Last Updated on July 22, 2020 by admin
रोग परिचय :
यद्यपि खाँसी किसी प्रकार का भयंकर या खतरनाक रोग नहीं है लेकिन इसकी उपेक्षा करना भी ठीक नहीं है।
यदि खाँसी का शुरू-शुरू में इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले लेती है। पुरानी हुई खाँसी को ठीक करने के लिये जरूरी है कि परहेज से रहा जाए और समय पर दवा का सेवन किया जाए। मनुष्य को यदि खाँसी हो जाए तो उसका तुरंत इलाज करना चाहिए।
खाँसी के कारण : khansi ka karan
आयुर्वेद में खाँसी को स्वतंत्र रोग नहीं माना जाता। यह निम्न रोगों में आवश्यक रूप से पाई जाती है
• गले की खराबी • यकृत की पीड़ा • जुकाम होना • सर्दी लगना • फेफड़े की जलन
यदि कुछ दिन तक खाँसी यों ही बनी रहे तो यह कई रोगों को जन्म देने लगती है।
खाँसी के प्रकार : khansi ke prakar
खाँसी दो प्रकार की होती है| 1. सूखी खाँसी व कफ वाली खाँसी एवं 2. कुकुर खाँसी
जब सूखी खाँसी पुरानी हो जाती है तो यही कफ वाली खाँसी बन जाती है।
कुकुर खाँसी दो वर्ष से पन्द्रह वर्ष के व्यक्तियों को (बच्चों और किशोरों को) होती है। इस खाँसी में खाँसी के साथ लम्बी आवाज भी आती है और आदमी का मुँह खुल जाता है। खाँसते-खाँसते उल्टी भी हो जाती है।
कुकर खाँसी, खाँसी का भयंकर रूप है। यह जल्दी ठीक नहीं होती। इसमें रोगी बेचैन रहता है लेकिन यदि ठीक तरह से इलाज किया जाए तो एक दो माह में यह खाँसी भी ठीक हो जाती है।
गलग्रंथि या टांसिल्स के बढ़ जाने से भी खाँसी हो जाती है। गले में सरसराहट के साथ सूखी खाँसी होती है। इसमें कफ के बजाय झागदार थूक आता है।
खाँसी के देसी नुस्खे : khansi ke desi nuskhe aur upay
खाँसी नाशक नुस्खे –
- एक चम्मच शहद, एक चम्मच अडूसा के पत्तों का रस और आधा चम्मच अदरक का रस-सब एक साथ पीने से खाँसी मिटती है।
- कफ की खाँसी में एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच शहद दिन में तीन बार लेने से बलगम आसानी से निकल जाता है।
- बलगम में खून आने पर एक ग्राम हलदी गरम दूध के साथ दिन में दो बार लेना लाभदायक होता है।
- एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस अथवा एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस या एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर देने से बच्चों की खाँसी ठीक हो जाती है।
- सौंफ और चीनी का मिश्रण भी खाँसी को रोकता है।
- मौसमी के रस में रस का आधा भाग गर्म पानी, जीरा, सौंठ मिलाकर पीने से खाँसी में आराम मिलता है।
- पके हुए सेब का रस एक गिलास निकालकर मिश्री मिलाकर प्रातः पीते रहने से पुरानी खाँसी ठीक हो जाती है।
- पिसा हुआ आँवला एक चम्मच, एक चम्मच शहद में मिलाकर दो बार नित्य चाटें।
- आठ भाग अनार के छिलके का चूर्ण, एक भाग सेंधा नमक मिलाकर पानी डालकर गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली तीन बार चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है।
