुआ दूध या केवल दूध या नारियल का पानी या ठंडा पानी या घी को नाक के द्वारा पीने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
- गाय के दूध के साथ सोंठ घिसकर सिर पर लेप करने से 7-8 घंटों में ही भयंकर सिर का दर्द दूर हो जाता है।
41. नींबू :
- चाय में नींबू को निचोड़कर पीने या नींबू के पत्ते कूटकर रस निकालकर रस सूंघने से लाभ मिलता है।
- नींबू को काटकर गर्म करके कनपटियों पर एक घंटे तक सिंकाई करने से माथे की पीड़ा मिट जाती है।
- पेट में गैस बनने के कारण होने वाले सिर दर्द को खत्म करने के लिए नींबू के रस को हल्के गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से सिर दर्द समाप्त हो जाता है।
- लगभग आधे ग्राम नींबू के रस में लाल फिटकरी पीसकर पानी के साथ पिलाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- नींबू के पत्ते को पीसकर रस निकालकर नाक द्वारा सूंघने से सिर का दर्द दूर होता है।
- सिर के जिस ओर दर्द हो उस ओर के कान में 2 या 3 बूंद कागजी नींबू का रस टपका देने से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है।
- नाक में कागजी नींबू के रस की 2 बूंद डालने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
- नींबू का रस और तुलसी के पत्तों का रस बराबर भाग में मिलाकर पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- नींबू के पत्ते को नियमित रूप से सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- नींबू की चाय बनाकर पीने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
42. सेब : सेब को काटकर सेंधानमक डालकर खाने से कुछ दिनों में सिर दर्द हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।
43. मुलहठी :
• मुलहठी, मिश्री और घी को घोटकर सूंघने से पित्तज के कारण उत्पन्न सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• लगभग 1.5 ग्राम मुलहठी और लगभग एक चौथाई ग्राम सींगिया मिलाकर सूंघने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
• किसी भी प्रकार के सिर दर्द में मुलेठी का चूर्ण 10 ग्राम, कलिहारी का चूर्ण 40 ग्राम और थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाकर नासिका में नसवार की तरह सूंघने से लाभ मिलता है।
44. दूब हरी : जौ को एक चम्मच दूब के रस में घोंटकर सिर पर मलने से सिर दर्द दूर होता है।
45. अपराजिता : अपराजिता की फली के 8-10 बूंद का रस नस्य अथवा जड़ के रस का नस्य सुबह खाली पेट एवं सूर्योदय से पूर्व देने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
46. पोदीना :
- सिर पर हरे पोदीने का रस निकालकर लगाने से सिर दर्द दूर होता है।
- पोदीने के पत्ते को पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
47. इलायची :
- पानी के साथ छोटी इलायची को पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
- छोटी इलायची को महीन पीसकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- पानी के साथ लाल इलायची के छिलके को घिसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- इलायची के तेल को पिपरमिन्ट, कपूर और गाय के घी को मिलाकर कपाल पर लगाने से तेज सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- एक बड़ी इलायची, दो छोटी इलायची और आधा ग्राम कपूर को गुलाबजल में मिलाकर लेप बनाकर कपाल पर लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
- लगभग 21 इलायची को पीसकर इसमें दो चुटकी छोटी पीपल का चूर्ण और इतना ही शहद मिलाकर सेवन करने से सिर का दर्द समाप्त होता है।
- इलायची को पीसकर सिर पर लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है। इसके चूर्ण को सूंघने पर भी सिर दर्द (sir dard)दूर होता है।
48. आंवला :
- लगभग 5 ग्राम आंवला और 10 ग्राम धनिये को कूटकर रात को मिट्टी के बर्तन में 200 मिलीलीटर पानी में रख दें। सुबह इस मिश्रण को छानकर पानी पीने से धूप में घूमने के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- आंवले का शर्बत पीने से गर्मी के कारण उत्पन्न सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- सिर दर्द होने पर आंवले के पानी से सिर की मालिश करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
49. धनिया :
- धनिये को पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से पित्त (गर्मी) के कारण उत्पन्न सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- सूखा धनिया 10 ग्राम और गुठली रहित सूखा आंवला 5 ग्राम लेकर रात को मिट्टी बर्तन में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उसी पानी में मथकर मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे सिर दर्द ठीक होता है और चक्कर आना आदि भी शान्त होता है।
