खांसी दूर करने के 191 सबसे असरकारक घरेलु देसी नुस्खे : Khansi ke Gharelu Upay in Hindi

Last Updated on March 18, 2024 by admin

खांसी क्या है ? : khansi in hindi

खांसी (cough/khansi) का सम्बंध फेफड़ों तथा शरीर के उन अंगों से होता है जो सांस लेने में फेफड़ों को सहायता प्रदान करता है। खांसी का रोग किसी भी मौसम में हो सकता है लेकिन यह विशेष रूप से सर्दी के मौसम में होता है। एलोपैथी चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार खांसी की उत्पत्ति विशेष प्रकार के जीवाणुओं से होती है। यदि खांसी की चिकित्सा कराने में देर हो जाए तो खांसी क्षय रोग (टी.बी.) में बदल जाती है।

खांसी के कारण: khansi ke karan

  • खांसी वात, पित्त और कफ बिगड़ने के कारण होती है।
  • श्वासनली की सूजन में धूल-धुंआ जाना, जल्दी-जल्दी खाने के कारण खाने-पीने की वस्तुएं अन्ननली में जाने की बजाय श्वासनली में चले जाना।
  • रूक्ष पदार्थों का अधिक सेवन करना, मल-मूत्र या छींक आदि के वेग को रोकना। खट्टी, कषैली, तीव्र वस्तुओं का अधिक सेवन करना।
  • अधिक परिश्रम, अधिक मैथुन, सर्दी लगना, ऋतु परिवर्तन, दूषित हवा, तेज वस्तुओं को सूंघना, फेफड़ों पर गर्मी और सर्दी का प्रभाव अथवा घाव व फुंसी होना आदि खांसी का मुख्य कारण है।
  • गले में रहने वाली उदान वायु जब ऊपर की ओर विपरीत दिशा में जाती है तो प्राणवायु कफ में मिलकर हृदय में जमे हुए कफ को कंठ में ले आती है जिसके फलस्वरूप खांसी का जन्म होता है।
  • घी-तेल से बने खाद्य पदार्थों के सेवन के तुरन्त बाद पानी पी लेने से खांसी की उत्पत्ति होती है। छोटे बच्चे स्कूल के आस-पास मिलने वाले चूरन, चाट-चटनी व खट्टी-मीठी दूषित चीजें खाते हैं जिससे खांसी रोग हो जाता है।
  • मूंगफली, अखरोट, बादाम, चिलगोजे व पिस्ता आदि खाने के तुरन्त बाद पानी पीने से खांसी होती है। ठंड़े मौसम में ठंड़ी वायु के प्रकोप व ठंड़ी वस्तुओं के सेवन से खांसी उत्पन्न होती है। क्षय रोग व सांस के रोग (अस्थमा) में भी खांसी उत्पन्न होती है।
  • सर्दी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक पीने से खांसी होती है। ठंड़े वातावरण में अधिक घूमने-फिरने, फर्श पर नंगे पांव चलने, बारिश में भीग जाने, गीले कपड़े पहनने आदि कारणों से सर्दी-जुकाम के साथ खांसी उत्पन्न होती है।
  • क्षय रोग में रोगी को देर तक खांसने के बाद थोड़ा सा बलगम निकलने पर आराम मिलता है। आंत्रिक ज्वर (टायफाइड), खसरा, इंफ्लुएंजा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस (श्वासनली की सूजन), फुफ्फुसावरण शोथ (प्लूरिसी) आदि रोगों में भी खांसी उत्पन्न होती है।

खांसी के लक्षण : khansi ke lakshan

  • खांसी एक ऐसा रोग है जो विभिन्न रोगों के लक्षणों के रूप में उत्पन्न होता है जैसे- बुखार या क्षय (टी.बी.) के साथ खांसी आना। खांसी के रोग में रोगी को बहुत पीड़ा होती है और खांसी उठने पर खांसते-खांसते रोगी के गले व पेट में दर्द होने लगता है। खांसी के कारण रोगी रात को नहीं सो पाता है और पूरी नींद नहीं सो पाने से रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
  • खांसी होने से पहले मुंह व गले में कांटे जैसा महसूस होता है। गले में खुजली होती है तथा किसी वस्तु को निगलते समय गले में दर्द होता है। खांसी में रोगी को बार-बार खांसना पड़ता है। सूखी खांसी में खांसते-खांसते मुंह लाल हो जाता है परन्तु कफवाली खांसी में खांसने के बाद कफ निकलता है। बलगम सफेद, पीला, काला किसी भी रंग का हो सकता है।

खांसी के प्रकार : khansi ke prakar

  1. वातज खांसी (सूखी खांसी) : वातज खांसी में हृदय, कनपटी, पसली, पेट और सिर में दर्द होता है। चेहरे की चमक समाप्त हो जाती है, मुंह सूख जाता है, शरीर का आकर्षण नष्ट हो जाता है और गला बैठ जाता है। खांसी बढ़ जाने के साथ आवाज में परिवर्तन के साथ शुष्क खांसी होती है जिसमें कफ नहीं निकलता है।
  2.  पित्त की खांसी : पित्तज खांसी में वक्षस्थल, दाह, बुखार के साथ मुंह का सूखना, मुंह में कड़वापन, प्यास की अधिकता, पीली उल्टी, कटु स्राव, शरीर में दाह के साथ मुंह पर पीलापन आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं। पित्त खांसी में रोगी की आवाज खराब हो जाती है।
  3. कफ की खांसी : कफज खांसी में मुख में कफ चिपटता हुआ महसूस होता है। सिर में दर्द, भोजन में अरुचि, शरीर में भारीपन तथा खुजली, खांसने पर गाढ़ा कफ आदि निकलने के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इसमें गर्मी से लाभ तथा सर्दी से हानि होती है।
  4. उर:क्षत जन्य (क्षतज) खांसी : उर:क्षत जन्य खांसी में फेफड़ों में घाव होकर खांसी होने लगती है। अधिक मैथुन, अधिक भार उठाना, अधिक चलना अथवा शक्ति से अधिक परिश्रम करना आदि कारणों से ही उर:क्षत की उत्पत्ति होती है। आरम्भ में शुष्क खांसी और फिर कफ में रक्त आने लगता है। गले, हृदय आदि में दर्द का अनुभव, कभी-कभी सुई चुभने जैसी पीड़ा, जोड़ों में दर्द, बुखार, श्वास लेने में परेशानी, प्यास लगना और स्वर में परिवर्तन खांसी के वेग में कफ की घरघराहट आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
  5. क्षय कास : क्षयकास में शरीर सूखने लगता है, अंगों में दर्द रहता है, बुखार उत्पन्न होने के साथ जलन व बेचैनी महसूस होती है। शुष्क खांसी में कफ गले में जमा हो जाता है। थूकने के अधिक प्रयत्न में कफ के साथ रक्त आने लगता है और शरीर पतला होने के साथ शक्ति नष्ट होने लगती है।

खांसी में खान-पान और परहेज : khansi me kya khana chahiye aur kya nahi khana chahiye

  • खांसी ( cough/khansi) में पसीना आना अच्छा होता है।
  • नियम से एक ही बार भोजन करना, जौ की रोटी, गेहूं की रोटी, शालि चावल, पुराने चावल का भात, मूंग और कुल्थी की दाल, बिना छिल्के की उड़द की दाल, परवल, तरोई, टिण्डा बैंगन, सहजना, बथुआ, नरम मूली, खरबूजा, गाय या बकरी का दूध, प्याज, लहसुन, बिजौरा, पुराना घी, मलाई, कैथ की चटनी, शहद, धान की खील, कालानमक, सफेद जीरा, कालीमिर्च, अदरक, छोटी इलायची, गर्म करके साफ पानी, आदि खांसी के रोगियों के लिए लाभकारी है।
  • इनसे बचें:- खांसी ( cough/khansi )में नस्य गुदा में पिचकारी लगवाना, आग के सामने रहना, धुएं में रहना, धूप में चलना, मैथुन करना, दस्त रोग, कब्ज, सीने में जलन पैदा करने वाली वस्तुओं का सेवन करना, बाजरा, चना आदि रूखे अन्न खाना, विरुद्ध भोजन करना, मछली खाना, मल मूत्र आदि के वेग को रोकना, रात को जागना, व्यायाम करना, अधिक परिश्रम, फल या घी खाकर पानी पीना तथा अरबी, आलू, लालमिर्च, कन्द, सरसो, पोई, टमाटर, मूली, गाजर, पालक, शलजम, लौकी, गोभी का साग आदि का सेवन करना हानिकारक होता है।

खांसी में सावधानी : khansi me savdhani

खांसी (cough/khansi) के रोगी को प्रतिदिन भोजन करने के एक घंटे बाद पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। इससे खांसी से बचाव के साथ पाचनशक्ति मजबूत होती है। खांसी का वेग नहीं रोकना चाहिए क्योंकि इससे विभिन्न रोग हो सकते हैं- दमा का रोग, हृदय रोग, हिचकी, अरुचि, नेत्र रोग आदि।

खांसी का घरेलू उपचार : khansi ka gharelu ilaj

1. बहेड़ा :

  •  एक बहेड़े का छिलका या छीले हुए अदरक का टुकड़ा रात को सोते समय मुंह में रखकर चूसने से गले में फंसे बलगम निकल जाता और सूखी खांसी दूर होती है।
  •  बहेड़े का चूर्ण 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गुड़ के साथ खाने से खांसी के रोग में बहुत लाभ मिलता है। बहेड़े की मज्जा अथवा छिलके को हल्का भूनकर मुंह में रखने से खांसी दूर होती है।
  •  250 ग्राम बहेड़े की छाल, 15 ग्राम नौसादर भुना हुआ और 10 ग्राम सोना गेरू को पीसकर रख लें। यह 3 ग्राम चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से सांस का रोग ठीक होता है।

2. कालीमिर्च :

  •  कालीमिर्च और मिश्री समान मात्रा में लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। यह चूर्ण आधी चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार सेवन करने से खांसी ( cough/khansi )ठीक होती है और बन्द गला (स्वरभंग) खुल जाता है।
  •  एक चम्मच शहद में आधा चम्मच कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर चटाने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  कालीमिर्च का चूर्ण डालकर उबला हुआ दूध पीने से खांसी मिटती है।
  •  लगभग 5 कालीमिर्च और चौथाई ग्राम सोंठ को पीसकर एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम चांटने से कफ वाली खांसी ठीक होती है।
  •  कालीमिर्च और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और इसमें इतना ही घी मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली मुंह में रखकर चूसने से सभी प्रकार की खांसी नष्ट होती है।
  •  गाजर के रस में मिश्री मिलाकर आंच पर गाढ़ा होने तक पकाएं और इसमें पिसी हुई कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे गले में जमा कफ निकल जाता है और खांसी में आराम मिलता है।
  •  कालीमिर्च को शहद और घी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  लगभग 4-5 कालीमिर्च, 1 चम्मच अदरक का गूदा, 4-5 तुलसी के पत्ते और 2 लौंग को एक कप पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर चीनी या मिश्री मिलाकर सेवन करें। इस तरह काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से खांसी नष्ट होती है।
  •  पिसी हुई कालीमिर्च को देशी घी में मिलाकर खाने से सूखी खांसी नष्ट हो जाती है।
  •  कालीमिर्च और मुलेठी को एक साथ पीसकर इसमें गुड़ मिलाकर मटर के बराबर की गोलियां बना लें। यह 2-2 गोली सुबह-शाम खाने से खांसी ठीक होती है।
  •  10 ग्राम कालीमिर्च, 10 ग्राम अनार का छिलका, 20 ग्राम छोटी पीपल और 5 ग्राम जवाखार को एक साथ मिलाकर पीस लें। इसके बाद इसमें 100 ग्राम गुड़ मिलाकर चने के आकार की गोलियां बनाकर रख लें। यह 2-2 गोली सुबह-शाम मुंह में रखकर चूसने से खांसी के रोग में आराम मिलता है।

3. हल्दी :

