वास्तु (प्रकृति) के 101 चमत्कारी नुस्खे | Vastu Shastra ke Nuskhe

Last Updated on June 2, 2020 by admin

यहां हम अपने पाठकों की सेवा में प्रकृति के उन तौर-तरीकों व नुस्खों को पेश कर रहे हैं, जो मनुष्य के व्यवहार से जुड़ा है, और प्रकृति के काफी करीब होने के कारण वास्तु सम्मत भी है ।

  1. धन वृद्धि के लिए ‘धन’ (जेवर, आभूषण, नकद आदि) के पास पीले कपड़े में ग्यारह सूखे छुहारे रखें।
  2. कर्ज उतरने का नाम न ले रहा है, तो कर्ज की किश्त शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगल वार से प्रारंभ करें।
  3. अगर आपका बच्चा पठाई में मन नहीं लगाता हो, तो उसे डांटने-डपटने की बजाए यह उपाय करें किसी भी शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को एक पात्र में पांच मिठाई और हरी इलायची का जोश बच्चे के हाथ से किसी पीपल के पेड़ के नीचे रखवाएं। तीन गुरूवार के बाद बच्चा स्वयं ही पढ़ने में दिलचस्पी लेने लगेगा।
  4. घर में दक्षिणावर्ती शंख रखें। रात को उसमें जल भर दें। सुबह शंख के जल को पूरे घर में छिड़क दें। घर में ताजगी व समृद्धि बनी रहेगी।
  5. सुबह उठते ही अपनी हथेलियों का दर्शन करें। फिर नित्य क्रिया को जाएं। घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
  6. यदि घर में लगातार अशांति व परेशानी का वातावरण रहता हो, तो इसके निवारण के लिए फिटकरी युक्त जल से घर की धुलाई करें।
  7. तीन बेलपत्रों को शिवलिंग पर चढ़ाने से कार्य में सफलता मिलती है।
  8. चुटकी भर नमक अपने दरवाजे पर गिरा कर कार्य पर बाहर जाएं। सफलता मिलेगी।
  9. नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुडियां रखकर खिलाने से नजर का प्रभाव दूर होता हैं।
  10. बहरे की गुढली को सफेद धागे में गूंथकर चेचक रोगी के गले में पहनाने से रोग दूर होता है।
  11. काले धतूरे की जड़ ताबीज में भरकर काले कच्चे धागे में कमर में बांधने से स्वप्न दोष से छुटकारा मिलता है।
  12. पैर में बिवाय है, तो शलजम के अर्क में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट तैयार करें। तीन दिनों तक बिवाय पर इसका लेप करें।
  13. कुश की चटाई पर सोने से मूत्र संबंधी रोग ठीक हो जाता है।
  14. चिड़चिड़ा पौधे की जड़ को बिच्छू द्वारा काटे गए व्यक्ति को 6 बार दिखा देने से बिच्छू का जहर उतर जाता है।
  15. लोबान के पौधे की जड़ को गले में धारण करने से खासी दूर होती है।
  16. गोरख मुंडी के चूर्ण से सिर धोने से सिर का कोई रोग नहीं होता तथा बाल भी काले रहते है।
  17. बुरे स्वप्न से छुटकारा पाने के लिए अपने सिरहाने एक हरा नींबू रखें।
  18. वजन कम करने के लिए रविवार को काला धागा अनामिका में बांधे एवं रांगा (अंगूठी) धारण करें।
  19. मुकदमों के झंझट से छुटकारा पाने के लिए तारीख के दिन कोर्ट जाने से पहले तीन साबुत काली मिर्च व थोड़ी-सी देशी शक्कर खाकर घर से निकलें। लाभ होगा।
  20. मां को ब्लडप्रैशर है, रविवार की रात में 325 ग्राम दूध मां के सिरहाने रख दें। सोमवार की सुबह उस दूध को पीपल पर चढ़ाएं। पांच रविवार ऐसा ही करें। मां की सेहत में सुधार आता जाएगा।
  21. दक्षिण दिशा में मकान में रहने वाले पुरूष दाएं हाथ में चांदी का कड़ा तांबे की कील लगाकर पहनें। इससे घर में सुख-शांति व उल्लास बना रहता है।