- 60 ग्राम सरसों के तेल में लहसुन की एक गाँठ को साफ करके उसमें डालकर रख लें। इस तेल की सीने व गले पर मालिश करें।
- खाँसी में दमा खाँसी होने पर एक चम्मच मेथी एक गिलास पानी में उबालें, आधा पानी रहने पर छान कर गर्म-गर्म ही पियें।
- 20 ग्राम गेहूँ, १ ग्राम सेंधा नमक, पात्र भर पानी में औटाकर तिहाई पानी रहने पर छानकर पीने से सात दिन में खाँसी मिट जाती है।
- खाँसी, कुकर खाँसी, जुकाम आदि में मक्की का भुटटा जलाकर उसकी राख पीस लें। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लें। नित्य चार बार चौथाई चम्मच गर्म पानी से फंकी लें। लाभ होगा।
- लहसुन मुनक्का के साथ दिन में तीन बार खायें।
- दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें। शक्कर डालकर नित्य सुबह-शाम पियें। इससे जुकाम, खाँसी, दमा आदि रोग में लाभ होगा।
- मौसमी खाँसी के लिए अदरक का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर सीरप बना लें, दिन में तीन बार एक-एक चम्मच सेवन करें। आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा। रोगी को भाप भी देते रहें।
- गरम पानी में नमक डालकर गरारे करें। इससे गले के संक्रमण में लाभ मिलेगा। दिन में 2 से 3 बार भाप लेना भी हितकर होता है।
- मुलहठी का चूर्ण दो कप पानी में उबालें तथा उसमें चुटकी भर नमक मिलाकर सुबह-शाम पिएँ। इससे फेफड़े में जमा हुआ बलगम निकलकर बाहर आएगा।
- ज्यादा गला खराब होने पर मुलहठी का टुकड़ा मुँह में रखकर चूसें।
- अदरक रस तथा शहद में चुटकी भर काला नमक मिलाकर सुबह, दोपहर और रात को भोजन के आधा घंटा बाद लगातार सप्ताह भर लेने से लाभ मिलेगा।
- यदि गर्भवती स्त्री खाँसी से पीड़ित है तो आधा कप दूध में आधा कप पानी तथा 3 ग्राम बड़ी इलायची का चूर्ण डालकर उबालें। जब आधा बच जाए तो उतार लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन कराएँ, लाभ मिलेगा।
- रात्रि को सोते समय भुनी हल्दी की गाँठ दाढ़ के नीचे दबा लें और धीरे धीरे चूसें, इससे खाँसी में आराम मिलेगा।
- लवंगादि वटी 2-2 गोली दिन में तीन बार चूसने को दें।
- सितोत्पलादि चूर्ण नामक यह दवाई खाँसी की श्रेष्ठ औषधि है। इसे आधाआधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम किसी भी उम्र वाले को दिया जा सकता है। बच्चों को बड़ों से आधी मात्रा दें।
- अदरक का रस निकालकर उसमें सम भाग शहद व थोड़ी काली मिर्च मिलाकर सीरप बना लें। एक-एक चम्मच दिन में तीन बार पिलाएँ।
- तुलसी के रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटें।
- रात्रि को शयन से पूर्व एक चम्मच हल्दी पाउडर गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
खांसी के अन्य घरेलू उपाय : khansi ka gharelu ilaj in hindi
1). निम्न तीनों चीजों को मिलाकर 25 ग्राम की बेर के बराबर गोलियाँ बना लें
12 ग्राम – हल्दी
तीन ग्राम – सज्जीखार
25 ग्राम – पुराना गुड़