  •  खांसी से पीड़ित रोगी को गले व सीने में घबराहट हो तो गर्म पानी में हल्दी और नमक मिलाकर पीना चाहिए। हल्दी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में डालकर चूसते रहने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  हल्दी को कूटकर तवे पर भून लें और इसमें से आधा चम्मच हल्दी गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें। इससे गले में जमा कफ निकल जाता है और खांसी में आराम मिलता है।
  •  हल्दी और समुद्रफल खाने से कफ की खांसी से दूर होती है।
  •  10 ग्राम हल्दी, 10 ग्राम सज्जीखार और 180 ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर पीस लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर 1-1 गोली सुबह-शाम पानी के साथ लगातार 40 दिनों तक सेवन करें। इससे श्वास रोग और खांसी समाप्त होती है।
  •  हल्दी के 2 ग्राम चूर्ण में थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर खाने और ऊपर से थोड़ा सा पानी पीने से खांसी का रोग दूर होता है।
  •  खांसी के साथ छाती में घबराहट हो तो हल्दी और नमक को गर्म पानी में घोलकर पीना चाहिए। खांसी अगर पुरानी हो तो 4 चम्मच हल्दी के चूर्ण में आधा चम्मच शहद मिलाकर खाना चाहिए।
  •  खांसी के शुरुआती अवस्था में 1 से 2 ग्राम हल्दी को घी या शहद के साथ सुबह-शाम चाटने या गुड़ में मिलाकर गर्म दूध के साथ पीने से खांसी रुक जाती है।
  •  एक चम्मच पिसी हुई हल्दी को बकरी के दूध के साथ सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

4. चाभ (चव्य) : 1 से 2 ग्राम चाभ (चव्य) का चूर्ण 24 से 48 मिलीलीटर शहद के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से खांसी नष्ट होती है।

5. टमाटर : टमाटर के टुकड़े कलई वाले बर्तन में थोड़ी देर तक गर्म करके इस पर गोदन्ती भस्म छिड़कर खाने से खांसी और बुखार में लाभ होता है।

6. बांस : 6-6 मिलीलीटर बांस का रस, अदरक का रस और शहद को एक साथ मिलाकर कुछ समय तक सेवन करने से खांसी, दमा आदि रोग ठीक हो जाते हैं।

7. शहद :

  •  bachon ki khansi ka desi ilaj -5 ग्राम शहद में लहुसन का रस 2-3 बूंदे मिलाकर बच्चे को चटाने से खांसी दूर होती है।
  •  थोड़ी सी फिटकरी को तवे पर भूनकर एक चुटकी फिटकरी को शहद के साथ दिन में 3 बार चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  एक चम्मच शहद में आंवले का चूर्ण मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।
  •  एक नींबू को पानी में उबालकर गिलास में इसका रस निचोड़ लें और इसमें 28 मिलीलीटर ग्लिसरीन व 84 मिलीलीटर शहद मिलाकर 1-1 चम्मच दिन में 4 बार पीएं। इससे खांसी व दमा में आराम मिलता है।
  •  12 ग्राम शहद को दिन में 3 बार चाटने से कफ निकलकर खांसी ठीक होती है।
  •  चुटकी भर लौंग को पीसकर शहद के साथ दिन में 3 से 4 बार चाटने से आराम मिलता है।
  •  लाल इलायची भूनकर शहद में मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  मुनक्का, खजूर, कालीमिर्च, बहेड़ा तथा पिप्पली सभी को समान मात्रा में लेकर कूट लें और यह 2 चुटकी चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन करने से खांसी दूर होती है।
  •  शहद और अडूसा के पत्तों का रस एक-एक चम्मच और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से खांसी नष्ट होती है।

8. आक (मदार) :

  •  आक के फूलों की लौंग निकालकर उसमें सेंधानमक और पीपल मिलाकर बारीक पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन गोलियों को छाया में सुखाकर शीशी में भरकर रख लें और गोलियों को लगातार मुंह में रखकर चूसने से खांसी बन्द होती है। बच्चे को यह एक गोली गाय के दूध के साथ दें।
  •  आक (मदार) की जड़ और अड़ूसा के पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीसकर चने के आकार की गोलियां बना लें। इन गोलियों को मुंह में रखकर चूसने से खांसी के रोग में लाभ मिलता है।
  •  15 ग्राम आक (मदार) के कोमल पत्ते और 10 ग्राम देशी अजवायन को बारीक पीसकर इसमें 25 ग्राम गुड़ मिलाकर 2-2 ग्राम की गोलियां बना लें। यह एक गोली सुबह खाली पेट खाने से सांस का रोग दूर हो जाता है और खांसी में आराम मिलता है।
  •  आक के फूलों की लौंग 50 ग्राम और मिर्च 6 ग्राम खूब महीन पीसकर मटर के आकार की गोलियां बना लें। यह 1 या 2 गोली सुबह गर्म पानी के साथ सेवन करने से श्वास रोग दूर होता है और खांसी शान्त होती है।
  •  पुराने से पुराने आक की जड़ को छाया में सुखाकर जला लें और पीसकर 1-2 ग्राम राख को शहद या पान में रखकर खाने से खांसी दूर होती है।
  •  आक की कोमल शाखा और फूलों को पीसकर 2-3 ग्राम की मात्रा में घी में सेंककर गुड़ मिलाकर चाशनी बना लें। यह चाशनी सुबह सेवन करने से पुरानी खांसी में हरा पीला दुर्गन्ध युक्त चिपचिपा कफ निकल जाता है और खांसी ठीक होती है।
  •  आक की जड़ की छाल का आधा ग्राम चूर्ण और आधा ग्राम शुंठी का चूर्ण मिलाकर 3 ग्राम शहद के साथ सेवन करने से कफ युक्त खांसी और श्वास रोग दूर होता है।
  •  छाया में सुखाये हुए आक के फूल, त्रिकटु (सौंठ, पीपल और कालीमिर्च) और जवाखार बराबर मात्रा में लेकर अदरक के रस में खरल करके मटर के आकार की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। 2-4 गोलियां मुख में रख चूसते रहने से खांसी बहुत अधिक लाभ मिलता है।
  •  आक के दूध में चने डुबोकर मिट्टी के बर्तन में बन्द करके उपलों की आग में पका लें। फिर इसे चने को बर्तन से निकालकर पीस लें और शहद मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। इससे पुरानी से पुरानी खांसी तुरन्त बन्द हो जाती है।
  •  आक के एक पत्ते को पानी के साथ कत्था और चूना लगा लें और आक के दूसरे पत्ते पर गाय का घी लगाकर दोनों पत्ते को आपस में जोड़ लें। इस पत्ते को मिट्टी के बर्तन में रखकर जला लें और फिर बर्तन से जल हुए पते निकालकर पीस लें। यह चूर्ण 10-30 ग्राम की मात्रा लेकर घी, गेहूं की रोटी या चावल में डालकर खाने से कफ और खांसी को नष्ट करता है। यह पेट के कीड़ों को नष्ट करता है।
  •  20 ग्राम आक के फूलों की कली, 10 ग्राम पीपल और 10 ग्राम कालानमक को पीसकर छोटे बेर के आकार की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह सुबह-शाम 1-1 गोली गर्म दूध के साथ खाने से श्वास रोग दूर होता है।

9. हरीतकी : हरीतकी चूर्ण सुबह-शाम कालानमक के साथ खाने से कफ खत्म होता है और खांसी में आराम मिलता है।

10. शिकाकाई : लगभग 20 से 40 मिलीलीटर शिकाकाई के फलियों का घोल बनाकर रोगी को देने से सूखा कफ ढीला होकर निकल जाता है।

11. कपूर:

  •  1 से 4 ग्राम कपूर कचरी को मुंह में रखकर चूसने से खांसी ठीक होती है।
  •  बच्चों को खांसी में कपूर को सरसो तेल में मिलाकर छाती और पीठ पर मालिश करने से खांसी का असर दूर होता है।

12. चित्रक : चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण बनाकर 1-1 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से खांसी ठीक होती है।

13. द्रोणपुष्पी : लगभग 3 ग्राम द्रोणपुष्पी के रस में 3 ग्राम बहेड़े के छिलके का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से खांसी का रोग ठीक होता है।

14. गजपीपल : रोगी को 7 मिलीमीटर से 21 मिलीमीटर गजपीपल का घोल प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से कफ ढीला होकर निकल जाता है तथा खांसी दूर होती है।

15. घोड़बच : सूखी खांसी में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग घोड़बच का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से लाभ मिलता है। बच्चों को खांसी में घोरबच का काढ़ा देना लाभकारी होता है।

16. सौंफ :

  •  2 चम्मच सौंफ और 2 चम्मच अजवायन को 500 मिलीलीटर पानी में उबालकर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर हर घंटे में 3 चम्मच रोगी को पिलाने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  सौंफ का 10 मिलीलीटर रस और शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी समाप्त होती है।
  •  सूखी खांसी में सौंफ मुंह में रखकर चबाते रहने से खांसी दूर होती है।

17. केला :

  •  केले के सूखे पत्तों को मिट्टी के बर्तन में रखकर आग में जलाकर राख बना लें। यह आधा ग्राम राख शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी के रोग में आराम मिलता है।
  •  क्षय रोग में खांसी का प्रकोप होने पर केले के तने का 20 मिलीलीटर रस दूध में मिलाकर पीने से बहुत लाभ मिलता है।
  •  केले का छिलका जलाकर इसकी राख बनाकर रख लें और आधे ग्राम की मात्रा में यह राख शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी व सूखी खांसी ठीक होती है।
  •  केले के फूलों का रस निकालकर इसका 10 से 20 मिलीलीटर शर्बत बनाकर मिश्री या चीनी मिलाकर सुबह-शाम पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  लगभग 2-2 चम्मच केले का शर्बत हर 1-1 घंटे के बाद पीने से पुरानी खांसी में लाभ मिलता है।

18. तेजपात :desi ilaj for cough

  •  तेजपत्ता के पेड़ की छाल और पीपल बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर इसमें 3 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।
  •  लगभग 1 चम्मच तेजपत्ता का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  लगभग 1 से 4 ग्राम तेजपत्ता का चूर्ण सुबह-शाम शहद और अदरक के रस के साथ सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  तेजपत्ता के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी और अफारा दूर होता है।
  •  60 ग्राम तेजपत्ता, 60 ग्राम बिना बीज का मुनक्का, 30 ग्राम कागजी बादाम, 5 ग्राम पीपल का चूर्ण और 5 ग्राम छोटी इलायची को एक साथ पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर चुटकी भर की मात्रा में लेकर दूध में मिलाकर सेवन करने से खांसी बन्द होती है।

19. पुष्करमूल : पुष्करमूल की जड़ को सुखाकर चूर्ण बनाकर इसमें 10-10 ग्राम कचूर व आंवले का चूर्ण मिलाकर 3 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 से 3 बार चाटने से खांसी ठीक होती है।

20. नागकेसर :

  •  नागकेसर की जड़ और छाल का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी के रोग में लाभ मिलता है।
  •  ऐसी खांसी जिसमें बहुत अधिक कफ आता हो ऐसी खांसी में लगभग 1 ग्राम नागकेसर (पीला नागकेसर) की चूर्ण को मक्खन या मिश्री के साथ सुबह-शाम सेवन करने से अधिक कफ वाली खांसी नष्ट होती है।

21. गूलर :

  •  गूलर के फूल, कालीमिर्च और ढाक की कोमल कली को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में 5 ग्राम शहद मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार चाटने से खांसी में बहुत लाभ मिलता है।
  •  यदि बच्चे को बहुत तेज खांसी आती हो तो गूलर का दूध बच्चे के तालु पर रगड़ना चाहिए।

22. केसर : बच्चों को सर्दी खांसी के रोग में लगभग आधा ग्राम केसर गर्म दूध में डालकर सुबह-शाम पिलाएं और केसर को पीसकर मस्तक और सीने पर लेप करने से खांसी के रोग में आराम मिलता है।

23. कचूर : कचूर को चबाते रहने और चूसते रहने से खांसी कम हो जाती है और गले की खराश भी दूर होती है।

24. बेलगिरी : बेलगिरी को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें और इस 50 ग्राम चूर्ण में 50 ग्राम मिश्री और 10 ग्राम वंशलोचन मिलाकर रख लें। यह 3 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी के रोग में बहुत लाभ मिलता है।

25. कटेरी :

  •  ज्यादा खांसने पर भी अगर कफ (बलगम) न निकल रहा हो तो छोटी कटेरी की जड़ को छाया में सुखाकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। यह 1 ग्राम चूर्ण में 1 ग्राम पीपल का चूर्ण मिलाकर थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटने से कफ आसानी से निकल जाता है और खांसी में शान्त होता है।
  •  छोटी कटेरी के फूलों को 2 ग्राम केसर के साथ पीसकर शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  लगभग 1 से 2 ग्राम बड़ी कटेरी के जड़ का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से कफ एवं खांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
  •  लगभग 10 ग्राम कटेरी, 10 ग्राम अडूसा और 2 पीपल लेकर काढ़ा बनाकर शहद के साथ सेवन करने से खांसी बन्द हो जाती है।
  •  ऊंटकटेरी की जड़ की छाल का चूर्ण पान में रखकर खाने से कफ और खांसी में आराम मिलता है।

