अत्यधिक ठंड के मौसम में त्वचा सूखी और बेजान हो जाती है। आपको इसकी उचित देखभाल करनी चाहिए ताकि अपकी एड़ी में दरार ना पड़े और आपकी त्वचा अस्वस्थ ना हो।
ठंड में रूखी फटी त्वचा का घरेलू इलाज (hath pair fatne ke gharelu upay)
1. सरसों का तेल : सर्दियों में त्वचा को फटने से बचाने के लिए, रोज हाथों, पैरों, एड़ियों की त्वचा को प्यूमिक स्टोन से रगड़कर धायें। फिर सरसों के तेल से मालिश करें। इससे त्वचा में माॅश्चराइज की कमी नहीं होती है। हाथ, पैर, एड़ियां फटने की समस्या से आसानी से बच जा सकता है।
2. कीकर : फटी एड़ी या हाथ की झाईयों में कीकर की पिसी हुई गोली का सेवन करने से लाभ होता है।
3. अलसी का तेल : 50 मिलीलीटर अलसी का तेल गर्म करके इसमें 5 ग्राम देसी मोम और लगभग 3 ग्राम कपूर को डालकर फटे हुए हाथ और पैरों पर लगाने से आराम आता है।
4. हल्दी : कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी मिलाकर त्वचा पर मलने से त्वचा मुलायम होती है। इससे हाथ-पैर भी नहीं फटते हैं और यदि फट भी गये हो तो उनमें हल्दी भर देने से लाभ होता है।
5. जामुन : टाईट, नया जूता पहनने या ज्यादा चलने से पैरों में छाले और घाव बन जाते हैं। ऐसे में जामुन की गुठली पानी में घिसकर दिन में 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।
6. काजू : काजू का तेल चमड़ी के बाहरी भाग पर स्थित मस्सों पर लगाने से लाभ पहुंचता है। पैर फटकर दरारे पड़ गई हो तो काजू के तेल की मालिश करनी चाहिए।
7. पीपल : पीपल के पत्तों का रस या दूध फटे हुए हाथ और पैरों पर लगाने से लाभ होता है।
8. सीप भस्म : 10 ग्राम की मात्रा में सीप भस्म (सीप की राख) को गाय के घी मे मिलाकर हाथ-पैरों के फटने पर लगाने से रोगी को आराम मिलता है।
9. मैनफल : 140 ग्राम भैंस के ताजे मक्खन को गर्म करके उसमें 11 ग्राम मैनफल चूर्ण और सेंधानमक को बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। इसे लगातार 7 दिनों त्वचा पर लगाने से जलन शान्त होती है और फटे हुए पैर मुलायम हो जाते हैं।
10.गुलाबजल :हाथों, पैरों, एड़ियों पर ग्लिसरीन और गुलाबजल मिलाकर मालिश करें। ग्लसरीन और गुलाबजल मालिश काफी हद तक हाथ पैर, एड़ियां फटने से बचाने में सहायक है।
11. नारियल पानी : हाथ पैर एड़ियां फटने पर नारियल पानी और शहद का मिश्रण 15-20 मिनट तक लगायें। फिर गुनगुने पानी से धो लें। नारियल पानी और शहद मिश्रण फटी त्वचा को जल्दी ठीक करने में सहायक है।
12. एलोवेरा या घृतकुमारी जेल : एलोवेरा जेल यह जेल सर्दियों में आपकी त्वचा के लिए अच्छा है। स्नान करने के बाद अपने चेहरे, हाथों और शरीर पर इस जेल का प्रयोग करें। यह जेल आपकी त्वचा को नरम और सुनम्य रखता है और त्वचा को अशुद्धता से दूर रखता है।
13. करेला :
- 60 मिलीलीटर करेले का रस रोज कुछ दिनों तक पीने से शरीर से गन्दा खून साफ हो जाता है।
- त्वचा का फटना के रोगी के लिए करेले की सब्जी खाने से बहुत ही जल्दी आराम आता है। करेला कड़वा होना चाहिए।
14. मेथी:
- 5 से 10 ग्राम मेथी के बीजों को सुबह-शाम गुड़ के साथ खाने से त्वचा का फटकर खून निकलना बंद होता है।
- मेथी का 150 मिलीलीटर रस कुछ दिनों तक सेवन करने से रक्त शुद्ध हो जाता है जिससे अनेक रक्त (खूनी विकार), फोडे़-फुसियां व खाज-खुजली आदि नष्ट होते हैं।
15. चिरायता: एक से दो ग्राम चिरायता का चूर्ण सुबह-शाम शहद या शर्करा के साथ खाने से त्वचा का फटना दूर होता है।
16. अन्तमूल: त्वचा का फटना में जहां पर त्वचा फटकर खून निकलता हो वहां पर अन्तमूल की जड़ को पीसकर लेप करने से आराम आता है।
17. कटसरैया: कटसरैया के पत्तों को पीसकर शरीर पर लगाने से त्वचा या पैर नहीं फटते हैं।
18. जायफल: बिवाई (फटी एड़ियों) में जायफल को घिसकर लगाने से एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
19. दूब :
- हरी दूब (घास) को पीसकर बिवाई (फटी एड़ियों) पर लगाने से आराम आता है।
- यदि शरीर की त्वचा कहीं-कहीं से फट गई हो और उसमें से खून भी निकल रहा हो तो हरी दूब (घास) को थोड़ी सी हल्दी के साथ पीसकर पानी में मिला लें और साफ कपड़े से छान लें। इसमें थोड़ा-सा नारियल का तेल मिलाकर सारे शरीर की मालिश करने से धीरे-धीरे त्वचा के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
20. लाभज्जक: “लाभज्जक´´ के पंचांग (जड़, पत्ती, तना, फल और फूल) का काढ़ा त्वचा का फटना में सुबह-शाम रोगी को पिलाने से आराम आता है।
21. गिलोय: जहां पर त्वचा फटी हो वहां पर दूध में मिलाकर गर्म किया हुआ गिलोय का तेल लगाने से लाभ होता है।
22. सहोरा: सहोरा (सिहोरा) को दूध फटे हुए हाथ-पैरों पर लगाने से लाभ मिलता है।
23. अखरोट: त्वचा का फटना के रोगी को अखरोट की मींगी (बीज) खिलाने से आराम आता है।
24. अजमोदा: अजमोदा के फल का चूर्ण 1 से 4 ग्राम सुबह-शाम रोगी को खिलाने से त्वचा का फटना या त्वचा के फटने की वजह से खून निकलना ठीक हो जाता है।
25. कोकम : कोकम का तेल गर्म करके फटे हुए हाथ-पैरों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)