- यदि सर्दी के कारण सिर दर्द हुआ हो तो सूखे धनिये के साथ सोंठ, चाय की पत्ती व तुलसी के पत्ते को पीस लें और इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को चमचे में गर्म करके माथे पर लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- यदि गर्मी के कारण सिर दर्द हुआ हो तो लेप में सोंठ न डाले और केवल धनिया और तुलसी का लेप बनाकर माथे पर लगाएं।
- सिर दर्द में चक्कर, उल्टी व गर्भवती स्त्री को उल्टी आने पर धनिया उबालकर मिश्री मिलाकर पिलाना चाहिए।
- हरे या कच्चे धनिये को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- पित्तज या गर्मी के कारण होने वाले सिर दर्द में धनिया, चंदन और गुलाब के फूलों को बारीक पीसकर इसे ईसबगोल में गाढ़ा करके कपाल पर लगाने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
- 1 चम्मच धनिया, 5 कालीमिर्च, 4 पत्ते तुलसी और 2 लौंग को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी और जुकाम की वजह से होने वाले सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- 10 ग्राम सूखा हुआ धनिया, 5 ग्राम आंवले का चूर्ण और 4 लौंग को पीसकर सेंधानमक के साथ चाटने या माथे पर लेप करने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- सर्दी, जुकाम के कारण यदि सिर में दर्द हो रहा तो घबराना नहीं चाहिए। सबसे पहले रूई के फोहे से गले, माथे व छाती पर कम से कम 10 मिनट तक सिंकाई करें। इसके बाद पिसा हुआ धनिया पानी के साथ गर्म करके माथे पर लेप करें। यदि सिर में झनझनाहट हो रही हो तो सबसे पहले कुछ देर के लिए आराम करना चाहिए। इसके बाद तुलसी की 2 पत्ते को 2 कालीमिर्च के साथ पीसकर रोगी को पिलाएं और धनिया व तुलसी का रस मिलाकर माथे पर लगाना चाहिए। इससे सिर दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
50. तरबूज :
- यदि सिर दर्द गर्मी के कारण हुआ हो तो तरबूज का गूदा मलमल के कपड़े में डालकर निचोड़कर रस निकालकर पीना चाहिए।
- मिश्री को तरबूज के रस में मिलाकर पीने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
51. मौलसिरी : मौलसिरी के सूखे फूलों का महीन चूर्ण सूंघने से सिर का दर्द तुरन्त समाप्त हो जाता है।
52. तिल :
• काले तिल और वायविडंग बराबर मात्रा में लेकर पीसकर गर्म पानी में मिलाकर सूंघने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
• तिल की खल, सेंधानमक, तेल और शहद को मिलाकर माथे पर लेप करने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
• तिल के पत्ते को सिरके या पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से माथे का दर्द कम हो जाता है।
• तिलों को दूध में पीसकर कपाल पर लेप करने से आधे सिर का दर्द दूर होता है।
53. विष्णुकान्ता : विष्णुकान्ता के फल का रस अथवा इसकी जड़ का चूर्ण सूंघने और विष्णुकान्ता की जड़ को कान में बांधने से किसी भी प्रकार का सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
54. गुंजा : गुंजा और कंजा के बीजों को पानी के साथ पीसकर सूंघने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
55. लालमिर्च : छोटी लालमिर्च और बड़ी लालमिर्च बराबर मात्रा में लेकर थूहर के दूध के साथ पीसकर माथे पर लेप करने से किसी भी प्रकार का सिर दर्द ठीक हो जाता है।
56. तुलसी :
• तुलसी के पत्तों के रस में कपूर डालकर इसमें चंदन की लकड़ी घिसकर कपाल पर लेप करने से सिर का दर्द दूर होता है।
• तुलसी के पत्ते और अडूसे का रस निकालकर सूंघने से कफ के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
• तुलसी के पत्तों को पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• सिर में दर्द होने पर एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर चाटने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• सुबह खाली पेट तुलसी के पत्तों के रस में शहद मिलाकर चाटने से आधे सिर का दर्द ठीक होता है।
• छाया में तुलसी के पत्तों को सुखाकर चूर्ण बनाकर सिर दर्द में सूंघने से लाभ मिलता है।
• नींबू और तुलसी के पत्तों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर 2-2 चम्मच पीने से सिर दर्द बन्द हो जाता है।
• तुलसी के 5 पत्ते और कालीमिर्च पीसकर एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह के समय 21 दिनों तक लगातार सेवन करने से मस्तिष्क की गर्मी नष्ट होती है।