26. कत्था (खैर) :

  •  सूखी खांसी में लगभग आधे से एक ग्राम कत्था सुबह-शाम चाटने से खांसी में काफी लाभ मिलता है। इससे कफ वाली खांसी भी दूर होती है।
  •  खैर के अन्दर की छाल 4 ग्राम, बहेड़ा 2 ग्राम और लौंग 1 ग्राम लेकर पीस लें और शहद के साथ सेवन करें। इससे खांसी में आराम मिलता है।
  •  1 ग्राम खैर की लकड़ी का राख खाने से कफ दूर होकर खांसी दूर होता है।

27. पान :

  •  पान के रस में शहद मिलाकर दिन में 1-2 बार सेवन करने से बच्चों की खांसी दूर होती है।
  •  सूखी खांसी को दूर करने के लिए हरे पान के पत्ते पर 2 चुटकी अजवायन रखकर चबाने से खांसी दूर होती है।
  •  खांसी के रोग में सेंकी हुई हल्दी का टुकड़ा पान में डालकर खाना चाहिए।
  •  लगभग 3 मिलीलीटर पान के रस को शहद के साथ मिलाकर चाटकर खाने से खांसी दूर होती है।
  •  सूखी खांसी में पान में 1-2 ग्राम अजवायन रखकर खाने और ऊपर से गर्म पानी पीकर सोने से सूखी खांसी एवं दमा रोग ठीक होता है।
  •  पान के फलों को शहद के साथ मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  पान के साथ आधा ग्राम जायफल पीसकर सेवन करने से खांसी के रोग में आराम मिलता है।
  •  पान की फली को पीसकर शहद के साथ रोगी को खिलाने से बलगम बाहर निकलकर खांसी में आराम मिलता हैं।
  •  पान के पते में एक लौंग, सिकी हुई हल्दी का टुकड़ा व थोड़ी-सी अजवायन डालकर 2 से 3 बार खाने से खांसी में आराम मिलता है।

28. कुलंजन :

  •  आधा-आधा चम्मच कुलंजन की जड़ का चूर्ण और अदरक का रस एक साथ मिलाकर सुबह-शाम चाटने से खांसी दूर होती है।
  •  लगभग 2 ग्राम कुलंजन के चूर्ण को 3 ग्राम अदरक के रस में मिलाकर शहद के साथ चाटने से खांसी का असर समाप्त होता है।

29. जायफल : जायफल, पुष्कर मूल, कालीमिर्च एवं पीपल बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बनाकर 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से खांसी दूर होती है।

30. चिरचिटा : चिरचिटा को जलाकर पीस लें और इसके बराबर चीनी मिलाकर एक चुटकी की मात्रा में दूध के साथ रोगी को देने से खांसी बन्द होती है।

31. सुहागा :

  •  bachon ki khansi ka desi ilaj -5-5 ग्राम भूना हुआ सुहागा और कालीमिर्च को पीसकर कंवार गन्दल के रस में मिलाकर कालीमिर्च के बराबर की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। इस एक या आधी गोली को मां के दूध के साथ मिलाकर बच्चे को देने से खांसी दूर होती है।
  •  बलगम वाली खांसी और बुखार वाली खांसी में लगभग आधे से एक ग्राम सुहागे की खील सुबह-शाम शहद के साथ लेने से गले की खराबी दूर होती है।

32. लताकस्तूरी : लगभग 20 से 40 ग्राम लता कस्तूरी के बीजों का पीसकर घोल बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से कफ विकार, दमा एवं बुखार आदि रोगों में लाभ मिलता है।

33. घी :

  •  देशी घी और पुराना गुड़ को आग पर गर्म करके चाशनी की तरह बनाकर रोगी को खिलाने और छाती पर घी व सेंधानमक मिलाकर मालिश करने से पुरानी खांसी ठीक होती है।
  •  घी में कुचला जलाकर चूर्ण बना लें और यह आधा ग्राम चूर्ण खाने से खांसी का रोग दूर होता है।
  •  गाय के घी को 2 मिनट तक छाती पर लेप करने या सरसों के तेल से छाती पर मालिश करने से कफ निकलकर खांसी में आराम मिलता है।
  •  घी और सेंधानमक मिलाकर सीने पर मालिश करने से पुरानी खांसी मिटती है।

34. चंदन : दुर्गन्धित व कफयुक्त खांसी में 2 से 4 बूंद चंदन का तेल बताशे पर डालकर प्रतिदिन 3-4 बार सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

35. अगर : अगर और ईश्वर मूल पीसकर बच्चे की छाती पर लेप करने से खांसी में आराम मिलता है।

36. कालानमक :

  •  तेज गर्म तवे पर हल्दी के टुकड़ों को जलाकर पीस लेते हैं। इसमें इसी के वजन के बराबर कालानमक मिलाकर एक चुटकी मां के दूध के साथ सुबह और शाम बच्चे को देने से खांसी में आराम आता है।
  •  सेंधानमक को धीरे-धीरे चूसने से खांसी एवं गले में कफ का जमना आदि रोगों में लाभ मिलता है।

37. नमक : छाती पर तेल लगाकर नमक की पोटली गर्म करके सिंकाई करने से कफ की समस्या में आराम मिलता है।

38. गुग्गुल : पुराने कफ विकारों में एक-एक ग्राम गुग्गुल, छोटी पीपल और अडूसा को पीसकर शहद और घी के साथ सुबह-शाम लेने से खांसी के रोग में लाभ मिलता है।

39. सोंठ :

  •  सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, कालानमक, मैनसिल, वायबिडंग, कूड़ा और भूनी हींग को एक साथ मिलाकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण प्रतिदिन खाने से खांसी, दमा व हिचकी रोग दूर होता है।
  •  सोंठ, कालीमिर्च और छोटी पीपल बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस 1 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ दिन में 2-3 बार चाटने से हर तरह की खांसी दूर होती है और बुखार भी शान्त होता है।
  •  bachon ki khansi ka desi ilaj यदि कोई बच्चा खांसी से परेशान हो तो उसे सोंठ, कालीमिर्च, कालानमक तथा गुड़ का काढ़ा बनाकर पिलाना चाहिए। इससे बच्चे को खांसी में जल्द आराम मिलता है।
  •  सोंठ, छोटी हरड़ और नागरमोथा का चूर्ण समान मात्रा में लेकर इसमें दुगना गुड़ मिलाकर चने के बराबर गोलियां बनाकर मुंह में रखकर चूसने से खांसी और दमा में आराम मिलता है।

40. बिहीदाना : बिहीदाना के बीजों को गर्म पानी में डालकर लसेदार घोल बनाकर 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में दिर में 3 बार सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

41. राल (गोंद) :

  •  लगभग आधे से एक ग्राम राल को छोटी पीपल, अडू़सा, शहद और घी के साथ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी के रोग में लाभ मिलता है।
  •  राल आधा ग्राम खाने से गले में जमा कफ आसानी से निकल जाता है और खांसी बन्द होती है।

42. कुन्दरू :

  •  यदि कफ लसेदार और चिपचिपा हो तो कुन्दरू आधा ग्राम लेकर बादाम व चीनी के साथ सुबह-शाम लेने से कफ निकल जाती है और कफ की दुर्गंध व खांसी नष्ट होती है।
  •  कुन्दरू (लवान) का धूम्रपान करने से पुरानी लसदार, चिपचिपे कफ का खत्मा होता है।

43. अनार :

  •  10-10 ग्राम अनार की छाल, काकड़ासिंगी, सोंठ, कालीमिर्च, पीपल और 50 ग्राम पुराना गुड़ को एक साथ पीसकर 1-1 ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। इस गोली को मुंह में रखकर चूसने से खांसी दूर होती है।
  •  8 ग्राम अनार के छिलके और एक ग्राम सेंधानमक को पानी के साथ पीसकर गोलियां बनाकर रख लें। इस एक-एक गोली को दिन में 3 बार चूसने से खांसी ठीक होती है।
  •  अनार के छिलके के टुकड़े को मुंह में रखकर रस चूसने से खांसी दूर होती है।
  •  अनार के पेड़ की सूखी छाल 5 ग्राम बारीक पीसकर इसमें एक चौथाई ग्राम कपूर मिलाकर दिन में 2 बार पानी में मिलाकर पीने से भयंकर खांसी दूर होती है।
  •  अनार के छिलकों पर सेंधानमक लगाकर चूसने से खांसी नष्ट होती है।
  •  सूखा अनारदाना 100 ग्राम और सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, दालचीनी, तेजपात, इलायची 50-50 ग्राम पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के बराबर चीनी मिलाकर दिन में 2 बार शहद के साथ 2-3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी, दमा, हृदय रोग, पीनस आदि रोग दूर होते है।
  •  बच्चों को खांसी होने पर अनार की छाल खाने के लिए देनी चाहिए अथवा अनार के रस में घी, चीनी, इलायची और बादाम मिलाकर लेनी चाहिए।
  •  अनार का छिलका 40 ग्राम, पीपल, जवाखार 6-6 ग्राम तथा गुड़ 80 ग्राम को मिलाकर चाशनी बनाकर आधा ग्राम की गोली बनाकर 2-2 गोली दिन में 3 बार गर्म पानी के साथ सेवन करने से खांसी दूर होती है। इसमें कालीमिर्च 10 ग्राम मिलाकर लेने से खांसी में और लाभ मिलता है।

44. लोहबान : लगभग एक चौथाई ग्राम लोहबान (लोबान) को बादाम और गोंद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से कफ बाहर निकल जाता है और खांसी भी ठीक होती है।

45. छोटी इलायची :

  •  खांसी में छोटी इलायची खाने से लाभ मिलता है।
  •  इलायची के दानों का बारीक चूर्ण और सोंठ का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर चाटने से या इलायची के तेल की 4-5 बूंद शक्कर के साथ लेने से कफजन्य खांसी मिटती है।
  •  इलायची, खजूर और द्राक्ष को शहद में चाटने से खांसी, दमा और अशक्ति दूर होती है।
  •  छोटी इलायची के दानों को तवे पर भूनकर चूर्ण बना लेते हैं। इस चूर्ण में देशी घी अथवा शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

46. बड़ी इलायची :

  •  बड़ी इलायची, सतमुलहठी, बबूल का गोंद, सतउन्नाव, बादाम की गिरी, कददू के बीज, तरबूज के बीज, खरबूजे के बीज, फुलाया हुआ सुहागा, केसर और पिपरमेंट 10-10 ग्राम, 50 ग्राम वंशलोचन और 100 ग्राम मिश्री लेकर बारीक चूर्ण बना लें। 1 ग्राम चूर्ण अड़ूसा के काढ़े के साथ मटर के समान गोलियां बनाकर खाने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  आधा ग्राम इलायची का बारीक चूर्ण और आधा ग्राम सोंठ का बारीक चूर्ण मिलाकर शहद के साथ खाने से कफ वाली खांसी में लाभ मिलता है।
  •  इलायची के बीज और मिश्री मिलाकर बार-बार चूसने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  कफ वाली खांसी के लिए आधा चम्मच इलायची का चूर्ण तथा आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण लेकर शहद में मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करने से लाभ मिलता है।

47. लाल इलायची : लाल इलायची को भूनकर चूर्ण बनाकर 2 चुटकी चूर्ण शहद के साथ खिलाने से बच्चों की खांसी ठीक होती है।

48. शिलारस : पुरानी खांसी में एक चौथाई ग्राम शिलारस को अण्डे की सफेदी के साथ घोटकर शहद मिलाकर चाटने से फेफड़ों को ताकत मिलती है।

49. तारपीन : बच्चों के सीने पर तारपीन का तेल और सरसों का तेल मिलाकर मलने से खांसी दूर होती है।

50. जयपत्री : लगभग आधे से एक ग्राम जयपत्री सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

51. लहसुन :