  22. घर में किचन और गेस्टरूम परस्पर जुड़े हुए न हों, अन्यथा पति-पत्नी में तालमेल का अभाव व समझ-बूझ की कभी होगी।
  23. घर की खिड़किया सुबह के समय बंद रखने पर घर के बच्चों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
  24. दक्षिणमुखी मकान में रहनेवाली स्त्रियों को अपने बाएं हाथ में शुद्ध चांदी की बिना जोड़ की चूड़ी चार धारियों वाली ऊपर लाल रंग चढ़ाकर धारण करनी चाहिए।
  25. दक्षिण मुखी मकान के मुख्य द्वार की दहलीज के नीचे चांदी की पतरी दहलीज़ की लंबाई के बराबर लगाएं और अपने ड्राईंगरूम में कच्ची मिट्टी का बंदर या सफेद पत्थर का बंदर रखें। इससे घर के स्त्री-पुरूषों का मेल जोल रहता है।
  26. यदि दूकान में बार-बार चोरी या किसी भी अन्य तरीके से कमाई बाहर जा रही हो, तो दूकान मालिक को चाहिए कि वह अपनी तिजोरी या गल्ले के नीचे काली गुंजा के दो या अधि क दाने डाल दें। इससे धन का अपव्यय रूक जाएगा। दूकान में चोरी भी नहीं होगी।
  27. सूर्य ग्रह से पीड़ित होने पर रात में तांबे के बरतन में पानी भरकर रख दें और सुबह उस पानी को पी जाएं। ध्यान रहे कि लोटा पीड़ित व्यक्ति के सिरहाने रखा जाना चाहिए।
  28. तुलसी के पौधे पर प्रतिदिन जल अर्पण करने से बुध ग्रह दोष दूर होता है।
  29. शनि ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार के दिन लोहे, चमड़े, लकड़ी की बनी वस्तुएं नहीं खरीदना चाहिए और न ही तेल खरीदें, न उसका इस्तेमाल करें।
  30. धन का अपव्यय रोकने के लिए गुरूवार के दिन पीले फल भगवान विष्णु के मंदिर में दान करें।
  31. स्वास्तिक चिन्ह धारण करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। जिस स्थान पर स्वास्तिक चिह्न अंकित किया जाएं वहा की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है तथा शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  32. कवाच की जड़ पीसकर माथे पर लगाने से अच्छी नींद आती है।
  33. वर-वधू में प्यार व समर्पण बढ़ाने के लिए साबुत काली उड़द में मेहंदी मिलाकर वर-वधू के कक्ष की दिशा में फेंक दें। यह उपाय वहां करें, जहा उनका विवाह हुआ हो।
  34. किसी भी कार्य पर चलते समय पहले उलटी दिशा में चार पग जाएं, फिर कार्य पर जाएं। निश्चित रूप से आपका कार्य संपन्न होगा।
  35. नजर लगे व्यक्ति को दरवाजे के बीच बैठाकर उस पर स सेंधा नमक व मिट्टी उतारें। नजर दोष दूर होता है।
  36. सात साबुत हल्दी की गांढ, पीतल का एक टुकड़ा थोड़ा-सा गुड़ लेकर यदि विवाहित युवती अपनी ससुराल की दिशा में फेंक दें, तो वह आजीवन सुखी रहेगी।
  37. स्मरण शक्ति में बढ़ोत्तरी के लिए चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के दिन स्नान करने के बाद पूर्व दिशा में उगे हुए सरपंखा या लोध पौधे की जड़ लाकर उसे ताबीज में धारण करें।
  38. अगर किसी व्यक्ति को बिच्छू ने डंस लिया है, तो उसे हुलहुल की जड़ को सात बार सुधाए। बिच्छू का जहर उत्तरने लगेगा।
  39. सामान चोरी होने पर उसका पता करने के लिए भरणी नक्षत्र में पान का पत्ता लाकर उसे कत्थे व सुपाड़ी से बीड़ा लगाएं तथा चोरी वाले स्थान पर बीड़ा रख दें।
