Last Updated on February 17, 2020 by admin
शरीर में गर्मी बढ़ने के लक्षण :
आंतरिक गर्मी से कब्ज़ ,सिरदर्द ,भूख न लगना ,सुस्ती आदि के लक्षण होते हैं । गर्मी की वृद्धि का उपचार विभिन्न औषधियों द्वारा किया जा सकता है ।
आईये जाने उन आयुर्वेदिक घरेलु उपचारों के बारे में जो शरीर की गर्मी से हमें राहत प्रदान करते है । sharir me garmi kaise kam kare
शरीर में गर्मी का इलाज : Pait ki Garmi ka Ilaj
पहला प्रयोगः नीम के पत्तों का 20 से 50 मि.ली. रस 5 से 20 ग्राम मिश्री मिलाकर सात दिन पीने से गर्मी मिटती है।
दूसरा प्रयोगः आम की अंतरछाल, गूलर की जड़ की छाल और बड़ के अंकुरों का 10 से 40 मि.ली. रस निकालकर उसमें 1 से 2 ग्राम जीरा और 5 से 20 ग्राम मिश्री डालकर पीने से सब प्रकार की गर्मी मिटती है।
तीसरा प्रयोगः सौंफ, जीरा एवं मिश्री रात को भिगोकर सुबह छानकर खाली पेट पीने से शरीर की गर्मी दूर होती है।
चौथा प्रयोगः नींबू के रस में मिश्री डालकर शरबत पीने से भी गर्मी में राहत होती है।
पाँचवाँ प्रयोगः कच्चे आम के छिलके उतारकर उसे पानी में उबाल लें। तत्पश्चात् उसके गूदे को ठंडे पानी में मसल-मसलकर रस बना लें व नमक, जीरा, शक्कर आदि स्वादानुसार मिलाकर पीने से गर्मी में लाभ होता है।
छठा प्रयोगः गन्ने को चूसकर नियमित सेवन करने से पेट की गर्मी व हृदय की जलन दूर होती है।
सातवाँ प्रयोगः गर्मियों में सिरदर्द हो, लू लग जाये, आँखें लाल हो जायें तब अनार का शरबत गुणकारी सिद्ध होता है।
आठवा प्रयोग : खाने के साथ दही और छाछ का सेवन भी पेट की गर्मी दूर करता है, जिस के कारण पेट की गर्मी दूर हो जाती है।
नौवां प्रयोग : नारियल पानी पीने से भी पेट की गर्मी मिट जाती है। और पेट की गर्मी दूर होते हैं।
दसवां प्रयोग : हरी दूब का रस 10 मिलीलीटर सुबह-शाम मिश्री के साथ देने से फायदा होता है।
विशेष : गुलकंद ,पलाश शर्बत , गुलाब सर्बत ,आमला मिश्री चूर्ण व रसायन चूर्ण पेट की गर्मी दूर कर शीतलता प्रदान करते है |