  •  लहसुन की गांठ को साफ करके लगभग 50 मिलीलीटर सरसों के तेल में पकाएं। इस तेल की मालिश सीने व गले पर करने और मुनक्का के साथ लहसुन खाने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  20 बूंद लहसुन का रस अनार के शर्बत में मिलाकर पीने से हर प्रकार की खांसी ठीक होती है।
  •  सूखी और कफवाली खांसी में लहसुन की कली को आग में भूनकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस एक-2 चुटकी चूर्ण में शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  कफवाली खांसी में लहसुन की कली को कुचलकर चबाकर ऊपर से गर्म पानी पीने से छाती में जमा हुआ सारा कफ 3-4 दिनों में ही निकल जाता है।
  •  श्वास और खांसी के रोग में लहसुन को त्रिफला के चूर्ण के साथ खाने से बहुत फायदा होता है।

52. अदरक :dadi maa ke nuskhe in hindi for cough

  •  अदरक का रस प्रतिदिन 3 बार 10 दिन तक पीने से खांसी ( cough/khansi )व दमा में लाभ मिलता है। 12 ग्राम अदरक के टुकड़े करके एक गिलास पानी, दूध, चीनी मिलाकर चाय की तरह उबालकर पीने से खांसी, जुकाम ठीक होता है।
  •  5 मिलीलीटर अदरक के रस में 3 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से खांसी में बहुत ही लाभ मिलता है।
  •  6-6 मिलीलीटर अदरक और तुलसी के पत्तों का रस तथा 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से सूखी खांसी ठीक होती है।
  •  खांसी में अदरक का रस निकालकर थोड़ा सा शहद और थोड़ा सा कालानमक मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है।
  •  अदरक का रस और तालीस-पत्र का रस मिलाकर चाटने से खांसी ठीक होती है।
  •  कफ बढ़ जाने पर अदरक, नागरबेल का पान और तुलसी के पत्तों का रस निकालकर इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से कफ दूर होता है।
  •  अदरक के रस में इलायची का चूर्ण और शहद मिलाकर हल्का गर्म करके चाटने से खांसी दूर होती है।
  •  एक चम्मच अदरक के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।
  •  ठंड़ी के मौसम में खांसी के कारण गले में खराश होने पर अदरक के 7-8 मिलीलीटर रस में शहद मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।
  •  अदरक के 10 मिलीलीटर रस में 50 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटकर खाने से सर्दी-जुकाम से उत्पन्न खांसी नष्ट होती है।
  •  अदरक का रस और शहद 30-30 ग्राम हल्का गर्म करके दिन में 3 बार 10 दिनों तक सेवन करने से दमा, खांसी, गला बैठ जाना, जुकाम ठीक होता है।
  •  सोंठ 3 ग्राम, 7 तुलसी के पत्ते और 7 कालीमिर्च को 250 मिलीलीटर पानी में पकाकर चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीने से इन्फलूएंजा, खांसी, जुकाम और सिर दर्द दूर होता है।

53. अजवायन :

  •  एक चम्मच अजवायन को अच्छी तरह चबाकर खाने और ऊपर से गर्म पानी या दूध पीने से खांसी, जुकाम, सिर दर्द, नजला, पेट के कीड़े शान्त होते हैं।
  •  पान के पत्ते में आधा चम्मच अजवायन लपेटकर चबाने और चूस-चूसकर खाने से लाभ मिलता है।
  •  कफ अधिक बन गया हो, बार-बार खांसी उठती हो तो अजवायन का चूर्ण एक चौथाई ग्राम, घी 2 ग्राम और शहद 5 ग्राम मिलाकर दिन में 3 बार खाने से कफ का बनना समाप्त होता है और खांसी ठीक होती है।
  •  1 ग्राम अजवायन, 2 ग्राम मुलेठी और 1 ग्राम चित्रकमूल का काढ़ा बनाकर रात को सोने से पहले पीने से रात को खांसी के दौरे पड़ने बन्द होते हैं।
  •  5 ग्राम अजवायन को 250 मिलीलीटर पानी में पकाएं और आधा शेष रहने पर इसे छानकर नमक मिलाकर रात को सोते समय पीएं। इससे खांसी दूर होती है।
  •  लगभग 1 ग्राम अजवायन को लेकर रात को सोते समय पान में रखकर खाने से खांसी में लाभ मिलता है।

54. नीम : 10 बूंद नीम का तेल सेवन करके ऊपर से पान खाने से खांसी ठीक होती है।

55.छोटी पिप्पली:खांसी तथा कफ ज्वर में अजवायन 2 ग्राम और छोटी पिप्पली आधा ग्राम को मिलाकर काढ़ा बनाकर 5 से 10 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

56. अखरोट :

  •  अखरोट को छिलके समेत आग में डालकर इसकी राख बनाकर 2 से 7 ग्राम राख को शहद में मिलाकर चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  अखरोट गिरी को भूनकर चबाने से खांसी दूर होती है।

57. बबूल :

  •  बबूल का गोंद मुंह में रखकर चूसने से खांसी ठीक होती है।
  •  बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी दूर होती है।

58. कुम्भी : कुम्भी (कुम्भीर) के पत्तों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम कुल्ला करने सूखी खांसी दूर हो जाती है।

59. दूध :

  •  दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करके चीनी मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से खांसी ठीक होती है।
  •  250 मिलीलीटर दूध, 125 मिलीलीटर पानी, एक गांठ हल्दी का चूर्ण और जरूरत के अनुसार गुड़ को एक बर्तन में डालकर उबालें और जब पानी जलकर केवल दूध बाकी रह जाए तो इसे उतारकर छानकर पीने से खांसी का रोग ठीक होता है।
  •  100 ग्राम जलेबी को 400 मिलीलीटर दूध में मिलाकर खाने से सूखी खांसी में लाभ मिलता है।

60. लौंग :

  •  bachon ki khansi ka desi ilaj -2 लौंग को भूनकर पीसकर एक चम्मच दूध में मिलाकर बच्चे को सोते समय पिलाने से खांसी से छुटकारा मिलता है।
  •  2 लौंग को आग में भूनकर शहद में मिलाकर चाटने से कुकुर खांसी ठीक होती है।
  •  10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम जायफल, 10 ग्राम पीपल, 20 ग्राम कालीमिर्च और 160 ग्राम सोंठ को पीसकर इसमें 200 ग्राम चीनी मिलाकर गोलियां बनाकर रख लें। इन गोलियों के सेवन करने से खांसी, ज्वर, अरुचि, प्रमेह, गुल्म, दमा आदि दूर होता है।
  •  लौंग, कालीमिर्च, बहेड़े की छाल और कत्था बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। इसके बाद इसे बबूल की छाल के काढ़े में डालकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। 1-1 गोली चूसने से खांसी, श्वास, बुखार तथा नजला-जुखाम दूर होता है।
  •  10-10 ग्राम लौंग, इलायची, खस, चंदन, तज, सोंठ, पीपल की जड़, जायफल, तगर, कंकोल, स्याह जीरा, शुद्ध गुग्गुल, पीपल, वंशलोचन, जटामांसी, कमलगट्टा, नागकेशर, नेत्रवाला सभी को लेकर चूर्ण बना लें और इसमें कपूर 6 ग्राम मिलाकर रख लें। इस मिश्रण की आधा ग्राम की मात्रा शहद या मिश्री के सेवन करने से हिचकी अरुचि, खांसी तथा अतिसार ठीक होता है।
  •  लौंग और अनार का छिलका बराबर पीसकर एक चौथाई चम्मच में आधे चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन 3 बार चाटने से खांसी ठीक होती है।
  •  10-10 ग्राम लौंग, पीपल, जायफल, कालीमिर्च, सोंठ तथा धनिया पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर शीशी में भरकर रख लें। इसमें से 2 चुटकी चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

61. छोटी पीपल :

  •  छोटी पीपल के 1 ग्राम चूर्ण को शहद में मिलाकर रोगी को चटाने से खांसी और ज्वर में लाभ मिलता है।
  •  छोटी पीपल के चूर्ण में सेंधानमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से सभी प्रकार की खांसी दूर होती है। इससे गले में रुका हुआ कफ भी निकल जाता है।
  •  छोटी पीपल को पानी के साथ पीसकर असली गाय के घी के साथ गर्म करके इसमें थोड़ा सा कालानमक मिलाकर सेवन करने से सूखी खांसी जल्द दूर होती है।
  •  4-4 ग्राम छोटी पीपल, छोटी इलायची के बीज तथा सोंठ को एक साथ पीसकर 100 ग्राम गुड़ में मिलाकर 1-1 ग्राम की गोलियां बना लें। यह 2 गोली प्रतिदिन रात में गर्म पानी के साथ खाने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  छोटी पीपल, कायफल और काकड़ासिंगी बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस 6 ग्राम चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से सांस व खांसी दूर होती है।
  •  10-10 ग्राम पिप्पली, पीपरामूल, सोंठ, बहेड़ा, लाल इलायची और कालीमिर्च को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इसमें से चौथाई चम्मच चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से खांसी ( cough/khansi )का आना रुक जाता है।

62. पीपल :

  •  पीपल की जड़, काकड़ासिंगी, मुलहठी और बबूल का गोंद बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छानकर पानी के साथ उबालकर चने के आकार की गोलियां बना लें। इसमें थोड़ी सी मात्रा में पिपरमेंट भी मिलाकर सेवन करने से खांसी दूर होती है।
  •  पीपल की लाख का चूर्ण घी और चीनी के साथ खाने से सूखी खांसी में आराम मिलता है।
  •  लगभग आधा ग्राम पीपल की लाख, एक चम्मच शहद, 2 चम्मच घी और थोड़ी सी मिश्री मिलाकर दिन में 5-6 बार रोगी को देने से खून की खांसी बन्द होती है।
  •  पीपल, पुष्कर की जड़, हरड़ की छाल, सोंठ, कचूर तथा नागरमोथा बारीक पीसकर 8 गुना गुड़ में मिलाकर झरबेरी के आकार की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इस गोली को मुंह में रखकर चूसने से खांसी तथा साधारण सांस रोग ठीक होता है।
  •  चिलम में पीपल भरकर पीने से पुरानी खांसी दूर होती है।
  •  1 ग्राम पीपल और 2 ग्राम बहेड़ा का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से सभी प्रकार की खांसी मिटती है।
  •  पीपल का 1 ग्राम चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से खांसी और जुकाम का रोग दूर होता है।
  •  1 ग्राम पिप्पली, अदरक और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर चीनी या शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार रोगी को पिलाने से खांसी-जुकाम दूर होता है।
  •  कुकुर खांसी पीपल की छाल का 40 मिलीलीटर काढ़ा या रस दिन में 3 बार रोगी को देने से खांसी और जुकाम में मिलता है।

63. अडूसा (वासा) :

  •  लगभग 1 लीटर अडूसे के रस में 300 ग्राम सफेद चीनी, 80-80 ग्राम छोटी पीपल का चूर्ण और गाय का घी मिलाकर हल्की आग पर पकाएं और चाशनी की तरह बना जाने पर उतार कर इसमें 300 ग्राम शहद मिलाकर रख लें। यह चाशनी 1 चम्मच की मात्रा में टी.बी., खांसी, हृदय शूल, रक्तपित्त तथा ज्वर दूर होता है।
  •  वासा के ताजे पत्ते के रस, शहद के साथ चाटने से पुरानी खांसी, दमा और क्षय रोग (टी.बी.) ठीक होता है।
  •  अडूसा, मुनक्का और मिश्री 20-20 ग्राम लेकर काढ़ा बनाकर दिन में 3-4 बार पीने से सूखी खांसी मिटती है।
  •  अडूसा के पत्तों का रस एक चम्मच, एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से सभी प्रकार की खांसी से आराम मिलता है।
  •  अडूसे के पत्तों के 20-30 मिलीलीटर काढ़ा में छोटी पीपल का एक ग्राम चूर्ण डालकर पीने से पुरानी खांसी, दमा और क्षय रोग में लाभ मिलता है।
  •  अड़ूसा के सूखे हुए पत्तों को जलाकर राख बना लें और इस 50 ग्राम राख में मुलहठी का चूर्ण 50 ग्राम, काकड़ासिंगी, कुलिंजन और नागरमोथा 10-10 ग्राम खरल करके एक साथ मिलाकर रख लें। यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  4 ग्राम अडूसा, 2 ग्राम मुलहठी और 1 ग्राम बड़ी इलायची को लेकर चौगुने पानी के साथ काढ़ा बनाएं और आधा शेष रहने पर उतारकर इसमें थोड़ा सा छोटी पीपल का चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इसके सेवन से खांसी, कुकर खांसी, कफ के साथ खून का आना आदि समाप्त होता है।
  •  अडूसे के पत्तों के 5 से 15 मिलीलीटर रस में अदरक का रस, सेंधानमक और शहद मिलाकर सुबह-शाम रोगी को खिलाने से कफयुक्त बुखार और खांसी ठीक होती है।
  •  बच्चों के कफ विकार में 5-10 मिलीलीटर अडूसे के रस में सुहागा मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार देना चाहिए। इससे गले या छाती में जमा कफ निकल जाता है और खांसी में आराम मिलता है।
  •  अडूसा और तुलसी के पत्तों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से खांसी मिटती है।
  •  अडूसा और कालीमिर्च का काढ़ा बनाकर ठंड़ा करके पीने से सूखी खांसी नष्ट होती है।
  •  अडूसा के रस में मिश्री या शहद मिलाकर चाटने से सूखी खांसी ठीक होती है।
  •  अडूसा के पेड़ की पंचांग को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन 10 ग्राम सेवन करने से खांसी और कफ विकार दूर होता है।
  •  अडूसा के पत्ते और पोहकर की जड़ का काढ़ा बनाकर सेवन करने से दमा व खांसी में लाभ मिलता है।
  •  अडूसा की सूखी छाल को चिलम में भरकर पीने से दमा व खांसी दूर होती है।
  •  अडूसा, मुनक्का, सोंठ, लाल इलायची तथा कालीमिर्च को बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें। इसमें से 2 चुटकी चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी मिटती है।
  •  अडूसा, तुलसी के पत्ते और मुनक्का बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से खांसी दूर होती है।