57. हरड़ :
• हरड़ का चूर्ण घी और गुड़ के साथ लेने से सिर दर्द खत्म होता है।
• लगभग 10-10 ग्राम हरड़, आंवला, बहेड़ा, सुगन्धवाला और सिर धोने की सज्जी को पीसकर अलसी के तेल में गाढ़ा लेप बनाकर सिर पर लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• 10 बड़ी हरड़ को छिलकर 3 दिन तक पानी में भिगोकर धूप में रख दें और चौथे दिन इसमें 11 हरड़ की छाल कूटकर डालकर 3 दिनों तक धूप में रख दें। अब इसमें 500 ग्राम चीनी मिलाकर शर्बत बनाकर पीएं। इससे सिर दर्द दूर होता है और गर्मी के कारण होने वाली अन्य बीमारियां भी ठीक होती हैं।
58. आक (अर्क) :
• आक के पत्तों को गर्म करके सिर पर बांधने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
• आक की रूई से भरे हुए तकिये को सिर के नीचे लगाने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
59. केसर :
• केसर के साथ चंदन पीसकर कपाल पर लेप करने से सिर दर्द दूर होता है।
• लगभग 5 ग्राम केसर, 25 ग्राम गाय का घी और 50 ग्राम सेमल की पुरानी रूई को घोटकर सुखाकर जला लें और इसके धुंए को सूंघें। इससे सिर दर्द के साथ आधासीसी का रोग भी ठीक हो जाता है।
• केसर को घी में भूनकर मिश्री सूंघने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• हवा या वातज के कारण होने वाले सिर दर्द में केसर और सोंठ को मिलाकर सिर या माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द ठीक होता है।
• गाय के दूध में केसर और बादाम को पीसकर सूंघने से सिर का दर्द दूर होता है।
60. अनार :
• लगभग 20 ग्राम अनार की कली और 10 ग्राम चीनी को मिलाकर बारीक पीस लें और इस चूर्ण को सूंघने से सिर दर्द ठीक होता है।
• अनार के फूलों के रस और आम के बौर के रस को मिलाकर सूंघने से रक्तचाप के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक होता है।
• अनार के पत्ते और सफेद चंदन को पानी में घिसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• छाया में सुखाये हुए अनार के पत्ते आधे किलो और आधे किलो सूखे धनिये मिलाकर महीन चूर्ण बना लें। इसमें एक किलो गेहूं का आटा मिलाकर 2 किलो गाय के घी में भून लें और इसमें 4 किलो चीनी मिलाकर सुबह-शाम गर्म दूध के साथ 50 ग्राम तक सेवन करने से सिर दर्द और सिर चकराना दूर होता है।
• अनार की छाल को घिसकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द तथा आधाशीशी में भी लाभ होता है।
• गर्मी के कारण सिर दर्द होने, लू लग जाने और आंखें लाल-लाल हो जाने के लक्षणों में पके हुए अनार के दानों का रस निकालकर डेढ़ गुने चीनी में मिलाकर उबालें और चाशनी बनाकर इसमें 5 ग्राम केसर और 10 ग्राम इलायची का चूर्ण मिला लें। इस चाशनी में से 20 से 25 ग्राम को 20 से 25 मिलीलीटर पानी मिलाकर शर्बत बनाकर पीना चाहिए। इससे उष्णपित्त में जल्दी लाभ मिलता है। गर्मी के मौसम में मस्तिष्क को शान्त रखने, आंखों की जलन मिटाने और धूप में घूमने के कारण आई हुई बेचैनी दूर करने के लिए इसका शर्बत बनाकर पीना चाहिए।
61. सिरका :
• सिरका के साथ मेहंदी के फूलों को पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से धूप में घूमने के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• सिरका या पानी में तिल्ली के पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
62. दालचीनी :
• दालचीनी को पीसकर पानी के साथ सिर पर लेप की तरह से लगाने से ठंड़ी हवा लगने या सर्दी में घूमने या ठंड़ लगने से होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• पित्तज या गर्मी के कारण होने वाले सिर के दर्द में दालचीनी, मिश्री और तेजपात को चावल के पानी में पीसकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• लगभग 5 या 6 बूंद दालचीनी के तेल को 2-4 चम्मच तिल के तेल में मिलाकर मालिश करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
63. लौंग :
• लौंग के तेल को सिर और माथे पर लगाने या नाक के दोनों नथुनों में डालने से सिर का दर्द दूर होता है।
• लगभग 2 से 3 लौंग और लगभग आधा ग्राम अफीम को पानी में पीसकर गर्म करके सिर पर लेप करने से हवा व सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• लगभग 1 या 2 ग्राम लौंग और दालचीनी को मैनफल के गूदे के साथ सेवन करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है। इसको अधिक मात्रा में सिर दर्द के रोगी को नहीं देना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में लेने से रोगी को उल्टी हो सकती है।
