Last Updated on November 26, 2023 by admin
स्मरण शक्ति एवं बुद्धि की कमी के कारण (smaran shakti kam hone ke karan)
- अत्यधिक मानसिक परिश्रम व मानसिक थकान,
- पाचन संस्थान की गड़बड़ी,
- शारीरिक दुर्बलता,
- मानसिक दुर्बलता,
- टायफाइड,
- पैदाइशी दिमागी कमजोरी,
- लम्बी बीमारी के बाद याददाश्त में कमी आना,
- रक्तहीनता आदि कारणों से स्मरण शक्ति कम हो जाती है।
स्मरण शक्ति कमी के लक्षण :
- हर बात को भूल जाना,
- याद करने पर भी याद न आना,
- पढा हुआ भूल जाना,
- परिचित व्यक्ति न पहचान पाना आदि इस रोग के लक्षण हैं।
उपद्रव :
इस रोग के परिणामस्वरूप व्यक्ति को मन में क्लेश अनुभव होता है। चक्कर आना, दिमाग का खाली होना, एकाग्रता नष्ट हो जाना, खुद पर विश्वास न करना और यहां तक कि किसी भी कार्य में रुचि न रहकर उत्साह का अभाव तथा जीवन को अन्धकारमय अनुभव करना आदि उपद्रव पैदा हो जाते हैं। आइये जाने smaran shakti kaise badhaye …
स्मरणशक्ति एवं बुद्धि बढ़ाने वाली आयुर्वेद औषधियां :
- ब्राह्मी या बकोपा मोनिएरा : ब्राह्मी शीतल, हल्की, सारक, मेधाकारक (बुध्दि वर्धक) कसैली, कड़वी, आयु वर्धक रसायन, स्वर एवं कंठ को उत्तम करने वाली, स्मरण शक्ति बढ़ाने वाली, कुष्ठ, पांडु, प्रमेह, रक्त विकार, खाँसी, विष, सूजन और ज्वर को हरने वाली होती है।
- कुछ अन्य जड़ी : बूटियाँ जैसे शंखपुष्पी, बच, शतावरी, ज्योतिष्मती, अश्वगंधा, आंवला, शहद आदि और खाद्य-पदार्थों में अनार, बथुवा, जौ , लहसुन, सैंधा नमक, गाय का दूध और घी, मालकांगनी, | बैंगन आदि बुद्धि-वर्धक हैं। ‘योग चिंतामणि’ के अनुसार- गिलोय, ओंगा, वायविडंग, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, बच, सोंठ और शतावर आदि।
स्मरणशक्ति एवं बुद्धि बढ़ाने के घरेलू उपाय (dimag tej karne ke upay)
1). सौंफ – सौंफ और मिश्री का समभाग चूर्ण मिलाकर दो चम्मच दोनों समय भोजन के बाद, लेते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। एक मास या दो मास लें।
2). सेब – दिमागी कमजोरी, गुर्दे की खराबी, स्मरण शक्ति की कमी में भोजन से पहले एक मीठा सेब बिना छीले खाना चाहिए। ( और पढ़े – यादशक्ति बढ़ाने के सबसे शक्तिशाली 12 प्रयोग)
3). चकंदर – मानसिक कमजोरी, स्मरण शक्ति की कमी या दिमाग में गर्मी हो तो चकंदर का रस एक कप की मात्रा में दिन में दो बार लेना चाहिए। चुकंदर सलाद में भी खायें।
4). खरबूजा – खरबूजे के साथ खरबूजे के बीज भी खाने चाहिए, क्योंकि बीज स्मरण शक्ति बढ़ाने व शरीर का पोषण करने में समर्थ हैं। ( और पढ़े – भूलने की बीमारी के सबसे असरकारक घरेलु उपचार )
5). काली मिर्च – मस्तिष्क में तरावट व ताजगी लाने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिये काली मिर्च का प्रयोग ब्राह्मी की पत्तियों के साथ मिलाकर किया जाता है। सौ ग्राम घी में 3 से 5 ग्राम ब्राह्मी की पत्तियों को उबालकर उसमें पिसी हुई काली मिर्च तथा देसी बूरा मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से स्मरण शक्ति बढती है।
6). पीपली (Pippali) – आधा किलोग्राम दूध में पीपल के चार-पांच ताजा पत्तों को अच्छी तरह उबालकर दूध को छान लें। अब इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। नित्य प्रति इस दूध के सेवन से दिमागी कमजोरी दूर होती है तथा स्मरण शक्ति तीव्र होती है। ( और पढ़े – एकाग्रता बढ़ाने के सरल उपाय )
