Last Updated on September 7, 2022 by admin
सांस की दुर्गध एक परेशानी दायक व आम समस्या है। सांसों में दुर्गध होने पर लोगों से मिलने व बातचीत करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सांस की दुर्गंध से व्यक्तित्व भी प्रभावित होता है।
सांस की दुर्गध आदमी के स्वास्थ्य के साथ उसके व्यक्तित्व को भी प्रभावित करती है। सांस की बदबू से ग्रस्त व्यक्ति के पास आने से लोग कतराने लगते हैं, जिससे हीन भावना आ सकती है। यह जन्मजात । रोग नहीं है बल्कि बाद में अनेक कारणों से उत्पन्न होता है।
मुंह (सांस) की दुर्गंध के मुख्य कारण : muh ki badbu ke karan
- दांतों की नियमित व सही सफाई न होने से दांतों में फंसे अन्न-कण सांस में दुर्गध उत्पन्न करते हैं।
- इनके अलावा मुंह में छाले,
- जीभ पर मैल जमना,
- पायरिया,
- पीनस रोग,
- सर्दी-जुकाम बने रहना,
- नाक का संक्रमण,
- शरीर में रक्त की कमी,
- विटामिन की कमी,
- लंबे समय तक बीमार रहना,
- पुरानी खांसी,
- पेट की बीमारी,
- रात्रि-जागरण, सुबह देर से उठाना,
- धूमपान, शराब का सेवन आदि कारणों से सांसों में दर्गध उत्पन्न होती है।
- एलोपैथी की कुछ दवाइयों एंटीहिस्टामिन डिकोंजेस्टेंट तथा डाइयूरेटिक्स आदि के सेवन से भी सांसों में या गर्भावस्था में हार्मोन परिवर्तन की वजह से भी कुछ महिलाओं की सांसों में दुर्गध आती है।
- पाचन तंत्र की निष्क्रियता अथवा शिथिलता,
- छाती में पुराना कफ जमा होना,
- सीने या गले पर कोई फोड़ा होना आदि कारण भी सांसो की दुर्गंध के लिए उत्तरदायी हैं।
सांसों की दुर्गंध का पता कैसे चले ? :
सांस की दुर्गंध की समस्या उत्पन्न होने पर स्वयं को पता नहीं चल पाता है। इसके बारे में कोई खास साथी ही बता पाता है, या स्वयं इसकी जांच करनी होती है। इसे जांचने के लिए मुंह के सामने दोनों हथेलियों को कप की आकृति के समान कर लें। अब गहरी सांस छोड़ें। फिर उसे सुंघे। अगर आपको दुर्गंध महसूस हो, तो समझ जाएं कि सामने वाले को भी ऐसा ही महसूस होता होगा।
सांसों की दुर्गंध से बचने के उपाय :
इन बातों पर ध्यान दें –
- दांतों की नियमित व सही सफाई करें। जीभ की भी ठीक तरह से सफाई करें।
- देर रात तक जागरण न करें।
- सुबह जल्दी उठे।
- पान, तंबाकू, सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें। इनसे सांसों में दुर्गध उत्पन्न तो होती ही है, इनके नियमित इस्तेमाल से मुंख संबधी व अन्य शारीरिक रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं।
- दूसरों के रूमाल, टूथ-ब्रश, लिपस्टिक, लिपस्टिक संबधी ब्रश आदि का इस्तेमाल न करें। इससे मुंह में किसी प्रकार का संक्रमण होकर सांसों में दुर्गध उत्पन्न हो सकती है।
- भूखे न रहे। सूखे रहने से मुंह में तार बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है, जिससे मुंह में दुर्गध उत्पन्न होने लगती हैं।
- शरीर से अधिक पसीना निकलने से भी सांसों से दुर्गध आती है। इसलिए रोजाना अच्छी तरह स्नान करें, ताकि शारीरिक दुर्गधता के साथ सांसों की दुर्गंध से बचे रहें।
- पेट की सफाई का खास ध्यान रखें। कब्ज न रहने दें।
- अधिक मात्रा में मीठे तथा ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें।
- आईसक्रीम, च्यूइंगम, चाकलेट जैसे खाध पदार्थ दांतो से चिपककर बाद में सांस में बदबू पैदा करते हैं।
मुंह की बदबू दूर करने के उपाय : muh ki badbu dur karne ke gharelu nuskhe