64. धतूरा : धतूरे के पत्ते, भांग के पत्ते और कलमीशोरा बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। खांसी या दमा के दौरे पड़ने पर इस 2-3 चुटकी चूर्ण को कटोरी में डालकर जलाकर इसका धुंआ मुंह के द्वारा खींचना चाहिए। इससे दमा व खांसी के दौरे शान्त होते हैं।

65. चने : चने का जूस बनाकर पीने से जुकाम और कफज बुखार में आराम मिलता है।

66. भारंगी : 8 ग्राम पीपल, 12 ग्राम हरड़ का छिलका, 16 ग्राम बहेड़े का छिलका, 20 ग्राम अडूसा और 24 ग्राम भारंगी को लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 100 ग्राम बबूल की छाल के काढ़े में मिलाकर चने के आकार की गोलियां बना लें। यह 2-2 गोली सुबह-शाम गर्म पानी के साथ सेवन करने से खांसी दूर होती है।

67. कायफल :

  •  कायफल, नागरमोथा, भारंगी, धनियां, चिरायता, पित्त पापड़ा काकड़ासिंगी, हरड़, बच देवदारू और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े के सेवन करने से खांसी, ज्वर, दमा, कफ और गले का रोग ठीक होता है।
  •  3-3 ग्राम कायफल और काकड़ासिंगी को पीसकर शहद के साथ सेवन करने से दमा रोग ठीक होता है।
  •  कायफल के पेड़ की छाल का रस शहद के साथ मिलाकर 7 दिनों तक पीने से खांसी दूर होती है।

68.अनार: 10 ग्राम कालीमिर्च, 10 ग्राम अनार का छिलका, 20 ग्राम छोटी पीपल और 5 ग्राम जवाखार को आपस में मिलाकर पीस लें और फिर इसमें 100 ग्राम गुड़ मिलाकर चने के आकार की गोलियां बना लें। यह 2-2 गोली सुबह-शाम मुंह में रखकर चूसने से खांसी में बहुत लाभ मिलता है।

69. कालीमिर्च :

  •  कालीमिर्च को कूट-छानकर शहद में मिलाकर प्रतिदिन 2 बार चटाने से खांसी दूर होती है।
  •  कालीमिर्च और चीनी को पीसकर शहद के साथ चाटने से श्वांस, खांसी और कफ दूर होता है।
  •  एक चम्मच पिसी हुई कालीमिर्च को गुड़ के साथ खाने से खांसी ठीक होती है।
  •  कालीमिर्च और बताशे का काढ़ा बनाकर गर्म-गर्म पीने से हरारत, शरीर का दर्द और जुकाम में लाभ मिलता है।
  •  10 ग्राम कालीमिर्च, 20 ग्राम जायफल, 6 ग्राम इलायची, 5 ग्राम देशी कपूर और डेढ़ ग्राम नौसादर को बारीक चूर्ण बनाकर रख लें। इसके सेवन से बन्द नाक खुल जाती है और जुकाम के कारण उत्पन्न सिर दर्द ठीक होता है।

70. नींबू :

  •  दमा और खांसी में नींबू को काटकर उसमें कालीमिर्च और नमक भरकर चूसने से लाभ मिलता है।
  •  नींबू में नमक, कालीमिर्च और चीनी भरकर गर्म करके चूसने से खांसी, दमा और बुखार ठीक होता है।

71. नागरबेल : नागरबेल, पान की जड़ और मुलहठी को पीसकर शहद के साथ मिलाकर चाटने से जुकाम और बुखार ठीक होता है।

72. संतरा :

  •  खांसी या जुकाम होने पर संतरा का एक गिलास रस प्रतिदिन पीने से लाभ होता है। स्वाद के लिए नमक या मिश्री मिलाकर पी सकते है।
  •  गर्मी के मौसम में खांसी होने पर ठंड़े पानी के साथ संतरे का रस पीना चाहिए। यदि सर्दी के मौसम में खांसी हो तो गर्म पानी के साथ संतरे का रस पीना चाहिए।

73. हरड़ : khasi ki desi dawa

  •  हरड़, पीपल, सोंठ, चाक, पत्रक, सफेद जीरा, तंतरीक तथा कालीमिर्च का चूर्ण बनाकर गुड़ में मिलाकर खाने से कफयुक्त खांसी ठीक होती है।
  •  हरड़ और बहेड़े का चूर्ण शहद के साथ लेने से खांसी में लाभ मिलता है।

74. सेब :

  •  पके हुई सेब का रस निकालकर मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  प्रतिदिन पके हुए मीठे सेब खाने से सूखी खांसी में लाभ मिलता है। मानसिक रोग, कफ (बलगम), खांसी, टी.बी में सेब का रस व इसका मुरब्बा खाना लाभकारी होता है।

75. आंवला :

  •  एक चम्मच पिसे हुए आंवले को शहद में मिलाकर दिन में 2 बार चाटने से खांसी ठीक होती है।
  •  सूखी खांसी में ताजे या सूखे आंवले को चटनी के साथ हरे धनिये के पत्ते को पीसकर मिलाकर सेवन करने से खांसी में काफी आराम मिलता है तथा कफ बाहर निकला आता है।
  •  आंवला का चूर्ण और मिश्री मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से पुरानी व सूखी खांसी ठीक होती है।

76. अंगूर : अंगूर खाने से फेफड़ों को शक्ति मिलती है। कफ बाहर निकल आता है। अंगूर खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

77. पालक : खांसी में पालक का रस हल्का सा गर्म करके कुल्ला करने से लाभ मिलता है।

78. शलजम : शलजम को पानी में उबालकर छानकर इसमें चीनी मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।

79. मेथी :

  •  4 चम्मच दाना मेथी को एक गिलास पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गर्म ही पीने से खांसी दूर होती है।
  •  2 कप पानी में 2 चम्मच दाना मेथी उबालकर छानकर इसमें 4 चम्मच शहद मिलाकर पीने से बलगम वाली खांसी, श्वास कष्ट, छाती का भारीपन, दर्द, कफ का प्रकोप, दमा आदि में लाभ मिलता है। जुकाम-खांसी बराबर बने रहने के लक्षणों में तिल या सरसों के तेल में गर्म मसाला, अदरक और लहसुन डालकर बनाई मेथी की सब्जी का सेवन करना चाहिए।

80. अंजीर :

  •  अंजीर का सेवन करने से सूखी खांसी दूर होती है। अंजीर पुरानी खांसी वाले रोगी को लाभ पहुंचाता है क्योंकि यह बलगम को पतला करके बाहर निकालता रहता है।
  •  पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर होती है।
  •  2 अंजीर को पुदीने के साथ खाने से सीने पर जमा हुआ कफ धीरे-धीरे निकल जाता है।

81. चीनी : यदि खांसी बार-बार आती हो तो मिश्री के टुकडे़ को मुंह में रख लें। इससे खांसी बन्द हो जाती है।

82. गिलोय : khasi ki dawa in hindi-गिलोय को शहद के साथ चाटने से कफ विकार दूर होता है।

83. तिल :

  •  यदि सर्दी लगकर खांसी हुई हो तो 4 चम्मच तिल और इतनी ही मिश्री या चीनी मिलाकर एक गिलास पानी में उबालकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
  •  तिल के काढ़े में चीनी या गुड़ मिलाकर लगभग 40 ग्राम दिन में 3-4 बार सेवन करने से खांसी दूर होती है। इस काढे़ को सुबह-शाम दोनों समय सेवन करना चाहिए।
  •  सूखी खांसी में तिल के ताजे पत्तों का रस 40 मिलीलीटर प्रतिदिन 3-4 बार पीने से लाभ मिलता है।
  •  तिल और मिश्री पानी में उबालकर पीने से सूखी खांसी दूर होती है।
  •  4 चम्मच तिल को एक गिलास पानी के साथ उबालें और आधा पानी बचने पर इसे छानकर दिन में 3 बार सेवन करें। इसके सेवन से सर्दी लगकर आने वाली सूखी खांसी ठीक होती है।

84. दालचीनी :

  •  दालचीनी चूसने से खांसी के दौरे शान्त होते हैं।
  •  दालचीनी को चबाने से सूखी खांसी में आराम मिलता है और गले का बैठना ठीक होता है।
  •  चौथाई चम्मच दालचीनी एक कप पानी में उबालकर दिन में 3 बार पीने से खांसी ठीक होती है तथा कफ बनना बन्द होता है।
  •  दालचीनी 20 ग्राम, मिश्री 320 ग्राम, पीपल 80 ग्राम, इलायची छोटी 40 ग्राम और वंशलोचन 160 ग्राम को बारीक पीसकर मैदा की छलनी से छानकर रख लें। यह एक चम्मच चूर्ण आधा चम्मच मिश्री मिलाकर गर्म पानी से लेने से खांसी दूर होती है।
  •  50 ग्राम दालचीनी का चूर्ण, 25 ग्राम पिसी मुलहठी, 50 ग्राम मुनक्का, 15 ग्राम बादाम की गिरी और 50 ग्राम चीनी लेकर सभी को कूट-पीसकर पानी मिलाकर मटर के दाने के आकार की गोलियां बना लें। जब भी खांसी हो इसमें से एक गोली मुंह में रखकर चूसे अथवा हर तीन घंटे बाद एक गोली चूसे। इससे खांसी के दौरे पड़ने बन्द हो जाते हैं और मुंह का स्वाद हल्का होता है।
  •  कायफल के चूर्ण को दालचीनी के साथ खाने से पुरानी खांसी और बच्चों की कालीखांसी दूर होती है।

85. पुनर्नवा : पुनर्नवा की जड़ के चूर्ण में शक्कर मिलाकर फांकने से सूखी खांसी मिट जाती है।

86. तीसी : 40 से 80 ग्राम तीसी के बीजों को पीसकर घोल बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी मिटती है।

87. इन्द्रायण : इन्द्रायण के फल में छेद करके इसमें कालीमिर्च भरकर छेद को बन्द करके धूप में सूखने के लिए रख दें या आग के पास भूमल में कुछ दिन तक पड़ा रहने दें। इसके बाद इसे पीसकर 7 कालीमिर्च का चूर्ण, पीपल का चूर्ण और शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी दूर होती है।

88. कसोंदी :

  •  लगभग 5 से 10 मिलीलीटर कसोंदी का रस खांसी में सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है।
  •  कसोंदी के बीजों का चूर्ण 1 से 3 ग्राम ग्रर्म पानी के साथ प्रतिदिन 3 बार सेवन करने से लाभ मिलता है।
  •  कसोंदी के पंचांग का चूर्ण 20 ग्राम को 350 मिलीलीटर पानी में उबालें और 40 मिलीलीटर पानी रहने पर इसे छानकर थोड़ा सा शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे सूखी व पुरानी खांसी दूर होती है।

