Last Updated on January 13, 2020 by admin
पित्ताशय (पित्त) की पथरी क्या है ? : Gallstones in Hindi
पित्ताशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता हैं) में कोई पदार्थ जब जमकर पथरी का रूप धारण कर लेती है तो उसे ही पित्त की पथरी कहते हैं। ये पथरी जब एक पित्ताशय में होती है। तब तक तो यह कोई दर्द नहीं करती मगर जब यह पित्त नली से निकलने लगती है तब यह बहुत दर्द करता है।
पित्त की पथरी क्यों होती है इसके कारण : Pitte ki Pathri ke Karan
जब ज्यादा वसा से भरा पदार्थ यानी घी, मक्खन, तेल वगैरह से बने पदार्थ का सेवन करते हैं तो शरीर में कोलेस्ट्रोल, कैल्शियम कार्बोनेट और कैल्शियम फांस्फेट के अधिक बनने से पित्ताशय में पथरी का निर्माण होता है। रक्त विकृति के कारण छोटे बच्चों के शरीर में भी पथरी बन सकती है। पित्ताशय में पथरी की बीमारी से स्त्रियों को ज्यादा कष्ट होता है। 30 वर्ष से ज्यादा की स्त्रियां गर्भधारण के बाद पित्ताशय की पथरी से अधिक ग्रस्त होती हैं। कुछ स्त्रियों में पित्ताशय की पथरी का रोग वंशानुगत भी होता है। खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा ज्यादा होने पर कैल्शियम के मिलने से पथरी बनने लगती है।
पित्त में पथरी के क्या लक्षण होते है ? : Symptoms of Gall Bladder Stone
पेट के ऊपरी भाग में दायीं ओर बहुत ही तेज दर्द होता है और बाद में पूरे पेट में फैल जाता है। लीवर स्थान बड़ा और कड़ा और दर्द से भरा होता है। नाड़ी की गति धीमी हो जाती है। शरीर ठंड़ा हो जाता है, मिचली और उल्टी के रोग, कमजोरी (दुर्बलता), भूख की कमी और पीलिया रोग के भी लक्षण होते हैं। इसका दर्द भोजन के 2 घण्टे बाद होता है इसमें रोगी बहुत छटपटाता है।
पित्त की पथरी का घरेलू इलाज : Home Remedy for Gall Bladder Stone
अजमोदा : पित्त की पथरी ( pitt ki pathri ) में अजमोदा फल का चूर्ण 1 ग्राम से 4 ग्राम सुबह-शाम देने से फायदा होता है। मगर यह मिर्गी और गर्भवती महिला को नहीं देना चाहिए।
पथरचूर (पाषाणभेद) (pit ki pathri ka ramban ilaj):
- पथरचूर का रस चौथाई से 5 मिलीलीटर सुबह-शाम खाने से धीरे-धीरे पथरी खत्म हो जाती है।
- पाथरचूर का रस 5 से 6 बूंद शर्करा के साथ खाने से पथरी में लाभ होता है।
- पथरचूर का रस 5 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम खाने से धीरे-धीरे पथरी खत्म हो जाती है।
मजीठा : मजीठा को कपड़े से छानकर 1 ग्राम को रोज 3 बार खाने से सभी तरह की पथरियां गलकर मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाती हैं। इससे फायदा न होने पर ऑपरेशन क्रिया की राय ले सकते हैं।
छोटा गोखरू : छोटा गोखरू का चूर्ण 3 ग्राम से 6 ग्राम सुबह-शाम शहद के साथ खाने से और ऊपर से बकरी का दूध सिर्फ 7 दिनों तक पीने से ही पथरी दूर हो जाती है।
गोखरू (pit ki pathri ka gharelu ilaj):
- गोखरू के काढ़े में, कलमीसोरा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से 1.20 ग्राम सुबह-शाम पिलाने से पथरी रोग में लाभ होता है।
- गोखरू के बीजों के चूर्ण को शहद के साथ भेड़ के दूध में मिलाकर पिलाने से पथरी खत्म होकर निकल जाती है।
बड़ी इलायची : बड़ी इलायची लगभग आधा ग्राम को खरबूजे के बीज के साथ पीसकर खाने से पथरी रोग में फायदा होता है।
भटकटैया : भटकटैया, रेंगनीकांट की जड़ बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण करके 2 ग्राम सुबह-शाम मीठे दही के साथ मात्र 7 दिनों तक पीने से पथरी रोग में फायदा होता है।
धतूरे : धतूरे के बीज 0.06 से 0.12 ग्राम दही के साथ खाने से दर्द कम हो जाता है और उल्टी भी नहीं होती है। इसके प्रयोग से पहले धतूरे के बीज को 12 घंटे तक गाय के मूत्र में या दूध में उबालकर शोंधन कर लें। इससे पथरी में लाभ होगा।
सहजना : सहजना की जड़ की छाल का काढ़ा और हींग को सेंधानमक में मिलाकर सुबह-शाम खाने से पित्तपथरी ( pitt ki pathri )में फायदा होता है।
अपामार्ग : पित्त की पथरी में अपामार्ग की जड़ 5 से 10 ग्राम कालीमिर्च के साथ या जड़ का काढ़ा कालीमिर्च के साथ 15 से 50 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम लेने से पथरी में लाभ होता है। काढ़ा अगर गरम-गरम ही लें तो लाभ होगा।