1. नीम – 10 से 12 नीम के पत्तों को एक गिलास पानी में भली-भांति उबालकर छान लें। ठंडा होने पर इससे गरारे करें। नीम जलन व दर्द को शांत करता है, तथा रोगाणु रोधक है। इसके नियमित प्रयोग से मुख की आंतरिक शुद्धि होती हैं और सांसों की दुर्गध दूर होती है। ( और पढ़े – मुंह की दुर्गंध दूर करने के सबसे असरकारक 41 घरेलु उपाय )
2. नीबू – आधा नीबू लें। इसे हलके हाथों से दांतों व मसूढ़ों पर रगड़ें। नीबू में पाए जाने वाला विटामिन-सी’ मुख के आंतरिक ऊतकों को संकुचित कर, उनसे विषैले पदार्थ निकलकर दातों व मसूढ़ों को दृढ़ बनाता है। नीबू एक अच्छा मॉउथवाशनर भी है।
3. नमक – गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें। नमक में पाए जाने वाले तत्व मृत कोशिकाओं को निकालकर सांसों की दुर्गध को दूर करते हैं। ( और पढ़े – नमक के लाजवाब 28 फायदे )
4. तुलसी – एक गिलास गरम पानी में तुलसी के 20-25 पत्ते डालकर ढक दें। पानी ठंडा होने पर इस पानी से गरारे करें। तुलसी के पत्तों में पाए जाने वाले तत्व, मुख के अंदर उत्पन्न होने वाले कीटाणुओं को खत्म करके सांस की दुर्गंध को दूर करते है। यह प्रयोग नियमित कर सकते हैं। यह एक अच्छा माउथवाशनर है।
5. लौंग – एक गिलास ठंडे पानी में दो बूंद लौंग का तेल डालकर मॉउथवाश करें। लौंग का तेल एंटी-बॉयटिक का काम करता है तथा इसमें पाए जाने वाले यनीनाल तथा फेनाल एसीटोल मॉउथवाश का काम करते हैं, जिससे सांस की दुर्गंध दूर होती है। ( और पढ़े – लौंग खाने के 73 बड़े फायदे )
6. गुलाबजल – एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच गुलाबजल एंटी बॉयटिक तथा एंटी सेप्टिक जैसा प्रभाव डालती है। इसकी प्रकृतिक सुगंध सांसों में ताजगी देती है।
7. अनार – अनार के छिलकों का चूर्ण बनाकर सुबह शाम पानी में अच्छी तरह उबाल कर उस पानी से गरारे करें।
8. जीरा – भुना हुआ जीरा चबाने से भी मुंह की बदबू दूर होती है। ( और पढ़े – जीरा खाने के 83 बेमिसाल फायदे )
9. धनिया – हरा धनिया अथवा सूखा धनिया चबाने से भी लाभ होता है। इसी प्रकार मुलैठी व छोटी इलायची का उपयोग भी सांसों की दुर्गध को दूर करता हैं।
10. तुलसी – तुलसी के पत्ते अथवा जामुन के हरे पत्तों को मुंह में दबाकर पान की तरह चबाने से भी सांसें शुद्ध होती हैं।
11. अदरक – एक गिलास गुनगुने पानी में पांच मिलीग्राम अदरक का रस तथा इतनी ही मात्रा में नींबू का रस मिलाकर गरारे करने से भी मुंह की बदबू दूर होती है। ( और पढ़े – गुणकारी अदरक के 111 औषधीय प्रयोग )
12. पुदीना – पुदीने के पत्ते बेहतरीन माउथ फ्रेशनर हैं. इनमें मौजूद क्लोरोफिल मिनटों में मुंह की दुर्गंध से छुटकारा दिलाता है. पुदीने के कुछ पत्तों को चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है |
13. सौंफ – खाना खाने के बाद सौंफ खाना यदि आपकी आदत में शुमार है, तो ये बहुत अच्छी बात है | मुंह की दुर्गध से बचने के लिए सौंफ बेहतरीन विकल्प है । ( और पढ़े – सौंफ खाने के 61 लाजवाब फायदे )
14. दालचीनी – मुंह से आने वाली दुर्गंध को दूर करने के लिये दालचीनी में पाया जाने वाला तेल न सिर्फ मुह की दुर्गंध से छुटकारा दिलाता है, बल्कि मुंह के कीटाणुओं को भी दूर करता है. – 1 टीस्पून दालचीनी पाउडर को 1 कप पानी में उबालें । ठंडा करके इससे गरारा करें ये प्रक्रिया दिन में 2-3 बार करें।
15. लौंग – अचानक आ रही खांसी को कम करने के साथ ही लौंग मुंह की बदबू से भी निजात दिलाता है।1-2 लौंग मुंह में रखकर चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है. साथ ही लौंग को कूटकर 1 कप पानी में 5-10 मिनट तक उबालें. छानकर पीएं या फिर ठंडा करके इससे गरारा करें ।
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