वास्तविक सामर्थ का सूक्ष्म रहस्य ( Pujya Asaram Bapu Ji )

बड़े से बड़ा, सबल से सबल व्यक्ति, वर्ग तथा समाज उस समय तक हमें असमर्थ नहीं बना सकता,
जबतक हम मिले हुए बलका दुरुपयोग तथा विवेकका अनादर नहीं करते।

– Pujya Sant Shri Asaram Bapu Ji

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