योनि की खुजली के कारण ,लक्षण और उपचार | Vaginal Itching Home Remedy

Last Updated on March 5, 2023 by admin

रोग परिचय एवं लक्षण :

इस रोग में योनि में खुजली के कारण रोगिणी स्त्री को बहुत कष्ट होता है और वह अंगुली डालकर योनि को खुजलाने के लिए बाध्य रहती है। इस रोग के कारण स्त्री को मैथुन की तीव्र इच्छा बनी रहती है।

योनि में खुजली के कारण :

योनि की खुजली कई रोगों के कारण होती है।

योनिशोथ एवं योनिस्राव में अम्लता बहुत अधिक हो जाना ।
• रक्त विकार, पेट में चुरनों (कृमि) का हो जाना ।
रक्ताल्पता
• पौष्टिक भोजन का अभाव तथा ।
• थायरायड ग्लैन्ड की खराबी आदि इस रोग के होने के प्रमुख कारण है।

योनि में खुजली का इलाज :

1- लाल चन्दन से उपचार – सूखी मेहन्दी, मुल्तानी मिट्टी, लाल चन्दन 3-3 माशा बारीक पीसकर बीहदाना के गाढ़े लेस वाले पानी में मिलाकर ठन्डा करके लेप लगायें।

2- मेहन्दी से इलाज – सोपस्टोन (सेलखड़ी), मेहन्दी के सूखे पत्ते, लालचन्दन, (प्रत्येक 5-5 ग्राम) कपूर ढाई ग्राम लें सभी को पीसकर नारियल के 65 ग्राम तेल में घोटकर आक्रान्त स्थान पर लगायें ।

3- रक्त शुद्धि की दवा – रक्त शुद्धि हेतु सारस्वाद्यासव दो तोला, समान जल मिलाकर भोजनोपरान्त प्रयोग करायें।

4-कपूर से उपचार – एक गिलास पानी में भीमसेनी कपूर मिलाकर योनिमार्ग में लगाने से खुजली दूर होती है।

5- अल्कोहल से इलाज – अच्छी क्वालिटी के अल्कोहल से योनिमार्ग धोने से खुजली में आराम मिलता है।

6- केले से इलाज – केले के गूदे में आंवले का रस और मिश्री मिलाकर खाने से यह रोग ठीक होता है।

7- तुलसी का प्रयोग – योनि में खुजली होने पर तुलसी के रस का लेप लगाएं।

8- योनिमार्ग और उसके आस-पास के अंगों को हमेशा साफ रखें।

9- आंवले के फायदे – अगर श्वेत प्रदर के कारण खुजली हो तो सुबह-शाम 5-5 ग्राम आंवले का चूर्ण शक्कर के साथ लेने से आराम मिलता है।

10- गूलर सत्व से उपचार – गूलर के सत्व को गर्म पानी में घोलकर डूश करने से गर्भाशय की खुजली में भी आराम मिलता है।

11- गूलर से इलाज – गूलर की ताजी पत्तियां 50 ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबालिए। आधा रह जाने पर उतारकर छान लें। इसमें डेढ़ ग्राम सुहागा पीसकर मिला लें। इसके बाद गुनगुने पानी में पिचकारी द्वारा योनि प्रक्षालन करें।

12- छाछ से इलाज – एक गिलास छाछ में एक नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट पीने से 4-5 दिन में योनि की खुजली दूर होती है।

13- गेहूं से इलाज – 200 ग्राम गेहूं को रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर शुद्ध घी में इसका हलवा बनाकर दिन में 2-3 बार खाएं। आराम मिलेगा।

14- एरंड तेल से उपचार –योनि की खुजली के कारण अगर योनि में दर्द हो, सूजन आ गई हो या घाव हो गया हो, तो एरंड तेल को रूई के फाहे में भिगोकर योनि के अंदर रखें। एक हफ्ते तक यह प्रयोग करने से आराम मिलेगा।

15- नीम से इलाज – नीम की पत्ती, त्रिफला, गिलोय, मुलहठी और शंरपुखा – सभी को समान मात्रा में लेकर यवकूट कर लें। 10 ग्राम चूर्ण को 500 ग्राम पानी में उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो उतार कर छान लें। इस पानी से 2-3 बार नियमित रूप से योनि को धोएं। यह अचूक नुस्खा है।

16- दही से उपचार – योनि-संक्रमण में दूध-दही का सेवन भी लाभदायक होता है। इस रोग में दही का अधिक से अधिक सेवन करें। थोड़ी-सी दही योनि के आसपास लगाने से भी लाभ होता है।

17- मुलहठी से उपचार – मुलहठी को पीसकर उसमें घी मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को योनि की दीवारों तथा उसके आसपास लगाएं।

18- नारियल तेल से उपचार – संक्रमण के कारण अगर योनि में शुष्कता आ गई हो या जलन हो रही हो तो नारियल का तेल योनि में लगाएं। जलन से राहत मिलेगी।

19- नीम से उपचार –निबोली (नीम के फल) का रस निकालकर उसे योनि की दीवार पर उंगलियों से धीरे-धीरे मलें। अगर ताजा निबोली न मिल सके तो सूखी निबोली का चूर्ण पानी में भिगोकर पानी निचोड़ लें और उसका प्रयोग करें। नीम की पत्तियों का रस या नीम का तेल भी फायदेमंद है।

ऐसी रोगिणी स्त्री को शीघ्रपाची, सादा, सात्विक लघु आहार खाने को दें। गरम एवं उत्तेजक वस्तुएँ चाय, काफी, मांस-मछली इत्यादि न खिलायें। रोगिणी को साफ-सुथरा रखें तथा अधिक खुजलाने एवं रगड़ने को मना कर दें।

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(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)

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