  40. अगर कोई बच्चा ग्रह-नक्षत्र के दोष से पीड़ित हैं, तो सतावर के सात टुकड़ों में सूती धागे से अलग-अलग सात गांठे बाधे। इस प्रकार माला बनाकर बच्चे के गले में किसी शुभ मुहूर्त में डाल दें। ग्रह की दशा-दिशा ठीक होने लगेगी।
  41. संतान सुख प्राप्ति के लिए स्त्री रोहिणी नक्षत्र में सफेद धुंधची का पौधा लाकर उसे अपने हाथों से लगाए। जब पौधा बड़ा हो जाए, तो स्त्री मासिक धर्म से शुद्ध होकर उस पौधे की तीन माशा जड़ का ताजे जल में घिस कर पी जाए। इसके बाद पति के साथ स्त्री संसर्ग करे। वह पहली बार में ही गर्भवती होगी।
  42. गहरी व मीठी नींद लाने के लिए पूर्व या दक्षिण में सिर रखकर सोएं। बेडरूम में कपूर जलाएं। अच्छी व गहरी नींद आएगी।
  43. आप गेहूं पिसवाते हो या दूकान का आटा खरीदते हों, गुरूवार या मगंलवार को ही यह खरीददारी करें। इससे अन्न का अभाव नहीं होता।
  44. अगर आपने किसी को रूपये उधार दे रखें हो तथा वह आदमी आपके पैसे वापस करने का नाम तक न ले रहा हो, तो यह उपाय करें- कपूर के सूखे काजल से उसका नाम भोजपत्र पर लिखकर किसी भारी वास्तु के नीचे रखकर दवा दें। यह उपाय शुक्ल पक्ष में किसी अच्छे मुहूर्त में करने से विशेष लाभ होता है। आपका डुबा हुआ धन वापस आ जाता है।
  45. घर में धन व सौभाग्य वृद्धि के लिए मुख्य द्वार पर बैठे हुए श्री गणपति की दो मूर्तियों को इस तरह से लगाएं कि दोनों की पीठ एक-दूसरे से सट जाएं।
  46. लाल रिबन में ताबे के सिक्के गुंथकर मुख्य द्वार पर बांधने से घर में लक्ष्मी का वास होता है तथा परिवार में खुशहाली व समृद्धि छायी रहती है।
  47. घर में सुख-शांति व बरकत के लिए ढक्कन वाला एक चांदी का लोटा लें। उसमें गंगाजल भरकर लौटे की गरदन में कलावे में मूंगा पिरोकर बांध दें। फिर ढक्कर लगाकर लोटा को मकान में उत्तर-पूर्व में स्थापित करें।
  48. घर में शादी योग्य लड़के-लड़कियों को अपनी जेब से एक पीला रूमाल लेकर चलना चाहिए। इससे उनकी शादी की स्थितियां शीघ्र ही बनने लगती हैं।
  49. कुंवारे लड़के या कुंवारी लड़की का सिर सोते समय दरवाजे के सामने नहीं होना चाहिए। उनके पांव भी दरवाजे के सामने नहीं होने चाहिए।
  50. सुंदर वर या सुंदर वधु की प्राप्ति के लिए। सिर के सामने सुंदर क्रिस्टल बॉल व आकर्षक झूमर लटकाएं।
  51. अगर कहीं पड़ोस में लड़की की शादी हो रही हो, तो शगुन के पैसे को लड़का या लड़की हाथ से स्पर्श करें, तो उनका रिश्ता शीध्र तय हो जाता है।
  52. अगर पति-पत्नी में तनाव रहता है, उनके संबंधों में खटास आ गयी हो, तो यह उपाय करे- घर में गेहूँ तथा चने खरीद कर रख लें। गेहूं पिसाने से पहले उसमें थोड़े से चने मिला दें। केवल सोमवार व शनिवार को ही पीस कर काम में लें। धीरे-धीरे पति-पली के संबंधों में उदासीनता का लोप होता जाएगा। उनके संबंध पहले की भांति ही अच्छे हो जाएंगे।
  53. संतान की लंबी आयु के लिए उसके पैदा होने पर मित्र, रिश्तेदारों, पड़ोसियों व शुभचिंतकों को मिठाई न खिलाकर नमकीन खिलाएं।
  54. अगर बच्चा अपनी मां का कहना न मान रहा हो, तो माँ अपनी भरी हुई मांग में से सिंदूर का टीका बच्चे को लगाएं। बच्चा आज्ञाकारी होता जाएगा।
  55. चंदन, गोरोचन, रोली तथा कपूर-बराबर मात्रा में लेकर घोट कर तिलक करें। देखने वाला आपके वश में हो जाएगा। व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होती है।