89. ककड़ी : खांसी के साथ-साथ यदि यह प्रतीत हो कि श्वासनली में कफ जमा हुआ हो तो ककड़ी के पत्तों की राख 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गुड़ के साथ सेवन करने से कफ बाहर निकल जाता है और खांसी दूर होती है।

90. ईसबगोल : 1 से 2 चम्मच ईसबगोल की भूसी सुबह भिगोया हुआ शाम को और शाम को भिगोया हुआ सुबह सेवन करने से सूखी खांसी ( cough/khansi )में लाभ मिलता है।

91. उतरन (उत्तरमारणी) : उतरन (उत्तरमारणी) के पत्तों का रस आधा से एक चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से छाती में जमा हुआ कफ बाहर निकल जाता है। अधिक मात्रा में इसके रस का सेवन करने से उल्टी भी हो सकती है।

92. वन्यकान्हू :

  •  लगभग 20 से 40 मिलीलीटर वन्यकान्हू के बीजों का काढ़ा प्रतिदिन 3-4 बार सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  लगभग 1 से 2 ग्राम वन्यकान्हू की अफीम को सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

93. धनिया :

  •  धनिया व मिश्री बराबर मात्रा में पीसकर 2 चम्मच को एक कप चावल के धोवन के साथ रोगी को पिलाने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  खांसी गले में छोटे-छोटे दाने निकल आने के कारण बनती है या फिर कफ अधिक बढ़ जाने के कारण बनती है। शरीर में गर्मी के अधिक बढ़ जाने से भी खांसी आती है। इसके लिए साबुत धनिया को पानी में उबालकर ठंड़ा करके इसमें थोड़ा सा शहद और पिसी हुई सोंठ मिलाकर पीना चाहिए। इससे कफ ढीला होकर निकल जाता है और खांसी कम हो जाती है।
  •  यदि छाती में कफ जमा हो गया हो तो 50 ग्राम धनिया, 10 ग्राम कालीमिर्च, 5 ग्राम लौंग और 100 ग्राम सोंठ को एक साथ पीसकर रख लें। यह आधा चम्मच चूर्ण सुबह शहद के साथ चाटने से छाती में जमा कफ निकल जाता है और खांसी दूर होती है।

94. रेशम : लगभग 2 से 3 ग्राम रेशम का कोया (कोष) लेकर सुबह-शाम सेवन करने से कफ निकल जाता है और खांसी मिटती है।

95. कॉफी : तेज खांसी में बिना दूध की गर्म कॉफी पीने से लाभ मिलता है।

96. तोदरी : लगभग 5 से 10 ग्राम तोदरी के बीजों के चूर्ण को मिश्री मिलाकर पानी में शर्बत की तरह बनाकर पीने से कफ निकल जाता है।

97. पिस्ता : लगभग 40 से 80 ग्राम पिस्ता के फूलों को पीसकर पानी में घोलकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी मिटती है।

98. गन्दना : लगभग 3 से 6 ग्राम पहाड़ी गन्दना के सूखे पत्तों का चूर्ण अथवा 40 से 80 ग्राम शाखा की पुष्पित अग्रभाग का घोल बनाकर 1 से 2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से कफ बाहर निकल जाता है और खांसी ठीक होती है।

99. गुलबनफ्सा : गुलबनफ्सा के फूलों की फांट 40 से 80 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से कफ निकल जाता है तथा खांसी भी ठीक होती है।

100. अजमोद : अजमोद को पान में रखकर चूसने से सूखी खांसी में आराम मिलता है।

101. शरपुंखा : खांसी में शरपुंखे की सूखी जड़ को जलाकर उसका धुंआ सूंघने से लाभ मिलता है।

102. कमल : लगभग 1 से 3 ग्राम बीजों का चूर्ण शहद के साथ दिन में 2 बार लेने से खांसी रोग ठीक होता है।

103. पानी : रात को गर्म पानी पीकर सोने से खांसी कम आती है।

104. खजूर : खांसी में खजूर, मुनक्का, चीनी, घी, शहद और पीपर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर 30-30 ग्राम सुबह-शाम खाने से टी.बी, श्वास और मोटी आवाज में लाभ मिलता है।

105. पोदीना :

  •  पोदीने की चाय में थोड़ा सा नमक डालकर पीने से खांसी दूर होती है।
  •  पोदीने का रस पीने से खांसी, वमन (उल्टी), अतिसार (दस्त) और हैजा रोग में लाभ मिलता है। इससे पेट के गैस और कीड़े भी समाप्त होते हैं।
  •  चौथाई कप पोदीना के रस को चौथाई कप पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ-दमा व मन्दाग्नि लाभ में मिलता है।

106. गेहूं : 20 ग्राम गेहूं और 9 ग्राम सेंधानमक को एक गिलास पानी में उबालकर एक तिहाई पानी रहने पर छानकर रोगी को पिलाने से 7 दिनों में ही खांसी ठीक हो जाती है।

107. बेल : बेल के पत्तों का एक चम्मच रस शहद के साथ सेवन करने से खांसी दूर होती है।

108. सरसों का तेल :

  •  अगर बच्चे को खांसी आती हो तो उसकी छाती पर सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए। श्वास (सांस) हो या कफ जमा हो तो सरसों के तेल में सेंधानमक मिलाकर मालिश करने से लाभ मिलता है।
  •  सरसों के तेल में 2 कली लहसुन डालकर गर्म करके इस तेल की छाती पर मालिश करने से छाती में जमा हुआ कफ बाहर निकल जाता है।

109. गुड़ : सर्दी के मौसम में गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से खांसी, दमा, ब्रोंकाइटिस दूर हो जाता है।

110. गंधक : 50 ग्राम गंधक और 50 ग्राम कालीमिर्च को बारीक पीसकर 50 मिलीलीटर आंवले के रस में मिलाकर 4 से 6 ग्राम की मात्रा में घी के साथ सेवन करने से श्वासकष्ट (सांस लेने मे परेशानी) और खांसी में लाभ मिलता है।

111. मौसमी : जिन लोगों को बार-बार खांसी, जुकाम और सर्दी लग जाती हो उसे थोड़े समय तक मौसमी का रस पीना चाहिए।

112. ग्वारपाठा :

  •  आधा चम्मच ग्वारपाठे का रस और चुटकी भर पिसी हुई सोंठ को शहद में मिलाकर चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  घृतकुमारी (ग्वारपाठे) का गूदा और सेंधानमक की राख बनाकर 12 ग्राम की मात्रा में मुनक्का के साथ सुबह-शाम सेवन करने से खांसी, पुरानी खांसी, कफज एवं दमा नष्ट होता है।

113. अकरकरा :khansi ke gharelu nuskhe

  •  अकरकरा को दांतों के बीच दबाने से जुकाम का सिर दर्द दूर होता है।
  •  अकरकरा का 100 मिलीलीटर काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से पुरानी खांसी मिटती है।
  •  अकरकरा का चूर्ण 3-4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से दस्त के साथ कफ बाहर निकाल जाता है।

114. मौलसिरी के फूल : 100 मिलीलीटर पानी में थोड़े से मौलसिरी के फूलों को रात में भिगोकर रख दें और सुबह के समय इसे उबालकर पीने से खांसी दूर होती है।

115. अरीठा : अरीठा की छाल को खाने से छाती पर जमा हुआ कफ पतला होकर निकल जाता है।

116. मुनक्का :

  •  खांसी में मुनक्का बहुत लाभकारी होता है। अगर जुकाम बार-बार लगता हो ठीक न होता हो तो 11 मुनक्का, 11 कालीमिर्च, 5 बादाम की गिरी को भिगोकर पीसकर इसमें 25 ग्राम मक्खन मिलाकर रात को सोते समय खाएं। सुबह दूध में पीपल, कालीमिर्च, सोंठ, डालकर उबला हुआ दूध पीएं। यह कई महीने तक करने से जुकाम पूरी तरह से ठीक होती है।
  •  3-4 मुनक्के लेकर उसके बीजों को निकालकर तवे पर भूनकर इसमें कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से खांसी दूर होती है।

117. फिटकरी :

  •  आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी को शहद में मिलाकर चाटने से दमा, खांसी में बहुत आराम मिलता है।
  •  लगभग 58 ग्राम लाल फिटकरी को पीसकर आक (मदार) के दूध में घोटकर सुखा लें। इसके बाद इसे जलाकर भस्म बना लें और धतूरे के रस में घोटकर सुखा लें। फिर इसमें लगभग डेढ़ ग्राम अफीम मिलाकर जलाकर भस्म बना लें। यह स्फटिक भस्म पान का रस, अदरक का रस या शहद के साथ खाने से खांसी और श्वास (दमा) रोग ठीक होता है।
  •  आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी शहद में मिलाकर चाटने से दमा, खांसी में आराम मिलता है। एक चम्मच पिसी हुई फिटकरी आधा कप गुलाबजल में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से दमा ठीक होता है।
  •  20 ग्राम फिटकरी को तवे पर डालकर भूनकर राख बना लें और इसमें 100 ग्राम चीनी मिलाकर 2 चम्मच मात्रा सुबह-शाम गीली खांसी वाले रोगी को गर्म पानी के साथ लेनी चाहिए। सूखी खांसी वाले रोगी को यह गर्म दूध के साथ लेनी चाहिए।
  •  चने की दाल के बराबर पिसी हुई फिटकरी लेकर गर्म पानी के साथ प्रतिदिन लेने से कुकर खांसी ठीक होती है।

118. मिर्च :

  •  लगभग 10 ग्राम मिर्च, 20 ग्राम पीपल, 40 ग्राम अनार, 80 ग्राम गुड़, 5 ग्राम यवक्षार को कूटकर चाटने से भयंकर (बहुत तेज) खांसी भी ठीक होती है।
  •  लगभग 10 ग्राम मिर्च, 20 ग्राम पीपल, 6 ग्राम यवक्षार, 20 ग्राम अनार के फल का छिलका और 80 ग्राम गुड़ को बारीक पीसकर गुड़ में मिलाकर 3-3 ग्राम की गोलियां बना लें। इन गोलियों को मुंह में रखकर रस चूसने से सभी प्रकार की खांसी नष्ट होती है।

119. प्याज : बच्चों और बूढ़ों के सारे कफ विकारों में प्याज बहुत उपयोगी होता है। कच्चे प्याज के रस में मिश्री मिलाकर बच्चों को चटाने से खांसी दूर होती है। बूढ़ों के लिए प्याज को पकाकर या प्याज के कल्क को सिद्धकर गर्म-गर्म सेवन करना चाहिए।

120. पोस्तादाना : सूखी खांसी में 1 से 2 ग्राम पोस्ता के चूर्ण को 10 ग्राम गुड़ एवं सरसों के तेल के साथ मिलाकर गर्म करके सुबह-शाम चाटने से खांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है।

121. बच : बच को सरसों के तेल में पीसकर नाक पर मालिश करने से जुकाम की खांसी तथा बुखार ठीक हो जाता है।