• लौंग को पीसकर सिर या माथे पर लेप करने से सिर का दर्द तुरन्त दूर हो जाता है।
• लगभग 5 लौंग को पीसकर एक कप पानी के साथ गर्म करें और आधा कप पानी रहने पर इसे छानकर चीनी मिलाकर दिन में 2-4 बार सेवन करें। इससे सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
• लौंग को पीसकर लेप करने से सिर दर्द तुरन्त बन्द हो जाता है।
• 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर गर्मकर कनपटियों पर लेप करने से सिर का दर्द दूर होता है।
64. कपूर :
• नाक के नथुनों में 2-3 बूंद गुलरोगन में कपूर को मिलाकर डालने से सूर्य निकलने के साथ उत्पन्न होने वाला सिर दर्द ठीक होता है।
• कपूर का रस सिर पर लगाने या मलने से सिर का दर्द खत्म होता है।
• कपूर और चंदन को तुलसी के रस में घिसकर लेप करने से सिर का दर्द ठीक होता है।
65. प्याज :
• प्याज को पीसकर पैर के तलवों पर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
• प्याज को काटकर सूंघने से लू लगने के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
66. कनेर :
• लगभग 10 ग्राम कनेर के पत्तों के रस में एक चौथाई ग्राम मिश्री मिलाकर सूंघने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• सफेद कनेर के पत्ते को छाया में सुखाकर पीस लें और 2 चावल के जितना नाक में सूंघना चाहिए। इसे सूंघने से छींके आकर सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• सिर दर्द होने पर कनेर के पत्ते को पानी में उबालकर तिली या सरसों के तेल में मिलाकर सिर पर मालिश करने से सिर का दर्द दूर होता है।
67. हल्दी :
• लगभग एक ग्राम हल्दी और लगभग एक ग्राम नौसादर को पीसकर सूंघने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• हल्दी को पानी में पीसकर गाढ़ा-गाढ़ा लेप बनाकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
68. कतीरा : लगभग 4 ग्राम मेंहदी के फूल और लगभग 3 ग्राम कतीरे के गोंद को मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें और सुबह मिश्री के साथ पीसकर पीने से सिर दर्द के अलावा जलन और सिर के बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
69. सौंफ :
• लगभग 4 ग्राम सौंफ को मिट्टी के बर्तन में रात को भिगोकर रख दें और सुबह कूट छानकर गुड़ के साथ मिलाकर पीने से सिर के दर्द के अलावा सिर की जलन और बालों का झड़ना बन्द होता है।
• सौंफ और एरण्ड की जड़ को एक साथ मिलाकर कूट पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर के सभी रोग ठीक होते हैं।
70. देवदारू : देवदारू की लकड़ी को पानी में घिसकर दोनों कनपटियों पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
71. पवांड़ (चक्रमर्द) : पवांड़ के एक किलो बीजों को घी में सेंककर बारीक चूर्ण बना लें और इसमें 6 ग्राम जायफल, 6 ग्राम जावित्री, 6 ग्राम सोंठ, 6 ग्राम लौंग, 6 ग्राम खसखस, 3 ग्राम केसर, 10 ग्राम दालचीनी और 23 ग्राम छोटी इलायची के बीज को एक साथ पीसकर चूर्ण मिला लें। यह चूर्ण सेवन करने से थकावट व आलस्य, सिर दर्द, मन्दाग्नि (जठराग्नि) का मन्दा होना आदि रोग दूर होता है।
72. नौसादर :
• नौसादर और सीप का चूर्ण बनाकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• 10 ग्राम नौसादर पीसकर बोतल में डाल लें और 1-1 चम्मच सुबह-शाम 10-12 दिन लेने से पुराना सिर का दर्द में लाभ होता है। सिर दर्द होने से एक घंटा पहले और दर्द बन्द होने के एक घंटा बाद 1-1 चम्मच पिलाने से दर्द ठीक हो जाता है।
73. वर्णबीज : वर्णबीज के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर दर्द में लाभ मिलता है।
74. अदरक :
• अदरक का रस और दूध बराबर मात्रा में मिलाकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• अदरक का रस, गुड़, सेंधानमक और पीपल को एक साथ घिसकर पानी के साथ सूंघने से सिर की सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
• गर्मी के कारण होने वाले सिर दर्द में अदरक का रस नाक में टपकाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
• अदरक को गाय के दूध या मां के दूध में पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
75. मेंहदी :
• मेंहदी के पत्तों या फूलों को पानी या तेल में पीसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• गर्मी तथा पित्त की वजह से सिर में दर्द होता हो तो मेंहदी के 25 ग्राम पत्तों को 50 मिलीलीटर तेल में उबालकर इस तेल को सिर में लगाने से सिर का दर्द ठीक होता है।
• 10 ग्राम फूलों को पीसकर 100 मिलीलीटर पानी में घोलकर सेवन करने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