इस प्रकार की गोली को मुँह में रखकर चूसिये। इससे सब तरह की खाँसी ठीक हो जाती है। सर्दी में होने वाली खाँसी से इस दवा द्वारा आराम मिलता है। ( और पढ़े- खांसी और कफ के 11 रामबाण घरेलु उपचार)
2). 250 मि.ग्रा. फिटकरी का लावा या 250 मि.ग्रा. सुहागे का लावा में सवा सौ मि.ग्रा. अभ्रक भस्म लिाकर चाटें। इससे सूखी खाँसी में राहत मिलती है।
3). निम्न चीजें लें –
- 12 ग्राम – काली मिर्च
- 12 ग्राम – सुहागे का लावा
- 12 ग्राम – फिटकरी का लावा
- 12 ग्राम – काकडसिंगी
- 12 ग्राम – लौंग
- 12 ग्राम – भारंगी
- 12 ग्राम – हरड़ का छिलका
- 12 ग्राम – पीपल
- 12 ग्राम – सेंधा नमक
- 100 ग्राम – सौंफ
उपरोक्त सभी चीजों को नींबू के रस में डालकर छोड़े। जंगली बेर के बराबर गोलियाँ बना लें। जल के साथ तीन-चार गोली रोज खावें। इससे सभी तरह की खाँसी ठीक होती है। अजीर्ण या यकृत के कारण होने वाली खाँसी में यह औषधि विशेष उपयोगी है। ( और पढ़े–खांसी दूर करने के देसी नुस्खे )
4. निम्न दवाओं को एकत्रित करके इनका काढ़ा बना लेवें –
• गुलवनफशा • मुलेठी • गाजवाँ • अडूसे की छाल • मुनक्का
• बहेड़े का छिलका • अंजीर • कुटकी • कंटकारी की जड़ • गिलोथ • लिसोड़ा• नीलोफर • उन्नाव
इस प्रकार निर्मित काढ़े को मिश्री और शहद में मिलाकर पीने से खाँसी में बहुत फायदा पहुँचता है।
जुकाम से हुई खाँसी में यह औषधि बहुत उपयोगी है। उपरोक्त दवाओं को काढ़ा बनाने के बाद पानी में डालकर रख दें तथा पुन: इनका काढ़ा बनाया जाए तो भी ये चीजें खाँसी के रोग में लाभ पहुँचाती हैं। ( और पढ़े- कफ दूर करने के 35 घरेलु उपाय )
5. निम्न चार चीजों को महीन कूट-पीसकर खाँसी के रोगी को शहद के साथ चटाना चाहिए
• कायफल • पोहकरमूल • काकड़ासिंगी • पीपल
इस प्रकार से बनाया हुआ चूर्ण ‘कटफलादि चूर्ण’ कहलाता है। कफवाली और दमारोग में यह चूर्ण लाभ पहुँचाता है। ( और पढ़े- बच्चों की सर्दी तथा खांसी दूर करने के घरेलु उपाय)
6. निम्न दो चीजों का काढ़ा बनावें –
1. कण्टकारी या कटेरी
2. अंडूसा या वासक
इस काढ़े में शहद तथा पीपल का चूर्ण डालकर पीयें तो इससे कफ वाली पुरानी खाँसी ठीक होती है।
खाँसी का आयुर्वेदिक उपचार और दवा : khasi ka ayurvedic ilaj aur dawa
आयुर्वेदिक औषधियाँ जो खाँसी रोग में आराम पहुँचाती हैं –
1. वासावलेह 2. वासान पाक 3. चन्द्रामृत रस 4. श्रृंगाराभ्र 5. सर्वांगसुन्दर रस । 6. लवंगादि बटी 7. मरीचादि गुटिका 8. एलादि बटी 9. सितोपलादि चूर्ण 10. लवंगादि चूर्ण 11. तालीसादि चूर्ण । 12. शर्बत जूफा ।
इन औषधियों को बनाने तथा सेवन करने की विधियाँ इस प्रकार
1. वासावलेह से खाँसी का इलाज : vasavaleha se khansi ka ilaj
दो किलो अडूसे की जड़ की छाल लें तथा उसे 15 किलो पानी में डालकर औटावें। जब साढे तीन या चार किलो पानी शेष रह जावे तो इसमें एक किलो चीनी डालकर चाशनी बनावें। जब चाशनी गाढ़ी हो जाए तो इस दवा को चूल्हे से नीचे उतार लेवें तथा पीपल का चूर्ण, 250 ग्राम ताजा घी तथा 60 ग्राम शहद मिला देवें।