122. तुलसी :khansi ka gharelu nuskhe in hindi

  •  यदि खांसी के साथ छाती में दर्द हो या पुराना बुखार हो तो तुलसी के पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
  •  5 लौंग को तुलसी के पत्तों के साथ चबाने से सभी तरह की खांसी ठीक हो जाती है।
  •  तुलसी के पत्ते और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर पीसकर गोलियां बनाकर रख लें। यह 1-1 गोली दिन में 4 बार लेने से बलगम बाहर आ जाता है। इसके सेवन से खांसी तथा कुकर खांसी (हूपिंग कफ) भी ठीक हो जाती है।
  •  12 ग्राम तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर इसमें चीनी व दूध मिलाकर पीने से खांसी और छाती का दर्द दूर होता है।
  •  तुलसी के पत्तों के रस में शहद मिलाकर पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  3 मिलीलीटर तुलसी का रस, 6 ग्राम मिश्री और 3 कालीमिर्च को एक साथ मिलाकर लेने से छाती की जकड़न, पुराने बुखार और खांसी में लाभ मिलता है।
  •  बुखार, खांसी, श्वास रोग आदि में तुलसी के पत्तों के रस में 3 मिलीलीटर अदरक का रस और पांच ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  जुकाम, खांसी, गलशोथ, फेफड़ों में बलगम जमा होना आदि में तुलसी के सूखे पत्ते, कत्था, कपूर और इलायची बराबर मात्रा में लेकर इसमें 9 गुना चीनी मिलाकर बारीक पीसकर रख लें। इसे चुटकी भर की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से जमा हुआ बलगम निकल जाता है।
  •  तुलसी की मंजरी, सोंठ और प्याज का रस बराबर मात्रा में लेकर पीसकर शहद में मिलाकर सेवन करने से खांसी का दौरा शान्त होता है।
  •  3 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों का रस और 3 मिलीलीटर अडूसे के पत्तों का रस मिलाकर बच्चों को चटाने से खांसी का असर दूर होता है।
  •  तुलसी के फूल, सोंठ का चूर्ण, प्याज का रस तथा शहद मिलाकर चाटने से खांसी मिटती है।
  •  20 ग्राम तुलसी के सूखे पत्ते, 20 ग्राम अजवायन तथा 10 ग्राम कालानमक एक साथ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस 3 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से जुकाम और खांसी नष्ट होती है।
  •  5 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों के रस में 4 इलायची का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ चाटने से जल्दी ही सारा बलगम बाहर निकल जाता है और खांसी ठीक हो जाती है।
  •  तुलसी के पत्ते 25 से 50 तक खरल में कूटकर मीठे दही में मिलाकर पीने से अथवा शहद में मिलाकर खाने से श्वास और खांसी में आराम मिलता है।
  •  तुलसी के बीजों का 2-2 चुटकी चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से खांसी बन्द हो जाती है।
  •  तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी ठीक होती है।
  •  तुलसी की सूखे पत्ते और मिश्री मिलाकर 4 ग्राम की मात्रा में लेने से खांसी और फेफड़ों की घबराहट दूर होती है।
  •  तुलसी के पत्तों का सूखा चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से भी खांसी में लाभ मिलता है।

123. नारियल : सूखा नारियल को घिसकर बुरादा करके एक कप पानी में चौथाई नारियल को 2 घंटे भिगोकर पीसे लें। इसकी चटनी सी बनने पर भिगोये हुए पानी में घोलकर पी जाएं। इस प्रकार प्रतिदिन 3 बार पीने से खांसी, फेफड़ों के रोग, टी.बी. आदि दूर होता है और शरीर पुष्ट होता है।

124. बेरी :

  •  शुद्ध मैनसिल पानी में पीसकर बेरी के पत्तों पर लेपकर सुखाकर सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  250 ग्राम बेरी का गोंद 7 दिनों तक गुड़ के हलुए में मिलाकर रखने के बाद खाने से खांसी दूर होती है।
  •  लगभग 12-24 ग्राम बेर की छाल को पीसकर घी के साथ भूनकर इसमें सेंधानमक मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करने से खांसी दूर होती है।

125. तम्बाकू : पीने वाली तम्बाकू की लकड़ी को जलाकर इसकी राख को इकट्ठा करके 12 ग्राम की मात्रा में 2 ग्राम कालानमक मिलाकर सेवन करने से खांसी और काली खांसी ठीक होती है।

126. मक्का : मक्का को जलाकर इसकी राख को एकत्र करके इसमें 12-12 ग्राम पिसा हुआ कोयला और कालानमक मिलाकर रख लें। इसमें 1-1 ग्राम लेकर शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम चाटने से काली खांसी और कुकुर खांसी दूर होती है।

127. सत्यानाशी :

  •  सत्यानाशी की कोमल जड़ को काटकर छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें। इसमें बराबर मात्रा में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर लहसुन के रस में 3 घंटे घोलकर चने के आकार की गोलियां बना लें। इन्हें छाया में ही सुखाकर दिन में 3-4 बार 1-1 गोली ताजे पानी के साथ लेने या मुंह में रखकर चूसने से खांसी नष्ट होती है।
  •  सत्यानाशी के रस में 8 साल पुराना गुड़ मिलाकर चने के आकार की गोलियां बनाकर खाने से खांसी दूर होती है। औषधि के सेवन काल में नमक का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

128. कटहल : कटहल की जड़ साफ करके छोटे-छोटे टुकड़े करके मिट्टी के बर्तन में पकाकर बर्तन का मुंह सकोरा से बन्द करके कपड़ा लपेटकर मिट्टी लगा दें। अब इसे आग में रखकर पका लें और फिर महीन पीसकर रख लें। यह लगभग चौथाई ग्राम भस्म को अदरक के रस व शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से भयंकर खांसी भी नष्ट हो जाती है।

129. तज : लगभग 10 ग्राम तज, 20 ग्राम सोंठ, 30 ग्राम पीपल, 40 ग्राम वंशलोचन और 10 ग्राम इलायची को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। यह आधा ग्राम चूर्ण शहद और मिश्री मिलाकर सेवन करने से खांसी और श्वास रोग नष्ट होता है। इसमें घी और मिश्री मिलाकर भी खाया जा सकता है।

130. कैफरा : कैफरा 10 ग्राम, केकरा सिधी, पोहकर मूल, नागरमोथा, कुटकी और कचूर लेकर सभी का चूर्ण तैयार कर लें। यह चूर्ण आधा ग्राम की मात्रा में लेकर शहद या मिश्री के साथ खाने से खांसी और श्वास रोग ठीक होता है।

131. चिरमिटी : चिरमिटी और अकरकरा के चूर्ण में चीनी मिलाकर खाने से कफ और जुकाम दूर होता है।

132. तालिस :

  •  तालिस 10 ग्राम, 20 ग्राम सोंठ, 30 ग्राम मिर्च, 40 ग्राम पीपल, 50 ग्राम वंशलोचन और 10 ग्राम तज सभी को पीसकर चूर्ण बनाकर लगभग आधे से एक ग्राम की मात्रा में सुबह के समय खाने से बुखार, खांसी, श्वास रोग, हिचकी तथा पेचिश रोग दूर होता है।
  •  आधा ग्राम तालीसादि का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  तालीसपत्र के 1 से 2 ग्राम चूर्ण के साथ शहद एवं वासा के रस के साथ सुबह-शाम पीने से खांसी, श्वास और खून की गांठ ठीक होती है।

133. अरूस : 1 लीटर अरूस का रस, 50 ग्राम पीपल, लगभग 250 ग्राम घी और आधा किलो शहद मिलाकर पकाएं। गाढ़ा हो जाने पर इसमें आधा किलो चीनी मिलाकर चाशनी बनाकर रख लें। इसकी 10 से 20 ग्राम की मात्रा प्रतिदिन सेवन करने से सभी प्रकार की खांसी तथा कफ के साथ खून का आना समाप्त होता है।

134. कबाबचीनी : खांसी में 1 से 4 ग्राम कबाबचीनी को सुबह-शाम शहद के साथ लेने से सूखी खांसी बन्द होती है।

135. मैनफल : मैनफल के गूदे को सुखाकर चूर्ण बनाकर 24 से 60 मिलीग्राम की मात्रा में सेवन करने से बलगम निकलता जाता है और खांसी शान्त होती है। इसकी मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे उल्टी हो सकती है।

136. अन्तमूल : अन्तमूल का चूर्ण एक चौथाई से एक ग्राम को घोड़बच एवं मुलहठी के चूर्ण के साथ सेवन करने से कफ विकार में लाभ मिलता है।

137. काकड़ासिंगी :

  •  खांसी एवं श्वसन संस्थान के अन्य रोगों में काकड़ासिंगी, भारंगी, सोंठ, छोटी पीपल, कचूर और मुनक्का समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। यह एक चौथाई ग्राम चूर्ण शहद के साथ प्रतिदिन 2-3 बार चाटने से खांसी का आना बन्द होता है।
  •  काकड़ासिंगी, अतीस और मुलहठी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर 1 से 3 ग्राम की मात्रा में दिन में 3-4 बार चाटने से खांसी से छुटकारा मिल जाता है।
  •  आधा चम्मच काकड़सिंगी कोष का चूर्ण ‘शहद के साथ दिन में 2 बार लेने खांसी दूर होती है। बच्चों को यह चूर्ण एक चौथाई चम्मच की मात्रा में देनी चाहिए।
  •  काकड़ासिंगी और कालीमिर्च को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली चूसने से कफ की खांसी में लाभ मिलता है।

138. बड़ी माई : सूखी खांसी में 20 से 30 मिलीलीटर बड़ी माई के पंचांग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।

139. भारंगी :

  •  भारंगी, सोंठ और पीपल के चूर्ण में गु़ड़ मिलाकर खाने से साधारण खांसी ठीक होती है।
  •  भारंगी का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी, जुकाम और बुखार मिटता है।

140. त्रिकुटा : त्रिकुटा का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से खांसी नष्ट होती है।

141. अमलतास :

  •  एक ग्राम अमलतास के फूल और 2 ग्राम गुलकन्द को मिलाकर खाने से छाती में जमा हुआ कफ निकल जाता है तथा खांसी में आराम मिलता है।
  •  अमलतास की गिरी 5-10 ग्राम को पानी में घोटकर इसमें 3 गुना चीनी मिलाकर खाने से सूखी खांसी मिटती है।
  •  अमलतास का 20 ग्राम गुलकन्द खाने से खुश्क खांसी ठीक होती है।
  •  अमलतास के गूदे में गुड़ मिलाकर सुपारी के बराबर गोलियां बनाकर पानी के साथ खाने से कफ पतला होकर निकल जाती है और खांसी भी नष्ट होती है।

142. करोंदा : करोंदा के पत्तों के रस में शहद मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।

143. मेंहदी : लगभग 20 मिलीलीटर मेंहदी का रस, 10 ग्राम हल्दी और 5 ग्राम गुड़ को एक साथ मिलाकर चाटने से कफ पतला होकर निकल जाता है।

144. हारसिंगार : खांसी में लगभग 12-24 ग्राम हारसिंगार की छाल का चूर्ण लेकर पान में रखकर दिन में 3-4 बार खाने से बलगम का चिपचिपापन दूर होकर खांसी में बहुत लाभ मिलता है।

145. शतावरी : शतावरी, अडूसे के पत्ते और मिश्री को पानी में उबालकर पीने से सूखी खांसी मिटती है।

146. इमली : लगभग 14 से 28 मिलीलीटर पत्तों का काढ़ा आधे ग्राम घी में भुनी हींग एवं 2 ग्राम सेंधानमक के साथ सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

147. अनन्नास :

  •  अनन्नास के रस में छोटी कटेरी की जड़, आंवला और जीरे का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सेवन करने से खांसी दूर होती है।
  •  पके अनन्नास के 10 मिलीलीटर रस में पीपल की जड़, सोंठ और बहेड़े का चूर्ण 2-2 ग्राम तथा भुना हुआ सुहागा व शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी एवं श्वास रोग में लाभ मिलता है।
  •  अनन्नास के रस में मुलेठी, बहेड़ा और मिश्री मिलाकर सेवन करने से श्वास रोग में लाभ मिलता है।

148. अलसी :

  •  5 ग्राम अलसी के बीज, 50 मिलीलीटर पानी में भिगोकर 12 घंटे बाद पानी छानकर पीने से खांसी दूर होती है। सुबह भिगोकर शाम को और शाम को भिगोया सुबह पीना चाहिए।
  •  भुनी अलसी पोदीने के साथ शहद में मिलाकर चाटने से कफयुक्त खांसी नष्ट होती है।
  •  सिंके हुए अलसी के बीजों का चूर्ण बनाकर एक चम्मच की मात्रा में शहद मिलाकर चटाने से खांसी दूर होती है।
  •  5 ग्राम अलसी बीजों को पानी में उबालकर इसमें 20 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-सुबह सेवन करने से खांसी व दमा शान्त होता है। यदि सर्दी का मौसम हो तो मिश्री के स्थान पर शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  •  अलसी को तवे पर भूनकर समभाग मिश्री मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सुबह-शाम लेने से खांसी व दमा में आराम मिलता है।

149. अपराजिता :

  •  अपराजिता के बीजों को सेंककर चूर्ण बनाकर इसमें 60 से 120 ग्राम गु़ड़ और थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से खांसी और श्वांस (सांस) रोग में लाभ मिलता है। इससे दस्त के साथ बलगम शरीर से बाहर निकल जाता है।
  •  bachon ki khansi ka desi ilaj कफ विकार में बच्चे को अपराजिता की जड़ को दूध में घिसकर प्रतिदिन आधा से एक चम्मच दिन में 3 बार देनी चाहिए।
  •  अपराजिता की जड़ का शर्बत बनाकर थोड़ा-थोड़ा चटाने से खांसी और बच्चों की कुक्कुर खांसी ठीक होती है।

