लाल चंदन के उपयोग ,फायदे और नुकसान | Lal Chandan Ke Fayde Aur Nuksan

चंदन अनेक जातियों का होता है और पहाड़ों तथा घने जंगलों में पाया जाता है। इसके वृक्ष भारी और लंबे होते हैं। वैसे तो चंदन बहुत प्रकार के होते हैं परन्तु मुख्य रूप से यह 7 प्रकार का होता है।

  1. सफेद चंदन
  2. पीला चंदन
  3. लाल चंदन
  4. शबर चंदन
  5. पतंग चंदन
  6. पर्वर चंदन
  7. हरिचंदन

नोट : परन्तु लाल और सफेद दो चंदन का उपयोग किया जाता है।
लाल चंदन लाल रंग का होता है। व इसका इसका स्वाद तीखा होता है।

लाल चंदन के औषधीय गुण :

  • लाल चंदन का उपयोग करने से बुखार और खूनी दस्त दूर हो जाते हैं।
  • यह मानसिक उन्माद (पागलपन) को समाप्त कर देता है।
  • लाल चंदन गुणों में सफेद चंदन से अधिक लाभकारी होता है।
  • यह सूजन और जलन को नष्ट कर देती है।

सेवन की मात्रा :

4 ग्राम

लाल चंदन के फायदे और उपयोग :

1. आग से जलने पर : जलने की वजह से यदि उस स्थान पर छाला फूटकर घाव बन गया हो तो वहां पर लाल चंदन को घिसकर लगाने से कुछ ही समय में घाव भर जाता है और जलने का निशान भी नहीं पड़ता है।

2. विस्फोटक (चेचक) : कमल, लाल चंदन, लोध्र, खस और दोनों तरह की सारिवा को बराबर मात्रा में लेकर पानी में छानकर शरीर पर लेप करने से विस्फोटक (चेचक के दाने) की जलन मिट जाती है।

3. तृतीयक ज्वर (हर तीसरे दिन आने वाला बुखार) : लाल चंदन, खस, नागरमोथा, गिलोय, सोंठ और धनिया को पीसकर काढ़ा बनाकर इसमें मिश्री और शहद मिलाकर पीने से प्यास तथा जलनयुक्त `तृतीयक ज्वर´ (तिजारी बुखार) दूर हो जाता है।

4.झुर्रियों को दूर करने में : लाल चंदन में मौजूद तत्व आपकी त्वचा की झुर्रियों को दूर करता है। ( और पढ़े – चंदन के 31 लाजवाब फायदे )

5. गर्भवती स्त्री का बुखार : लाल चंदन, सारिवा, लोध्र, मुनक्का और मिश्री का काढ़ा बनाकर पीने से गर्भवती का स्त्री का बुखार (ज्वर) ठीक हो जाता है।

6. दुर्गन्धित व पीव वाला मासिकस्राव : सफेद और लाल चंदन का काढ़ा बनाकर पीने से दुर्गन्धित व पीव वाला मासिकस्राव भी बंद हो जाता है।

7.मुँहासे और दाग धब्बे से छुटकारा : लाल चंदन पाउडर को टमाटर के रस के साथ मिलाकर फेस पैक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके नियमित इस्तेमाल से मुँहासे व काले दाग धब्बे से छुटकारा पाया जा सकता है

8. शीतला (मसूरिका) ज्वर : लाल चंदन, अडूसा, गिलोय, नागरमोथा तथा मुनक्का का काढ़ा पिलाने से मसूरिका (माता) के बुखार में आराम मिलता है। ( और पढ़े –चन्दन तिलक लगाने के 8 चमत्कारीक लाभ )

9. प्लेग रोग : गिलोय, इन्द्रजौ, नीम की छाल, परवल के पत्ते, कुटकी, सोंठ और नागरमोथा को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर उसमें 3 ग्राम पीपल का चूर्ण डालकर रोगी को पिलायें। इससे प्लेग का रोग दूर हो जाता है।

10. सिर दर्द : तुलसी के पत्तों के साथ लाल चन्दन पाउडर को पीसकर माथे पर लेप करने से सिर दर्द में राहत मिलती है।

लाल चंदन के नुकसान :

चंदन का अधिक मात्रा में उपयोग करने से खुजली होने लगती है।

दोषों को दूर करने वाला : गुलरोगन लाल चंदन के गुणों को सुरक्षित रखकर इसमें मौजूद दोषों को दूर करता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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