Last Updated on June 20, 2022 by admin
खाज-खुजली क्या है ? : khujli kya hoti hai
अगर हमारे शरीर में कहीं भी कुछ हलचल हो रही है या ऐसा लग रहा हो कि कुछ काट रहा है तो हम शरीर के उस हिस्सें को हाथों से रगड़ देते हैं तो हमें थोड़ी शान्ति मिलती है इसे ही खाज-खुजली कहते हैं। यह “सारकोप्टीस स्केवी´´ नाम के रोगाणु से फैलती है और यह मुख्यत: दो तरह की होती है- तर (गीली) और सूखी।
खाज-खुजली के कारण : khujli ke karan in hindi
गर्मी के मौसम में शरीर में बहुत ज्यादा पसीना आता है और जब यह पसीना त्वचा पर सूख जाता है तो खुजली पैदा हो जाती है। बाहर निकलने पर जब धूल-मिट्टी शरीर पर लगती है तो भी खुजली पैदा हो जाती है। रोजाना न नहाना भी खुजली होने का बहुत बड़ा कारण है। सर्दी के मौसम में ठंड़ी हवा जब शरीर में लगती है तो शरीर की त्वचा सूखकर खुरदरी सी हो जाती है और उसमें तेज खुजली होने लगती है ज्यादा जोर से खुजालने पर त्वचा में निशान से पड़ जाते हैं और उनमें तेज जलन होती है। खुजली एक फैलने वाला रोग है। घर के अन्दर अगर किसी एक व्यक्ति को खुजली हो जाती है तो उसके साथ वाले सारे लोग भी खुजली के शिकार हो जाते हैं।
खाज-खुजली के लक्षण : khaj khujli ke lakshan in hindi
खुजली बहुत तेजी से फैलने वाला त्वचा का रोग है। इस रोग में सबसे पहले शरीर में छोटी-छोटी फुंसिया निकल जाती है। यह फुंसिया हाथ-पैरो में, उंगलियों में, कलाई के पीछे के भाग में और बगल में ज्यादा निकलती है और धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। यह अक्सर लाल रंग के निशान के रूप में दिखाई देती है। यह खराब चीजों को छूने से, गलत इंजैक्शन के लग जाने के कारण या संक्रमण होने के कारण हो जाती है।
आइये जाने खुजली(Khujli) दूर करने के घरेलू उपाय , Home Remedies for Itching in Hindi
खाज-खुजली के घरेलू उपचार : khaj khujli ka gharelu ilaj
1. संतरा : संतरे के छिलकों को चटनी की तरह पीसकर शरीर में जहां पर खुजली(Khujli) हो वहां पर लगाने से आराम आता है।
2. तिल्ली :
- तिल्ली के तेल और चमेली के तेल को बराबर मात्रा में लेकर खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
- 250 मिलीलीटर तिल्ली के तेल में थोड़ी सी दूब (घास) डालकर आग पर पकाने के लिए रख दें। दूब (घास) जब लाल हो जाये तो उसे उतार कर छान लें और इस तेल को खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली ठीक हो जाती है।
3. हरड़ :
- चकबड़, हरड़ और कांजी को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
- दूब, हरड़, सेंधानमक, चकबड़ और वनतुलसी को लेकर अच्छी तरह से पानी के साथ पीस लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली कुछ ही समय में ठीक हो जाती है।
- 2 चम्मच पिसी हुई हरड़ को 2 गिलास पानी में उबालकर छान लें। इस पानी के अन्दर रुमाल को भिगोकर शरीर में जहां पर भी खुजली हो उस भाग को साफ करने से खुजली होना बन्द हो जाती है।
4. गोरखमुण्डी : गोरखमुण्डी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।
5. तुलसी : तिल्ली के तेल में तुलसी का रस मिलाकर लगाने से कुछ ही दिनों में खुजली दूर हो जाती है।
6. आंवले : 100 मिलीलीटर चमेली के तेल में 25 मिलीलीटर आंवले का रस मिलाकर शीशी में भरकर रख लें। इसे दिन में 4-5 बार खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
7. दही : शरीर में जहां पर खुजली हो वहां पर दही को लगाने से खुजली(Khujli) दूर हो जाती है।
8. पित्तपापड़ा : 50 से 100 मिलीलीटर पित्तपापड़ा (शहतरा) के रस को सुबह और शाम पीने से हर प्रकार का रक्तदोष (खून की खराबी) दूर हो जाता है और खाज-खुजली, फोड़े-फुंसी आदि समाप्त हो जाते हैं। यह त्वचा के रंग में भी चमक लाता है।
9. शहद : 6 ग्राम से 10 ग्राम गर्म पानी में शहद मिलाकर 45 से 60 दिन तक लगातार पीने से हर प्रकार के चमड़ी के रोग, लाल चकते (निशान) और खाज-खुजली ठीक हो जाते हैं। यहां तक की यह कोढ़ (कुष्ठ) के रोग में भी आराम पहुंचाता है।
10. त्रिफला : 20 से 90 मिलीलीटर त्रिफला के रस को रोजाना 4 बार पीने से खून साफ हो जाता है और खाज-खुजली के साथ त्वचा के दूसरे रोग भी दूर हो जाते हैं।
11. पीपल :
- पीपल की छाल को पीसकर देसी घी के अन्दर मिला लें और इसे खुजली वाली जगह पर लगायें। इससे खुजली जल्द ही दूर हो जाती है।
- खाज, खुजली के रोग में 50 ग्राम पीपल की छाल की राख तथा जरूरत के अनुसार चूना और घी मिलाकर अच्छी प्रकार से खरल करके लेप करने से लाभ होता है।
- पीपल की छाल का 40 मिलीलीटर काढ़ा रोजाना सुबह-और शाम को रोगी को पिलाने से खुजली मिट जाती है।
12. कूठ : 20 ग्राम कूठ के चूर्ण को मक्खन में मिलाकर लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।
13. कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीसकर उसमें 10 ग्राम बिल्व के पत्तों का रस मिला लें। इसमें 10 ग्राम हल्दी मिलाकर लेप करने से खुजली मिट जाती है।
खाज खुजली की आयुर्वेदिक दवा : khaj khujli ki ayurvedic dawa
पवार (चक्रमर्द) के बीज के चूर्ण में नींबू का रस मिलाकर उसे खुजली वाले स्थान पर लेप करें। पानी के साथ यह चूर्ण सुबह, दोपहर व शाम को आधा तोला मात्रा में खायें तथा मरिच्यादि तेल की मालिश करें। नीम के काढ़े से स्नान करें। एवं आरोग्यवर्धिनीवटी नं. 1 की दो-दो गोली पानी के साथ लेवें।
सिर में फुन्सी एवं खुजली – सिर पर नींबू का रस और सरसों का तेल समभाग में मिलाकर लगाने से और बाद में दही रगड़कर धोने से कुछ ही दिनों में सिर का दारुण रोग मिटता है। इस रोग में सिर में फुंसियाँ एवं खुजली होती है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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