Last Updated on May 5, 2020 by admin
शिलाजीत क्या होता है ? : shilajit kya hota hai
शिलाजीत यह पत्थरों का मद होता है। ज्येष्ठ आषाढ़ के महिने में जब पर्वत सूर्य की किरणों से अत्यन्ते तप्त होकर लाख के समान प्रकाशमान रस को शिलाओं से बहाते हैं तब वह रस एकत्रित होकर शिलाजीत के नाम से प्रसिद्ध होता है ।
यह शिलाजीत ४ प्रकार का होता है । सुवर्ण, रजत, ताम्र और लोह | सुवर्ण शिलाजीत जपा के फूले के समान लालवर्ण का होता है । रजत शिलाजीत सफेद रङ्ग का होता है । ताम्र शिलाजीत मोर की गर्दन के रङ्ग का होता है और लोह शिलाजीत काले रङ्ग का होता है ।
शिलाजीत के अन्दर मिलावट बहुत होती है। असली शिलाजीत बड़ी मुश्किल से हाथ आता है।
शुद्ध शिलाजीत की पहचान कैसे करें ? : shudh shilajit ki pehchan kaise kare
साधारणतया असली शिलाजीत की परीक्षाएँ निम्नलिखित तरीकों से की जाती हैं ।
( १ ) शिलाजीत के जरा से टुकड़े को लकड़ी के अंगार पर रखते ही अगर वह उपर की तरह खड़ा हो जाय तो उस शिलाजीत को असली समझना चाहिये ।
( २ ) शिलाजीत को जरा सा लेकर अंगारे पर डालने से अगर धुआँ न उठे तो उसे उत्तम समझना चाहिये ।
( ३ ) शिलाजीत को एक तिनके की नोक में लगाकर पानी के कटोरे में डालना चाहिये । अगर वह सबका सब तार-तार होकर जल के नीचे बैठ जाये तो उसे उत्तम समझना चाहिये।
(४) शिलाजीत को नाक से सूंघने पर अगर उसमें गौमूत्र के समान गन्ध आवे और वह रङ्ग में काली तथा पतले गोंद के समान हो, वजन में हलका और चिकना हो तो उसे उत्तम समझना चाहिये ।
शिलाजीत के औषधि गुण : shilajit ke gun hindi me
✦ आयुर्वेदिक मत से शिलाजीत कड़वा, चरपरा, कसैला, कटुपाकी, रसायन, योगवाही तथा कफ, मेद, पथरी, मधुमेह, मूत्रकृच्छु, क्षय, वातरक्त, बवासीर, पांडुरोग, अपस्मार, उन्माद, सूजन, कुष्ठ, उदररोग और कृमिरोग को नष्ट करता है।
✦रस, उपरस, पारा, रत्न और लोहे में जो गुण होते हैं, वे ही सब गुण शिलाजीत में होते हैं। क्योंकि शिलाजीत धातुओं का सार होता है जो गर्मी पाकर पहाड़ों पर बह आता है।
✦ शिलाजीत बुढ़ापे और मृत्यु को जीतनेवाला, वमन, कम्पवायु, २० प्रकार के प्रमेह, पथरी, मधुमेह, सुजाक, कफक्षय, श्वास, वातज बवासीर, पीलिया, मृगी, उन्माद, पागलपन, सूजन, कोढ़ और कृमि रोग को नष्ट करनेवाला होता है।
✦किसी किसी आचार्य ने इसको फीलपांव गुल्म और विषम ज्वर को नष्ट करनेवाला भी लिखा है।
✦फिर भी यह खास तौर से मधुमेह की एक चमत्कारिक औषधि मानी गई है ।
✦वैद्यों के द्वारा त्यागा हुआ और असाध्य समझा हुआ मधुमेह का रोगी भी अगर उचित मात्रा में नियम पूर्वक शिलाजीत ( करीब ५ वर्ष में ) खाले तो फिर उसका सारा चोला नया होजाय ।
✦महर्षि चरक लिखते हैं कि इस पृथ्वी पर ऐसा कोई साध्य कहाने वाला रोग नहीं है जिसे शिलाजीत | उस अवस्था के योग्य, अनुपानों के साथ विधिपूर्वक प्रयोग करने पर बलात् नष्ट न करता हो ।
✦यह स्वस्थ पुरुषों को भी विपुल बल देता है।
शिलाजीत का प्रयोग ३ प्रकार का होता है ।
(१ ) पर ( २) मध्य और (३) अवर । ७ सप्ताह तक शिलाजीत का निरन्तर प्रयोग करना पर प्रयोग कहलाता है । ३ सप्ताह तक इसका निरन्तर प्रयोग करना मध्य प्रयोग कहलाता है और १ सप्ताह का लगातार प्रयोग अवर प्रयोग होता है। जो बलशाली और बहुदोष होते हैं उन्हें ७ सप्ताह तक, जो मध्यबल और मध्य दोष होते हैं उन्हें तीन तृप्ताह तक और जो अल्पवले और अल्पदोष होते हैं उन्हें १ सप्ताह तक इसका प्रयोग करना चाहिये ।
शिलाजीत के उपयोग :
✦ शिलाजीत प्राचीन हिन्दू चिकित्साशास्त्र के अन्दर एक महत्वपूर्ण वस्तु मानी गई है और आर्य चिकित्सक भिन्न भिन्न प्रकार के रोगों के ऊपर इसका प्रचुरता से उपयोग करते आये हैं । क्षय,
