Last Updated on September 18, 2020 by admin
चक्कर आने के कारण : chakkar aane ke karan
चक्कर आना सामान्यतया मस्तिष्क में अस्थाई कम रक्तपूर्ति के कारण होता है। रक्तचाप में अचानक कमी के कारण भी यह स्थिति पैदा हो सकती है। अजीर्ण रक्ताल्पता, बहुमैथुन, मासिक धर्म की खराबी आदि इस रोग के कारण हैं।
चक्कर आने के लक्षण : chakkar aane ke lakshan
यह एक क्षणिक अवस्था है जो कमजोर व्यक्तियों में और भीड़ भरे स्थानों पर, जैसे परेड ग्राउंड या तंग छोटे कमरों या अधिक देर तक एक ही स्थिति में खड़े रहने से हो सकती है। आंखों के आगे अंधेरा, चारों ओर की वस्तुओं का घूमता हुआ दिखाई देना, चक्कर खाकर गिर पड़ना, बेहोशी आदि इसके लक्षण हैं।
चक्कर आने के घरेलु इलाज / उपचार : chakkar aane ka gharelu ilaj
1- गर्मी से चक्कर आना, उल्टी, दिल धड़कने लगता हो तो कोरी हांडी में सौ ग्राम धनिया कूटकर डाल दें, आधा किलो पानी डाल दें। एक घण्टा पड़ा रहने दें। फिर इसमें से आधा कप पानी छानकर पांच बताशे डालकर हर तीन घण्टे से पिलायें। तेज गर्मी के प्रभाव से उत्पन्न सभी रोगों में लाभ होगा। ( और पढ़े – चक्कर आना दूर करेंगे यह सरल 38 देसी नुस्खे )
2- दो चम्मच शक्कर और दो चम्मच सूखा धनिया मिलाकर चबाने से लाभ होता है।
3- हींग, कपूरवटी, चक्कर तथा पतले दस्त में कार्य करती है। इसको बनाने की विधि आसान है। हींग और कपूर बराबर मात्रा में लेकर शहद में घोंटकर छोटी मटर जैसी गोलियां बना लें। इसको उपरोक्त तकलीफों में दो से चार गोली तक सुबह-शाम जल से दें।
4- तुलसी के पत्तों के रस में शहद या शक्कर मिलाकर चाटने से चक्कर आना बन्द होता है। ( और पढ़े – तुलसी के 71 लाजवाब फायदे व रोगों के अचूक घरेलू नुस्खे )
5- सिर चकराने पर आधा गिलास पानी में दो लौंग उबालकर उस पानी को पीने से लाभ मिलता है।
6- खरबूजे के बीज को पीसकर घी में भूनकर अल्प मात्रा में सुबह-शाम खाने से उन्माद, तन्द्रा, चक्कर आना तथा आलस्य आदि में बहुत लाभ होता है। ( और पढ़े – खरबूजा खाने के 18 जबरदस्त फायदे व इसके औषधीय उपयोग)
7- सोंठ 6 ग्राम और धमासा 10 ग्राम को एक पाव पानी में ओटावें। 50 ग्राम रह जावे तब पी लें। इससे चक्कर आना बंद जाता है।
8- आँवला 10 ग्राम, काली मिर्च 3 ग्राम और बताशे 10 ग्राम को पीस लें। 14 दिन तक लेने से चक्कर मिट जाता है।
9- कालारस सुबह व शाम एक-एक ग्राम नागर बेल के पान में खाने से चक्कर अवश्य मिट जाता है।
10-गेहूँ का आटा 40 ग्राम, घी 40 ग्राम और गुड़ 40 ग्राम इनमें से सुबह 4 बजे आटे को थोड़े घी में भूनकर और उसमें घी और गुड़ की चाशनी मिलाकर कसार बनाकर खा लें। फिर सो जाएं। 7 दिन तक खाने से भंवल और आधा शीशी का दर्द अवश्य मिटजाता है।
11 – 20 ग्राम मुनका घी में सेंक कर सेंधा नमक डालकर खाने से चक्कर आना बन्द हो जाता है। ( और पढ़े – किशमिश खाने के 25 बड़े फायदे)
12- 12 काली मिर्च कूटकर घी में तलें। काली मिर्च निकाल लें। और इसी घी में गेहूं का आटा सेंक कर गुड़ या शक्कर डालकर हलुआ बना कर उसमें तली हुई काली मिर्च डालकर सुबह-शाम भोजन से पहले खायें। चक्कर आना बन्द हो जायेगा।
13- मालकगनी का चूर्ण 3 ग्राम (एक बड़ी चाय की चम्मच) सुबह-शाम दूध के साथ लेने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
14- बच का 4 ग्राम चूर्ण खाकर ऊपर से दूध पीने से दिमाग को शक्ति मिलती है।
15- 5 से 10 बूंद तक मालकंगनी का तेल मक्खन या मलाई में डालकर खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होकर चक्करों का आना बन्द हो जाता है।
16- शंरवाहूली बूटी 7 ग्राम और 7 दाने काली मिर्च को ठण्डाई की तरह घोंटकर, मिश्री मिलाकर पीने से चक्करों का आना बन्द हो जाता है।
17- सौंफ, सोंठ, मुलहठी और मुनक्का के साथ बादाम गिरी मिलाकर खरल में घोटें और / उसके साथ प्रवाल भस्म दो रत्ती मिलाकर प्रात:-सायं सेवन कराएं। चक्कर आने बंद होते हैं और दुर्बलता दूर होती है।
18- बादाम, मुनक्का व मिश्री समान मात्रा में कूटकर पांच-छ: ग्राम के मोदक बना लें।
प्रात:-सायं एक-एक मोदक गाय के दूध के साथ सेवन कराएं। चक्कर के साथ-साथ जुकाम, खांसी, कब्ज आदि भी दूर होती है।
19- चक्कर या उल्टी आने पर ठंडा पानी पीने से लाभ होता है।
चक्कर की आयुर्वेदिक दवा : chakkar ki ayurvedic dawa
अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित चक्कर आने में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां |
1) स्मृति वर्धक चूर्ण (Achyutaya Hariom smurti vardhak churna)
2) शंखपुष्पी सिरप (Achyutaya Hariom Shankh Pushpi Syrup )
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)