• मेंहदी के 8-10 फूलों और सिरके को पीसकर पानी में मिलाकर मस्तक और पैरों के तलवे पर लेप लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती है।
• लगभग 5 ग्राम मेंहदी के फूलों को पानी मे पीसकर इसमें 7 ग्राम शहद मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से सिर दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
• सिर दर्द से पीड़ित रोगी को मेंहदी का तेल सिर पर लगाना चाहिए।
76. अकरकरा :
• सर्दी से सिर में पीड़ा होती हो तो अकरकरा को मुंह में दांतों के नीचे दबाकर रखने से समाप्त होती है।
• बादाम के हलवे के साथ आधा ग्राम अकरकरा का चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से लगातार एक समान बने रहने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है।
• अकरकरा को पानी में पीसकर गर्म करके माथे पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक होता है।
77. परवल : सिर दर्द होने पर परवल के रस का लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
78. गुलाब :
• सिर दर्द, गर्मी का सिर दर्द और जी मिचलाना आदि में सफेद चंदन को गुलाबजल में पीसकर माथे पर लेप करने से लाभ मिलता है।
• लगभग 10 ग्राम गुलाब की पंखुड़ियों को 2 इलायची के साथ चबाकर खाने से सिर दर्द में लाभ मिलता है।
• गुलाब का इत्र लगाने से सिर दर्द में लाभ मिलता है। गुलाबजल की 2-3 बूंद दोनों नथुने में डालने से सिर दर्द कम होता है। बुखार में सिर दर्द हो तो गुलाबजल की 2 चम्मच मात्रा में 2 चम्मच पानी मिलाकर 3-3 घंटे में 3 बार पीने से सिर दर्द में लाभ मिलता है।
79. एरण्ड : एरण्ड के तेल की मालिश सिर पर करने से सिर दर्द की पीड़ा दूर होती है। एरण्ड की जड़ को पानी में पीसकर मस्तक पर लगाने से भी सिर दर्द में राहत मिलती है।
80. जायफल : सिर दर्द होने पर जायफल को पानी में घिसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द ठीक होता है।
81. मदार :
• लगभग 2 या 3 बूंद मदार के पत्तों का रस नाक के नथुनों में डालने से पुराने से पुराने सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• सिर दर्द होने पर मदार की जड़ को पीसकर सूघना लाभकारी होता है।
82. मजीठ : माथे पर मजीठ बांधने से सिर का दर्द आराम मिलता है।
83. जमालगोटा : सिर दर्द होने पर जमालगोटा को पीसकर माथे पर मलने से सिर का दर्द दूर होता है।
84. राई :
• राई को जंगली कबूतर की बीट के साथ पीसकर माथे पर मलने से सिर का दर्द दूर होता है।
• माथे पर राई का लेप लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
85. सरसों :
• सरसों के तेल की मालिश कान, गर्दन और सिर के पीछे के भाग पर करने से सिर का दर्द ठीक होता है।
• सिर के जिस तरफ के हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ के नाक के नथुने में 5 बूंद सरसों का तेल डालने से आधासीसी का दर्द ठीक होता है।
86. रीठा : पानी में रीठे की छाल को काफी देर तक घिसें और झाग आने पर इस पानी को गर्म करके 2 या 3 बूंद नाक के नथुनों में डालें। इससे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
87. ग्वारपाठा :
• ग्वारपाठे का रस निकालकर इसमें गेहूं का आटा मिलाकर इसकी 2 बाटी बनाकर सेंक लें। इसके बाद बाटी को हाथ से दबाकर देशी घी में डालकर सुबह सूर्य निकलने से पहले खाकर सो जाएं। इस प्रकार 5-7 दिनों तक लगातार इसका सेवन करने से सभी प्रकार का सिर दर्द ठीक हो जाता है।
• सिर दर्द से पीड़ित रोगी को कुमारी के गूदे में थोड़ी मात्रा में दारूहरिद्रा का चूर्ण मिलाकर गर्म करके दर्द वाले स्थानों पर बांधने से वातज सिर का दर्द ठीक होता है।
• ग्वारपाठे 14 से 28 मिलीलीटर पत्तों का रस दिन में 2 बार पीने से सिर दर्द, अम्लपित्त और परिणामशूल लाभ मिलता है।
88. मिश्री : लगभग 10 ग्राम मिश्री को 10 ग्राम सांप की केंचुली में अच्छी तरह से घोटकर शीशी में भर लें। लगभग एक चौथाई ग्राम की मात्रा में इस मिश्रण को बताशे में भरकर खाने और ऊपर से 3-4 घूंट पानी पीने से पुराने से पुराने सिर का दर्द ठीक होता है।
89. धतूरा : लगभग धतूरे के 3-4 बीजों को बिना चबाए निगलने से पुराने से पुराने सिर का दर्द ठीक होता है।
90. भटकटैया : सिर दर्द होने पर भटकटैया के फलों का रस माथे पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म होता है।
91. इमली : 10 ग्राम इमली को एक गिलास पानी में भिगोकर थोड़ा सा मसलकर चीनी मिलाकर पीने से पित्त से उत्पन्न सिर दर्द दूर होता है।
92. पानी :