खांसी, दमा, पाचन यंत्रों की खराबी, गुदा और मूत्राशय की पथरी, जलोदर, मज्जातंतुओं के रोग, गलितकुष्ठ, मधुप्रमेह और इड्डी टूटने के ऊपर यह एक बहुत उपयोगी वस्तु मानी गई है । चर्मरोगों के अन्दर, सूजन के अन्दर तथा कीटाणु और परोपजीवी कीटाणुओं को नष्ट करने के लिये भी इसका बहुत । उपयोग होता आया है।
✦ मुसलमान चिकित्सकों ने ३ शताब्दी पूर्व शिलाजीत को अपने मटेरियामेडिका में सम्मिलित किया और सब प्रकार के विषों के दर्द को नष्ट करने के लिये तथा दूसरी बीमारियों में इस वस्तु की उपयोगिता को स्वीकार किया।
शिलाजीत सेवन विधि और मात्रा : shilajit sevan karne ki vidhi
shilajit khane ka tarika in hindi
✶ शिलाजीत को सवेरे ही सूर्य निकलने के बाद दूध अथवा शहद के साथ लेना चाहिये ।
✶सवेरे का खाया हुअा शिलाजीत पच जाने पर भात, दूध, जौ की रोटी या जौ की बनी हुई कोई चीज खाना चाहिये ।
✶शिलाजीत की मात्रा अपने बलावल के अनुसार १ से लेकर २ ग्राम तक की लेना चाहिये।
शिलाजीत के फायदे और रोगों का उपचार : shilajit ke fayde hindi
shilajit benefits in hindi
1-स्वप्नदोष में शिलाजीत के फायदे :
वंशलोचन, शुद्ध शिलाजीत छोटी इलायची, सफेद मिर्च, मस्तंगी, शीतलचीनी, कुन्दरू, राल और हल्दी 10-10 ग्राम लेकर, चंदन के तेल के साथ कूट लें और मटर के बराबर गोली बना कर रोज 1-2 गोली ताजा पानी के साथ सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष मिट जाता है। साथ ही पेशाब के संग आने वाला घात, पेशाब की रुकावट आदि भी दूर होती है।
2- प्रमेह में शिलाजीत के फायदे :
शहद, पीपल और शिलाजीत के अन्दर १ रत्ती निश्चंद्र अभ्रक भस्म मिला कर सेवन करने से बीसों तरह के प्रमेह निश्चय ही नष्ट हो जाते हैं ।
3- १ या २ माशे शिलाजीत को मिश्री मिले हुए दूध के साथ लेने से सब प्रकार के प्रमेह नष्ट होते हैं ।
4-धातु विकार में शिलाजीत के फायदे :
इनमें से सवेरे शाम दो दो गोली दूध के साथ लेने से वहुमूत्र, प्रमेह, कमजोरी ओर धातु विकार आराम हो जाते हैं।
5- मूत्रकृच्छ और मूत्राघात में शिलाजीत के फायदे :
एक माशे शिलाजीत को पीपल और इलायची के साथ लेने से मूत्रकृच्छ और मूत्राघात मिटता है।
6- वातगुल्म में शिलाजीत के फायदे :
क्षुद्र पंचमूल के क्वाथ में दूध डालकर उसमें शुद्ध शिलाजीत ८ रत्ती की मात्रा में मिला कर पीने से वातगुल्म मिटता है ।
7-प्रमेह में शिलाजीत के फायदे :
शुद्ध शिलाजीत को त्रिफला और शहद के साथ चाटने से प्रमेह मिटता है ।
8-कुम्भकामला में शिलाजीत के फायदे :
गौमूत्र में शुद्ध शिलाजीत मिला कर पीने से कुम्भकामला मिटता है ।
9-वातरक्त में शिलाजीत के फायदे :
पंचकर्म से शुद्ध होकर अगर मनुष्य गिलोय के क्वाथ से शुद्ध किये हुए शिलाजीत का लंबे समय तक सेवन करे तो वातरक्त और कुष्ट नष्ट हो जाते हैं ।
10-वीर्य गाढ़ा और मजबूत में शिलाजीत के फायदे :
वंशलोचन और शिलाजीत 40-40 ग्राम लेकर पीसकर रखें, फिर इसमें 10 ग्राम सत गिलोय को मिलाकर 1-2 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ रोगी को सुबह-शाम सेवन करके ऊपर से मिश्री मिलाकर दूध पिलाने से वीर्य गाढ़ा और मजबूत होता है,स्वप्नदोष में आराम मिलता है।
शिलाजीत के नुकसान :shilajit ke nuksan
shilajit ke side effects
1-शिलाजीत केवल चिकित्सक की देखरेख में लिया जाना चाहिए।
2-अधिक खुराक के गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।
3-शुद्ध शिलाजीत का ही सेवन करे।
4 अशुद्ध शिलाजीत से शरीर पर बहुत से हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होतें है |
5-डॉक्टर की सलाह के अनुसार शिलाजीत की सटीक खुराक समय की सीमित अवधि के लिए लें।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
I’d must check with you here. Which is not one thing I normally do! I get pleasure from studying a publish that may make people think. Additionally, thanks for allowing me to comment!
Yeah bookmaking this wasn’t a risky conclusion great post! .