Last Updated on February 27, 2020 by admin
पसीना क्या है ? : Sweating in Hindi
पसीने का ज्यादातर भाग पानी होता है, जिसके अन्दर कई प्रकार के लवण, जैसे- सोडियम और पोटैशियम के क्लोराइड और दूसरे रासायनिक पदार्थ मिले रहते हैं जिसके कारण इसका स्वाद खारा होता है।
अधिक पसीना आने का कारण : Adhik Pasina Aane ka Karan in Hindi
पसीना`स्वेद ग्रंथियों या स्वीट ग्लेण्ड्स´ में बनता है, जो हमारे शरीर की त्वचा के नीचे खास तौर से हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों और सिर की खाल के नीचे होती है। साधारण रूप से व्यक्ति में इसकी संख्या 20 से 30 लाख तक होती है। औरतों में स्वेद ग्रंथियों की संख्या आदमियों की तुलना में ज्यादा होती है, फिर भी `टेस्टो-स्टीरोन´ नाम के हार्मोन के कारण औरतों को आदमियों से कम पसीना कम आता है।
पसीना कब इन स्वेद ग्रंथियों में बने, इसका संकेत हमारे दिमाग के हाइपोथैलेमस भाग के द्वारा दिया जाता है। किसी भी कारण से हमारे शरीर के गर्म होने से उसमें मौजूद खून भी उष्मा पाकर गर्म हो जाता है और जब यह गर्म खून दिमाग के हाइपोथैलेमस भाग में पहुंच जाता है और उसे उत्तेजित कर देता है। इसके फलस्वरूप परानुकंपी तंत्रिकाओं के माध्यम से शरीर के ताप को सामान्य और काबू में रखने वाली क्रियाएं जैसे पसीने का स्वेदग्रंथियों में बनना शुरू हो जाता है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में उत्सर्जित होने लगता है।
जब शरीर के बाहर का वातावरण काफी गर्म और सूखा हो, तो यह पसीना वाष्प (भाप) बनने लगता है। भाप बनने की प्रक्रिया में पसीना त्वचा में उष्मा लेता है। गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के सामान्य तापक्रम को बनाए रखने के लिए लगभग आधा लीटर पसीना हर घंटे की रफ्तार से बाहर निकालता है, जिससे शरीर में बढ़ी हुई गर्मी की लगभग 125 कैलोरी उष्मा (ऊर्जा) हर घंटे की रफ्तार से कम हो जाती है जिसके कारण हम ठंड़ महसूस करते हैं।
अधिक पसीना आने के दुष्प्रभाव : Adhik Pasina Aane ke Nuksan in Hindi
- ज्यादा पसीना बहने के कारण शरीर में पानी और लवणों की कमी हो जाती है जिसके कारण सिर में दर्द, नींद, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी भी आने लगती है।
- व्यक्ति अपना कोई भी निर्णय नहीं ले पाता है।
- उसका शरीर ठंड़ा पड़ने लगता है और उसकी सांस और नाड़ी की रफ्तार बहुत तेज हो जाती है।
ऐसे में रोगी को टमाटर के रस में नमक और पानी मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पिलाते रहना चाहिए। नींबू पानी भी शरीर में आई लवणों की कमी को दूर करता है। गर्म वातावरण में ज्यादा देर तक खाली पेट काम नहीं रहना चाहिए।
आइये जाने pasina rokne ka tarika in hindi , पसीना कम करने के उपाय
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पसीना अधिक आने का इलाज : Jyada Pasina Aane se Kaise Roke
1. मूंग : मूंग को सेंककर पीस लें। फिर इसमें पानी डालकर अच्छी तरह से मिलाकर लेप की तरह शरीर पर मलने से पसीना ज्यादा आना बन्द हो जाता है।
