स्वस्थ रहने के लिए कैसी हो दिनचर्या ? – Health Tips in Hindi

स्वस्थ रहने के लिए जीवन में दिनचर्या के कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। आयुर्वेद में स्वस्थ रहने के उद्देश्य से जीवनावश्यक महत्वपूर्ण नियमों का वर्णन आता है। दिनचर्या के अंतर्गत वे ही नियम आते हैं। इसमें सर्वप्रथम शरीर की आंतरिक स्वच्छता तथा शरीर की जीवन शक्ति एवं पाचन शक्ति का विकास करना आवश्यक है। आइए, इन महत्त्वपूर्ण नियमों को जाने –

स्वस्थ और सेहतमंद रहने के सरल उपाय (Swasth Rahne ke Upay in Hindi)

1). प्रातः भरपेट कुनकुना पानी पिये व हर घंटे के अंतर से पानी पीते रहे –

अपने पाचक अंगो की धुलाई करने के लिए व उन्हें स्वस्थ बनाने के लिये प्रातः 4 गिलास पानी पियें इससे कब्ज भी दूर हो जाता है व दिन में 12-13 गिलास पानी पीने से शरीर की संपूर्ण गंदगी मूत्र मार्ग से निकल जाती है।

2). नित्य प्राणायाम एवं आसन करें –

15-20 मिनट नित्य प्राणायाम करना चाहिये। प्राणायाम में भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम या नाड़ीशोधन प्राणायाम करें। जिनको प्राणायाम नहीं आते वे रीढ़ सीधी करके गहरे लम्बे श्वास लें व छोड़ें। प्राणायाम के साथ ही आसन करना भी अत्यावश्यक हैं। ऐसे आसन जो हमारे बीमार अंगो पर दबाव डालें। इससे उनकी कार्यशक्ति बढ़ती है। आसनों में विशेषतः, सूर्यनमस्कार, योगमुद्रासन, शशांकासन, मण्डूकासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, मयूरासन, गोमुखासन, त्रियक भुजंगासन अपनी-अपनी शक्ति के अनुसार करें। केवल गहरे लंबे सांस लेते व छोड़ते रहने से ही अधिकतम रक्त का शुद्धिकरण हो जाता है।

( और पढ़े – प्राणायाम के लाभ और इसके 15 आवश्यक नियम )

3). नहाने से पहले पूरे शरीर का सूखा घर्षण करें –

बाथरुम में कपड़े उतार कर अपनी हथेली से या नैपकिन हाथ में लेकर पैर से सिर तक पूरे शरीर का 8-10 मिनट सूखा घर्षण करें तत्पश्चात् नहा लें। इस घर्षण करने से पूरे शरीर में रक्त का संचालन सुधरेगा सभी मांस-पेशियां व नस नाड़ियां स्वस्थ व क्रियाशील हो जाएंगी। सभी अंगो में अच्छी तरह रक्त का प्रवाह होने लगेगा सभी अंग स्वस्थ होंगे एवं त्वचा स्वस्थ व शक्तिशाली बनेगी रक्त में से ग्लूकोज़ घटेगा व शरीर की शक्ति बढ़ेगी। यदि शरीर में कहीं चर्मरोग हो तो उस स्थान पर घर्षण न करें।

4). पेट पर नित्य गर्म ठंडा सेक करें –

पेट पर 3 मिनट गर्म, 2 मिनट ठंडा सेंक बदल-बदल कर 30 मिनट लगातार भोजन से पहले या भोजन के 2 घंटे बाद करने से अग्न्याशय व लिवर सहित पेट के समस्त अंग स्वस्थ व शक्तिशाली बनते हैं। अग्नाशायक रस (पैंक्रियाटिक जूस) व पाचक रस अच्छी तरह निकलने लगते हैं। यह गर्म ठंडा सेंक मधुमेह व उदर रोग तथा मोटापे के रोगियों के लिये सबसे अच्छा उपचार है।

5). धूप स्नान –

प्रातः 8 बजे से पहिले सिर ढक कर पूरे शरीर पर 20 मिनट धूप स्नान लें इससे पाचक अंगो के रोग, नर्वस सिस्टम, श्वासरोग, मांसपेशियों की जकड़न में लाभ होता है। साथ ही प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘डी’ भी मिलता हैं, जिससे सभी प्रकार के हड्डी रोग में लाभ होता है।

( और पढ़े – सूर्य स्नान के लाभ और विधि )

6). व्यायाम –

शरीर के सभी जोड़ों के व्यायाम करें। ये व्यायाम 10-15 मिनट में हो जाते हैं। इससे 100 साल
तक शरीर स्वस्थ रहता है।

परहेज (Foods to Avoid)

1). चाय, कॉफी, तंबाकू, शराब, मांस, मछली, अंडों का सेवन न करें इनमें जो कैफिन, टेनिन, निकोटिन यूरिक एसिड एवं अन्य विष रहते है, उनसे पाचन शक्ति कमजोर होती है तथा शरीर का दर्द, मोटापा व बीमारियां बढ़ती है।

2). अचार, तली चीजें, गर्म-मसाले, बेसन, मैदा व उनसे बनी सभी चीजों का उपयोग न करें। उनसे पाचन क्रिया मंद होती है एवं कब्ज व एसिडिटी होती है।

3). भोजन के साथ पानी न पियें | भोजन से आधा घंटा पहले व एक घंटे बाद पानी पिये। भोजन के साथ पानी पीने से पाचन क्रिया मंद हो जाती हैं एवं शरीर में वायु विकार बढ़ता है।

4). बर्फ व फ्रिज में रखी चीजें पहले 30 मिनट बाहर निकालकर रखें व तापमान रुम टेम्परेचर के बराबर आने पर खायें।

5). दर्द, मोटापा या गैस से पीड़ित व्यक्ति को दाल कम लेना चाहिए (सप्ताह में 1 या 2 बार) अधिक दाल खाने से ये रोग बढ़ते हैं।

सामान्य आहार

  • शरीर के सभी अंगो को कई प्रकार के विटामिन, मिनरल, फैटी एसिड, मेटल्स, फाइबरस की आवश्यकता होती है जो केवल फल, सलाद, अंकुरित अनाज व सब्जियों से मिलते हैं हमें आहार में 70 प्रतिशत फल, सलाद, सब्जियां व 30 प्रतिशत अन्न खाना चाहिये।
  • नाश्ते में ताजे फल व फलों का रस लें या अंकुरित अन्न में सलाद मिलाकर लें। इनसे शरीर के सभी अंगो की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
  • भोजन में 60 प्रतिशत सलाद खाएं। उबली हरी सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं।
  • शाम को पपीता, अमरुद, जामुन, टमाटर या मौसम के फल खाएं।
  • चाय न पियें यदि न रह सकें तो आधा दूध आधा पानी मिलाकर उसमें थोड़े सौंफ, एक छोटा टुकडा अदरक व 6-8 तुलसी के पत्ते डालकर उबालकर पियें।
  • रात का भोजन सुपाच्य एवं जल्दी करीब 7-8 बजे कर लेना चाहिए। भोजन में सलाद, सूप, उबली सब्जियां, रोटी व चावल होना चाहिये। वेजिटेबल दलिया या वेजिटेबल खिचड़ी सबसे सुपाच्य व अच्छा आहार है।

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