6 से 12 ग्राम तक प्रतिदिन इस अवलेह का सेवन करें। इससे सब तरह की खाँसी ठीक होती है। श्वास रोग और समपित्त रोग में लाभ पहुँचता है। यह औषधि पुरानी कफ वाली खाँसी को ठीक करती है।
यदि इस दवा में छोटे कण्टकारी और अडूसा की जड़ को समान मात्रा में मिला दिया जावे तो ज्यादा लाभ मिलता है।
2. वासानपाक से खाँसी का इलाज :
यह औषधि बनाने के लिए अडूसे की जड़ की 250 ग्राम छाल को दो लीटर पानी में उबालें। 1/8 भाग शेष रहने पर द्रव को छान लें।
अथवा 2 किलो अडूसे के ताजे पत्तों का स्वरस लें। इसमें 2 किलो चीनी डालकर पकावें। जब रस शहद की तरह गाढ़ा हो जाए तो इसे चूल्हे से उतार लेवें। ठण्डा होने के बाद इसे बोतल में भर लें।
यह औषधि सभी प्रकार की खाँसी या कास रोग में काम करता है। रक्त, पित्त तथा राजयक्ष्मा रोग में भी यह दवा लाभ करती है।
3. चन्द्रामृत रस से खाँसी का इलाज : chandramrit ras se khansi ka ilaj
चन्द्रामृत बनाने के निम्न दवाएँ उपयुक्त मात्रा में ले –
- 12 ग्राम – सोंठ
- 12 ग्राम – मिर्च
- 12 ग्राम – पीपल
- 12 ग्राम – हरड़
- 12 ग्राम – बहेड़ा
- 12 ग्राम – आमला
- 12 ग्राम – चना
- 12 ग्राम – धनिया
- 12 ग्राम – जीरा
- 12 ग्राम – सेंधा नमक
- 25 ग्राम – शुद्ध पारा
- 25 ग्राम – शुद्ध गन्धक
- 25 ग्राम – लौह भस्म
- 100 ग्राम – सुहागे का लावा
- 50 ग्राम – काली मिर्च
उपरोक्त सभी दवाओं को कूट-पीसकर इनका चूरा बना लें। इसके बाद बकरी के दूध में पीसकर 500 मि.ग्रा. की पाँच सौ गोलयाँ बना लें।
चन्द्रामृत रस खाँसी के लिए अमृत की तरह है।
सर्दी जुकाम में नाक बहने पर, शरीर में हरारत होने पर, खाँसी का जोर होने पर चन्द्रामृत इसकी गोलियों को मिश्री के साथ मुँह में रखकर चूसें। चार पाँच गोली रोज खावें। इससे स्वास्थ्य में लाभ प्राप्त होता है।
■ चन्द्रामृत रस को नीलोत्पल का रस, रक्तोत्पल का रस, अदरख का रस, बकरी का दूध, पीपल और शहद के साथ खायें और निम्नलिखित काढ़ा पीयें –
अडूसा, गुर्च, भांरगी, नागरमोथा तथा कण्टकारी-इन सब चीजों को 25-25 ग्राम लेकर काढ़ा बनाना चाहिए। चन्द्रामृत रस खाने के बाद इस काढ़े को पीना चाहिए।
4. शृंगाराभ्र से खाँसी का इलाज :
इस औषधि को बनाने के लिए निम्न चीजों की आवश्यता पड़ती –
- 100 ग्राम – अभ्रक भस्म
- 4 ग्राम – कपूर
- 15 ग्राम – जावित्री
- 4 ग्राम – सुगंधवाला
- 4 ग्राम – गजपीपल
- 4 ग्राम – तेजपत्ता
- 4 ग्राम – लौंग
- 4 ग्राम – जटामाँसी
- 4 ग्राम- तालिसपत्र
- 4 ग्राम – दाल चीनी
- 4 ग्राम- नागकेशर
- 4 ग्राम- कूठ और धाय के फूल
- 3 ग्राम – हरड़
- 3 ग्राम- बहेड़ा
- 3 ग्राम – आमला
- 3 ग्राम – सोंठ
- 3 ग्राम- कालीमिर्च
- 3 ग्राम – पीपल
- 8 ग्राम – इलायची
- 8 ग्राम – जायफल
- 8 ग्राम – शुद्ध गंधक
- 4 ग्राम- शुद्धपारा