• ठंड़े पानी से सिर को धोकर नहाने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• दोनों पैरों को गर्म पानी में रखने से जुकाम के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
• ब्लडप्रेशर या रक्तचाप के कारण होने वाले सिर दर्द में रोगी के सिर पर पानी की पटि्टयां रखने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
93. सागौन : सागौन की लकड़ी को पानी में घिसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक होता है।
94. अगस्त : सिर में दर्द होने पर अगस्त के पत्ते और फूलों का रस सूंघने से सिर का दर्द खत्म होने के साथ ही साथ जुकाम भी ठीक होता है।
95. गन्ना : 10 ग्राम गुड़ और 6 ग्राम तिल को दूध के साथ पीसकर 6 ग्राम घी मिलाकर गर्म करके सेवन करने से सिर का दर्द ठीक होता है।
96. गोखरू : लगभग 10-20 मिलीलीटर गोखरू की छाल का काढ़ा सुबह-शाम रोगी को पिलाने से पित्त से उत्पन्न सिर दर्द दूर होता है।
97. पान : कनपटी पर पान का पत्ता बांधने से दिमाग की गैस की पीड़ा मिटती है।
98. गोमा (द्रोणपुष्पी) : द्रोणपुष्पी का रस 2-2 बूंद की मात्रा में नाक के नथुनों में डालें और 1-2 कालीमिर्च पीसकर माथे पर लेप करने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
99. अजवायन :
• लगभग 200 से 250 ग्राम अजवायन को गर्म करके मलमल के कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर सूंघने से छींके आकर जुकाम व सिर का दर्द कम होता है।
• अजवायन का महीन चूर्ण 2 से 5 ग्राम सूंघने से जुकाम, सिर का दर्द, कफ का नासिका में रुक जाना एवं मस्तिष्क में कीड़े होना आदि ठीक होता है।
• अजवायन और एरण्ड की जड़ को पीसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म होता है।
• अजवायन के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
100. गोरखमुण्डी : सूर्य निकलते समय सिर दर्द होना और सूर्य डूबने के साथ दर्द का समाप्त होना या आधे सिर का दर्द (sar dard) होना आदि में गोरखमुण्डी के 3 से 5 मिलीलीटर रस में एक कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
101. इन्द्रायण : इन्द्रायण के फलों का रस या जड़ की छाल का रस तिल के तेल में उबालकर कपाल पर लेप करने से मस्तिष्क की पीड़ा समाप्त होती है।
102. कटेरी : कटेरी, गोखरू के काढे़ का लाल धान के चावल से बना पेय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिन में 3-4 बार सेवन करने से ज्वर से उत्पन्न पसलियों, बस्ति और सिर का दर्द खत्म होता है।
103. अलसी : अलसी के बीजों को ठंड़े पानी में पीसकर लेप करने से सूजन युक्त सिर दर्द और मस्तिष्क की पीड़ा शान्त होती है।
104. निर्गुण्डी :
• निर्गुण्डी के पत्तों को गर्म करके सिर पर बांधने से सिर दर्द (sar dard) में लाभ मिलता है।
• निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर टिकिया बनाकर कनपटी पर बांधने से सिर दर्द में राहत मिलती है।
• निर्गुण्डी के फल का 2-4 ग्राम चूर्ण दिन में 3 बार देने से स्नायु (नाड़ी) और मस्तक के रोगों में लाभ मिलता है।
105. केवड़ा : केवडे़ का पानी और सफेद चंदन घिसकर एक बर्तन में रख लें और बर्तन के मुंह के चारों और कपड़ा लपेटकर हिलाएं व सूंघने से सिर दर्द दूर होता है।
1o6. खजूर : खजूर की गुठली को पानी में घिसकर लेप बनाकर माथे पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
107. अमरूद :
• कच्चे अमरूद को ताजे पानी के साथ पीसकर सिर दर्द के स्थान पर लगाने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
• सूर्योदय से पहले कच्चे अमरूद को पत्थर पर घिसकर जहां दर्द होता हो वहां खूब अच्छी तरह लेप करें। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है।
108. नीम :
• सिर दर्द के रोगी को नीम की छाल और आंवले का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।
• सिर दर्द होने पर नीम की छाल, झाड़ की छाल और चंदन को घिसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द खत्म होता है।
• नीम के ताजे पत्तों का रस 2 से 3 बूंदे नाक में टपकाने से लाभ मिलता है।
• नीम के तेल की मालिश करने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
109. अंगूर : 8-10 अंगूर, 10 ग्राम मिश्री तथा 10 ग्राम मुलेठी को पीसकर नस्य लेने से पित्त एवं विकृति जन्य सिर का दर्द दूर होता है।
110. कलौंजी :
• कलौंजी के बीजों को गर्म करके बारीक पीसकर कपड़े में बांधकर सूंघने से सिर का दर्द दूर होता है।
