भविष्योत्तर पुराण में बताया कि माघी अमावश्या के दिन अगर भगवान ब्रम्हाजी का कोई पूजन करें, श्लोक और गायत्री मंत्र बोलकर कोई ब्रम्हाजी को नमन करते है और थोड़ी देर शांत बैठे और फिर गुरुमंत्र का जप करें तो उनको विशेष लाभ होता है | जो भाई-बहन जो सत्संग में आते है वो दैवी सम्पदा पाये और लौकिक सम्पदा भी पाये | किसी के सिर पे भार न रहें | दैवी सम्पदा से खूब धनवान हो और लौकिक धन की भी कमी न रहें |
मंत्र इस प्रकार है –
स्थानं स्वर्गेथ पाताले यन्मर्ते किंचिदत्तंम | तद्व्पोंत्य संधिग्धम पद्मयोंने प्रसादत: ||
गायत्री मंत्र –
ॐ भू भुर्व: स्व: तत सवितुर्वरेण्यं | भर्गो देवस्य धीमहि | धियो यो न: प्रचोदयात् ||
– Shri Sureshanand ji