150. करंज : करंज के बीजों को पीसकर सुबह-शाम चाटने से काली खांसी तथा अन्य सभी प्रकार की खांसी ठीक हो जाती है।

151. सरफोंका : सरफोंका की जड़ का धूम्रपान करने से खांसी ठीक होती है।

152. छुई-मुई : छुई-मुई की जड़ को गले मे बांधने से खांसी मिटती है।

153. पवांड़ (चक्रमर्द) : लगभग 1 से 2 ग्राम चक्रमर्द के बीजों के चूर्ण को गर्म पानी के साथ कुछ दिन तक सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।

154. गोखरू : छोटा गोखरू को पीसकर पानी में घोलकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी दूर होती है।

155. नौसादर : 1 कप पानी में 1 चुटकी नौसादर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से खांसी ठीक होती है।

156. लता करंज :

  •  लता करंज के 10 से 12 मिलीलीटर पत्तों के रस में कालीमिर्च का चूर्ण आधा ग्राम मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम 4 दिनों तक चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  करंज की फलियों की माला बनाकर गले में पहनने से कुकुर खांसी खत्म होती है।
  •  कुकुर खांसी में लता करंज के बीज 1 से 2 ग्राम पानी में घिसकर या कूटकर या पानी में उबालकर दिन में 3 बार पीने से खांसी में आराम मिलता है।

157. बकुची : आधा चम्मच बकुची बीजों का चूर्ण अदरक के साथ मिलाकर 2-3 बार पीने से खांसी में आराम मिलता है और कफ ढीला होकर निकल जाता है।

158. भटकटैया (रेंगनी कांट) :

  •  भटकटैया की जड़ के साथ गुडूचू का काढ़ा मिलाकर पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  भटकटैया के 14-28 मिलीलीटर काढ़े में 3 कालीमिर्च के चूर्ण के साथ सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
  •  यदि कफ (बलगम) कुछ पुराना पड़ गया हो तो भटकटैया के पत्तों के 2 से 5 मिलीलीटर काढ़े में छोटी पीपल का चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह-शाम पीने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  यदि रोगी को खांसते-खांसते उल्टी हो जाए या दमा की खांसी हो तो भटकटैया की जड़ के काढ़े में सैंधव और हींग मिलाकर सुबह-शाम 20 से 40 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी व दमा में लाभ मिलता है।

159. धमासे : 40 ग्राम धमासे के चूर्ण का हिम बनाकर सुबह-शाम खांसी से पीड़ित व्यक्ति को पिलाने से गले की खुश्की कम होकर खांसी मिटती है और कफ पतला होकर निकल जाता है।

160. भंगरैया : 1 से 2 बूंद भंगरैया का रस शहद के साथ सेवन करने से खांसी ठीक होती है तथा छाती की घड़घराहट भी दूर होती है।

161. सनई (पटसन) : सनई के पत्तों को पीसकर मिश्री मिले पानी में मिलाकर पीने से कफ नष्ट हो जाता है।

162. श्योनाक :

  •  श्योनाक की छाल के चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में अदरक के रस व शहद के साथ चटाने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  श्योनाक के गोंद के 2 ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से खांसी खत्म होती है।

163. मूर्वा : 5 से 10 मिलीलीटर मूर्वा की जड़ का रस शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से कफ दूर होती है। इसके कोमल पत्तों का रस शहद के साथ लेने से कफ ढीला होकर निकल जाता है और खांसी ठीक होती है।

164. गुड़हल : 5 से 7 ग्राम गुड़हल को पीसकर शहद के साथ लेने से खांसी दूर होती है।

165. उन्नाव :

  •  उन्नाव का शर्बत बनाकर पीने से खांसी ठीक होती है।
  •  सूखी खांसी में उन्नाव, गोंद, चीनी और गुलाब की पत्ती को पकाकर तैयार की गई गोली चूसने से खांसी दूर होती है।

166. शीशम : 10 से 15 बूंद शीशम का तेल सुबह-शाम गर्म दूध में मिलाकर सेवन करने से बलगम समाप्त होता है।

167. चिरौंजी : खांसी में चिरौंजी का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।

168. महुआ :

  •  लगभग 20 से 40 मिलीलीटर महुआ के फूलों का काढ़ा प्रतिदिन 3 बार सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।
  •  महुआ के पत्तों का काढ़ा बनाकर रोगी को पिलाने से कफ एवं खांसी दूर होती है।

169. शहतूत : लगभग 50 से 100 मिलीलीटर शहतूत की छाल का काढ़ा या 10 से 50 मिलीलीटर शहतूत के फल का रस सुबह-शाम सेवन करने से कफ एवं खांसी दूर होती है।

170. अमरूद :

  •  एक अमरूद को भूभल में सेंककर खाने से कुकुर खांसी में लाभ मिलता है। छोटे बच्चों को अमरूद पीसकर अथवा पानी में घोलकर पिलाना चाहिए। अमरूद पर नमक और कालीमिर्च लगाकर खाने से कफकारक दुर्गुण दूर हो जाते हैं। 100 ग्राम अमरूद में विटामिन-सी लगभग आधा ग्राम तक होती है। अमरूद को सेंधानमक के साथ खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है।
  •  यदि सूखी खांसी हो और कफ न निकलता हो तो सुबह ताजे एक अमरूद को तोड़कर चबा-चबाकर खाने से खांसी 2-3 दिनों में ही समाप्त हो जाते हैं।
  •  गर्म रेत में अमरूद को भूनकर खाने से सूखी, कफ़ युक्त और कुकर खांसी में आराम मिलता है।
  •  अमरूद का भवक यंत्र द्वारा रस निकालकर इसमें शहद मिलाकर पीने से भी सूखी खांसी में लाभ मिलता है।

171. नागरमोथा :

  •  नागर मोथा, पिप्पली (पीपल), मुनक्का तथा बड़ी कटेरी के पके फलों समान भाग में लेकर भली प्रकार पीसकर घी और शहद के साथ चाटने से टी.बी. की खांसी कम होती है।
  •  अतीस, काकड़ासिंगी, पीपल और नागरमोथा को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ चटाने से खांसी के साथ-साथ बच्चों का बुखार कम होता है।

172. लाख : लाख के चूर्ण को चीनी की चासनी में मिलाकर पीने से कफ (बलगम) में खून आना बन्द हो जाता है।

173. बादाम : 5 बादाम की गिरी, 20 कालीमिर्च, 4 लौंग आधा चम्मच सोंठ को लेकर पानी में डालकर काढ़ा बनाकर पीने से खांसी में लाभ मिलता है।

174. सिरस : khansi ka desi ilaj in hindi

  •  50 ग्राम सिरस के बीजों को पानी के साथ उबालकर काढ़े के रूप में सेवन करने से खांसी बन्द होती है।
  •  पीले सिरस के पत्तों को घी में भूनकर दिन में 3 बार लेने से खांसी खत्म होती है।

175. चकोतरा : आक्षेप (बेहोशी) युक्त खांसी में महानींबू (चकोतरा) के पत्तों का रस आधा से एक चम्मच को सुबह-शाम शहद के साथ मिलाकर लेने से खांसी में लाभ मिलता है।

176. आम :

  •  आम की गुठली की गिरी को सुखाकर पीसकर एक चम्मच चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी से छुटकारा मिलता है।
  •  पके आम को गर्म राख में भूनकर खाने से सूखी खांसी खत्म होती है।

177. हरमल : 2 से 4 ग्राम हरमल के बीजों का सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

178. आकड़ा : आकड़े के पत्ते का छोटा-सा टुकड़ा पान में रखकर नित्य 40 दिन तक खाने से हर प्रकार का दमा, खांसी ठीक होती है।

179. हिंगोट : हिंगोट के गूदे की गोली बनाकर खाने से खांसी नष्ट होती है।

180. जीरा : जीरा के काढे या दाने को चबाकर खाने से खासी एवं कफ दूर होता है।

181. एरण्ड : एरण्ड के पत्तों का रस 3 मिलीलीटर तेल एवं गुड़ समान भाग मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।

182. अतीस :

  •  लगभग 3-4 ग्राम अतीस के चूर्ण को शहद में मिलाकर रात में 3-4 बार चाटने से दमा और खांसी का नाश होता है।
  •  अतीस का चूर्ण एक ग्राम और काकड़ासिगी चूर्ण आधा ग्राम मिलाकर शहद के साथ दिन में 2-3 बार चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  अतीस का चूर्ण 5 ग्राम को 2 चम्मच शहद मिलाकर चटाने से खांसी मिटती है।
  •  अतीस 2 ग्राम और पोखर की जड़ के 1 ग्राम चूर्ण को 2 चम्मच शहद मिलाकर चटाने से श्वांस रोग व खांसी दूर होती है।

183. ककोड़ा : ककोड़े की सब्जी बनाकर खाने से कफ विकृति, खांसी, बुखार, भूख न लगना, पेट की गैस और पेट दर्द की शिकायत दूर होती है।

184. निर्गुण्डी : 12 से 24 मिलीलीटर निर्गुण्डी के पत्तों के रस से शुद्ध घी व दूध के साथ दिन में 2 बार लेने से खांसी दूर होती है।

185. पुनर्नवा : पुनर्नवा जड़ों के चूर्ण में चीनी मिलाकर दिन में 2 बार खाने से सूखी खांसी दूर होती है।

186. कचनार : शहद के साथ कचनार की छाल का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से खांसी और दमे में आराम मिलता है।

187. गन्ना :

  •  1 लीटर गन्ने के ताजा रस में, 250 ग्राम ताजा शुद्ध घी मिलाकर पकाएं और केवल घी शेष रहने पर उतारकर 10-10 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से खांसी दूर होती है।
  •  62 मिलीलीटर कच्ची मूली का रस एक गिलास गन्ने के रस में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से कुकुर खांसी में लाभ मिलता है।

188. लौकी : लौकी के बीजों का सेवन करने से कफज खांसी दूर होती है।

189. अपामार्ग : khasi ki ayurvedic dawa

  •  अपामार्ग की जड़ में बलगमी खांसी और दमे को नाश करने का चमत्कारिक गुण है। इसके 8-10 सूखे पत्तों को हुक्के में रखकर पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  अपामार्ग क्षार आधा ग्राम लगभग की मात्रा में शहद मिलाकर सुबह-शाम चटाने से बच्चों की श्वास नली तथा वक्ष:स्थल में संचित कफ दूर होकर बच्चों की खांसी दूर होती है।
  •  श्वास रोग की तीव्रता में अपामार्ग की जड़ का चूर्ण 6 ग्राम और 7 कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम ताजे पानी के साथ लेने से खांसी दूर होती है।

190. असगंध :

  •  असंगध (अश्वगंधा) की 10 ग्राम जड़ों को कूटकर इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 400 मिलीलीटर पानी में पकाएं और जब 50 मिलीलीटर बच जाए तो इसे पीने से कुकुर खांसी या वात जन्य खांसी पर विशेष लाभ होता है।
  •  असगंध के पत्तों का काढ़ा 40 ग्राम, बहेडे़ का चूर्ण 20 ग्राम, कत्था चूर्ण 10 ग्राम, कालीमिर्च 50 ग्राम और सेंधानमक ढाई ग्राम को मिलाकर आधे-आधे ग्राम की गोलियां बनाकर रख लें। इन गोलियों को चूसने से सब प्रकार की खांसी दूर होती है।

191. मुलहठी :

  •  मुलहठी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से खांसी का प्रकोप शान्त होता है। मुलहठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से भी खांसी दूर होती है।
  •  25-25 ग्राम मुलहठी, काकड़ासिंगी और वंशलोचन, छोटी पीपल, लौंग, छोटी इलायची, 10 ग्राम कालीमिर्च और 8 ग्राम यवाक्षार सभी को एक साथ पीस-छानकर चूर्ण बना लें। 1 किलोग्राम मिश्री की चाशनी में इस चूर्ण को मिलाकर खाने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  मुलेठी का चूर्ण तथा लहसुन की कली का चूर्ण शहद के साथ लेने से खांसी में लाभ मिलता है।
  •  लगभग 5 ग्राम मुलेठी, 5 ग्राम कालीमिर्च, 5 ग्राम सोंठ तथा एक छोटी अदरक की गांठ को लेकर एक कप पानी में उबालकर सुबह-शाम पीने से सूखी खांसी बन्द होती है।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

1 thought on “खांसी दूर करने के 191 सबसे असरकारक घरेलु देसी नुस्खे : Khansi ke Gharelu Upay in Hindi”

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