• कलौंजी और काले जीरे को बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीस लें और माथे पर लेप की तरह लगाएं। ऐसा करने से सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द तुरन्त दूर हो जाता है।
• कलौंजी के तेल को ललाट से कानों के पास तक अच्छी तरह मालिश करने और आधे चम्मच कलौंजी के तेल 1 चम्मच शहद में मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। इससे सिर दर्द में में जल्दी आराम मिलता है।
111. आटा :
• बाजरे के आटे को एक कपड़े में बांधकर हल्का गर्म करके सिर या माथे पर सिंकाई करने से सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक होता है।
• गेहूं के आटे को आंच पर डालकर इसका धुंआ सूंघने से पुराने से पुराना सिर दर्द दूर होता है।
112. चना :
• सिर दर्द होने पर कच्चे चने का जूस बनाकर पीने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
• मोतीचूर के लड्डू या नुकती दाने पर घी और कालीमिर्च डालकर खाने से कमजोरी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
113. अरीठा : लगभग एक चौथाई ग्राम अरीठे की गिरी पीसकर सूंघने से तेज सिर का दर्द ठीक होता है।
114. अंजीर : सिरके या पानी में अंजीर के पेड़ की छाल की भस्म बनाकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक होता है।
115. हाथी दांत : सिर पर हाथी दांत की बनी कंघी को रगड़ के साथ फेरने से सिर का दर्द दूर होता है।
116. आकाशबेल : लगभग 6 ग्राम आकाश बेल को पानी या बकरी के दूध में घोटकर 10 दिनों तक पीने से सिर का दर्द ठीक होता है।
117. बेल :
• बेल की सूखी हुई जड़ को थोडे़ पानी के साथ पीसकर माथे पर गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द में लाभ मिलता है।
• बेल के रस में एक कपड़े को अच्छी तरह से भिगोकर इसकी पट्टी सिर पर रखने से सिर दर्द शान्त होता है।
118. चौलाई : लगभग 20 ग्राम चौलाई, 1 ग्राम सोंठ और 6 ग्राम कालीमिर्च को एक साथ पीसकर सिर पर लेप करने से सिर से सम्बंधित सभी बीमारियां ठीक होती हैं।
119. त्रिफला :
• मिश्री और त्रिफला को घी में मिलाकर खाने से सिर के सभी रोग खत्म होते हैं।
• त्रिफला का चूर्ण, सोंठ, धनिया और वायविडंग का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर एक कप पानी में उबालें और जब यह पानी आधा कप रह जाए तो इसे उतारकर पीएं। इससे सिर का दर्द दूर होता है।
120. नमक :
• सनाय और नमक के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर खाने से सिर के सभी रोग दूर होते हैं।
• लगभग 10 ग्राम नमक को लगभग 1 लीटर पानी में मिलाकर सूंघने से सिर का दर्द दूर होता है।
• सिर में दर्द होने पर ठंड़े पानी में चुटकी भर नमक डालकर पीने से सिर का दर्द दूर होता है।
• 1 चुटकी भर पिसा हुआ नमक जीभ पर रखें और 10 मिनट के बाद एक गिलास ठंड़ा पानी पीएं। यह सिर दर्द को ठीक करता है।
121. अनन्तमूल :
• अनन्तमूल की जड़ को पानी में घिसकर गर्म करके मस्तक पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
• लगभग 6 ग्राम अनन्तमूल को 3 ग्राम चोपचीनी के साथ खाने से सिर का दर्द दूर होता है।
122. वायबिडंग :
• दिन में 4 या 5 बार वायबिडंग से निकाले हुए तेल को सिर दर्द के रोगी को सुंघाने से सिर का दर्द दूर होता है।
• मक्खन में वायबिडंग के बीजों को पीसकर माथे या ललाट पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
• वायबिडंग, सज्जी, हींग और दन्ती बराबर मात्रा में लेकर पीसकर इसकी लुगदी बना लें और इसमें 4 गुना तेल और तेल से 4 गुना गाय का पेशाब मिलाकर पकाएं और जब इसमें से पानी जलकर केवल तेल शेष रह जाए तो इसे उतारकर छान लें। दिमाग में कीड़ों के कारण होने वाले सिर के दर्द के रोगी को यह सुंघाने से कीड़े मर जाते हैं और सिर का दर्द शान्त हो जाता है।
123. कायफल : कायफल को सूंघने से सिर का दर्द दूर होता है।
124. धाय : धाय के पत्तों का रस सिर या माथे पर मालिश करने से पित्तज के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
125. गिलोय : गिलोय का काढ़ा बनाकर मलेरिया के कारण होने वाले सिर के दर्द के रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है।
126. लोहबान : लोहबान को बनहल्दी के साथ घिसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द दूर होता है।
127. पोस्तादाना (खस) :
• खस की जड़ का चूर्ण और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ कुछ दिनों तक लेने से सिर दर्द में लाभ मिलता है तथा खून की खराबी दूर होती है।
• पोस्तादाने का काढ़ा बनाकर पीने से नींद और दर्द के कारण होने वाला सिर का दर्द खत्म होता है।
