सीने में दर्द के 10 अचूक घरेलू उपचार | Sine me Dard ke Karan aur Upay in Hindi

Last Updated on February 21, 2024 by admin

सीने में दर्द क्यों होता है ? : Sine me Dard Kyu Hota Hai

सीने में दर्द (Chest Pain) हमेशा हार्ट अटैक का मामला नहीं होता। सीने या छाती में दर्द के और भी कई कारण हो सकते हैं। एसीडिटी, सर्दी, कफ, तनाव, गैस, बदहजमी और धूम्रपान से भी छाती में दर्द होती है।

सीने में दर्द का घरेलू उपचार : Seene me Dard ka Ilaj in Hindi

1. करंजवा : करंजवे की गिरी, पीपल, अदरक का रस और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। यह 1-1 गोली दिन में 2 से 3 बार खाएं। इससे छाती का दर्द समाप्त हो जाता है।

2. मदार (आक) : मदार का पत्ता और कालीमिर्च को पीसकर गोली बना लें और यह 1-1 गोली दिन में 2 बार 5 दिनों तक सेवन करें और साथ ही बारहसिंगा का सींग घिसकर छाती पर लेप करें। इससे छाती का दर्द ठीक होता है।

3. नील चूके : सीने के दर्द में नील चूके की लकड़ी 4 ग्राम और मालकंगनी 1 ग्राम को पानी में पीसकर चने के समान गोली बनाकर 1-1 गोली प्रतिदिन खाने से छाती का रोग दूर होता है। इस औषधि का उपयोग करते समय खटाई या मिर्च का सेवन बिल्कुल न करें।

4. अलसी : छाती के दर्द से पीड़ित रोगी को अलसी और इम्पद की चटनी में शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए। इसके प्रतिदिन सेवन से दर्द में आराम मिलता है।

5. बहेड़ा : छाती के दर्द में बहेड़ा जलाकर चाटने से दर्द में आराम मिलता है।

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6. धनिया : गर्मी के कारण, बासी भोजन करने, खट्टी डकारें आने, अम्लपित्त बनने के कारण रोगी की छाती में जलन होती है। जलन के कारण रोगी बड़ी बेचैनी महसूस करता है, अधिक घबराया रहता है और उसे ऐसा महसूस होता है जैसे उसका हृदय बैठा जा रहा है। ऐसी अवस्था में रोगी को 5 ग्राम सूखा धनिया, 2 ग्राम कालानमक, 1 ग्राम हींग और 5 ग्राम अजवायन को मिलाकर चूर्ण बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन करना चाहिए। इससे छाती की जलन दूर होती है।

7. गाजर : गाजर को उबालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से छाती का दर्द समाप्त होता है।

8. कपूर : कपूर की धुनी श्वासेच्छास के साथ देने से छाती का रोग ठीक होता है।

9. अरीठा : अरीठे की छाल प्रतिदिन खाने से छाती में जमा कफ पतला होकर निकल जाता है और छाती की जकड़न व दर्द ठीक होता है।

10. अनार :

  • अनार का रस और एक ग्राम सोनामक्खी का चूर्ण मिलाकर छाती दर्द से पीड़ित रोगी को पिलाने से दर्द शान्त होता है।
  • अनार का 10 मिलीलीटर रस और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से हृदय मजबूत होता है और छाती का दर्द दूर होता है।
  • अनार के पत्तों का काढ़ा 10-20 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 2 बार पीने से छाती का घाव व दर्द ठीक होता है।

सीने के दर्द में खान पान और सावधानियाँ :

  1. छाती के दर्द से पीड़ित रोगी को चावल, खुश्क चीजे, तली हुई वस्तुएं आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। रोगी को खट्टी चीजों को सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे छाती की जलन बढ़ती है।
  2. ठंड़ा दूध दिन में कई बार सेवन करना चाहिए। हरा धनिया और पोदीने की चटनी खानी चाहिए। भोजन के बाद टहलना भी रोगी के लिए बेहद लाभकारी होता है।

इस लेख का हिंदी अनुवाद यहाँ पढ़ें10 Home Remedies for Chest Pain Problems : Precaution and Meals

अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

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