नींबू खाने के 6 बड़े लाभ | Nimbu khane ke fayde

Last Updated on July 23, 2019 by admin

शरीर शुद्धिकर फल – नींबू (Nimbu / Lemon )

★ नींबू अनुष्ण अर्थात न अति उष्ण है, न अति शीत | यह उत्तम जठराग्निवर्धक, पित्त व वातशामक, रक्त, ह्रदय व यकृत की शुद्धि करनेवाला, कृमिनाशक तथा पेट के लिए हितकारी है | ह्रदयरोगों को ठीक करने में यह अंगूर से भी अधिक गुणकारी सिद्ध हुआ है | इसमें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध विटामिन ‘सी’ शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढाता है |

★ आधुनिक खानपान, मानसिक तनाव एवं प्रदूषित वातावरण से शरीर में सामान्य मात्रा से कहीं अधिक अमल (एसिड) उत्पन्न होता है, जिसके शरीर पर होनेवाले परिणाम अत्यंत घातक हैं | यह अतिरिक्त अमल कोशिकाओं को क्षति पहुँचाकर अकाल वार्धक्य व धातुक्षयजन्य रोग (degenerative diseases) उत्पन्न करता है |

★ नींबू स्वाद में अम्ल है परंतु पाचन के उपरांत इसका प्रभाव मधुर हो जाता है | यह माधुर्य अम्लता को आसानी से नष्ट कर देता है | एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू व २५ तुलसी के पत्तों का रस मिला के हफ्ते में २ से ४ दिन पीने से शरीर में संचित विषाक्त द्रव्य, हानिकारक जीवाणु व अतिरिक्त चर्बी नष्ट होकर कई गम्भीर रोगों से रक्षा होती है |

★ डॉ. रेड्डी मेलर के अनुसार ‘कुछ दिन ही नींबू का सेवन रक्त को शुद्ध करने में अत्यधिक मदद करता है | शुद्ध रक्त शरीर को खूब स्फूर्ति व मांसपेशियों को नयी ताकत देता है |’

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औषधीय प्रयोग : nimbu ke Aushadhi Prayog in hindi

१) अम्लपित्त (एसिडिटी) : नींबू-पानी में मिश्री व सेंधा नमक मिला के पीने से अम्लपित्त में राहत मिलती है | रोग पुराना हो तो गुनगुने पानी में १ नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट कुछ दिनों तक नियमित लेना चाहिए |

२) पेट की गड़बड़ियाँ : भोजन से पूर्व नींबू, अदरक व सेंधा नमक का उपयोग अरुचि, भूख की कमी, गैस, कब्ज, उलटी व पेटदर्द में लाभदायी है |nimbu khane ke fayde,

३) यूरिक एसिड की वृद्धी : राजमा, उड़द, पनीर जैसे अधिक प्रोटीनयुक्त पदार्थो का अति सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे जोड़ों में खासकर एडी में दर्द होने लगता है | सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू का रस लेने से यह यूरिक एसिड पेशाब के द्वारा निकल जाता है | इसमें नींबू की आधी मात्रा में अदरक का रस मिलाना विशेष लाभदायी है |

४) मुँह के रोग : नींबू मुँह में कीटाणुओं की वृद्धि को रोकता है | भोजन के बाद नींबू-पानी से कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंधी ठीक हो जाती है |

विटामिन ‘सी’ की कमी से होनेवाले स्कर्वी रोग में मसूड़ों से खून आने लगता है, दाँत हिलने लगते हैं | कुछ दिनों तक नींबू के सेवन से व एक नींबू के रस को एक कटोरी पानी में मिलाकर कुल्ले करने से इसमें लाभ होता है नींबू का छिलका मसूड़ों पर घिसने से मसूड़ों से मवाद आना बंद हो जाता है |

५) पेशाब की जलन : मिश्रीयुक्त नींबू-पानी उपयुक्त है |

६) हैजा : नींबू का रस हैजे के कीटाणुओं को शीघ्रता से नष्ट करता है |

उपवास के दिन गुनगुने पानी में नींबू का रस व शहद मिला के पीने से शरीर की शुद्धी होकर स्फूर्ति आती है |
रस की मात्रा : ५ से १० मि. ली.

श्रोत – ऋषि प्रसाद मासिक पत्रिका (Sant Shri Asaram Bapu ji Ashram)

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