7). मक्खन – मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने में काली मिर्च लाभप्रद है। 25 ग्राम मक्खन में 5-6 कालीमिर्च एवं शक्कर मिलाकर नित्य चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
8). कददू – पक्का कददू खाने से स्मृति शक्ति बढती है। ( और पढ़े –बुद्धि व स्मरणशक्ति बडाने वाला एक चमत्कारिक प्रयोग )
9). पीपल – अगर बसन्त के मौसम में पीपल के 5 पके फल रोज खायें तो याददाश्त अगले मौसम तक के लिये दुरुस्त हो जायेगी।
10). मुरब्बा – यदि आपकी स्मरण शक्ति अच्छी नहीं है तो शहद में तैयार मुरब्बा खाएं। ( और पढ़े –मन की चंचलता मिटा बुद्धि बढ़ाने वाला योगियों का दिव्य प्रयोग )
11). रुद्राक्ष – स्मरण शक्ति, और बुद्धि बढ़ाने के लिये रुद्राक्ष, बच, शंख और स्वर्ण को एक साथ पत्थर पर घिसकर प्रात:-सायं एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ चाटना चाहिए।
12). त्रिफला – 6 किलो त्रिफला चूर्ण को भांगरे के रस में 7 दिन घोट कर रख लें। प्रतिदिन 20 ग्राम चूर्ण शहद व घृत की मात्रा में मिलाकर सेवन करना चाहिये। इस मात्रा के पचने पर दूध, भात का भोजन करना चाहिये। बाल काले भंवरे के समान हो जाते हैं। शरीर स्न्गिध, सुन्दर-पुष्ट हो जाता है। मेधा, बुद्धि व स्मरण शक्ति की वृद्धि होती है।
13). शहद – शहद का हमेशा सेवन करने वालों की याददाश्त कमजोर नहीं होती।
14). अखरोट – लीची, सेब खाएं। दो अखरोट रोज खायें। अखरोट खाने वाले व्यक्ति की याददाश्त अच्छी रहती है। सर्दी के मौसम में सवेरे अखरोट का निशास्ता या पेय बनाकर पीना चाहिए। इससे दिमाग बहुत अच्छा हो जाता है, नींद बहुत सुखद आती है। कब्ज़ भी दूर होती है तथा चेहरे की कान्ति में चार चाँद लग जाते हैं, इसके साथ यह वीर्य-पुष्टिकर एवं वृद्धि करने वाला योग भी है।
निशास्ता के घटक द्रव्य– घी एक चम्मच, कालीमिर्च 7 नग, अखरोट 1 पूरा, गेहूं 10 दाने, बादाम 2 नग, मुनक्का 5 नग, छोटी इलायची 2, दूध-पानी 1-1 कप, शक्कर या मिश्री स्वादानुसार।
विधि– सबसे पहले मुनक्का, गेहूं के दाने, कालीमिर्च, अखरोट, बादाम आदि को रात को पानी में भिगो दें, सवेरे उन्हें निकालकर पीसें. इसमें मनक्का के बीज निकालकर पीसें फिर 1 कप दूध, 1 कप पानी मिलाकर घी गर्म करके उसका छौंक लगा दें, इसमें छोटी इलायची.शक्कर मिश्री आदि मिलाकर 1-2 बार अच्छी तरह उबाल लें फिर इसे स्वाद लेकर गर्म-गर्म नाश्ते में पिएं। यह बहुत ही गुणकारी है।
15). तिल – तिल के लडडू रोजाना खाने से मानसिक दुर्बलता व तनाव कम होता है।
दिमाग तेज करने की आयुर्वेद दवा : dimag tej karne ki ayurvedic dawa
“संखपुस्पी सिरप” दिमाग तेज कर स्मरण शक्ति एवं बुद्धि बढ़ाने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधि है ।
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(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
Ye sare ilaj lajavab han agnipuran aur ayurved se 100 percent liye gaye han, mene use karke dekhe han. Aisa koi yog nahi aur kisi bhi Allopathy homeopathy me jaisa in ayurved jadibutiyon ke yog me hai. Dhanyvad koti koti jin mahatmaon ne inka prachar kiya