Last Updated on June 11, 2022 by admin
योनि में सूजन (योनिशोथ /Vaginitis) : yoni ki sujan
आजकल 60 से 70 प्रतिशत स्त्रियों को यह रोग होता है । योनि में होनी वाली सूजन को योनिशोथ (Vaginitis) कहते है। किसी भी उम्र की महिलाएँ, विशेष रूप से प्रसव योग्य महिलाएँ और यौन रूप से सक्रिय महिलाएँ इस रोग की चपेट में आ जाती हैं।
योनि में सूजन के लक्षण : yoni me sujan ke lakshan
- इस रोग के प्रारम्भ में (नये रोग में) योनि की झिल्ली लाल और खुश्क हो जाती है। उसमें जलन रहती है और दर्द होता है, जो उठने-बैठने और चलने-फिरने से बढ़ जाता है । यह दर्द योनि और गुदा के मध्य भाग में अधिक होता है।
- इस रोग के उपद्रव स्वरूप रोगिणी का शरीर टूटता है, ज्वर हो जाता है, कमर सिर और पिन्डलियों में दर्द होता है ।
- मूत्र थोड़ी मात्रा में तथा कई बार जलन के साथ 23 दिन के बाद लेसयुक्त पतला पानी आने लग जाता है।
- यह रोग जब 2 सप्ताह तक दूर नहीं होता है तो रोग पुराना (क्रोनिक) हो जाता है। ऐसी अवस्था में योनि से गाढ़ी छाछ की भाँति पानी आने लगता है । कमर में दर्द रहता है, भूख कम लगती है, कब्ज रहने लगती है, किसी काम करने की इच्छा नहीं होती है। रोगिणी कमजोर हो जाती है।
योनि में सूजन के कारण : yoni me sujan ke karan
- यह रोग प्राय: शारीरिक कमजोरी ।
- शरीर में अधिक गर्मी ।
- अत्यधिक मैथुन ।
- मासिक बन्द हो जाना, रुक जाना ।
- सुजाक ।
- बच्चा का अधिक कष्ट से उत्पन्न होना ।
- गन्दा रहना ।
- खट्टे और गर्म भोजनों का अधिक खान-पान ।
- चोट लग जाना ।
- छोटी आयु में शादी हो जाना इत्यादि कारणों से हो जाता है।
- आधुनिक चिकित्सा शास्त्री इस रोग का कारण एक प्रकार के कीटाणु को बतलाते हैं जो योनि तरल में अम्लता कम हो जाने से उत्पन्न हो जाते हैं।
योनि में सूजन के घरेलु उपचार / इलाज : yoni ki sujan ke gharelu upchar / ilaj
1. सूखी मकोय, टेसू के फूल, खशखश के डोड़ा–प्रत्येक डेढ़ तोला को 2 सेर पानी में उबालें और सुरक्षित रखकर इससे प्रतिदिन 2-3 बार गरम (गुनगुना) इश (योनि में सफाई) करें और गरम-गरम टकोर करें । ( और पढ़े – खुजली के सबसे बेहतरीन 15 घरेलू उपचार )
2. अशोकारिष्ट 2 से 4 छोटे चम्मच तक समान मात्रा में जल मिलाकर भोजनोपरान्त दिन में 2 बार पियें ।
3. पुरानी योनि-शोथ(सूजन) में बंग भस्म 1 रत्ती, कुक्कुटाण्ड त्वक भस्म 1 रत्ती, सुपारी चूर्ण 6 माशा, 20 तोला दूध के साथ सुबह-शाम खायें। इसके साथ ही योनि और गर्भाशय को शक्ति प्रदान करने वाली औषधियाँ भी खिलायें।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)