Last Updated on June 21, 2021 by admin
टाइफाइड बुखार क्या है ? (Typhoid Fever in Hindi)
इस रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण बैक्टीरिया का संक्रमण है। यह बैक्टीरिया व्यक्ति के शरीर में भोजन नली तथा आंतों में चले जाते हैं और फिर वहां से वे खून में चले जाते हैं और कुछ दिनों के बाद व्यक्ति को रोग ग्रस्त कर देते हैं। इस रोग में रोगी के शरीर पर गुलाबी रंग के छोटे-छोटे दानों जैसे धब्बे निकल जाते हैं। इस रोग में रोगी की तिल्ली बढ़ जाती है और उसके पेट में गड़बड़ी बढ़ जाती है। इस रोग में व्यक्ति को शाम के समय में अधिक बुखार हो जाता है और यह बुखार कई दिनों तक रहता है।
टाइफाइड बुखार के लक्षण (Typhoid Fever Symptoms in Hindi)
- टाइफाईड रोग से पीड़ित रोगी के शरीर में हर समय बुखार रहता है तथा यह बुखार शाम के समय और भी तेज हो जाता है।
- टाइफाईड रोग से पीड़ित रोगी के सिर में दर्द भी रहता है।
- टाइफाईड रोग से पीड़ित रोगी को कभी-कभी उल्टी भी हो जाती है तथा उसका जी मिचलाता रहता है।
- टाइफाईड रोग के रोगी को भूख नहीं लगती तथा उसकी जीभ पर मैल की परत सी जम जाती है।
- टाइफाईड रोग से पीड़ित रोगी के शरीर की मांस-पेशियों में दर्द होता रहता है।
- टाइफाईड रोग से पीड़ित रोगी को कब्ज तथा दस्त की समस्या भी हो जाती है।
टाइफाइड बुखार होने का कारण (Typhoid Fever Causes in Hindi)
- टाइफाईड रोग एक प्रकार के जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है इस जीवाणु में बूसीलस टायफोसस जीवाणु प्रमुख है।
- बूसीलस टायफोसस जीवाणु दूध तथा मक्खन में तेजी से पनपता है। जब कोई व्यक्ति इसके संक्रमण से प्रभावित चीजों का सेवन कर लेता है तो उसे टाइफाईड रोग हो जाता है।
- बूसीलस टायफोसस जीवाणु पानी, नालियों में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थ, मक्खियों के शरीर से, मल-मूत्र से पैदा होता है। जब कोई व्यक्ति इस चीजों के सम्पर्क में आता है तो उसे टाइफाईड रोग हो जाता है।
- जिन व्यक्तियों को टाइफाईड रोग हो चुका हो उसके सम्पर्क में यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति आ जाता है तो उसे भी टाइफाईड रोग हो जाता है।
- बूसीलस टायफोसस जीवाणु किसी तरह से व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है तो यह उसके शरीर के अंदर एक प्रकार का जहर (विष) का निर्माण करता है जो खून के द्वारा स्नायु प्रणाली जैसे सारे अंगों में फैल जाता है जिसके कारण रोगी के शरीर में रक्तविषाक्तता की अवस्था प्रकट हो जाती है और उसे टाइफाईड रोग हो जाता है। आइये जाने typhoid ka ilaj
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टाइफाइड बुखार से बचाव के घरेलू इलाज (Typhoid Fever Home Remedy in Hindi)
1). पान – पान का रस, अदरक का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।
2). तुलसी – यदि जुकाम या सर्दी-गर्मी में बुखार हो तो तुलसी, मुलेठी, गाजवां, शहद और मिश्री को पानी में मिलाकर काढा बनाएं और पीएं। इससे जुकाम सही हो जाता है और बुखार भी जल्द ही उतर जाता है।
3). आम – गर्मी के मौसम में टायफायड होने पर लू लगने के कारण बुखार होने का खतरा रहता है। ऐसे में आप कच्चे आम को आग या पानी में पकाकर इसका रस पानी के साथ मिलाकर पीएं।
4). अदरक – जलवायु परिवर्तन की वजह से बुखार होने तुलसी की चाय पीने से आराम मिलता है। इसके लिए 20 तुलसी की पत्तियां, 20 काली मिर्च, थोड़ी सी अदरक, जरा सी दालचीनी को पानी में डालकर खूब खौलाएं। अब इस मिश्रण को आंच से उतारकर छानें और इसमें मिश्री या चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीएं।
5). सूर्यमुखी – तुलसी और सूर्यमुखी के पत्तों का रस पीने से भी टायफायड बुखार ठीक होते हैं। करीब तीन दिन तक सुबह-सुबह इसका प्रयोग करें।
इन बातों का रखें ध्यान :
टायफायड के अलावा, बुखार के कई और कारण भी हो सकते हैं, ऐसे में कुछ बातों का रखें ख्याल
- बुखार में रोगी को अधिक से अधिक आराम की जरूरत होती है। भोजन का खास ख्याल रखें। बुखार होने पर दूध, साबूदाना, चाय, मिश्री आदि हल्की चीजें खाएं। मिश्री का शर्बत, मौसमी का रस, सोडा वाटर और कच्चे नारियल का पानी जरूर पीये।
- पानी खूब पीएं और पीने के पानी को पहले गर्म करें और उसे ठंडा होने के बाद पीये। अधिक पानी पीने से शरीर का जहर पेशाब और पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।
- लहसुन की कली पांच से दस ग्राम तक काटकर तिल के तेल में या घी में तलकर सेंधा नमक डालकर खाने से सभी प्रकार का बुखार ठीक होता है।
- तेज बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें तो बुखार उतर जाता है,और बुखार की गर्मी सिर पर नहीं चढ़ती है।
- फ्लू में प्याज का रस बार-बार पीने से बुखार उतर जाता है,और कब्ज में भी आराम मिलता है।
- पुदीना और अदरक का काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है। काढ़ा पीकर घंटे भर आराम करें, बाहर हवा में न जाएं।
घरेलू दवाओं से यदि आपको आराम न मिले, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उसके निर्देशानुसार इलाज करवाएं।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)