उपरोक्त सभी चीजों को पान के रस या पानी में भिगोकर चने के बराबर गोलियाँ बना लेनी चाहिए। यही औषधि ‘श्रृंगाराभ्र’ कहलाती है। अदरक और पान के रस के साथ यह औषधि खाकर फिर गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे सब तरह की खाँसी ठीक हो जाती है।
5. सर्वांगसुन्दर रस से खाँसी का इलाज : sarvang sundar ras se khansi ka ilaj
इस रस को बनाने हेतु निम्न चीजें प्रयोग में ली जाती हैं –
- 10 ग्राम – शुद्ध पारा
- 10 ग्राम – शुद्ध गंधक
- 20 ग्राम – फूला सुहागा
- 10 ग्राम – मोती पिष्टी
- 10 ग्राम – प्रवाल भस्म
- 10 ग्राम – शंख भस्म
- 5 ग्राम – सुवर्ण भस्म
उपरोक्त सातों चीजों को खरल में डालकर नींबू के रस में घोंटना चाहिए। इसके बाद औषधि का गोला बनाकर सराब के सम्पुट में बंद कर दें और गजपुट में फेंक देवें। ठण्डा होने पर इसे गजपुट से निकाल लेवें। इसके बाद इसमें 5 ग्राम लौह भस्म, 2 या 3 ग्राम शुद्ध हिंगुल मिलाकर खूब घोटें। | इस प्रकार की औषधि को 100 या सवा सौ ग्राम शहद तथा अदरख के रस में मिलाकर खाने से खाँसी ठीक होती है। पुरानी खांसी, दमा में लाभ मिलता है।
6. लवंगादि बटी से खाँसी का इलाज : lavangadi vati se khansi ka ilaj
इस प्रकार की बटी निम्न दवाओं को मिलाकर बनाई जाती है-
- 10 ग्राम – लौंग
- 10 ग्राम – कालीमिर्च
- 10 ग्राम – मिर्च
- 10 ग्राम – बहेड़े का छिलका
- 30 ग्राम – पपरिया कत्था
उपरोक्त सभी दवाओं को बबूल या कीकर की छाल के काढ़े के साथ घोटा जाता है और इस दवा की चने जैसी गोलियाँ बना ली जाती हैं।
खाँसी के रोगी को इस औषधि की 10 गोलियाँ दिनभर में चूसनी चाहिए। इससे खाँसी ठीक होती है।
7. मरीचादि गुटिका से खाँसी का इलाज : marichadi gutika se khansi ka ilaj
निम्न चीजों का अलग-अलग चूर्ण बनावें –
- 10 ग्राम – काली मिर्च
- 10 ग्राम – पीपल
- 20 ग्राम – अनार का छिलका
- 5 ग्राम – जवाखार
- 80 ग्राम – पुराना गुड़
उपरोक्त चीजों के चूर्गों को आपस में मिला लेवें। इस चूर्ण की बेर जैसी गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली करके उसका रस चूसें। पाँच गोली दिन में चूसें। यह खाँसी की अचूक औषधि है।
8. एलादि बटी से खाँसी का इलाज : eladi vati se khansi ka ilaj
इस बटी को निम्न चीजें मिलाकर बनाया जाता है-
- 5 ग्राम – बड़ी इलायची
- 5 ग्राम – तेजपत्ता
- 5 ग्राम – दालचीनी
- 20 ग्राम – पीपल
- 40 ग्राम – मिश्री
- 40 ग्राम – मुलेठी
- 40 ग्राम – खजूर
- 40 ग्राम – मुनक्का
इलायची, तेजपत्ता, दालचीनी, पीपल, मिश्री तथा मुलेठी को कूट पीसकर स्वच्छ कपड़े द्वारा छान लेवें। खजूर तथा मुनक्के को सिल पर पीस लेंवे तथा खरल के अंदर सारी चीजों को मिला देवें। इसमें शहद डालकर गोलियाँ बनावें। सुबह और शाम के समय एक-एक गोली को चूसें। | इस औषधि से सूखी खाँसी में लाभ प्राप्त होता है। रक्तपित्त और यक्ष्मा की खाँसी (कासरोग) की भी यह अच्छी दवा है।
9. सितोपलादि चूर्ण से खाँसी का इलाज : sitopaladi churna se khansi ka ilaj
