Last Updated on July 24, 2019 by admin
ध्यान की गहराइयाँ पाने के लिए :Deep Meditation Techniques
ध्यान का श्वास के साथ बड़ा सम्बन्ध है जिसको भी ध्यान में गहराई पानी हो उसको चाहिए की चलते वक्त …खाते वक्त …. सोने से पहले …यात्रा समय में …अपनी श्वास के प्रति जागृत रहे …. श्वास को निहारता रहे कि श्वास आ रही है … जा रही है बुद्ध जो ध्यान कराते थे… उस प्रक्रिया का नाम था आनापान सती योग …मतलब केवल श्वास के प्रति सजाग रखो और जहाँ ध्यान-जप आदि के लिए बैठे हों वहां धूप कर दिया जाए ताकि हमारे फेफड़ो में carbon dioxide न रहे ..इससे स्वाभाविक ही श्वास गहरा लेंगे और पवित्र … सुगन्धित धूप अन्दर जाने से oxygen भरेगा… क्यूँकि फेफड़ो में carbon dioxide होने से मन शांत नहीं होता और जितना व्यक्ति का अंतःकरण अशांत वो ध्यान की गहराईयों से दूर रहेगा
मन्त्र जिसे जपने से ध्यान में आनेवाली बाधाएं दूर हो जाती है |
मन्त्र :Mantra
ॐ हौं तं जुहोमि स्वाहा
Om haum tam juhomi swaha
हे विघ्न बाधा , मै तुम्हारा ज्ञान अग्नि में हवन करता हूँ…। उस में स्वाहा कर देता हूँ…॥
५ बार मन में ये जप कर लेना …। जिस से ध्यान की विध्न बाधा स्वाहा हो जाए ॥
ध्यान के वक्त :How to Meditate
आँखे बंद करके आँखों के पुतली पर दबाव डालके ध्यान करते हो तो मुसीबत बुलाते है | सिरदर्द हो जायेगा, थोड़ी देर में ऊब जाओगे, स्वभाव चिडचिडा हो जायेगा | आँखों की पुतली पर जोर डालकर ध्यान न करे । स्वाभाविक श्वास चल रहा है | श्वासों-श्वास को गिनो, प्रीतीपूर्वक भजो, सहज में बैठो, तन कर न बैठो ….अति ढीले न बैठो |
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ध्यान की विधियाँ :types of meditation
पहली विधि – सुबह स्नान करके बैठ गए जीभ को तालू में लगा दिया और शांत बैठे
दूसरी विधि – बीच-बीच में श्वास को रोकें ५-१० सेकंड के लिए ..फिर श्वास चलता रहे
तीसरी विधि – दोनों हाथ की हथेली आँखों पर रखो और ध्यान आज्ञाचक्र पर हो … एकाद मिनट रहो… आँख पर दबाव न पड़े ऐसे …फिर हाथ हटा दो और बाद में गोद में दायाँ हाथ नीचे और बायाँ हाथ ऊपर रखो…. शांत बैठो खुली आँख थोड़ी देर अपने गुरुदेव को देखा फिर आज्ञाचक्र पर ध्यान केन्द्रित कर दें
श्रोत – ऋषि प्रसाद मासिक पत्रिका