कलश पूजा क्यों की जाती है ?

सनातन धर्म में कलश (जो प्रायः पीतल, ताम्बे या मिट्टी का) होता है जिस में पानी भरा जाता है. इसके मुंह पर आम की पत्तियां रखी जाती है, ऊपर एक नारियल रखा जाता है और फिर इसे लाल या सफ़ेद धागे से चारो और से बाँधा जाता है.

लोटे में पानी भर कर चावल के कुछ दाने डालने की क्रिया को पूर्ण कुम्भ भी कहते है जो हमारे जीवन को भरा पुरा होना दर्शाता है.चूँकि पृथ्वी पर पहले केवल पानी था और पानी से ही जीव की उत्पत्ति हुई है इसलिए कलश का जल सम्पूर्ण पृथ्वी का द्योतक है.

जिससे जीवन का आरम्भ हुआ था. नारियल और आम की पत्तियां सृजनात्मकता या जीवन को दर्शाती है.धागे से बाँध कर रखने का उद्देश्य विश्व की सम्पूर्ण उत्पत्ति को एक सूत्र में पिरोना दर्शाता है.

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