सितोपलादि चूर्ण बनाने के लिए निम्न पाँच चीजों को समुचित मात्रा में लेकर इनका चूर्ण बनाते हैं-
- 100 ग्राम – वंशलोचन
- 200 ग्राम – मिश्री
- 50 ग्राम – पीपल
- 25 ग्राम – छोटी इलायची
- 15 ग्राम – दालचीनी
उपरोक्त दवाओं के चूर्ण को निम्न चीजों में मिलावे :
- 15 ग्राम – उपरोक्त चूर्ण
- 15 ग्राम – ताजा घी
- 30 ग्राम – शहद
इस औषधि को दिन में चार-पाँच बार चाटने से खाँसी, दमा, पुराने ज्वर, बदहजमी, अरुचि तथा रक्तपित्त आदि रोगों में आराम मिलता है।
अधिक खाँसी की हालत में इस दवा में 250 मि.ग्रा. अभ्रक की भस्म मिला देनी चाहिए। इससे तत्काल लाभ होगा। सूखी खाँसी की यह रामबाण दवा है।
10. लवंगादि चूर्ण से खाँसी का इलाज : lavangadi churna se khansi ka ilaj
इस चूर्ण को बनाने के लिए समान मात्रा में निम्न चीजों को मिलाकर इसका चूर्ण तैयार किया जाता है
• छोटी इलायची • शुद्ध कपूर • दालचीनी • लौंग • सोंठ • नागकेशर •खश स्याह जीरा •वंशलोचन निलोफर •सफेद चन्दन • सुगंध वाला •जायफल •अगर • जटामांसी •पीपल • तगर• शीतल मिर्च
उपरोक्त वस्तुओं के चूर्ण के आधे वजन में मिश्री मिला देनी चाहिए। जल के साथ 2 या 3 ग्राम चूर्ण खावें या शर्बत वनफशा के संग चाटें।
खाँसी, दमा, अर्जीण, के आदि रोगों में यह दवा लाभ करती है।
11. तालीसादि चूर्ण से खाँसी का इलाज : talisadi churna se khansi ka ilaj
निम्न दवाओं को एकत्रित करके इस चूर्ण को बनाया जाता है-
- 10 ग्राम – तालीसपत्र
- 20 ग्राम – कालीमिर्च
- 30 ग्राम – सोंठ
- 40 ग्राम – छोटी पीपल
- 50 ग्राम – वंशलोचन
- 5 ग्राम – दालचीनी
- 5 ग्राम – इलाइची
उपरोक्त चीजों का महीन चूर्ण बनाकर इसमें 350 ग्राम अच्छी चीनी इसमें मिलावें। इस चूर्ण की 2 या 3 ग्राम मात्रा जल के साथ सेवन करने से खाँसी (सूखी खाँसी) ठीक होती है।
12. शर्बत जूफा से खाँसी का इलाज : sharbat zoofa se khansi ka ilaj
वात और पित्त के कारण पैदा होने वाली खाँसियों की यह अचूक दवा है। जब इस औषधि का सेवन किया जाता है तो कफ ढीला होकर खाँसने के साथ ही निकल जाता है।
इस औषधि को बनाने के लिए निम्न चीजों की आवश्यकता पड़ती है-
- 10 ग्राम – जूफा
- 30 ग्राम – मुनक्का
- 20 ग्राम- उन्नाव
- 20 ग्राम – लिसौड़े
- 20 ग्राम – अंजीर
- 30 ग्राम – बेख सोमन
- 20 ग्राम – मुलहठी
- 10 ग्राम – सौंफ की जड़
- 10 ग्राम – करफस की जड़
- 10 ग्राम – हंसराज
- 5 ग्राम – बीदाना
- 5 ग्राम – अनीसून
- 5 ग्राम – सौंफ
- 5 ग्राम – छिले जौ
- 5 ग्राम – अलसी
- 5 ग्राम – जटामांसी
- 5 ग्राम – गावजबा
- 60 ग्राम – खत्मी के बीज
इन चीजों को लेकर कूट-पीसकर तीन गुने पानी के साथ उबालना चाहिए। रात में भिगो दें। सुबह मंद आग पर पकावें। इसे छान लें तथा 6 किलो चीनी डाल चाशनी को शहद की तरह गाढ़ा कर लें। इसके बाद उसे ठण्डा करके बोतल में भर लें। यही ‘शर्बत जूफा’ है।
इस शरबत के सेवन से खाँसी ठीक होती है।
(दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)