2. हरड़ : हरड़ को बारीक पीस लें। जहां पसीना अधिक ज्यादा आता हो, इसको मल लें और मलने के 10 मिनट बाद नहा लें। इससे ज्यादा पसीना आना बन्द हो जाता है।
3. फिटकरी :
- 1 चम्मच पिसी हुई फिटकरी को 2 गिलास ठंड़े पानी में मिलाकर हाथ-पैरों को धोने से पसीना नहीं आता है।
- फिटकरी को पानी में घोलकर शरीर को धोने से पसीना आना कम हो जाता है।
4. ठंडा पानी : अगर पैरों में पसीना बहुत ज्यादा आता हो तो पहले पैरों को गर्म पानी में रख लें, फिर ठंड़े पानी में रखे और दोनों पैरों को आपस में रगड़ लें। फिर पैरों को बाहर निकालकर किसी कपड़े से पोंछ लें। 1 हफ्ते तक लगातार यह क्रिया करने से बहुत लाभ होता है।
5. बैंगन : कच्चे बैंगन का रस निकालकर हथेलियों और पागतलियों (पैरों के तलवों) पर लगाने से पसीना निकलना बन्द हो जाता है।
6. नमक : अगर पसीने (sweat) में ज्यादा बदबू आती हो तो भोजन में नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए।
7. अरहर : एक मुट्ठी अरहर की दाल, एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ को मिलाकर सरसों के तेल में डालकर छोंककर पीस लें। इस पाउडर से शरीर पर मालिश करने से पसीना आना बन्द हो जाता है। सन्निपात की हालत में पसीना आने पर भी यह प्रयोग कर सकते हैं।
8. मोंठ : मोंठ को सेंककर आटा पीस लें। एक मुट्ठी मोंठ और आधा चम्मच नमक को मिलाकर जहां अत्यधिक पसीना आता हो, वहां मलने से अधिक पसीना (sweat) निकलना बन्द हो जाता है।
9. धतूरा : धतूरे के बीजों की राख एक-एक ग्राम 8-10 दिन रोजाना एक बार सेवन करने से हाथ-पैरों में अधिक पसीना(sweat) आने का कष्ट दूर हो जाता है।
10. गुलाबजल : गर्मी में शरीर में घमौरियां बहुत निकलती हैं। शरीर में पसीना भी बहुत आता है। इनसे बचने और ठीक करने के लिए नहाते समय 1 बाल्टी जल में गुलाबजल या केवड़े के रस की 20 बून्द डालकर स्नान करें। अगर पानी में खुशबू कम रहे तो अधिक भी डाल सकते हैं। रात को 4 चम्मच गुलाब का गुलकन्द खाकर ऊपर से गर्म दूध पीना चाहिए।
11. गुलाब :
- गर्मी में पसीना (sweat) अधिक आता है। पित्त (अग्नि) का प्रकोप बढ़ता है। प्रकृति ने हमें इसके शमन हेतु गुलाब का फूल दिया है। गुलाबी रंग वाला गुलाब का फूल औषधीय गुणों में श्रेष्ठ होता है। हमें एक फूल रोजाना खाना चाहिए।
- बदबूदार पसीना आने पर गुलाब के फूलों को पीसकर शरीर में लेप करना चाहिए थोड़ी देर बाद स्नान कर लेना चाहिए अथवा एक बाल्टी पानी में 10 ग्राम गुलाबजल व एक नींबू का रस निचोड़कर नहाने से शरीर की बदबू दूर होती है।
12. खस (पोस्त के दाना) : खस की जड़, कमल के पत्ते और लोध्र की छाल को बराबर मिलाकर पीस लें। इसे शरीर पर मलने से गर्मी के दिनों में उत्पन्न पसीने का ज्यादा आना कम होगा।
13. कुलथी : पसीना(pasina) ज्यादा आने पर सेंकी हुई कुलथी का आटा शरीर पर मलने से पसीना बन्द होता है।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)
Comment…मुझे पसीना जायदा आता हैं क्या करना छाहीये