नारियल : नारियल के जड़ का काढ़ा 40 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से पित्त की पथरी या किसी भी तरह की पथरी में लाभ होता है।
पालक : पालक के साग का रस 10 से 20 मिलीलीटर तक खाने से पित्त की पथरी या किसी भी तरह की पथरी खत्म हो जाती है।
मूली : पित्त की पथरी के रोगी को सुबह-शाम मूली के पत्तों का रस 20 से 40 मिलीलीटर सेवन करने से लाभ होता है।
गाजर : गाजर का रस पीने से पथरी टूटकर निकल जाती है।
नींबू : गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से पथरी में आराम मिलता है।
सेब का सिरका : सेब का सिरका यानि ACV यानि apple cider vinegar में अम्लीय गुण पाए जाते हैं जो की लीवर को कोलेस्ट्रॉल बनाने से रोकते हैं| साथ ही यह सिरका पथरी को घोलने में मदद करता है और पथरी के दर्द से भी राहत दिलवाता है|
पथरी को घोलने के लिए और दर्द से छुटकारा पाने का एक आसान नुस्खा ये है के एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच निम्बू का रस और 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर रोजाना सुबह खली पेट पीयें|
सोंठ (pith ki pathri ka desi ilaj) :
- 6 ग्राम पिसी हुई सोंठ में 1 ग्राम नमक को मिलाकर गर्म पानी से फंकी लेने से पथरी में लाभ होगा।
- सोंठ, वरूण की छाल, रेड़ के पत्ते और गोखरू का काढ़ा बनाकर सुबह खाने से पथरी जल्दी खत्म हो जाती है।
वरूण (pit ki pathri ka ayurvedic upchar):
- वरूण के पेड़ की छाल का काढ़ा पिलाने से पित्ताशय की पथरी ( pitt ki pathri ) खत्म होकर निकल जाती है।
- वरूण की छाल, सोंठ और गोखरू का काढ़ा बनाकर पीने से पथरी खत्म होती है।
इन्द्रायण : इन्द्रायण की जड़ और कुलथी का काढ़ा बनाकर पीने से पथरी के रोग में बहुत लाभ होता है।
सोडा वाटर : एक कप सोडा वाटर के पानी में 2 चम्मच ग्लिसरीन डालकर रोज दोपहर और शाम को कुछ दिनों तक खाने से पथरी में लाभ होगा।
इमली : लगभग आधा से एक ग्राम इमली रस सुबह-शाम यवक्षार से घुले ताजे पानी के साथ लेने से पथरी खत्म हो जाती है। यह अजीर्ण और पेशाब की परेशानी को भी दूर करता है।
कदली (केला) : कदली क्षार और तिल क्षार प्रत्येक को 0.24 ग्राम से 1.08 ग्राम शहद में मिलाकर रोज 3 से 4 बार खाने से सब तरह की पथरी खत्म होती है।
केला (pit ki pathri ka gharelu upay):
- केले के पेड़ के तने के रस में थोड़ी-सी मिश्री को मिलाकर पीने से कुछ दिनों में ही पथरी खत्म होकर निकल जाती है।
- केले के तने का रस 30 मिलीलीटर, कलमी शोरा 25 मिलीलीटर दूध में मिलाकर पिलाने से पथरी खत्म हो जाती है।
कड़वी तुंबी : कड़वी तुंबी का रस और यवक्षार मिलाकर मिश्री डालकर पीने से पथरी खत्म होती है।
अंगूर का रस : रोज 200 मिलीलीटर अंगूर का रस पीने या अंगूर खाने से पित्ताशय की पथरी ( pitt ki pathri )में बहुत ही फायदा होता है।
सीताफल : सीताफल के 25 ग्राम रस में सेंधानमक मिलाकर रोज पिलाने से पथरी खत्म होकर निकल जाती है।
अरहर : अरहर के पत्ते 6 ग्राम और संगेयहूद 0.48 ग्राम को बारीक पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पथरी में बहुत ही फायदा होता है।
प्याज : प्याज, लहसुन, सरसों, महुआ और सहजन की छाल को पानी के साथ पीसकर, पित्ताशय के ऊपर लेप करने से सूजन और दर्द दूर होता है और इससे पथरी में लाभ होगा।
पित्त की पथरी में आपका खान-पान : (Your Diet in Gallstones)
पित्त की पथरी में क्या खाना चाहिए –
गाय का दूध, जौ, गेहूं, मूली, करेला, अंजीर्ण, तोरई, मुनक्का, परवल, पके पपीता का रस, कम खाना, फल ज्यादा खाना और कुछ दिनों तक रस आदि का प्रयोग करें।
पित्त की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए –
चीनी और मिठाइयां, वसा और कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें- इस रोग में कदापि सेवन न करें। तेल, मांस, अण्डा, लाल मिर्च, हींग, उड़द, मछली और चटपटे मसालेदार चीजें, गुड़, चाय, श्वेतसार और चर्बीयुक्त चीजें, खटाई, धूम्रपान, ज्यादा मेहनत और क्रोध आदि से परहेज करें।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)