128. सेंधानमक : आधासीसी के दर्द को जड़ से खत्म करने के लिए सेंधानमक को घी में मिलाकर 3 दिन तक लगातार सूंघना चाहिए।
129. निर्मली : पानी में निर्मली को घिसकर 4 बूंद नाक में टपकाने से सिर में होने वाला आधासीसी का दर्द दूर होता है।
130. बकायन : गर्मी के कारण होने वाले सिर दर्द में बकायन के पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
131. सहजना :
• सहजने के पत्तों को पानी में पीसकर गर्म करके सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
• सिर में दर्द होने पर सहजना के बीजों को पानी में घिसकर सूंघना चाहिए।
132. कुलंजन :
• कुलंजन की जड़ का पिसा हुआ पॉउडर पोटली में बांधकर सूंघने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
• सिर में दर्द होने पर कुलंजन का चूर्ण सूंघने से छींके आकर सिर दर्द खत्म हो जाता है।
133. छुहारा : सिर दर्द होने पर छुहारे की गुठली को पानी में घिसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
134. गुग्गुल : पानी में गुग्गुल को पीसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द खत्म होता है।
135. गाजर :
• गाजर के रस को गर्म करके 2 बूंद कान में और 2-2 बूंद नाक के नथुनों में डालने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
• गाजर और चुकन्दर के रस में आधा नींबू निचोड़कर रात को सोते समय पीने से सिर का दर्द दूर होता है।
• लगभग 200 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 125 मिलीलीटर ककड़ी या खीरा का रस पानी में मिलाकर पीने से सिर का दर्द समाप्त होता है।
136. सिरस :
• सिर दर्द होने पर सिरस के फूलों को कुछ दिनों तक सूंघने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
• सिर दर्द में सिरस के बीजों और मूली के बीजों को पीसकर सूंघने से सिर का दर्द और आधासीसी का दर्द दूर होता है।
• यदि सिर दर्द सूर्योदय से शुरू होकर सूर्य डूबने के साथ कम हो तो ऐसे सिर दर्द में सिरस के ताजे 5 फूल गीले रूमाल में लपेटकर सूर्य निकलने से पहले सूंघें। इससे आधे सिर दर्द में आराम मिलता है।
137. बबूल : पानी में बबूल का गोंद घिसकर सिर पर लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
138. गंभारी : बुखार के साथ सिर दर्द होने पर गंभारी के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप करना चाहिए। इससे सिर दर्द और जलन समाप्त होती है।
139. पिपरमेंट : पिपरमेंट (मैनथोल) को सिर पर लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
140. बच : पानी में वच को घिसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर होता है।
141. आम : अगर व्यक्ति के सिर में किसी भी प्रकार का दर्द हो तो आम की गुठली और छोटी हरड़ को पानी में घिसकर सिर या माथे पर लेप की तरह लगाएं।
142. अकवन : एक सूखी हुई अकवन की लकड़ी लें जिसमें छेद हो इसके अन्दर सफाई करके इसे सिगरेट की तरह जलाकर नाक से इसके धुएं को खींचकर धूम्रपान करें। इससे सिर दर्द नष्ट होता है।
143. ईसबगोल : ईसबगोल को बादाम के तेल में मिलाकर मस्तक पर लेप करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
144. अडूसा (वासा) :
• चाय की पत्ती की जगह अडूसा की सूखे पत्ते को पानी में उबालकर चीनी की जगह चुटकी भर सेंधानमक मिलाकर छान लें और फिर गर्म-गर्म चाय की पीएं। इस तरह काढ़ा बनाकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से सिर में लाभ मिलता है।
• अडूसा के फलों को छाया में सुखाकर महीन पीसकर 10 ग्राम चूर्ण में थोड़ा गुड़ मिलाकर चार खुराक बना लें। सिर दर्द होने पर इसमें से एक गोली खाने से दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
• अडूसे की 20 ग्राम जड़ को 200 मिलीलीटर दूध में अच्छी प्रकार पीसकर इसमें 30 ग्राम मिश्री 15 कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से सिर का दर्द, नेत्ररोग, बदन दर्द, हिचकी, खांसी आदि विकार नष्ट होते हैं।
145. शहद :
• भोजन के साथ शहद लेने से सिर दर्द (sar dard) नष्ट होता है।
• सिर पर शुद्ध शहद का लेप करने से कुछ ही समय में सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
• आधा चम्मच शहद और एक चम्मच देशी घी मिलाकर सिर पर लगाना चाहिए। घी तथा शहद के सूखने के बाद दोबारा लेप करना चाहिए। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है।
• सर्दी, गर्मी या पाचनक्रिया की खराबी के कारण सिर में दर्द हो तो नींबू के रस में शहद को मिलाकर माथे पर लेप करना चाहिए।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)