  56. अगर किसी से ठगने का डर हो, तो हल्दी की गांठ से अपने घर या दूकान की चौखट पर पांच का अंक हल्के इशारे से लिखें।
  57. जुते, चप्पल, सैंडल आदि गुरूवार के दिन ही खरीदें।
  58. स्वभाव-दोष से बचने के लिए तांबे का कड़ा दाहिने हाथ की कलाई पर पहनें।
  59. वास्तु के अनुसार भवन में एक ही रंग होना चाहिए।
  60. सफेद मदार की जड़ लाकर उसे धागे या कपड़े की मदद से भूजा पर बांध लें। एक दिन के अंतर से आने वाला ज्वर ठीक हो जाता है। स्त्री बांयी भुजा पर जबकि पुरूष दांयी भुजा पर बांधे।
  61. शीत ज्वर होने पर शनिवार के दिन बबूल की जड़ सफेद धागे में लपेट कर बांह पर बांध लें। शीत ज्वर ठीक हो जाएगा।
  62. निर्गुडी व सहदेवी पौधे की जड़ कमर में बांधने से समस्त प्रकार के ज्वरों से मुक्ति मिल जाती है।
  63. धतूरे की जड़ कमर में बाधने से प्रसव पीडा कम हो जाती है। बवासीर रोग पूर्णत: ठीक होता है।
  64. घर के सामने अस्पताल, मंदिर, मस्जिद, श्मशान का होना वास्तुदोष है। लेकिन अगर घर के मुख्य द्वार को छोड़कर एक लाइन में पेड़ की कतार लगा दें, तो यह दोष दूर हो जाता है।
  65. घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पूर्व में हो, तो मुख्य द्वार के सामने गड्ढा खोदकर उसमें चूना डाल दें। इससे वास्तु दोष निवारण होता है।
  66. स्मरण शक्ति क्षीण पड़ गयी हो, तो सुलेमानी लाल हकीक धारण करें।
  67.  तिल्ली का रोग दूर करते के लिए छोटी प्याज की माला गले में पहनें।
  68. घर में अन्न का अभाव हो, तो अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर घर में रख दें। अनाज का अभाव कभी नहीं होगा।
  69. कीड़े-मकोड़े जहां से बहुत मात्रा में निकल रहे हों, अर्थात् बिल के पास अपने बाएं पैर का जूता उलटा करके रख दें। सारे कीड़े-मकोड़े वापस बिल में चले जाएंगे।
  70. दक्षिणावर्ती शंख जहां रखा जाए, वहां हर चीज दुगनी हो जाती है।
  71. हल्दी पीस कर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर ‘ऊँ’ बना दें। घर में कभी वास्तुदोष का प्रकोप नहीं होगा अथवा अगर घर में किसी तरह का कोई वास्तु दोष भी है, तो उसका असर ज्यादा नहीं होगा या बिल्कुल ही नहीं होगा।
  72. दुष्ट ग्रहों से रक्षा के लिए अनार वृक्ष का बांदा ज्येष्ठा नक्षत्र में धारण करें।
  73. शुक्ल पक्ष के बुधवार को 11 बजे के बाद दशमी के दिन जो मांगा जाए, वह साठ हजार वर्षों तक आपके लिए पुनर्जन्म तक खुशियां लाकर देता हैं।
  74. चांदनी (शुक्ल पक्ष) के पहले मंगल को हनुमान जी की पूजा प्रसाद व रोट के साथ करने से सब मंगल होता है।
  75. अशोक, आम, पीपल, कनेर के पत्ते बहुत ही शुभ माने गए है। इन पत्तों को एक धागे में बांधकर उसका तोरण बनाकर मकान के मुख्य द्वार पर लटका दें। घर का वास्तुदोष तो दूर होगा हीं, इससे धन लक्ष्मी का आगमन भी बढ़ेगा।
  76. विवाह योग्य युवक-युवती को जब भी किसी अन्य व्यक्ति के विवाह में जाने का अवसर मिले, तो वर या कन्या को लगाई जाने वाली मेंहदी लेकर अपने हाथों पर लगाएं। इससे उनके विवाह शीध्र तय हो जाते है।
  77. नींबू व हरी मिर्च को एक धागे में पिरोकर दूकान के दरवाजे पर लटकाने से दूकान को नजर नहीं लगती। और अगर दूकान को नजर लगी भी हो, तो वह दूर हो जाती है।
  78. दांत निकलते वक्त शिशु के हाथ या पांव में लोहे या ताबे का कड़ा पहना दें। इससे शिशु को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
  79. अपनी दूकान या संस्थान में प्रवेश करते समय वह पैर पहले अंदर रखें, जिस तरफ का स्वर चल रहा हो अर्थात् नासिका में जिस ओर के छिद्र का प्रवाह हो रहा हो।
  80. भवन पर किसी भी तरह के पेड़- पीपल या बड़ की छाया नहीं पड़नी चाहिए। छाया दोष सबसे अशुभ होता है। और घर के सदस्यों के चेहरे की खुशी छिन लेता है।
  81. बड़े से बड़े वास्तुदोषों से बचाव करना चाहते हैं, तो हमेशा घर के ईशान कोण को वास्तु अनुकूल रखें।
  82. भवन के ईशान कोण में अंडर ग्राउण्ड वाटर टैंक का निर्माण कराने से भयंकर से भयंकर वास्तु दोष प्रभाव हीन हो जाते हैं।
  83. घर का मुख्य द्वार निर्दोष होता है, तो घर में सुख-समृद्धि आती हैं मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध व पानी मिलाकर गिराएं और बीच में हल्दी का स्वास्तिक बनाएं। उस पर गुड़ का टीका लगाएं। फिर उसकी पूजा करें। इससे सौभाग्य-सुख में वृद्धि होती है।
  84. घर के मुख्य द्वार के ऊपर भूलकर भी बिजली का मीटर न लगवाएं।
  85. घर के पूर्वज, देवताओं का स्थान कभी नहीं ग्रहण कर सकते है। अत: अपने घर के मंदिर में मृत पूर्वजों के चित्र न लगाएं। मृत पूर्वजों की तस्वीरों के दक्षिण की दीवार पर ही टांगे।
  86. कुछ लोग मृत पूर्वजों की तस्वीर को धुप बत्ती दिखाते है, फूल-माला चढ़ाते हैं। वास्तु के अनुसार ऐसा करने का नतीजा गलत ही होता है।
  87. तीन व तेरह कोण का मकान सपने में भी न बनवाएं।
  88. पंचकोणीय मकान में भूलकर भी निवास न करें।
  89. पूजा घर में मुकदमा संबंधित कागजात रखने से विजय की संभावना बढ़ जाती हैं।
  90. काम पर जाते समय पूर्व-उत्तर या पूर्व की ओर से निकल कर जाएं।
  91. घर के पूर्व-उत्तर में पानी डालने से भाग्य जागता है।
  92. भूल से भी पीपल की पूजा इतवार को न करें।
  93. वायव्य कोण, उत्तर दिशा, ईशान खुले रखें, घर की इन दिशाओं व कोणों के खुल रहने से तथा पूर्व की ओर ढलान होने से घर में लक्ष्मी बढ़ जाती है। निवासियों को कभी धन की कमी महसूस नहीं होगी।
  94. उगता सूर्य जिस घर में उत्तर-पूर्व से घुसकर सीधे उत्तर-पश्चिम तक चमक जाए, तो समझ लें कि ऐसा मकान स्वर्ग से कुछ कम नहीं है। यहां रहने वालों का स्वास्थ्य कभी खराब नहीं होता और घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है।
  95. घर में पूजा स्थान एक ही जगह रखें । उसे बार-बार न बदलें ।
  96. शराब, माँस, मछली का सेवन न करें । शाकाहार को अपनाएँ ।
  97. घर में तोता-मैना न पालें । पक्षियों को चारा खिलाएँ । उनकी सेवा करें।
  98.  क्या आपने घर में गाय पाल रखी है ? यह अच्छी बात है । अगर गाय काली हो, तो सोने पे सुहागा सिद्ध होगा । काली गाय की सन्तान की तरह सेवा करें।
  99. स्त्री के बाएँ हाथ में चाँदी का छल्ला धारण करवाएँ । काफी लाभ होगा।
  100.  अपने भोजन में से कुछ अंश गाय को निकालें, कुछ अंश कुत्ते के लिए तथा कुछ अंश कौवे-पक्षी के लिए निकालें ।
  101. शारीरिक स्वच्छता का ख्याल रखें । जैसे दाँत, मुँह, नाक आदि साफ रखें । फिटकरी से दाँत साफ करें ।

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